Wednesday, May 30, 2012

होली के रंग...1996 में लिखी गई मेरी कविता


1996 में लिखी गई मेरी इस कविता की आज प्रासंगिता है या नहीं ये तो मैं नहीं जनता लेकिन आप सब के विचार इस पर अपेक्षित हैं...पवन सोंटी पूनिया

 होली के रंग

होली खेल रहे हैं वो सब
आज गले मिल कर लोगों से,
जिनको आ गया इस दुनिया में
लोगों संग हंस खेल कर जीना।
गीता और सुनीता तुम सब, 
होली अपने ढंग से खेलो,
पवन जाट को होली के
रंगों से ही आता है पसीना।
*
कृष्ण जी भी तो खेले थे कभी
बरसाने में जा कर होली,
साथ चले थे उनके तब
सब गोकुल के सखा ताने सीना।
उसी याद को नहीं भूले हैं
उन नगरों के लोग आज तक,
खेलते हैं वो वैसी ही होली
जब भी आता है फागुन का महीना।
 *              *             *
खेली होली गीता ने भी
आज तनूजा के संग मिल कर,
ऐसे रंग फैंके हैं उसने
मुश्किल कर दिया मेरा जीना।
मेरे सभी सखा तुम आओ
खेलो इन संग ऐसी होली,
ऐसे रंग फैंको तुम इन पर
याद रहे फागुन का महीना।
*          *           *
बम्बई में तो हेमा जी के
भीग चुके हैं लहंगा चोली,
फिर भी फडक़ रहा है अब तक
धर्मेंद्र्र्र कर चौड़ सीना।
बुरी तरह से भीगेे हैं रंग में
अमिताभ और जया भादुड़ी,
अब भी लिये रंग की पिचकारी
भाग रहे हैं शत्रुघन सिन्हा।
*           *          * 
मुझे तो देखो अपने ढंग से
मैं भी होली मना रहा हूँ,
स्याही की इन कुछ बूंदों से
आप सभी को भिगो रहा हूँ।
और चुटकी भर ले गुलाल
अपने मुंह पर आप लगा कर,
हंसता हूँ कमरे के अंदर
आह! मैं होली मना रहा हूँ।
*          *           *
और देखो नेता जी कुछ अब
असली होली मना रहे हैं,
लेकर लहू भारत के जन का
एक दूजे पर लगा रहे हैं।
चारा और हवाला जैसे
सभी घोटाले खुले पड़े हैं,
फिर भी ये बेशर्म खुशी से
अपना नाटक चला रहे हैं।

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Tuesday, May 29, 2012

विश्व के सबसे ऊंचे शिखर पर जा बैठा भ्रष्टाचार?


कहीं धनबल से एवरेस्ट विजय में तो नहीं होता फर्जीवाड़ा?
सुरेंद्र पाल वधावन/ शाहाबाद मारकंडा 

अण्णा हजारे और बाबा रामदेव भ्रष्टाचार के खिलाफ चाहे कितनी मुहिम चला लें लेकिन सच्चाई यह है कि आज उपलब्धियां हासिल करने के लिए और उन उपलब्धियों के बूते सरकार से बड़ा पद या नौकरी पाने की खातिर शायद भ्रष्टाचार को एक साधन बनाया जा रहा है? अभी हाल ही में कई पर्वतारोही विश्व के सबसे ऊंचे शिखर पर फतह हासिल कर के लौटे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा पुरस्कार के तौर पर कुछ एक को पुलिस में डीएसपी के पद से नवाजा गया। इसके बाद  स्थिति यह बनी गई है कि काफी संख्या में युवा एवरेस्ट फतेह के लिए जाने  लगे हैं और जो कामयाब हुए हैं वे पुलिस में डीएसपी के पद की मांग कर रहे हैं। इस तरह एवरेस्ट विजेताओं  की दिनों दिन बढ़ती संख्या हरियाणा सरकार के लिए एक नई सिरदर्दी बन चुकी है।
 विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि आज धन के बल पर अपेक्षाकृत आसानी से एवरेस्ट को फतह किया जा सकता हे। मांऊट एवरेस्ट अभियान के लिए रजिस्टर्ड ट्रैकिंग कंपनियों के माध्यम से पर्वतारोही वहां जाते हैं। इनके पास ऐसे ऐसे अनुभवी शेरपा होते हैं जो कई कई बार एवरेस्ट सर कर चुके हैं। यह शेरपा पूरी तरह से प्रौफेशनल होते हैं और एक पर्वतारोही के सहयोगी और गाईड बनकर साथ जाने के 2-3 लाख चार्ज करते हैं। कई पर्वतारोही आजकल सुविधा के लिए अपने साथ दो या तीन शेरपा ले जाते हैं जो थक जाने पर कई बार तो पर्वतारोही को थोड़ी देर तक उठा कर भी उपर चढऩे में मदद कर देते हैं। ये शेरपा पर्वतारोही की नाक तक साफ कर देते हैं। एवरेस्ट पर पहुंचने के लिए एक व्यक्ति को आक्सीजन के 5 सिलेंडरों की जरुरत पड़ती है। एक्सीपीडिशन पर 17-18 लाख रुपए के आसपाय खर्च होता है। एक अन्य शंका यह भी व्यक्त की जा सकती  है कि अत्याधुनिक तकनीक की सहायता से एवरेस्ट फतह का फर्जी फिल्मांकन भी किया जा सकता है। कारगिल युद्ध के बाद एक ऐसा ही फर्जीवाड़ा सामने आया था।  कुल मिला कर इंउियन माऊंटीरिंग फांउडेशन को इस संदर्भ में आगे आकर ऐसे मानदंड तैयार करने चाहिए जिससे  एक एवरेस्ट विजेता और धनबल की सहायता से एवरेस्ट फतह करने वाले में फर्क पता चल सके।


 

choudhari charan punyatithi par vishesh.....


चौधरी चरण सिंह (23 दिसम्बर 1902 - 29 मई 1987) भारत के पांचवे प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक सम्भाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। चरण सिंह का जन्म एक जाट परिवार मे हुआ था।अनके पिता का नाम श्री मीरसिंह और माता का नाम नंत्रकौर था। इनके पिता श्री मीरसिंह जी नूरपुरा व मदौला कस्बों में खती का कार्य करते थे। स्वाधीनता के समय उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। स्वतन्त्रता के पश्चात् वह राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधार आन्दोलन में लग गए। बाबूगढ़ छावनी के निकट नूरपुर गांव, तहसील हापुड़, जनपद गाजियाबाद, कमिश्नरी मेरठ में काली मिट्टी के अनगढ़ और फूस के छप्पर वाली मढ़ैया में 23 दिसम्बर,1902 को आपका जन्म हुआ। चौधरी चरण सिंह के पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था। चरण सिंह के जन्म के 6 वर्ष बाद चौधरी मीर सिंह सपरिवार नूरपुर से जानी खुर्द गांव आकर बस गये थे। यहीं के परिवेश में चौधरी चरण सिंह के नन्हें ह्दय में गांव-गरीब-किसान के शोषण के खिलाफ संघर्ष का बीजारोपण हुआ। आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेकर 1928 में चौधरी चरण सिंह ने ईमानदारी, साफगोई और कर्तव्यनिष्ठा पूर्वक गाजियाबाद में वकालत प्रारम्भ की। वकालत जैसे व्यावसायिक पेशे में भी चौधरी चरण सिंह उन्हीं मुकद्मों को स्वीकार करते थे जिनमें मुवक्किल का पक्ष न्यायपूर्ण होता था। कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन 1929 में पूर्ण स्वराज्य उद्घोष से प्रभावित होकर युवा चरण सिंह ने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन किया। 1930 में महात्मा गाँधी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत् नमक कानून तोडने का आह्वान किया गया। गाँधी जी ने ‘‘डांडी मार्च‘‘ किया। आजादी के दीवाने चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिण्डन नदी पर नमक बनाया। परिणामस्वरूप चरण सिंह को 6 माह की सजा हुई। जेल से वापसी के बाद चरण सिंह ने महात्मा गाँधी के नेतृत्व में स्वयं को पूरी तरह से स्वतन्त्रता संग्राम में समर्पित कर दिया। 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी चरण सिंह गिरफतार हुए फिर अक्तूबर 1941 में मुक्त किये गये। सारे देश में इस समय असंतोष व्याप्त था। महात्मा गाँधी ने करो या मरो का आह्वान किया। अंग्रेजों भारत छोड़ों की आवाज सारे भारत में गूंजने लगी। 9 अगस्त, 1942 को अगस्त क्रांति के माहौल में युवक चरण सिंह ने भूमिगत होकर गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मवाना, सरथना, बुलन्दशहर के गाँवों में गुप्त क्रांतिकारी संगठन तैयार किया। मेरठ कमिश्नरी में युवक चरण सिंह ने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर ब्रितानिया हुकूमत को बार-बार चुनौती दी। मेरठ प्रशासन ने चरण सिंह को देखते ही गोली मारने का आदेश दे रखा था। एक तरफ पुलिस चरण सिंह की टोह लेती थी वहीं दूसरी तरफ युवक चरण सिंह जनता के बीच सभायें करके निकल जाता था। आखिरकार पुलिस ने एक दिन चरण सिंह को गिरफतार कर ही लिया। राजबन्दी के रूप में डेढ़ वर्ष की सजा हुई। जेल में ही चौधरी चरण सिंह की लिखित पुस्तक ‘‘शिष्टाचार‘‘, भारतीय संस्कृति और समाज के शिष्टाचार के नियमों का एक बहुमूल्य दस्तावेज है। जिस व्यक्ति को इस देश की मिट्टी के साथ लगाव है, जो इस देश की जनता की खुशहाली में रूची रखता है और भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के प्रति आस्थावान है उस सच्चे हितैषी के नाम चौधरी चरणिसंह था। कारण यह था कि कृषक व पिछडे वर्ग के लोगों की आबादी का ८०२ प्रतिशत भग ग्रामीण क्षेत्र में रहता है इसलिए उन्हांने यह नारा दिया था-‘‘देश की सम द्धि का रास्ता गांवों के खेतों एवं खलिहानों से हाकर गुजरता है।‘‘ और इस मार्मिक नारे को उन्होंने पूर्णतया सत्य साबिता भी किया था। चौधरी चरणसंह जी ने छात्रजीवन में सबसे अधिक महात्मा गांधी जी के त्याग, बलिदान व उत्कृष्ट देशभक्ति से प्रभावित होकर महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के प्रगतिशील धार्मिक विचारों को अपने जीवन में अपनाया था और स्वामी जी की विचारधाराओं से प्रभावित होकर ही उन्होंने देश की स्वतंत्रता के आनदोलन में भग लिया और इस आन्दोलन को सफल बनाने में अपना तन-मन-धन न्यौछावर कर दिया। गरीबों का मसीहा व्यक्ति जाति या धर्म से नहीं गुणों से महान होता है, इन गुणों के कारण ही चौधरी जी गरीबों के मसीहा कहलाएं उन्होंने जितने कार्य किए उनमें प्राथमिकता वाले कार्य जो गरीबों के लिए वरदान सिद्ध हुए है-सर्वप्रथम आपने 1928 में किसान के मुकदमों के फैसले करवाकर उनको आपस में लडने के बजाय आपसी बातचीत द्वारा सूलझाने को साकार प्रयास किया। सन् 1939 में ऋण विमोचक विधेयक पास करवाकर किसानों के खेतों की निलामी बचवायी और सरकारी ऋणों से मुक्ति दिलायी। हम आज आरक्षण प्राप्ति पर खुशियां मना रहे। आपने 1939 में ही किसान सन्तान केा सरकारी नौकरियों में 50 फिसदी आरक्षण दिलाने का लेख लिखा था परन्तु तथाकथित राष्ट्रवादी कांग्रेसियों के विरोध के कारण इसमें सफलता नहीं मिल पाई। इससे स्पष्ट हो जाता है कि वह किसानों के सच्चे हितैषी थे। सन् 1939 में अपाने किसानों को इजाफा-लगान व बेदखली के अभिशाप से मुक्ति दिलाने हेतु ‘‘भूमि उपयोग बिल‘‘ का मसौदा तैयार करवाया और 1952 में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम पास करवाकर एक प्रशंसनीय कार्य किया। आपने किसानों की प्रगति हेतु जो कार्य किए हैं वे एक अनूठी मिशाल है जो आज तक कोई किसान नेता नहीं कर पाया है और भविष्य में ऐसे हितैषी की उम्मीद नहीं के बराबर है। आपने किसानों के साथ-साथ छात्र समाज में अनंशासनहीनता को बिना लाठी गोली के मिटाया सरकारी अधिकारियों से रिश्वतखोरी मिटाने, प्रशासन में कमखर्ची व कुशलता लाने और देश की गरीबी व बेकारी हटाने के लिए अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया था। इसी कारण से सन् 1977 में चीनी के भाव 3 रू. किलो होना अनूठी मिशाल हैं इन्हीं सभी बातों से आपका व्यक्तितव, चिंतन की दशा व नीति देश की सेवा करने का अभूतपूर्व प्रयास था। असस्त 1942 में भारत सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत पुनः गिरफ्तार किया गया व नवम्बर 1943 में रिहा किया गयां इसी समय के दौरान 1929 से 1939 तक नगर कांग्रेस समिति, गाजियाबाद के सदस्य एवं 1939 से 1948 तक जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कार्य किया। इसी क्रम मं आप 1937 में उत्तर प्रदेश छपरोली क्षेत्र से विधानसभा सदस्य निवार्चित किए गए और 1946 में श्रीमान् गोविन्द वल्लभ पंथ मंत्री मण्डल से संसदीय सचिव बने। सन् 1952 में डॉ. सम्पूर्णानन्द के मंत्री मण्डल में राजस्व व कृषि मंत्री बनाए गए थे। सन् 1957 में उत्तर प्रदेश सरकार में राजस्व व परिवहन मंत्री बनें सन् १९५९ में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी के द्वारा सहकार्य की नीति की कडी आलोचना करने पर आपने अप्रैल माह में मंत्री मण्डल से इस्तिफा दे दिया। सन् 1960 से 1965 तक दत्तर प्रदेश में कृषि व वन मंत्री के पद पर कार्य किया। सन् 1967 में कांग्रेस मंत्री मण्डल से इस्तिफा देकर विपक्ष से संयुक्त विधायक दल के नेता बने और 3 अप्रैल 1967 को नए मंत्री मण्डल को गठन कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद भार संभालां 1967 में भारतीय क्रांतिकारी दल का नेतृत्व किया। सन् 1967 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा के मध्यावधि चुनावों में 98 सीटों पर विजय प्राप्त करके 1970 में पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 1974 में 29 अगस्त को लोकदल का गठन किया। 1975 में इमरजेंसी के दौरान आपको गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। 1977 में जनतापार्टी के गठन में मुख्य भूमिका निभाकर लोकसभा के लिए प्रथम बार निर्वाचित हुए और जनता पार्टी सरकार में आप गृहमंत्री बने। 30 जून 1978 केा प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ मतभेद होने के कारण मंत्री मण्डल से त्याग पत्र दे दिया। 23 दिसम्बर 1978 को दिल्ली के वोट क्लब पर आज तक की सबसे विशाल ऐतिहासिक रैली का आयोजन किया गया। 24 फरवरी 1979 को जनतपार्टी सरकार में उपप्रधानमंत्री व वितमंत्री का कार्य संभालां जुलाई 1979 को अपाने अपने अनुयायी सांसदो सहित पाटी्र से सामूहिक त्यागपत्र दे दिया। इससे देसाई जी की सरकार गिर गई। आप 28 जुलाई 1979 को नौ सदस्यीय प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर देश के पांचवे प्रधानमंत्री बने और जाट जाति का नाम रोशन करके उसका गौरव बढाया। 20 अगस्त 1979 को कांग्रेस सरकार द्वारा अपना समर्थन वापिस लेने के कारण सरकार गिर गई और लोकसभा भंग कर दी गई। सन् 1980 में आपने एक नई पार्टी दलित मजदूर किसान पार्टी का गठन किया। जिसे 1985 में लोकदल में परिवर्तित कर दिया। 29 नवम्बर 1985 को आप बीमार हो गए और 14 माच्र 1986 को अमेरिका के मैरिलैन्ड राज्य के जॉन होवकिस ईस्टीट्यूट ऑफ मेडिसन में इलाज करवाने केन्द्र सरकार के व्यय पर गए। 29 मई 1987 की रात्रि को 2.25 बजे आप इस संसार से विदा हो गएं आफ निधन से समूचा भारत अन्धकार के गर्त में समा गया और विभिन्न राजनेताओं, कवियों व प्रबुद्धजीवियों के द्वारा आपको सच्चे मन से श्रद्धांजलियां दी गई।

Thursday, May 24, 2012

भारत की अमूल्य धरोहर है गुरु अर्जुनदेव की वाणी........


शहीदी पर्व पर विशेष
राग-रागणियों के मर्मी कलावंत थे पंचम पातशाह ,सुखमणि है आपकी सर्वोत्कृष्ट रचना
2218 सबदों के रचयिता हैं पंचम पातशाह ,पंजाबी को एक संत भाषा में ढाल दिया

सुरेंद्रपाल वधावन शाहाबाद मारकंडा
श्री गुरु ग्रंथ साहिब के संकलनकर्ता पांचवें गुरु अर्जुनदेव की वाणी भारत की एक ऐसी अमूल्य धरोवर है जो हमारी संस्कृति,वैश्विक चेतना तथा जीव मात्र के प्रति हमारी प्रीति और सदाशयता की साक्षी है। सुकरात की भांति सच्चाई पर प्राण न्यौछावर करने वाले तथा संगीत को संत भाषा देने वाले गुरु अर्जुनदेव का स्थान दस सिक्ख गुरुओं में अपने ढंग का एक अलग स्थान है। पंचम पातशाह गुरु अर्जुनदेव जी का गुरुगद्दी काल 1581-1606 तक रहा। आप गुरु राम दास जी और बीबी भाणी जी के छोटे पुत्र थे। गुरु  अर्जुन देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1563 में गोइंदवाल साहिब में हुआ था।गुरु जी बाल्यकाल से ही अत्यंत तेजस्वी थे। 4 वर्ष की आयु में आपने रागों पर आधारित गुरुबाणी का गायन आरंभ कर दिया था। 11 वर्ष की आयु में आप अनेक भाषाओं और  राग-रागणियों के मर्मी कलावंत बन चुके थे। 1579 में आपका विवाह जालंधर के माउ गांव के कृष्ण चंद की सपुत्री माता गंगा जी के साथ हुआ।  आपके गायन में एक आलौकिक कशिश थी। 1579 में आपका विवाह जालंधर के माउ गांव के कृष्ण चंद की सपुत्री माता गंगा जी के साथ हुआ। गुरु अर्जुन देव जी के नाना तीसरे गुरु अमरदास जी गुरुजी की विद्वत्ता के इतने कायल थे कि उन्हें वाणी का बोहिथ यानी के वाणी का जहाज मानते थे।
 गुरु अर्जुन देव जी ने केवल 43श्वर्ष की आयु पाई थी लेकिन आपके कार्यों को वक्त की चौखट में रख कर देखा जाये तो आश्चर्य होता है। कुल 15 वर्षों ने आपने इतने कार्य किए जिनके लिए कई पीढिय़ां लग जाएं तो भी काम पूरा न हो। गुरु अर्जुन देव की वाणी कई भाषाओं में लहलहाई है। सुखमणि आपकी सर्वोत्कृष्ट रचना है जिसके उपर ब्रजभाषा का गहरा रंग है । कुछ रचनाओं में संस्कृत और प्राकृत  का गहरी पुट है तो अन्य में $फारसी और लेंहदी का प्रभाव देखने को मिलता है। गुरुजी की रचनाओं का एक बड़ा भाग पंजाबी के रंग में रंगा है लेकिन यह पंजाबी ऐसी है कि जो पंजाब क्षेत्र तक सीमित नहीं है। इसमें अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दों को उदारतापूर्वक शामिल किया गया हे।वास्तव में उन्होंने पंजाबी को एक संत भाषा में ढाल देने का कार्य किया है।आपने श्री आदिग्रंथ की रचना की। आपने पहले के चार गुरुओं तथा समकालीन संतों की वाणी का प्रामाणिक पाठ पूछ-पूछ कर तैयार किया जिनमें लगभग 15हज़ार से अधिक बंद और 3 हज़ार के लगभग सबद शामिल हैं। इन रचनाओं को संग्रहीत और संकलित कर आपने श्री आदिग्रंथ की रचना की।  श्री आदि ग्रंथ में पांच गुरु साहिबान की वाणी के साथ-साथ 30 भगतों,भटों व सिखों की वाणी संग्रहीत की गई। इसमें बाद में दशम गुरु गोबिंद सिंह जी ने नौंवे गुरु ते$गबहादूर की वाणी भी शामिल की। श्री आदि ग्रंथ साहिब में कुल 5894 शबद हैं जिनमें से 2218शबदों के रचयिता स्वयं पंचम पातशाह हँ। गुरु ग्रंथ साहिब जी में 305 अष्टपदियां,145 छंद,22 वारें,471 पउड़ी संग्रहीत हैं।  समस्त वाणी गायन के लिये है जिसे 31 रागों में गायन करने का विधान है। इसमें प्रमुख विशेषता यह कि शबद का गायन किस रा$ग में किया जाये उस का उल्लेख भी साथ किया गया है। इस महान ग्रंथ में पृष्ठ संख्या 1430 है। इस पवित्र ग्रंथ का संपादन करने में गुरु अर्जुन देव जी को तीन वर्ष का समय लगा।गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश श्री हरिमंदिर साहिब में 16 अगस्त 1604 में किया गया था।
पंचम पातशाह ने 3 अक्तूबर 1588 में मुस्लिम पीर साईं मियां मीरजी से श्री हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास करवाया। आपने 1590 में तरनतारन के सरोवर का निर्माण, 1594 में करतारपुर में थम्मसाहिब गुरुद्वारा ,1596 में तरनतारन,1597 में छेहरटा साहिब,1597 में ही श्री हरगोबिंदपुरा,1599 में लाहौर में बाऊली साहिब,और 1602-03 में अमृतसर में अनेक निर्माण कार्य संपन्न कराये। मुगल सम्राट जहांगीर गुरु अर्जुन देव जी के बढ़ते  प्रभाव और लोकप्रियता के कारण उनसे द्वेष भाव रखने लगा था। कश्मीर जाते समय उसने गुरुजी को लाहौर में मिलने को कहा और यह $फरमान दिया कि गुरु जी श्री आदि ग्रंथ में इस्लाम धर्म के प्रवत्र्तक मोहम्मद साहिब की स्तुति में लिखें और इस्लाम धर्म अपना लें। गुरुजी के इंकार करने पर का$जी ने फतवा दिया कि गुरुजी को कष्टदायक मृत्यु की स$जा दी जाये। पांच दिन तक गुरु साहिब को खेोलते हुये पानी के  बड़े कड़ाहे में रख कर उपर से गर्म रेत डाली जाती रही लेकिन गुरुजी सहज और शांतिपूर्वक सब यातनाएं झेलते रहे पांच दिन के पश्चात राग रागणियों के मर्मी कलावंत और वाणी के बोहिथ इस महान गुरु ने अविचल भाव से - तेरा मीठा-मीठना लागे। हरिनाम पदार्थ नानक मांगे।।  गाते हुए प्राण त्याग दिए।----



सरकार ने लगाईं आम आदमी पर साढसती, पेट्रोल की आग में झुलसा आम आदमी

24 मई 2012

निमिष कुमार, 
सरकार, आप सरकार हैं। लेकिन ये ना भूलें कि साढ़े सात हम आम जनता के लिए बहुत अशुभ माना जाता है, क्योंकि साढ़े सात सुनकर तो हम सब को शनि की साढ़े साती याद आ जाती है। सरकार, हमारे देश में लोग गुस्से में भी दुश्मन को शनि की साढ़े साती का शाप नहीं देते, क्योंकि सभी का मानना है कि शनि की साढ़े साती से बुरा कुछ नहीं होता। तो क्या हम ये मान लें माननीय मनमोहनजी, सोनियाजी, प्रणब मुखर्जी जी ने सारे देश के आम लोगों को साढ़े सात का वही उपहार दिया है। क्योंकि आपके इस साढ़े सात के उपहार का वही असर हम आम लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा, जो शनि की साढ़े साती का पड़ता है। घर का बजट गड़बड़ा जाएगा। हर महीने का पेट्रोल का खर्चा बढ़ जाएगा। अब हर हफ्ते बीवी-बच्चों को एक बार कार में बाजार ले जाने का अपना रुटीन छोड़ना होगा, जिसका सीधा-सीधा मतलब होगा, बीवी-बच्चों के यदा-कदा ताने। आपको भी आपके बीवी-बच्चे शायद कभी-कभी देते होंगे। तो आप समझ सकते हैं।

साढ़े सात रुपये पेट्रोल पर बढ़ाने का मतलब होगा, पड़ोस के शर्माजी या वर्माजी की एक आवाज पर अपनी गाड़ी निकालना और उनके काम के लिए कहीं भी चल देने का शौक अब बंद करना होगा। अब सब अपने दाम बढ़ाना शुरू कर देंगे। बहाना होगा- क्या  करें साहबजी, सरकार ने पेट्रोल महंगा कर दिया है ना। धोबी हर जोड़ी कपड़े प्रेस करने में एक या दो रुपये बढ़ा देगा। सब्जीवाले तरकारी महंगी कर देंगे, महंगाई के नाम पर। प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, हर कोई सेवादाता अब अपनी सेवाओं के दाम बढ़ाता जाएगा। पूछेंगे तो यही कहेगा- सरजी, आप तो जानते हैं ना, कितनी महंगाई हो गई है। अब पेट्रोल ही देखो। और देश का आम आदमी बस देखते रह जाएगा। देखते ही रह जाएगा कि कैसे हर महीने उसकी जेब पहले की तुलना में तेजी से साफ हो रही है।

वैसे इसमें आप लोगों का दोष भी नहीं है। मनमोहन सिंह ने शायद ही दिल्ली स्कूल ऑफ इकानॉमिक्स की प्रोफेसरी के बाद, सोनिया गांधी ने इटली छोड़ इंग्लैंड में कोई पढ़ाई करने के बाद या प्रणब मुखर्जी ने राजनीति में आने के बाद, शायद ही कभी शक्कर खरीदी हो। और इतना तो देश का आम आदमी दावे के साथ कह सकता है कि हाल-फिलहाल के दिनों में तो नहीं खरीदी होगी। वरना सरकार जानती कि चार लीटर पेट्रोल में सरकार ने साढ़े सात गुणा चार मतलब 30 रुपये बढ़ा दिए हैं, और इतने में एक किलो शक्कर आती है जिसे चार-पांच लोगों का परिवार कम से कम एक हफ्ते तो चला ही लेता है। सरकार, हैदराबाद जाए तो साढ़े सात रुपये में एक नारियल मिल जाता है जो आपको शानदार पौष्टिक नारियल पानी और नारियल की मलाई देता है। सात रुपये में तो मुंबई लोकल ट्रेन के किसी भी प्लेटफार्म पर आप अपने जूतों को क्रीम पॉलिश से चमचमा सकते हैं। इंदौर-भोपाल में इतने रुपये में आप एक प्लेट पोहा या जलेबी खा सकते हैं। पटना में इतने में सिंगल लिट्टी-चोखा खा सकते हैं। देहरादून या पहाड़ के इलाकों में साढ़े सात रुपये में ताजे फल खा सकते हैं। अहमदाबाद-बड़ौदा या गुजरात के किसी शहर में एक प्लेट फाफड़ा, सेव या कोई नमकीन से पेट पूजा कर सकते हैं। बनारस के गंगा घाट के बाहर एक प्लेट पकौड़ियां, वो भी हरी चटनी डाल के खा सकते हैं। कोलकाता में केसी दास के यहां साढ़े सात  रुपये में आप बंगाली मिठाई चख सकते हैं। बेंगलूरु हो या तिरुवंतपुरम, चैन्नई हो या विशाखापत्तनम, साढ़े सात रुपये में आप इडली-सांभर तो खा ही सकते हैं एक आम आदमी की तरह। लेकिन सरकार, आपको ये सब कैसे पता होगा, आप तो सरकार हैं। हमारे टैक्स के पैसों पर मौज मारने वाले, दिल्ली में बड़े-बड़े सरकारी बंगलों, सरकारी कारों, सरकारी एयर कंडीशनरों, सरकारी पर्दों, सरकारी कालीन और सरकारी भत्तों का लुत्फ उठाते हैं। सरकार, भला आप कैसे जानेंगे कि साढ़े सात रुपये का आम आदमी के लिए क्या मतलब होता है।

बढ़ाइए, खूब बढ़ाइए, लेकिन बेतुके तर्कों से महंगाई से जले आम आदमी के दिल पर नमक तो ना छिड़किए। देश के वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी बुधवार रात याने पेट्रोल के दामों में साढ़े सात रुपये बढ़ाने के एलान के बाद, न्यूज चैनलों के कैमरे के सामने आए। बड़े ही तल्ख तेवरों में कहा- पेट्रोल कीमतों को बढ़ाने का फैसला तेल कंपनियों का है। और पेट्रोल को पहले ही सरकार नियंत्रण मुक्त कर चुकी है। बस इतना-सा बोल देश के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी पलटे और कैमरों को, आम आदमी को पीठ दिखाते हुए रात के अंधेरे में नॉर्थ ब्लॉक-साउथ ब्लॉक के गलियारों में गुम हो गए। आम आदमी बौखलाया। गुरुवार, 24 मई को देश भर में आम आदमी सड़कों पर था। नारे लगा रहा था। पुतले फूंक रहा था। रैलियां निकाल रहा था, लेकिन सरकार चुप थी। मई महीने की चिलचिलाती धूप में, तवे-सी तपती डामर की सड़कों पर, चिल्लाते आम आदमी का अपने सरकारी बंगले में, सरकारी एसी की ठंडी हवा में बैठकर तमाशा देख रही थी। सोचा होगा, ये साले आम आदमी तो चिल्लाते रहते है। कुछ देर, कुछ दिन चिल्लाएंगे फिर चुप हो जाएंगे। शायद इसीलिए गुरुवार 24 मई की दोपहर, देश के वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी एक बार फिर न्यूज चैनलों के जरिए देश से मुखातिब हुए और बड़े ही तल्ख स्वरों में वही दोहराया, जो पिछली रात कहा था। पेट्रोल के दाम तेल कंपनियों ने बढा़ए। और पेट्रोल अब नियंत्रण मुक्त है।

सरकारी की इस बेशर्म रुखाई के बाद सरकार के ही कुछ नुमाइंदे, दबी-छुपी जुबान में ये कहते दिखे कि तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है। दुनिया में वित्तीय हालात बेकाबू हो रहे हैं। कच्चे तेल के दामों को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। लेकिन ना तो कच्चे तेल के दाम ना ही दुनिया के वित्तीय हालात ऐसे थे कि भारत के आम आदमी को साढ़े सात का झटका दिया जाए। तेल कंपनियां हजारों करोड़ रुपये का मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन लगातार घाटे का रोना रो रही है। सरकार, क्यों नहीं तेल कंपनियों में कर्मचारियों को मिलने वाले अनाप-शनाप वेतन पर नजर डालती। इन तेल कंपनियां का एक अदना-सा कर्मचारी हजारों रुपये हर महीने का वेतन पाता है। भत्ते इतने की आप भी कहें-बाप रे बाप। और काम- इतना कि आम आदमी कहे, वाहजी आपके तो मजे हैं। अदना-सा सरकारी बाबू करोड़ों रुपये की काली कमाई छाप रहा है। नेताओं के नाम अब कुछ सौ नहीं हजारों, लाखों-करोड़ रुपये के घोटालों में आ रहे हैं। ऐसे में आम आदमी का दर्द वो कैसे जान सकते हैं, कि साढ़े सात का मतलब क्या होता है।


सरकार, एक सलाह है। सड़क पर मत निकलिएगा। वरना देश का ये आम आदमी शनि की तरह आपके राजनैतिक भविष्य पर साढ़े साती की तरह मंडराएगा। ऐसा फेंकेगा कि क्या शनि महाराज साढ़े साती में फेंकते हैं। नहीं तो लालूजी से पूछिएगा। जो टीवी पर तेल कंपनियों के प्रवक्ता बन ज्ञान दे रहे थे। कैसे बिहार का आदमी बलबलाया और ऐसा फेंका कि साढ़े सात साल हो गए, सत्ता का मुंह देखे हुए। सरकार, आप को भी अब सत्ता में साढ़े सात से ज्यादा समय हो गया है ना। ऐसा ना हो कि अच्छे वक्त की साढ़े साती गई और अब आपके बुरे वक्त की साढ़े साती आम आदमी की दिल से निकली आह के रूप में सामने आए। शायद आप ये सब समझें। काश आप जानते कि आम आदमी के लिए साढ़े सात का मतलब क्या होता है।

ई दिल्ली। पेट्रोल की कीमतों में बुधवार को अप्रत्याशित रूप से सात रुपये प्रति लीटर तक वृद्धि की घोषणा की गई। पेट्रोल की बढ़ी दर मध्यरात्रि से लागू हो जाएगी। केंद्र सरकार की सबसे बड़ी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न दलों ने इस वृद्धि का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस के भीतर भी इसे लेकर विरोध के स्वर सामने आने लगे हैं। यह मूल्यवृद्धि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस चेतावनी के ठीक अगले दिन की गई है कि राजस्व उगाही के लिए 'कठोर फैसले' लिए जाएं। सरकार नियंत्रित तेल शोधक कम्पनियों ने ईंधन की कीमत में 6.28 प्रति लीटर की वृद्धि कर दी। इस वृद्धि के अलावा कर अलग से देने होंगे।

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत विभिन्न करों के साथ अब 73.14 रुपये होगी, जो इस वक्त 65.64 प्रति लीटर है। मुम्बई में पेट्रोल 78.16 रुपये प्रति लीटर और कोलकाता तथा चेन्नई में 77.53 रुपये प्रति लीटर बिकेगा।
हिन्दी इन डॉट कॉम से साभार

Tuesday, May 22, 2012

पाकिस्तान के समाचार के साथ कुरुक्षेत्र से तजा समाचार 22 मई ...



शैलेश गुप्ता'
पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर प्रांत पेशावर में स्थित ऐतिहासिक हिन्दू मंदिर पर कल शाम अज्ञात लोगों ने हमला कर उसकी मूर्तियां चुरा लीं. हिन्दू समुदाय के नेताओं ने कहा कि हमलावरों ने कल गोरखमठ मंदिर के भीतर की तस्वीरें जला दीं और उसमें रखीं मूर्तियां उठा ले गए. यह मंदिर गोर गाथरी इलाके के पुरातत्व परिसर में स्थित है.उम्मीद है शाहरुख़ के बचाव में आई ममता बेनर्जी एवं शाहरुख़ को सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से परेशान करने का कारन बताने वाले लालू प्रसाद यादव मौन रहेंगे. और अगर कुछ जायदा ही विरोध हुआ तो हमारे माननीय नेतागण इस घटना की निंदा कर के पुरे सनातन धर्म और पाकिस्तान के हिन्दुओ पर अहसान भी कर देंगे. और हम सब अपने अपने मन की संतुष्टि के लिए इस बात की घोर निंदा कर के अपने अपने मन को हल्का कर लेंगे. लेकिन पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिन्दू भाइयो आप लोग खुश मत होना क्यों की हम सब के ऐसा करने से आप का दुर्भर हुआ जीवन नहीं सुधरने वाला. 


जय सिया राम
 
 

अवैध कालोनी पर चला पीला पंजा, कलोनाइजरों में मचा हडक़ंप
 पिहोवा/लता मित्तल
कुरुक्षेत्र रोड पर नई अनाजमंडी के सामने बिना मंजूरी के काटी गई कालोनी पर मंगलवार को जिला नगर योजनाकार विभाग की टीम का पीला पंजा चला। इस दौरान कलोनाइजरों में हडक़ंप मच गया। सुबह लगभग 11 बजे जिला नगर योजनाकर अमरीक सिंह ड्यूटी मेजिस्ट्रेट बीडीपीओ आर.डी. साहनी व पुलिस फोर्स को लेकर मौके पर पहुंचे। जहां दो जेसीबी मशीनों की सहायता से डीलरों द्वारा बनाई गई सडक़ों व नीवों को तहस नहस किया गया। विभाग के अधिकारी जिले सिंह ने कहा कि पिहोवा में अवैध कालोनियों के नाम पर लोगों व विभाग को चूना लगाने की शिकायत काफी समय से मिल रही थी। उन्होंने कहा कि कालोनियां काटने वाले डीलर लोगों से बिजली, सिवरेज व अन्य साधन उपलब्ध कराने के बदले मोटे पैसे कमाते हैं और प्लाट बिकते ही रफूचक्कर हो जाते हैं। बाद में प्लाट खरीदने वालों को कार्रवाई की मार झेलनी पड़ती है। उन्होंने लोगों से कहा कि प्लाट खरीदने से पहले वे डीलरों से कालोनी की मंजूरी के कागजात मांगे और पूरी तरह से वैध होने पर ही कालोनी में प्लाट खरीदें। कार्रवाई देर सांय तक जारी रही। इस दौरान लगभग दो एकड़ में काटी गई कालोनी को नष्ट किया गया।


 आग लगने से एक विवाहिता झुलसी
परिजनों ने लगाया ससुरालपक्ष पर जलाने का आरोप
पिहोवा/लता मित्तल
कस्बे के माडल टाउन में एक विवाहित महिला आग लगने से बुरी तरह से झुलस गई। उसे तुरंत पटियाला के अस्पताल में ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया। सूचना पाकर चौकी प्रभारी राजकुमार शर्मा के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और मुआयना किया। महिला के मायके वालों का आरोप है कि ससुराल के लोगों ने उस पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जलाया है। बताया जा रहा है कि माडल टाउन वासी दीपक सिंगला की पत्नी पूनम दोपहर को घर पर थी। तभी पडोसियों ने उसके चीखने की आवाज सुनीं। जब वे मौके पर पहुंचे तो पूनम आग की लपटों से घिरी हुई थी और उसके पास मिट्टी के तेल की खाली बोतल पड़ी थी। उन्होंने तुरंत कंबल लपेट कर आग को बुझाया। लेकिन जब तक वह बुरी तरह से झुलस चुकी थी। पूनम के जलने की सूचना पाकर उसके मायका पक्ष के लोग भी माडल टाउन पहुंच गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पूनम को घरेलू कलह के चलते जानबूझ कर जलाया गया है। क्योंकि ससुराल पक्ष के लोगों व उसके बीच अकसर तनाव रहता था। पूनम करनाल जिला के गांव सांभली की रहने वाली है। उसकी  शादी को अभी छह साल हुए थे और उसके यहां पांच साल की एक बेटी भी है, जो घटना के समय घर पर ही सोई हुई थी। घटना की सूचना पाकर ढांड व कैथल सहित कई जगहों से उसके रिश्तेदार पिहोवा पहुंच गए और उन्होंने ही पुलिस को मौके पर बुलाया। कलह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते रविवार को पूनम की सास की ओर से उसे व उसके पति को बेदखल किया गया था। परिजनों का कहना है कि एक सोची समझी साजिश के साथ पूनम को बेदखल किया गया, ताकि किसी घटना की आंच ससुराल के लोगों तक न आए। मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी राजकुमार शर्मा का कहना है कि मामला आग में जलने का है। पुलिस जांच करेगी। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आग किसी ने जानबूझकर लगाई है या घेरलू हिंसा के चलते पीडि़ता ने यह कदम उठाया है। जांच के बाद ही कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

एकता व मानवता का संदेश दिया था गुरुअर्जुन देव जी ने : साहिब सिंह
शाहाबाद मारकंडा/वधावन
पंचम पातशाहीश्री गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार में चल रहे 5 दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन सिख संगत को गुरु जी के जीवन के अनेक पहलूओं के बारे में बताया गया। कथावाचक ज्ञानी साहिब सिंह ने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी ने मानवजाति को एकता व मानवता का पाठ पढ़ाया था तथा समाज से जाति पाति के भेदभाव को दूर किया था। उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी ने अपना पूरा जीवन मानवजाति को समर्पित कर दिया था और मानव सेवा को ही अपने जीवन का आधार बनाया था। उन्होंने कहा कि श्री गुरू अर्जुन देव जी की दूर-दृष्टि और ऊंची सोच का प्रमाण है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना करते समय उन्होंने विभिन्न जातियों और समुदायों से जुड़े तत्कालीन भक्तों की वाणी को भी सिक्ख गुरूओं की बाणी के साथ दर्ज किया, जिससे जात-पात और ऊंच-नीच की भावना समाप्त की गई। कार्यक्रम में रागी जत्थे भाई गुरलाल ङ्क्षसह ने गुरबाणी शब्दों के माध्यम से गुरु इतिहास पर प्रकाश डाला। ज्ञानी साहिब सिंह ने सिख संगत को संदेश दिया कि गुरु जी के दिखाए मार्ग का अनुसरण करें। गुरुद्वारा साहिब के सहायक ग्रंथी अमरीक सिंह ने बताया कि कार्यक्रमों की इस श्रृंखला में 23 मई को एतिहासिक गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब अंबाला के मुखत्यार सिंह रात के दीवान में गुरबाणी कीर्तन से साध-संगत को निहाल करेंगे।  मंच का संचालन कुलवंत सिंह चावला रफीक ने किया।  इस  अवसर पर अरविन्द्र सिंह कालडा, बीबी चरणजीत कौर, इन्द्रजीत सिंह, गुरजीत ङ्क्षसंह, सुखविन्द्र सिंह, सुखचैन सिंह सहित काफी संख्या में सिख संगत मौजूद रही।

   केडीबी देगा जामुन व आम की फसल को ठेके पर
22 मई, कुरुक्षेत्र
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से सन्निहित सरोवर, मेला क्षेत्र व ब्रहमसरोवर के पश्चिमी भाग में लगे आम व जामुन के पेड़ों की फसल का ठेका देगा। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक बंसल ने बताया कि केडीबी की जगह पर आम के छोटे व बड़े 18 पेड़ तथा जामुन के 21 पेड़ लगे हुए हैं। इन बागों की फसल को ठेके/नीलामी पर देने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।  25 मई को सुबह 11 बजे केडीबी कार्यालय थानेसर में नियमानुसार ऊंचे दाम लगाने वाले व्यक्ति को आम व जामुन का बाग इस वर्ष के लिए दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नियमानुसार बोली लगाने वाले व्यक्ति को दो हजार रुपए की राशि जमा करवानी होगी।

डीआरडीए की 78वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक 25 को
22 मई, कुरुक्षेत्र
डीआरडीए गवर्निंग बॉडी की 78वीं बैठक 25 मई को लघु सचिवालय के सभागार में दोपहर 3 बजे होगी। अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने बताया कि डीआरडीए गवर्निंग बॉडी की बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद के चेयरमैन प्रवीण चौधरी करेंगे।

कचरा, पराली व गेहूं के फाने जलाने वाले लोगों के खिलाफ होगी कार्यवाही
22 मई, कुरुक्षेत्र
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कचरा, पराली व गेहूं के फानों को आग लगाने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश जारी किए गए हैं। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय यमुनानगर के चेयरमैन आरआर जोवल ने आम लोगों व किसानों से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए कचरा, पराली व गेहूं के फानों को आग नहीं लगानी चाहिए। आग लगाने से मिट्टी की उपजता पर असर व कम पैदावार होगी। रासायनिक पदार्थों व गैस का विसर्जन होगा। हवा में धुंए व गैस के कणों से सांस की बीमारी के अलावा पशुओं पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। पर्यावरण पर बुरा असर पडऩे के साथ-साथ आस-पास में आग लगने का खतरा भी बना रहेगा। उन्होंने बताया कि किसानों की इस कार्यवाही से पशुओं के चारे में कमी आएगी तथा मिट्टी की ऊपरी सतह का कटाव होना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग आदेशों की अवहेलना करेंगे, उस व्यक्ति के खिलाफ हरियाणा पर्यावरण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।

इनैलो के प्रति बढ़ा जनता का रुझान : बलदेव
लाडवा/बलबीर
इंडियन नैशनल लोकदल के वरिष्ठ नेता एवं जोन प्रभारी बलदेव बन ने कहा कि जनता का इनैलो के प्रति रुझान बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा शुरू किया गए सदस्यता अभियान में जनता बढ़-चढक़र भाग ले रही है। बलदेव बन मंगलवार को गांव में सदस्यता अभियान के फार्म भरने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस राज से तंग आ चुकी है और वह इनैलो पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर इनैलो सुप्रीमो के हाथ मजबूत करने लगे है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय इनैला पार्टी का समय होगा, जिसमें हर वर्ग के लोगों के लिए योजनाए बनाकर लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता चौटाला शासन काल को दोबारा से याद करने लगी है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर पार्टी को मजबूत बनाने की बात भी कहीं। इस अवसर पर उनके साथ प्रमोद शर्मा, विकास बंसरे, देवेंद्र मान, राजबीर ङ्क्षसह भूतमाजरा, फूल ङ्क्षसह बदरपुर, जितेंद्र बन मुख्य रूप से उपस्थित थे।



अखंड सिद्ध हनुमान मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता
लाडवा/बलबीर
अखंड सिद्ध हनुमान मंदिर मथाना चौकी में मंदिर संचालक स्वामी सत्यानंद जी महाराज के सान्निध्य में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे के मुख्य यजमान रणधीर ङ्क्षसह सरपंच व उसका परिवार था। भंडारे से पूर्व सुबह कालीन सभा में मंदिर में संगीतमय सुंदर कांड का पाठ व भगवान श्री राम व हनुमान जी की आरती हुई। आरती के बाद मंदिर में मंदिर के विद्वान पंडित द्वारा विधिवत पूर्वक विश्वशांति हवन का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य यजमान सहित मंदिर में आए श्रद्धालुओं द्वारा अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए आहुति डाली। मंदिर में श्रद्धालुओं ने हनुमान जी की पूजा-अर्चना की व हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। पूरा हनुमान मंदिर भगवान श्री राम व हनुमान जी के जय-जयकारों से गूंज उठा। मंदिर में लगे विशाल भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को स्वामी जी ने प्रसाद देकर अपना आशीर्वाद दिया व उनके जीवन की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।   


पांच दिवसीय श्री शिव कथामृत कथा शुरू
साधु की पहचान ज्ञान से होती है : आशुतोष
लाडवा/बलबीर
लाडवा की शिवाला रामकंडी में सोमवार देर सायं से 5 दिवसीय श्री शिव कथामृत कथा का आयोजन किया गया। कथा दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित की गई, जिसका शुभारंभ टाटा ईंट भट्ठे  के संचालक महिंद्र सिंह कंबोज द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। कथा को सफल बनाने में रामा ईंट भट्ठे के संचालक सतीश कंबोज, डा. ऋषि पाल सैनी नरेश फौजी ने अहम भूमिका निभाई। पहले दिन की कथा का गुणगान करते हुए परम पूजनीय आशुतोष जी महाराज की परम शिष्य एवं कथा वाचक साध्वी सुश्री प्रदीपा भारती ने कहा कि भगवान शिव की कथा का पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास से श्रवण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तपस्वी एवं साधू की पहचान वेश से कभी नहीं करनी चाहिए। साधू की पहचान तो उसके ज्ञान से होती है। उन्होंने पहले दिन की कथा में सती प्रसंग की व्याख्या से सबका मनमोह लिया। कथा में साध्वी सुश्री अनिता भारती जी, सुश्री परमा भारती व सुश्री संदीप भारती जी ने सुमधुर भजनों से कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं का मनमोह लिया। कथा में लाडवा सहित आस-पास के भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर कथा का आनंद उठाया। कथा के समापन पर भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें कथा में आए श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कथा के शुभ अवसर पर महिंद्र ङ्क्षसह कंबोज, सतीश कंबोज, सुभाष गर्ग, रामगोपाल, प्रवीण कंसल, डा. ऋषि पाल सैनी, नरेश फौजी, जगदीश शर्मा सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।


दो दिवसीय नशा मुक्ति शिविर 24 से शुरू 
 लाडवा/बलबीर
लाडवा की शिवाला रामकुंडी में श्री शिव कथा स्थल पर 24 मई से दो दिवसीय नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर हेमंत सेवा समिति रादौर द्वारा लगाया जाएगा, जिसमें नशा से ग्रस्त रोगियों की नि:शुल्क जांच व उपचार किया जाएगा। शिविर में रोगियों को नशा मुक्ति के लिए दवाईयां भी नि:शुल्क दी जाएगी। यह जानकारी समिति के संस्थापक डा. ऋषिपाल सैनी ने दी।  


कुवि में ओरिएंटेशन प्रोग्राम शुरू
परम्परावादी शिक्षण के साथ आधुनिक शिक्षण तकनीकों का भी प्रयोग करना होगा :चौपड़ा
कुरुक्षेत्र/पवन सौंटी
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एकैडमिक स्टाफ कॉलेज में मंगलवार को 68वें ओरिएंटेशन प्रोग्राम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में डॉ. सुचेता, उप-निदेशक, एकेडमिक स्टाफ कालेज द्वारा सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस अवसर पर एकेडमिक स्टाफ कालेज के निदेशक पोफेसर शशि आनन्द ने मुख्य अतिथि प्रो. गिरीश चोपड़ा डीन एकैडमिक अफेयर/डीन जीव विज्ञान का स्वागत करते हुए कहा कि सीखने का अवसर निरंतर आपके सामने है तथा अध्यापक होने के नाते हमें धैर्य रखते हुए इस कौशल का विकास करना है। बतौर मुख्य अतिथि प्रो. गिरीश चोपड़ा ने इस प्रकार के ट्रेनिग प्रोग्राम को महत्वपूर्ण बताया तथा कहा कि यही एक ऐसा मंच है जहां हमें विभिन्न क्षेत्रों से आए वक्ताओं के विचारों  को जानने व बांटने का मौका मिलता है।  उन्होंने यह भी कहा कि हमें परम्परावादी शिक्षण के अलावा आधुनिक शिक्षण तकनीकों का भी प्रयोग करना होगा । पहले सत्र के अंत में प्रो. आर.पी.ग्रोवर ने मुख्य अतिथि व अन्य प्रतिभगियों का धन्यवाद किया तथा डॉ. सुचेता ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि हम 28 दिन के इस प्रोग्राम में प्रोग्राम के उद्देश्य को सभी प्रतिभागियो के साथ मिलकर पूरा करेंगे। दूसरे सत्र की शुरूआत डॉ. सुचेता गुप्ता द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य, मूल्यंकान प्रणाली करते हुए की गई, यह सत्र अत्यन्त खोजपूर्ण रहा। जहां पर प्रतिभागियो ने अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम की बारीकियों को जाना। तृतीय सत्र के अंतर्गत डॉ. राजेन्द्र नाथ द्वारा अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय कम्प्यूटर तकनीक का समाज पर प्रभाव विषय पर प्रकाश डाला गया तथा यह भी कहा कि परिवतर्ान के इस युग में हमे आधुनिक तकनीक के साथ चलना होगा एवं मनुष्य पहले स्थान पर है तथा तकनीक दूसरे स्थान पर है। अंतिम सत्र के अंतर्गत प्रतिभागियों द्वारा पैनल वाद-विवाद के विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।


चाईल्ड केयर संस्थानों को अब करवाना होगा पंजीकरण
22 मई, कुरुक्षेत्र
प्रदेश में चाईल्ड केयर संस्थान चलाने वाले संचालकों को अपने-अपने शिक्षण संस्थानों को अब पंजीकरण करवाना जरूरी होगा। राज्य सरकार ने इन शिक्षण संस्थानों में रह रहे बच्चों की सुरक्षा के लिए एक अहम फैसला लेते हुए इस प्रकार के सभी  संस्थानों को 30 जून 2012 तक पंजीकरण करवाने के आदेश दिए हैं। प्रत्येक जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी (आईसीडीएस) को पंजीकरण करने के अधिकार दिए हैं। प्रत्येक जिले में एक कमेटी बनाने के आदेश भी दिए गए हैं। इस कमेटी में कम से कम तीन सदस्य होंगे। वुमैन एंड चाईल्ड डेवेल्पमेंट डिर्पाटमेंट हरियाणा के महानिदेशक कम मैम्बर सेके्रटरी ने सभी जिला उपायुक्तों को आदेश दिए हैं कि सरकार के संज्ञान में आया है कि प्रदेश में चाईल्ड केयर इंस्टीटयूशन बिना पंजीकरण कराए चल रही हैं। गैर कानूनी ढंग से चल रही इन संस्थाओं में बच्चों का शोषण किया जा रहा है और उनसे जबरन मजदुरी जैसा काम करवाया जा रहा है। बच्चों के भविष्य व सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार ने स्वेच्छिक संस्थाओं द्वारा बच्चों को रखकर शिक्षा देने और रख-रखाव जैसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चाईल्ड केयर संस्थाओं को पंजीकृत करने का निर्णय लिया है। कोई भी संस्था अब बिना पंजीकरण करवाए बच्चों का रख-रखाव या चाईल्ड केयर संस्थान को नहीं चला पाएगी। सरकार ने एक्ट के अनुसार हिदायत जारी करते हुए जिला उपायुक्त को निर्देश दिए हैं कि आईसीडीएस परियोजना अधिकारी से संस्थान को पंजीकरण करने के लिए आवेदन प्राप्त किया जा सकता है और आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून 2012 निर्धारित की है। जिला उपायुक्त को इस बाबत अपनी रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी। संस्थान द्वारा मुहैया करवाए गए दस्तावेजों के साथ-साथ अन्य सुविधाओं को जांचने के लिए एक इंस्पेक्शन कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में पुलिस अधीक्षक की तरफ से भी एक अधिकारी को इंस्पेक्शन टीम में शामिल किया जाना जरूरी होगा। पुलिस अधीक्षक चाईल्ड केयर संस्थान को लेकर अपनी अलग रिपोर्ट देना सुनिश्चित करेंगे। यह रिपोर्ट भी 30 जून तक भेजनी सुनिश्चित करेंगे। सरकार के आदेशानुसार शिक्षण संस्थान में 0 से 6 वर्ष या फिर 6 वर्ष ऊपर के बच्चों को ट्रांसपोर्ट जैसी मुहैया करवाई जा रही सुविधाओं पर भी एक विस्तृत रिपोर्ट इंस्पेक्शन कमेटी को देनी होगी। बच्चों का निरंतर स्वास्थ्य जांचने के लिए दो चिकित्सकों की एक कमेटी का गठन करना होगा ताकि समय-समय पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा सके। यह कमेटी संस्थान का औचक निरीक्षण भी करेगी।
क्या है सजा का प्रावधान
जो संस्थान आदेशों की अवहेलना करेगा, प्रशासनिक अधिकारी नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए बाध्य होंगे। पहली बार उल्लंघना करने पर 3 माह की कैद और 200 रुपए जुर्माना। दूसरी बार 6 महीने की कैद और एक हजार रुपए जुर्माना या फिर दोनों की जा सकती है।
क्या कहती हैं परियोजना अधिकारी
आईसीडीएस की परियोजना अधिकारी गुरविंद्र कौर मल्ली का कहना है कि राज्य सरकार के आदेशानुसार स्थानीय कार्यालय में चाईल्ड केयर संस्थानों का पंजीकरण करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में चल रही संस्थाओ को आंकलन भी कर लिया गया है।  30 जून तक पंजीकरण का काम किया जाएगा। इसके पश्चात नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।


गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्यवाही : डीसी
22 मई, कुरुक्षेत्र
उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और कर्मचारियों के बिना बताए गैर हाजिर रहने से बच्चों और मरीजों को बिना वजह परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आम जन की परेशानी को देखते हुए भविष्य में गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी। लघु सचिवालय के सभागार में देर सायं चली मासिक बैठक में जहां सभी विभागों के अधिकारियों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट को प्रस्तुत किया, वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संतोषजनक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत न किए जाने पर जिला उपायुक्त ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए। मंगलवार को मासिक बैठक में बोलते हुए जिला उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि जिले के तमाम अधिकारियों को सुबह 11 बजे से लेकर 12 बजे तक पब्लिक की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए अपने कार्यालय में मौजुद रहना होगा। इस समय अवधि में कोई भी अधिकारी कार्यालय से अनुपस्थित नहीं होगा और न ही किसी टूर पर जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को मासिक बैठक से 48 घंटे पहले अपने-अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट को जमा करवाना होगा ताकि बैठक में प्रगति रिपोर्ट की आसानी से समीक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को ईमानदारी और मेहनत से अपनी डयूटी का निर्वाह करके निष्पक्ष रिपोर्ट तैयार करनी होगी। भविष्य में पावर प्रेजेंटेशन के लिए भी तैयार रहना होगा। इस मासिक बैठक में डीएफएससी विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, बिजली आपूर्ति, जन स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी बी एंड आर, 20 सूत्रीय कार्यक्रम, जिला समाज कल्याण अधिकारी, राजस्व विभाग, नगर परिषद व नगरपालिका सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट को लेकर जिला उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि भविष्य में सभी विभागों के अधिकारी आंकड़ों सहित अपनी रिपोर्ट को प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने मंडियों में गेहूं लिफ्टिंग के काम को बिना किसी देरी के मुकम्मल करने के साथ-साथ डीएफएससी को घरेलू गैस की समस्या का समाधान करने और इसे नियंत्रित करने के आदेश दिए। हालांकि एसडीएम पिहोवा कमलप्रीत कौर ने घरेलू गैस की समस्या को सामने रखा, वहीं आईसीडीएस परियोजना अधिकारी गुरविंद्र कौर मल्ली ने 56 कनैक्शनों को न जारी करने बारे अपनी शिकायत भी रखी। जिला उपायुक्त ने इन तमाम समस्याओं का शीघ्र निपटारा करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। डीसी मंदीप सिंह बराड़ ने फानों को आग लगाने वाले लोगों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने और बिजली विभाग के अधिकारियों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के सख्त आदेश दिए। इस मौके पर एडीसी सुमेधा कटारिया, एसडीएम सतबीर सिंह कुंडु, एसडीएम पिहोवा कमलप्रीत कौर, सीटीएम अशोक बंसल, एमडी शूगर मिल कैप्टन शक्ति सिंह, डीआईपीआरओ देवराज सिरोहीवाल सहित जिले के सभी अधिकारी मौजुद थे।


 
स्मैक व चूरापोस्त सहित दो गिरफ्तार, रिमांड पर भेजा
22 मई, कुरुक्षेत्र
अलग-अलग मामलो में शाहबाद पुलिस ने दो युवको को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 12 ग्राम स्मैक व 400 ग्राम चूरापोस्त बरामद किया। इस सम्बंध में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार आर्य ने बताया कि प्रबंधक थाना शाहबाद निरीक्षक योगेश कुमार के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक शशीपाल व सहायक उप निरीक्षक कर्ण सिंह की पुलिस टीम ने  गश्त के दौरान शक की बिनाह पर गांव गोलपुरा मोड रेलवे फाटक शाहबाद के नजदीक से रणबीर सिंह पुत्र नराता राम वासी गांव नलवी को 12 ग्राम स्मैक के साथ धर दबोचा। पूछताछ पर आरोपी रणबीर सिंह ने अपना अपराध स्वीकार किया। अपराध स्वीकार करने पर आरोपी रणबीर सिंह को माननीय न्यायालय में पेश किया। माननीय नयायालय ने आरोपी रणबीर सिंह को एक दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेज दिया। एक अन्य मामले में पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर शाहबाद बस अड्डा से संजीव कुमार पुत्र मोहन लाल वासी करवाल जिला गुरदासपुर पंजाब को 400 ग्राम चूरापोस्त के साथ धर दबोचा। पूछताछ पर अरोपी संजीव कुमार ने अपना अपराध स्वीकार किया। अपराध स्वीकार करने पर आरोपी को माननीय न्यायलय में पेश किया। माननीय न्यायलय ने आरोपी संजीव कुमार को एक दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेज दिया।

दो मोटरसाइकिलें चोरी
22 मई, कुरुक्षेत्र
चोरों ने अलग-अलग स्थानों से दो मोटरसाइकिलें चोरी कर ली। पुलिस को दी शिकायत में कृष्ण लाल वासी मथाना ने बताया कि आज्ञात चोरों ने सैक्टर-7 कुरुक्षेत्र से उसकी सप्लेण्डर मोटरसाइकिल चोरी कर ली। एक अन्य मामले में पुलिस को दी शिकायत में र्धम बीर वासी गुरदेव कालोनी शाहबाद ने बताया कि आज्ञात चोरोंं ने गीता कालोनी शाहबाद से उसकी हीरो होण्डा पैसन मोटरसाइकिल चोरी कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी।

सडक़ दुर्घटना में एक घायल
22 मई, कुरुक्षेत्र
शाहबाद में सडक़ दुघर्टना में एक घायल हो गया। पुलिस को दी  शिकायत में गुदीप सिंह पुत्र जसवन्त सिंह वासी सम्भालखी ने बताया कि  शाहबाद बस अड्डा के नजदीक अज्ञात कार चालक ने कार को तेज गति व लापरवाही से चलाते उसके भतीजे हरविन्द्र सिंह पुत्र हरदीप सिंह को टक्कर मार दी। जिसकी टक्कर लगने से हरविन्द्र सिंह घायल हो गया।

एक वर्ष से लापता हुए दो बच्चों का अभी तक कोई सुराग नहीं
मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम फतुहपुर कुरुक्षेत्र से लापता हुए दोनों बच्चे
22 मई, कुरुक्षेत्र
मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम फतुहपुर कुरुक्षेत्र से एक वर्ष से लापता दो बच्चों का कोई सुराग नहीं चल सका। इस सम्बंध में जानकारी देते हुए उप पुलिस अधीक्षक निर्मल सिंह ने बताया कि देवा चन्द व सूरज पुत्रान राम साहू वासी कुष्ठ आश्रम फिलोर पंजाब जोकि 15 मई 2011 को बिना बताए मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम से चले गये थे जिनकी काफी तलाश की  गई।  लापता बच्चों के बारे कोई भी सुराग नही चल सका है। देवा चन्द की आयु लगभग 13 वर्ष पतला फुर्तिला जिस्म कद करीब 4 फूट व सूरज की आयु लगभग 10 वर्ष पतला फुर्तिला जिस्म कद करीब 3.5 फूट दोनों का रगं गेंहुआ और दोनों लाल रंग की टी शर्ट पहने हुए थे। अगर बच्चों के बारे में किसी भी व्यक्ति को सुराग चले तो इसकी सूचना पुलिस को दे सकता है।



 


नारियल का अंकुरित होना ग्रामीणों के लिए बना श्रद्धा का केंद्र
हजारों नारियलों में से कोई एक नारियल होता है अंकुरित
22 मई, कुरुक्षेत्र
निकटवर्ती गांव संघौर के माता सरस्वती मंदिर में नारियल का अंकुरित होना ग्रामीणों के लिए श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। जैसे ही मंदीर के पुजारी बाबा ओम प्रकाश ने मंदिर को साफ करते समय अचानक लंबे अर्से से रखे नारियल को देखा तो वह ये देखकर हैरान हुए कि नारियल अंकुरित हो गया है और इसमें जड़ें भी निकली हुई हैं। उन्होंने इस बारे में तुरंत ग्रामीणों को बताया और तब से ग्रामीणों व आस-पास के गांवों के लोगों का इस अंकुरित हुए नारियल को देखने के लिए तांता लगा हुआ है। ग्रामीण मा.ङ्क्षदरपाल, पंच श्यामलाल, ओम प्रकाश प्रजापत, सुखदेव ङ्क्षसह व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि हमारा यह माता सरस्वती मंदिर सरस्वती नदी के किनारे पर बना हुआ है और नारियल का अंकुरित होना ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है और ग्रामीणों की इस बारे में अलग-अलग धारणाऐं हैं।
हजारों नारियलों में से होता है एक अंकुरित
मंदिर के पुजारी बाबा ओम प्रकाश का कहना है कि एैसा माना जाता है कि हजारों नारियलों में से कोई एक नारियल अंकुरित होता है और यह नारियल बहुत ही उपयोगी होता है। उन्होंने कहा कि अंकुरित नारियल के प्रति यह भी कहा जाता है कि इस नारियल का विधी के अनुसार सेवन करने पर पुत्र की प्राप्ति होना निश्चित माना जाता है।