Saturday, January 14, 2012

धर्मनगरी समाचार- विकलांग विद्यार्थियों को मिलेगी कुवि के हॉस्टल में मुफ्त रहने की सुविधा


विकलांग विद्यार्थियों को मिलेगी कुवि के हॉस्टल में मुफ्त रहने की सुविधा
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी 

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में इससे सम्बंद्धित कॉलेजों में पढऩे वाले 80 प्रतिशत एवं इससे अधिक शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को मुफ्त होस्टल में रहने की सुविधा प्रदान की जाएगी। कुवि में पढऩे वाले विकलांग बच्चों के लिए यह सुविधा प्रदान करना एक अच्छा निर्णय है। विश्वविद्यालय के कुलपति लै. जनरल डा. डीडीएस संधू ने बताया कि विश्वविद्यालय में पढऩे वाले 80 प्रतिशत या इससे अधिक शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को, जिनके परिवार की वार्षिक आय एक लाख रूपए से कम है, को एक हजार रूपए प्रतिमाह के हिसाब से स्कालरशिप भी प्रदान किया जाता है।  इस प्रकार की छात्रवृति प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय में राधा कृष्णन फाउंनडेशन फंड स्थापित किया गया है। इससे पहले मुफ्त होस्टल में रहने की सुविधा केवल नेत्रहीन विद्यार्थियों को प्रदान की जाती थी लेकिन  कुलपति ने अब इस सुविधा को विश्वविद्यालय में पढऩे वाले सभी 80 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांग बच्चों के लिए भी देने का निर्णय लिया है।

दिल्ली में आयोजित 15वें विश्व संस्कृत सम्मेलन में प्रो. श्रीकृष्ण व प्रो. अरूणा ने किए शोध पत्र प्रस्तुत
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
दिल्ली के विज्ञान भवन में 5  से 10 जनवरी तक राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान,दिल्ली और इंटरनेशनल एसोएिशन ऑफ संस्कृत स्टडीज द्वारा सयुंक्त रूप से आयोजित 15वें विश्व संस्कृत सम्मेलन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत एवं प्राच्य विद्या संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. श्रीकृष्ण शर्मा व संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रो. अरूणा शर्मा ने अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री डा.मनमोहन ङ्क्षसह ने यिा था। प्रो. श्रीकृष्ण शर्मा ने सम्मेलन के एक विशिष्ट पैनल में संस्थान द्वारा स्वीकृत महाभारतपदानुक्रमकोष के निर्माण की प्रविधि पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने पन्द्रह खंडों और लगभग 7000 पृष्ठों में प्रकाशित होने वाले इस कोष के निर्माण की प्रक्रिया को दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से विद्वानों के सामने प्रस्तुत किया। इस पैनल में भाग लेने वाले अधिकाशं प्रतिभागी स्काटलैण्ड,जर्मनी और अमेरिका आदि देशों से आए हुए थे। भारतीय विद्वानों में प्रो. रामकरण शर्मा दिल्ली, प्रो. सरोजा भाटे, पूना, प्रो.एस.पी.नारंग पांडिचेरी, प्रो. विजय रानी कुरुक्षेत्र आदि प्रमुख थे जबकि 30 विद्वान विदेशी थे। इन सभी विद्वानों ने इस प्रोजेक्ट की प्रशंसा करते हुए इस महान उपक्रम के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को बधाई दी। प्रो. अरूणा शर्मा ने प्रख्यात नाट्यशास्त्री आचार्य मातृगुप्त के अनुपलब्ध नाट्यशास्त्र के प्रकीर्ण उद्धरण खंडों का अनुशीलन करके मातृगुप्त के नाटयशास्त्रीय योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह सिद्ध किया कि आज से लगभग 1500 वर्ष पूर्व मातृगुप्त ने एक सर्वागपूर्ण नाट्यशास्त्र की रचना की थी जिसमें रंगमंच से सम्बंद्धित सूक्ष्म विवेचन किया गया था। श्रोता विद्वानों ने शोध पत्र की प्रशंसा करते हुए इन उद्घरण खंडों के आधार पर मातृगुप्त के अनुपलब्ध नाटयशास्त्र की रूपरेखा को प्रकािशत करने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि इस विश्व संस्कृत सम्मेलन में भारत के 1200 विद्वानों के अतिरिक्त अन्य 32 देशों के 300 विद्वानों ने संस्कृत की 18 अलग अलग विधाओं पर शोधपत्र प्रस्तुत करके चर्चा परिचर्चा में भाग लिया। भारत में विश्व संस्कृत सम्मेलन 15  वर्षो के बाद आयोजित हुआ है। प्रोफेसर शर्मा दम्पती ने सम्मेलन में सहभागिता के निमित आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति लै. जनरल डा. डीडीएस संधू तथा कुलसचिव डा. सुरेन्द्र देसवाल के प्रति आभार प्रकट किया।

चोर गिरोह से क्वाइलें खरीदने वाला काबू, रिमांड पर भेजा
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
पुलिस ने ट्रांसफार्मर चोर गिरोह से तांम्बे की क्वाइलें खरीद करने वाला दुकानदार  ओमप्रकाश झांसा बस अड्डा से गिरफ्तार तथा दोषी के कब्जा से लगभग 188 किलोग्राम तांबे की क्वाइल बरामद की। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल कुश ने बताया कि 28 दिसम्बर, 2011 को ट्रासर्फामर चोर गिरोह के मुखिया राजविन्द्र ङ्क्षसह को उसके तीन साथियों बलबीर, बलिहार व सिकंदर सहित गिरफ्तार किया गया था तथा दोषियों से पुलिस रिमाण्ड के दौरान पूछताछ जारी है। पूछताछ पर राजविन्द्र ङ्क्षसह ने बताया कि वह ट्रासर्फामरों से चोरी का माल तांबा तार क्वाइलें शिव बर्तन भण्डार के मालिक ओम प्रकाश  निवासी गांव झांसा को बेचते थे। तफ्तीश के दौरान अपराध शाखा से उप निरीक्षक जगबीर की पुलिस टीम ने झांसा बस अड्डा से ओम प्रकाश निवासी गांव झांसा को धर दबोचा। पूछताछ पर ओम प्रकाश ने माना कि उसने राजविन्द्र व उसके साथियों से ट्रांसफार्मरों से चोरी तांबा तार खरीद की है और अरोपी ओम प्रकाश के कब्जा से लगभग 188 किलोग्राम तांबा तार  बरामद की। दोषी ओम प्रकाश को बाद गिरफ्तारी माननीय न्यायालय में पेश किया। माननीय न्यायालय ने अरोपी ओम प्रकाश को एक दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेज दिया है।

No comments:

Post a Comment