Tuesday, September 25, 2012

सिद्धांतों के धनी चौ. देवी लाल....................


ताऊ देवी लाल जयंति पर विशेष:

प्रो. हवा सिंह
पूर्व कुलसचिव कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र
भारत देश की राजनीति में आज सैद्धांतिक उथल पुथल महसूस की जा रही है। राजनैतिक पार्टियों के नेता सिद्धांतों की राजनीति से परे होते दिखाई दे रहे हैं। इन परिस्थितियों में देश के सामने सैद्धांतिक राजेता के रूप में मजबूत उदाहरण हैं स्व. चौ. देवी लाल। चौ. साहब ने ताउम्र सिद्धांतो की राजनीति की। 6 दशक से लम्बे राजनैतिक जीवन में चौ. देवी लाल ने कभी भी सिद्धांतो से समझौता नहीं किया। आजादी की लड़ाई से शुरु हुआ उनका संघर्ष आजादी के बाद भी निरंतर चलता रहा। चौ. साहब बेशक सत्ता में कम समय रहे, लेकिन अपने सिद्धांतों की बदौलत सत्ता की धूरी सदा बने रहे।
            अगर चौ. देवी लाल की राजनैतिक शुरुआत की बात की जाए तो उन्होंने देश की गुलामी के दौर में अपने संघर्ष को आरम्भ किया। उन्होंने छोटी उम्र में ही लाहौर के कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया व आजादी की लड़ाई में अपनी भागीदारी आरम्भ की। यह वो दौर था जब देश एक ओर तो विदेशी ताकतों के चंगुल में राजनैतिक गुलामी से जूझ रहा था तो दूसरी ओर देश का आम आदमी आर्थिक व सामाजिक आजादी के लिय झटपटा रहा था। चौ. साहब ने आम आदमी की उस पीड़ा को समझा और राजनैतिक आजादी के साथ आम आदमी की आर्थिक व सामाजिक आजादी की लड़ाई भी आरम्भ की। वह दौर ऐसा था जब छोटे जमीदार और मजदूर साहुकारों व बड़े भू स्वामियों के हाथों शोषित हो रहे थे। चौ. साहब ने उस दौर में अपने खेत पर काम करने वाले मुजारों व मजदूरों को जमीन हिस्सा दिया। उन्होंने गांवों में प्रभात फेरियां निकाल कर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जन जागरण आरम्भ किया तो आम आदमी की लड़ाई भी समानांतर जारी रखी। उनका विश्ववास था कि अंग्रेज इस देश को तब तक नहीं छोड़ कर जा सकते जब तक आम जनता विरोध में खड़ी नहीं होती। इसी विचारधारा को लेकर उन्होंने जमीनी स्तर तक जनता को जागरूक किया।
            देश को आजादी मिली तो चौ. देवी लाल का वास्तविक संघर्ष शुरु किया। उन्होंने आजादी के बाद महात्मा गांधी के ग्रामीण स्वराज के सपने को पूरा करने की मुहिम को आगे बढ़ाया। उनका विश्वास था कि देश की आजादी तभी सम्पूर्ण मानी जाऐगी जब गांव के आम आदमी तक उसका लाभ पहुंचेगा। समाज के नीचले स्तर तक के आदमी का जीवन स्तर उपर उठे और उसकी राजनैतिक हिस्सेदारी बढ़े। जब तक उनको अपने उत्पाद का उचित मूल्य व अपनी मेहनत का उचित मेहनताना न मिले तब तक आजादी अपने आप में अधूरी मानी जाऐगी। चौ. साहब ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सक्रिय राजनीति के माध्यम से संघर्ष आरम्भ किया। संयुक्त पंजाब में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत कर जब वह विधानसभा पहुंचे तो उन्होंने अपने विचारों को कार्यरूप देना आरम्भ किया। उस समय उन्होंने संयुक्त पंजाब के दक्षिण- पूर्वी भाग के पिछड़ेपन व गांवों की अपेक्षा शहरों के विकास पर अधिक ध्यान देने के मुद्दों को मजबूती के साथ विधानसभा में उठाया। उस समय सरकारी बजट का अधिकतर भाग न तो गावों के विकास पर खर्च किया जा रहा था और न ही पंजाब के इस हिस्से पर खर्च हो रहा था। इस क्षेत्रवाद  के खिलाफ चौ. देवी लाल ने आवाज को बुलंद किया। उन्होंने इन मुद्दों को लेकर  विधानसभा में एक दबाव समूह बनाया व तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाज बुलंद की। इसका प्रभाव यह हुआ कि प्रताप सिंह कैरों संयुक्त पंजाब के मुख्यमंत्री बने। चौ. साहब की सोच थी कि कैरों गांव की पृष्ठ भूमि से संबंध रखते हैं और वह गांवों की ओर विशेष ध्यान देेंगे। कैरों ने चौ. साहब की सोच के अनुरूप ग्रामीण विकास पर तो ध्यान दिया, लेकिन उन्होंने दक्षिण- पूर्वी पंजाब, जो आज का हरियाणा है, की अनदेखी आरम्भ कर दी। इस अनदेखी व ग्रामीण विकास में कोताही को लेकर चौ. साहब ने आवाज बुलंद की जिसका परिणाम यह रहा कि कैरों को भी गद्दी खोनी पड़ी। चौ. साहब को जब लगा कि कांग्रेस के इस तंत्र में वह ग्रामीण विकास व आम आदमी के सामाजिक व आर्थिव समानता के कार्य को पूर्ण नहीं कर सकते तो उन्होंने कांग्रेस को ही अलविदा कह दिया।
            इसके साथ ही चौ. देवी लाल के संघर्षों में और इजा$फा हो गया। अब उनका उदे्श्य था नए सिरे से एक ऐसा संगठन खड़ा करना जो कि उनके सैद्धांतिक संघर्ष में कंधे से कंधा मिला कर उनका साथ दे सके। इस दौर में जहां चौ. साहब पंजाब के उपेक्षित भाग को अधिकार दिलवाने की लड़ाई लड़ रहे थे तो वहीं समान विचारधारा के लोगों को भी संगठित करते रहे। उनके संघर्षों का प्रतिफल यह रहा कि 1 नवम्बर 1966 को हरियाणा एक पृथक राज्य के रूप में देश के नक्शे पर उभर आया। अपने ग्रामीण विकास व आम आदमी को सामाजिक  व आर्थिक विकास के लिये उन्होंने अपनी लड़ाई को जारी रखा व विभिन्न समयों पर कई राजनैतिक दलों को खड़ा किया। देर सवेर सत्ता के लालची लोग उनको धोखा देकर साथ छोड़ते रहे, लेकिन चौ. साहब ने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उन्होंने संकट की हर घड़ी में नई उर्जा के साथ अपने रास्ते तलाशे। जब देश मेें संवैधानिक व राजनैतिक संकट खड़ा हुआ तो उन्होंने अपनी लड़ाई को और बुलंद किया। परिणाम यह हुआ कि जिस आदमी ने देश की आजादी के लिये अंग्रेजों की जेल काटी उसको स्वतंत्र भारत की सरकार ने भी आपातकाल के दौरान जेल भेज दिया। तत्कालीन सरकार का यह प्रयास तो इस लिये था कि चौ. देवी लाल टूट जाऐंगे, लेकिन इस जेल यात्रा ने उनको नई उर्जा दे दी। जेल प्रवास के दौरान उनका सम्पर्क राष्ट्रीय नेताओं से हुआ व राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा करने की रूपरेखा तैयार हो गई।
            जब जनता तत्कालीन राजनैतिक व्यवस्था से तंग आ चुकी थी चौ. देवी लाल ने अपने जेल के साथियों के साथ मिलकर जनता पार्टी के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई। उसी समय में अपने आदर्शों व सिद्धांतों पर चलते हुए चौ. देवी लाल पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। जब चौ. देवी लाल ने सत्ता संभाली तो उन्होंने अपनी विचारधारा व सिद्धांतों को कार्यरूप देना आरम्भ किया। उस वक्त उन्होंने जो भी नीतियां बनाई उनका रूझान ग्रामीण विकास व आर्थिक और राजनैतिक समानता पर था। हालांकि चौ. साहब को बहुत कम समय तक यह अवसर मिला, लेकिन उन्होंने इस ढाई साल के अल्प काल में अपने सिद्धांतों को कार्यरूप देने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने राज की कुंजी आम आदमी के हाथ में देने का भरपूर प्रयास किया। जब सिद्धांतों से टकराव नजर आया तो उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी भी छोड़ दी। चौ. साहब ने फिर से संघर्ष आरम्भ किया और समान विचारधारा के साथियों को लेकर नए राजनैतिक दल का निर्माण किया। लम्बे संघर्ष के बाद 1987 में एक बार फिर से उनको सत्ता के माध्यम से जन सेवा का मौका मिला। हरियाणा के मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही उन्होंने अपने सिद्धांतों को कार्यरूप देना आरम्भ किया। चौ. देवी लाल का विश्वास था कि जब तक राजनीति में इमानदारी व पारदर्शिता नहीं होगी तब तक देश का समुचित विकास नहीं हो सकता। इसी विचारधारा को लेकर उन्होंने जनता के चुने हुए नुमाईंदों को वापिस बुलाने के अधिकार की वकालत की जिसको लेकर आज भी योग गुरु बाबा रामदेव, अन्ना हजारे सहित कई राजनैतिक व समाजिक संगठन आवाज उठ रहे हैं। उनका विचार था कि राजनीति में धन्ना सेठों का पैसा लगता है जिससे सत्ता उनकी गुलाम होकर रह जाती है। पूंजिपतियों के पैसे से बनी सरकारें आम आदमी का भला नहीं कर सकती। इसी विचार धारा को लेकर उन्होंने एक वोट एक नोट का नारा भी दिया था। चौ. साहब ने दो वर्ष तक हरियाणा के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला और ऐसी नीतियां बनाई जोकि किसान व मजदूर को उनके हक दिलवाऐं। आज का वृद्ध सम्मान व जच्चा बच्चा भत्ता उनके कार्यकाल की लागू की गई वृद्धावस्था पैंशन का ही आधुनिक रूप है। जब चौ. साहब ने इस योजना को लागू किया तो आवाज उठी थी कि यह लम्बे समय तक चलने वाली योजना नहीं है, लेकिन हरियाणा की इस पहल का बाद में अन्य राज्यों ने भी अनुसरण किया। चौ. साहब की सोच थी कि जब तक गरीब आदमी के बच्चे शिक्षित नहीं होंगे तब तक उनमें अपने शोषण के प्रति जागृति नहीं आऐगी, इसी सोच को लेकर उन्होंने घूमंतु कबीलों के बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिये उस काल में रोजाना स्कूल आओ, एक रूपया पाओ की योजना को आरम्भ किया।
            1989 में जब केंद्र में सत्ता परिवर्तन का दौर आया तो चौ. साहब को राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने का मौका मिला। केंद्र में पहुंचकर उन्होंने भू सुधारों को लागू करवाया। सरकार द्वारा किसानों की जमीन के अधिग्रहण के लिये मिलने वाले भावों को तय करने के लिये बाजार की परिस्थितियों को ध्यान में रखने पर जोर दिया व भावों में नियमित वृद्धि के लिये नए नियम बनवाए। महात्मा गांधी की सोच थी कि भारत गांवों में बसता है। इसी सोच को चौ. देवी लाल ने अपने जीवन में धारा और ग्रामीण क्षेत्रों के सुधार हेतू सड़ाकों के निमार्ण, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने व शिक्षा के प्रसार हेतू अधिक से अधिक स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में खुलवाने के लिये चौ. साहब ने नीतियां बनवाई। प्रशासनिक स्तर पर जनता का अंकुश लगाने के लिये चौ. साहब ने कष्ट निवारण समितियों को अनिवार्य किया। उनकी सोच थी कि अफसर साही को निरंकुश होने से रोकने के लिये यह जरूरी है कि जनता के लोगों की ऐसी कमेटी हो जिसमें अफसर जवाबदेह हों।
            आज देश में चारों ओर भ्रष्टाचार व चरित्रहीन राजनीति का बोलबाला है। राजनेताओं के लिये पार्टी व देश से उपर निजी हित हावी हो रहे हैं। अधिकतर राजनेता सत्ता में मात्र अपने आर्थिक हितों के लिये आ रहे हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि प्रतिदिन राजनैतिक संरक्षण में पनप रहा कोई न कोई भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। इसी कारण प्रशासनिक तंत्र में अफसर साही हावी होती जा रही है और आम जनता को दफतरों में न्याय मिलना बंद होता जा रहा है। नौबत यह है कि एक बिजली का कनैक्शन लेने तक को जनता दफतरों की अपेक्षा नेताओं के चक्कर काटने को मजबूर है। प्रत्येक दल में जमीन से जुड़े लोगों का अभाव होता जा रहा है। राजनैतिक पार्टियों में आज चेहरा चमकाने वाले लोगों का बोल बाला होता जा रहा है। जो लोग निरंतर मीडिया में बने रहें उनके लिये जनता के बीच जाना कोई मायने नहीं रखता। अब राजनैतिक दलों के लिये शायद अच्छे जननेता मानने के पैमाने बदल चुके हैं। जो नेता आर्थिक रूप से मजबूत हो, वाकपटु हो और अपने से उपर वाले नेताओं की हाजरी बजाने में माहिर हो उसके लिये जनता में पैठ रखना अब कोई मायने नहीं रखता। चौ. देवी लाल ने सदा इस प्रकार की राजनीति का विरोध किया। उन्होंने कभी अपने सिद्धांतो से समझौता नहीं किया। यही उनकी सफलता का राज रहा। उनके संघर्षपूर्ण जीवन में सत्ता उनके हाथों में बहुत कम रही, लेकिन जब रही तो वह रजदरबारों की कटपुतली बनने की बजाऐ जनता के लिये रही। उन्होंने आम आदमी तक सत्ता का सम्पूर्ण लाभ पहुंचाया। आज सत्ता नेताओं की देहली तक सिमटती जा रही है। सिद्धांत विहीन होती इस राजनैतिक व्यवस्था को सुधारने के लिये जरूरी है कि चौ. देवी लाल की राजनैतिक विचारधारा को समझा जाऐ व उनके सिद्धांतों को अमल में लाया जाऐ। चौ. देवी लाल का नारा था कि लोक राज लोक लाज से चलता है। देश में स्वस्थ लोक तंत्र के भविष्य के लिये आज उस लोक लाज की विचार धारा को जिंदा करने की भारी जरूरत है।

Wednesday, September 19, 2012

Traders Bharat Trade Bandh tomorrow against FDI in Retail..............

Traders Bharat Trade Bandh tomorrow against FDI in Retail


To lodge strong protest against decision of the Government to allow FDI in Retail, the Confederation of All India (CAIT) has called for a Bharat Trade Bandh tomorrow in which more than 5 crore traders, hawkers, labourers,farmers and people of other sectors of retail trade will participate. There will be no commercial activity tomorrow across the Country.The Traders Bharat Trade Bandh will be peaceful and non-violent. The traders in different cities of all States will take out Protest March, Demonstration and will burn the effigy of FDI. More than 25 thousand Trade Associations across the Country will observe complete Trade Bandh.
In New Delhi, the CAIT is holding a Protest Dharna tomorrow at Jantar Mantar which will be joined by NDA Convenor Sharad Yadav, BJP Leader Dr. Murli Manohar Joshi, Shri Prakash Karat, General Secretary, Communist Party of India (M), Shri A. B. Bardhan, General Secretary, Communist Party of India beside leaders of other political parties. Mr. Saudan Singh of National Hawkers Federation and Ms. Amarjeet Kaur of All India Trade Union Congress will also join the Dharna.

There will be complete Trade Bandh in Delhi, Maharashtra, West Bengal, Tamilnadu, Andhra Pradesh, Kerala, UP, Madhya Pradesh, Chattisgarh, Jharkhand, Orrisa, Uttrakhand,Punjab, Haryana, Jammu and Kashmir and other States and Union Territories.

In a Press Conference held today at New Delhi, CAIT National Secretary General Mr. Praveen Khandelwal countered the claim of the Government that it is for the States to allow FDI in Retail or not. This statement is totally baseless and misleading the country-alleged Khandelwal. He informed that under the Bilateral Investment Promotion Treaty signed by the Govt of India, the Foreign Investor has to be given “National Treatment” which means that a State can not discriminate between Indian and Foreign Investor. On the other side, the Indian partner of MNC’s will approach the Court citing Right to Trade as his fundamental right. This way, the MNC’s will be able to operate their business activities.

Mr. Khandelwal said that it is irony of the nation that the so called Economist educated in foreign countries are preparing the economic policies. They do not have any idea about the ground reality of Indian retail trade and they are purely dependent upon the survey and reports prepared by foreign survey agencies. Such a situation has resulted into present dilapidated condition of the Indian economy. On the other hand the Govt did not think it proper to even consider the unanimous report of the Parliamentary Standing Committee.

He further said that the MNC’s will not create any new market but will make place for them in the existing retail market by displacing the small shopkeepers. It will also destroy the economic and social fabric of the Country and will adversaly impact traders,hawkers,transporters,farmers and other sections of retail trade.

Delhi State President of CAIT Narender Madan said that in Delhi all wholesale and retail markets including entire walled city, Kashmiri Gate, Kamla Nagar, Karol Bagh, Connught Place, Sadar Bazar, Rajouri Garden, Kirti Nagar, Lajpat Nagar, South Extension, Paharganj, Pitampura, Rohini, Tilak Nagar, Uttam Nagar, Jail Road, Vikas Marg, Laxmi Nagar, Tughlaqabad, Kalkaji and other areas will remain closed.


परीक्षाओं को लेकर धारा-144 आज से लागू
कुरुक्षेत्र 19 सितम्बर

हरियाणा शिक्षा बोर्ड की सेकेंडरी और सीनियर सैकेंडरी परीक्षाओं को लेकर प्रशासन ने धारा-144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं। जिले में परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर दायरे में 20 सितम्बर से लेकर 30 अक्टूबर 2012 तक धारा-144 लगाई गई है। डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट मंदीप सिंह बराड़ ने आज यहां जारी एक अधिसूचना में हरियाणा शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर जिले के स्कूलों में बनाए गए सभी परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर दायरे में धारा-144 लागू करने के आदेश दिए हैं।  20 सितम्बर से लेकर 30 अक्टूबर 2012 तक इन परीक्षा केंद्रों में निर्धारित दायरे में कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन या हथियार लेकर नहीं जाएगा। परीक्षाओं को नकल रहित और शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवाने के लिए धारा-144 लागू की गई है। इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि परीक्षाओं के दिन जिले की सभी फोटोस्टेट मशीनों को दुकानदार 11 बजे से लेकर सायं 5 बजे तक बंद रखेंगे। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति आदेशों की अवहेलना करेगा, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

घरेलू गैस कनैक्शन के लिए स्थाई निवास प्रमाण पत्र जरूरी
कुरुक्षेत्र 19 सितम्बर
 इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड में घरेलू गैस कनैक्शन लेने वाले उपभोक्ता को स्थाई निवास का प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक डा. प्रेम  ने कहा कि इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड के पत्र क्रमांक नम्बर पीआईओ/डीएसओ/1505 दिनांक 13.6.2011 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति घरेलू गैस कनैक्शन लेने के लिए आवेदन करता है तो वह राशनकार्ड, बिजली का बिल, टेलीफोन बिल, पासपोर्ट, मालिक द्वारा जारी प्रमाण पत्र, मकान आवंटन के दस्तावेज, मकान की रजिस्ट्री, बीमा पोलिसी, पहचान पत्र, किराए की रसीद, पैन कार्ड या ड्राईविंग लाइसेंस में से कोई भी एक दस्तावेज प्रस्तुत कर सकता है।

लाडवा की काजल ने जीती सृजनात्मक कला प्रतियोगिता
कुरुक्षेत्र 19 सितम्बर
 जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा बच्चों में छुपी हुई प्रतिभाओं को विकसित करने के उद्देश्य से आज बाल भवन के प्रांगण में सृजनात्मक कला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 9 से 16 साल तक की आयु के विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिला बाल कल्याण अधिकारी सुशील पांचाल ने बताया कि बाल भवन में आयोजित सृजनात्मक कला प्रतियोगिता में श्रीमती सुगनी देवी आर्य कन्या पब्लिक स्कूल लाडवा की काजल शर्मा ने प्रथम, सहारा कम्प्रीहेंसिव स्कूल के हर्षित वत्स ने दूसरा स्थान प्राप्त किया जबकि दून पब्लिक स्कूल लाडवा के अंकित सिंह को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। उन्होंने बताया कि 20 सितम्बर को सृजनात्मक वैज्ञानिक नवीनीकरण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

 

किचन गार्डनिंग में 10 फुट लम्बा भिंडी के पौधे ने बनाया रिकार्ड
डीआईपीआरओ ने बिना दवाई छिडक़े 7 महीनों तक ली सब्जी, कृषि वैज्ञानिक ने लिया भिंडी के पौधों का जायजा
कुरुक्षेत्र 19 सितम्बर
  जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी देवराज सिरोहीवाल ने किचन गार्डेनिंग में 10 फुट लम्बे भिंडी के पौधे तैयार करके एक रिकार्ड कायम किया है।
 मार्च माह से लेकर अब तक इन पौधों पर न तो कोई कीटनाशक दवाई का छिडक़ाव किया गया है और न ही किसी प्रकार की बाजारी खाद का प्रयोग किया गया है। सात महीनों बाद भिंडी के यह पौधे फल दे रहे हैं। हिसार कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व वैज्ञानिक डा. सीबी सिंह ने इन पौधों का मुआयना किया। उन्होंने इन पौधों का मुआयना कर हैरानगी व्यक्त की कि किचन गार्डेनिंग में करीब 10 फुट लम्बे भिंडी के अनेकों पौधे लगाकर अपने आप में एक रिकार्ड कायम किया है। पदिमनी पूसा किस्म के हाईब्रिड बीज से ली गई फसल की लम्बाई करीब 10 फुट तक हो जाती है। परंतु यह फसल केवल खेतों में ही इतनी लम्बाई तक पंहुचती है। उन्होंने बताया कि जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी के निवास पर लगाए गए भिंडी के पौधे अच्छे हैं क्योंकि 7 महीनों के बाद भी यह पौधे हरे होने के साथ-साथ बराबर फसल भी दे रहे हैं। इन पौधों पर दवाई का छिडक़ाव नहीं किया गया है। इसके बावजूद 7 महीनों तक फसल देना अपने आप में एक रिकार्ड है।
 

Tuesday, September 18, 2012

Kurukshetra latest news ...Japani bukhaar kaa kehar....mahila congress kaa samelan....



महिला कांग्रेस का सम्मेलन 20 सितम्बर को : बिमला सरोहा
महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्षा अनीता वर्मा करेंगी संबोधित
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
कुरुक्षेत्र में महिला कांगे्रस का कार्यकर्ता सम्मेलन जिला कांग्रेस भवन में 20 सितम्बर को आयोजित होगा जिसे महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा अनीता वर्मा संबोधित करेंगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए पत्रकार वार्ता के दौरान महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव एवं कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती बिमला सरोहा ने बताया कि कार्यक्रम में अनीता वर्मा मुख्यअतिथि एवं महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष एवं करनाल से विधायक सुमिता सिंह विष्टि अतिथि के रूप में भाग लेंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला कांग्रेस की हरियाणा प्रभारी ओनिका महरोत्रा करेंगी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन की सहसंयोजिका एवं जिलाध्यक्ष श्रीमती दर्शना नांदल सहित जिला भर की पूरी महिला टीम जी जान से तैयारियों में जुटी है।
 बिमला सरोहा ने बताया कि इस जिला स्तरीय सम्मेलन में 2 हजार के करीब महिलाऐं भाग लेंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जितना मान सम्मान महिलाओं को मिलता है इतना किसी दल में नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि वह जन्म से कांग्रेसी हैं और उनके ससुर चौ. रण सिंह  कांग्रेस सरकार में अपने कार्यकाल में कैबिनेट स्तर के मंत्री रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में विकास विकास की लहर चल रही है, उसके लाभ आम जनता को मिल सकें इसी उद्देश्य से कार्यकर्ता सम्मेलन रखे जा रहे हैं। इन सम्मेलनों से कार्यकर्ताओं को तैयार करके जनता के बीच भेजा जाएगा ताकि आम आदमी को उसके लाभों के प्रति जागरूक कर सकें। इस अवसर पर उनके साथ जिला महासचिव सत्या शर्मा, मैडम रामकुमारी, भरपाई, प्रवेश राणा, कांग्रेस सेवा दल की प्रदेश महिलाध्यक्ष रेखा कश्यप, मुन्नी सरोहा, निशी गुप्ता, कमलेश, महेंद्र कौर, रविंद्र कौर गिल आदि अनेकों महिला कार्यकताओं सहित रामफल रंगा, सेवा सिंह, फकरी चंद ऐडवोकेट आदि अनेकों नेता उपस्थित थे।


दो फिमेल बच्चे गोद लेने के लिए उपलब्ध
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
जिला उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने जानकारी दी कि हरियाणा राज्य काऊंसिल आफ चाइल्ड वेलफेयर चण्डीगढ़ के पास दो फिमेल बच्चे गोद लेने के लिए उपलब्ध हैं। दोनों बच्चों के नाम क्रमश: गायत्री और स्वाति हैं तथा उनकी जन्म तिथि  क्रमश: 09 सितम्बर 2009 तथा 01  दिसम्बर 2007 है। मेडिकल रिर्पोट के अनुसार दोनों बच्चे सामान्य हैं। सम्बन्धित बच्चों को गोद लेने के इच्छुक माता-पिता जनरल सैक्टरी हरियाणा राज्य काऊंसिल आफ चाइल्ड वेलफेयर चण्डीगढ स्थित कोठी नं. 650 सेक्टर 16 डी तथा दूरभाष न0 0172 2770393 से सम्पर्क कर सकते हैं।


विशेष कानूनी साक्षरता कैम्प 20 को
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण चंडीगढ़ के निर्देशानुसार 20 सितम्बर को स्थानीय राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में विशेष कानूनी साक्षरता कैम्प का आयोजन किया जाएगा। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए सीजेएम एवं सचिव जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण राजेंद्र सिंह ढांढा ने बताया कि इस शिविर में एडवोकेट सुदेश कुमारी, मंजु कौशिक तथा पंकज ढींगड़ा कानूनी पहलुओं बारे जानकारी देंगे।

मतदाता सूचियों की ड्राफ्टिंग प्रक्रिया एक अक्टूबर से
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी हिदायतों की अनुपालना में एक जनवरी 2013 को क्वालीफाईंग तिथि मानकर मतदाता सूचियों का संक्षिप्त पुनरीक्षण किया जाएगा। इस कार्य को कार्य रूप में परिणत करने के लिए मतदाता सूचियों की ड्राफ्टिंग प्रक्रिया एक अक्टूबर 2012 से शुरू की जाएगी। यह जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने बताया कि मतदाता सूची के लिए दावे एवं आपत्तियां एक अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक दर्ज करवाई जा सकती हैं। फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के संदर्भ में नामों की समीक्षा इत्यादि का काम 6 और 9 अक्टूबर को किया जाएगा। आगामी 7, 14 तथा 31 अक्टूबर को विभिन्न राजनैतिक दलों के ब्लाक स्तरीय एजेंटों के साथ प्राप्त दावे एवं आपत्तियों के सदंर्भ में बात की जाएगी तथा एक दिसम्बर तक सम्बधित दावों का निपटारा किया जाएगा। एक दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2012 तक मतदाता सूचियों की तैयारी और प्रिंटिंग के लिए लिस्ट तैयार की जाएगी तथा मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 5 जनवरी 2013 को किया जाएगा।



कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ एक जूट हुआ युवा : बड़शामी
वार्ड नं. 12 में दर्जनों युवा साथियों सहित इनैलो में शामिल
लाडवा/विनय चौधरी
युवाओं के साथ निरंतर हो रहे सौतेले व्यवहार के चलते युवाओं में भी मौजूदा कांग्रेस सरकार के खिलाफ रोष पनपने लगा है और युवा भी इनैलो पार्टी के झंडे नीचे एकत्रित होकर पार्टी के युवा संगठन को मजबूत करने लगे है। ये शब्द विधायक शेर ङ्क्षसह बड़शामी ने लाडवा के वार्ड नं. 12 में युवा नेता योगेश शर्मा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। इस अवसर पर नीरज वर्मा, मोहित शर्मा, रमन, योगेश शर्मा, शौकी शर्मा, माहित गोयल, अंशुल गर्ग, संजु, रविंद्र शर्मा सहित अनेक युवाओं ने विधायक शेर ङ्क्षसह बड़शामी के नेतृत्व में पार्टी में शामिल होकर पार्टी के युवा संगठन को और अधिक मजबूत किया। 
विधायक ने युवाओं को पार्टी में शामिल करने की घोषणा करते हुए कहा कि युवाओं के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को लेकर वह न केवल जनता को जागरूक करेंगे, बल्कि विधानसभा में युवाओं के हकों की आवाज को बुलंद भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने हकों के लिए एक जूट होकर लड़ाई लडऩी होगी। उन्होंने उन कांग्रेसियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कार्यालयों में बैठक कर लोगों की समस्या दूर नहीं होती, समस्या को दूर करने के लिए उनकी आवाज को बुलंद करना पड़ता है। इस अवसर पर उनके साथ योगेश शर्मा, नैब बकाली, जगदीप दुगारी, राजू खुराना, पार्षद विजय डींगढ़ा, मैशा पंडित, देवेंद्र मान, विक्की डूडा, धनी राम बपदी, आकाश गर्ग सहित भारी संख्या में वार्ड वासी उपस्थित थे।

जापानी बुखार ने लाडवा कस्बे में पसारे पांव
विभाग ने निवारसी कालोनी में लिए ब्लड सैंपल
लाडवा/विनय चौधरी
 हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लाडवा क्षेत्र में जापानी बुखार ने पांव पसारने शुरू कर दिए है। लाडवा की निवारसी कालोनी के 3 वर्षीय अमित पुत्र पप्पू की पिछले एक सप्ताह से बुखार आ रहा था, जिसको उपचार के लिए चंडीगढ़ पी.जी.आई. रैफर किया गया था जहां चिकित्सकों ने बच्चे में जापानी बुखार के लक्षण बताए व कुरुक्षेत्र के लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में चिकित्सकों को जापनी बुखार के लक्षण फैलने के बारे में जानकारी दी।
 मंगलवार को गांव लाडवा व कुरुक्षेत्र स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने डा. मनजीत ङ्क्षसह की अगुवाई में जापानी बुखार फैली निवारसी कालोनी का दौरा किया और कालोनी के बुखार से पीडि़त 3 रोगियों के ब्लड सैंपल लिए व कालोनी वासियों के ब्लड स्लाइड बनाई। डा. मनजीत ङ्क्षसह ने बताया कि यह बुखार धान के सीजन में सबसे ज्यादा फैलता है और कुरुक्षेत्र व यमुनानगर जिले में सबसे ज्यादा धान की खेती होती है। इसलिए कुरुक्षेत्र व यमुनानगर जिले में यह बुखार सबसे ज्यादा फैलता है। जापानी बुखार में रोगी को तेज बुखार व सिर दर्द अधिक होता है। इस बुखार में रोगी बेहोश तक हो जाता है। यदि समय पर सही उपचार न हो तो रोगी की जान जा सकती है। कस्बे में जापानी बुखार फैलने से कस्बावासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।    

टयूबवैल डीलिंग एजेंसियों को भी करवाना होगा अब पंजीकरण अनिवार्य
पिहोवा व लाडवा खंड को डार्क जोन घोषित करने के बाद प्रशासन ने लिया निर्णय, 30 सितम्बर तक करवाएं पंजीकरण, नोडल अधिकारी नियुक्त

कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
जिला के पिहोवा व लाडवा खंड को डार्क जोन घोषित करने के बाद अब जिले की सभी टयूबवैल डीलिंग एजेंसियों को भी अपना पंजीकरण करवाना जरूरी कर दिया गया है। एजेंसियों के मालिक 30 सितम्बर 2012 तक निर्धारित फार्म भरकर अपने नोडल अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाएंगे। आदेशों की पालना न करने पर नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी। यह आदेश अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने जारी किए हैं। भूमि जलकोष के सहायक भू-वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी राकेश कुमार ने बातचीत करते हुए बताया कि लाडवा व पिहोवा खंड को केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण द्वारा डार्क जोन में घोषित किए जाने के बाद इन खंडों में जहां सभी प्रकार के टयूबवैलों का पंजीकरण करवाना आवश्यक कर दिया है, वहीं अब टयूबवैल डीलिंग एजेंसियों का पंजीकरण भी अनिवार्य कर दिया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया के आदेशानुसार सभी सरकारी विभागों को अपने-अपने विभाग से सम्बंधित नलकूपों को इस कार्य के लिए मनोनीत नोडल अधिकारी सहायक भू-वैज्ञानिक, भूमि जलकोष, कृषि विभाग से पंजीकरण करवाने बारे आवश्यक कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में पडऩे वाले निजी नलकूपों के सर्वे के लिए नगरपालिकाओं के सचिवों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी प्रकार के कृषि क्षेत्र में प्रयोग किए जाने वाले नलकूपों के सर्वे का जिम्मा कृषि विभाग के उप-निदेशक को सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि इस कार्य की समयावधि 15 सितम्बर से बढ़ाकर 30 सितम्बर 2012 कर दी गई है। इसके उपरांत यदि कोई नलकूप बिना पंजीकरण करवाए पाया गया, तोवह गैर-कानूनी माना जाएगा। नलकूप मालिक के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में मौजूद सभी प्राइवेट डीलरों को निर्धारित समयावधि में पंजीकरण करवाना चाहिए।

मार्क वल्र्ड कोंट्रासेप्शन डे 26 को

कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
 पूरे विश्व में 26 सितम्बर को मार्क वल्र्ड कोंट्रासेप्शन डे मनाया जाएगा। इस दिवस पर लोगों को जागरुक करने बारे प्रयास किए जाएंगे। सांसद नवीन जिंदल ने इस बारे प्रशासन को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि पूरे विश्व में मार्क वल्र्ड कोंट्रासेप्शन डे 26 सितम्बर को मनाया जा रहा है। इस दिवस पर स्वास्थ्य व बच्चे को सुरक्षित रखने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए।

जिला सलाहकार समिति की 69वीं बैठक 24 को

कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
 पंजाब नैशनल बैंक की तरफ से जिलास्तरीय समीक्षा समिति/जिला सलाहकार समिति की 69वीं बैठक 24 सितम्बर को दोपहर 3 बजे लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित की जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ करेंगे। अग्रणी जिला प्रबंधक जेएस मूर्ति ने बताया कि इस बैठक में जिला ऋण योजना 2012-13 के अंतर्गत सभी राजकीय संस्थाओं और बैंकों की उपलब्धियों का पुन: निरीक्षण करना, इसे लागू करने में आने वाली कठिनाईयों का अध्ययन तथा इन कठिनाईयों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का पुन: निरीक्षण करना है। उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार प्रत्येक बैंक तथा राजकीय संस्थान से केवल एक तथा उपयुक्त स्तर का सदस्य पूर्ण तैयारी के साथ बैठक में भाग ले।
 


खेल शिक्षा का अभिन्न अंग है : आर्य
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने किया प्राथमिक स्कूल खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ, 20 केंद्रों के स्कूली विद्यार्थियों ने लिया भाग

कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने कहा कि खेल शिक्षा का अभिन्न अंग है। बिना खेलकूद गतिविधियों के शिक्षा को अधूरा माना जाएगा। इसलिए बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों पर भी विशेष ध्यान देने की जरुरत है। वे आज द्रोणाचार्य स्टेडियम में खंड थानेसर के प्राथमिक स्कूल की खेल प्रतियोगिता के उदघाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूली विद्यार्थियों को खेलों में अधिक से अधिक भाग लेने के लिए प्रेरित करने के अलावा हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे हमारे देश व प्रदेश का भविष्य हैं। इसलिए इन बच्चों को तैयार करने में शिक्षकों व प्रशिक्षकों को भी विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर इन बच्चों को स्कूली स्तर पर अच्छा प्रशिक्षण दिया जाए तो निश्चित ही ये विद्यार्थी आगे जाकर हमारे जिले व प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। खंड शिक्षा अधिकारी अरूण आश्री ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 20 केंद्रों के स्कूलों ने भाग लिया। लडक़ों की 60 मीटर दौड़ में सुनहड़ी खालसा के शुभम ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि थानेसर-1 के राजकीय स्कूल से साहिल दूसरे स्थान पर रहा।  60 मीटर लड़कियों की दौड़ में बीड़ पिपली की सिमरन प्रथम, सलपानी कला से मनीषा द्वितीय, 100 मीटर लडक़ों की दौड़ में सुनहड़ी खालसा के शुभम प्रथम, कसेरला के अजय शर्मा द्वितीय, लड़कियों के वर्ग में सलपानी कला की जन्नत प्रथम व बीड़ पिपली की सिमरन दूसरे स्थान पर रही। इस मौके पर खेल सचिव राजेश कुमार, बलजीत सिंह, सीपी चंचल, राजकुमार मेहता, अरिता, विजयपाल, गुलाब सिंह, मुनीष, दिलबाग सिंह, प्रवीण आर्य, ऋषिराज आदि मौजूद थे।

माइनर मिनरल की आक्शन अब 19 अक्टूबर को

कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
जिला कुरुक्षेत्र की माइनर मिनरल क्वेरिज़ की नीलामी अब 19 अक्टूबर को होगी। माईंस और ज्योलोजी विभाग हरियाणा के माईनिंग अधिकारी एन कुमार ने बताया कि जिला कुरुक्षेत्र की माईनर मिनरल क्वेरिज़ की नीलामी 19 सितम्बर को 11 बजे पानीपत के माईनिंग आफिसर कार्यालय में होनी तय हुई थी। उन्होंने बताया कि 19 सितम्बर को होने वाली नीलामी की कार्यवाही को रद्द करके अब 19 अक्टूबर को नीलामी करना तय हुआ है।

वैभव अरोड़ा ने जीती सृजनात्मक प्रदर्शन कला प्रतियोगिता

कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
बच्चों में छिपी प्रतिभा को विकसित करने और उनमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिए जिला बाल कल्याण परिषद की तरफ से आज जिला बाल कल्याण परिषद कार्यालय में सृजनात्मक प्रदर्शन कला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में अग्रसेन पब्लिक स्कूल के वैभव अरोड़ा ने प्रथम स्थान हासिल किया है, जबकि महावीर जैन सीनियर सैकेंडरी स्कूल की नैंसी ने दूसरा स्थान हासिल किया। जिला बाल कल्याण अधिकारी सुशील पांचाल ने बताया कि परिषद द्वारा 18 सितम्बर से 21 सितम्बर तक विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं, जिनमें सृजनात्मक प्रदर्शन कला, सृजनात्मक कला, सृजनात्मक वैज्ञानिक नवीनीकरण व सृजनात्मक लेखन कला शामिल हैं, का आयोजन किया जाएगा। इन प्रतियोगिताओं में 9 से 16 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चे भाग ले सकेंगे। इस कड़ी में 19 सितम्बर को सृजनात्मक कला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम आने वाले प्रतिभागी जोनल स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेंगे।

राज्य सरकार जिला व प्रदेश स्तर पर देगी सर्वश्रेष्ठ युवा पुरस्कार
16 विषयों में दर्ज हों उपलब्धियां, डीएसओ कार्यालय में 25 तक जमा करवाना होगा आवेदन

कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
राज्य सरकार की तरफ से खेलों, स्वास्थ्य, पर्यावरण, सांस्कृतिक, साक्षरता, महिला सशक्तिरण सहित 16 विषयों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले युवाओं और युवा संगठनों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के अधिकारियों ने जिलास्तर पर जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में आवेदन जमा करवाने के लिए कहा है। सभी योग्य प्रार्थी 25 सितम्बर तक अपनी उपलब्धियों सहित आवेदन जमा करवा सकते हैं। जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी मंजीत सिंह ने बताया कि खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग हरियाणा ने गत वर्षों की भांति वर्ष 2012-13 में जिला तथा राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ युवा पुरस्कार के लिए गत एक वर्ष तथा सर्वश्रेष्ठ युवा संगठन के लिए गत तीन वर्षों की उपलब्धियों के आधार पर वर्ष 2011-12 के लिए नामांकन मांगे हैं। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ युवा पुरस्कार वर्ष 2011-12 की उपलब्धियों के आधार पर ही दिया जाएगा। सभी योग्य प्रार्थी अपना नामांकन 25 सितम्बर तक जिला एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में जमा करवा सकता है। उन्होंने बताया कि जिला खेल अधिकारी के माध्यम से जिलास्तरीय कमेटी की सिफारिश निदेशक खेल विभाग के पास भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पर्यावरण सरंक्षण, व्यवसायिक प्रशिक्षण, साक्षरता कार्यक्रम (प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम), महिला सशक्तिकरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल गतिविधियां, संसाधन निर्माण, रोजगार उत्पादन सम्बंधित कार्यक्रम, महत्वपूर्ण दिवस/सप्ताह समारोह आयोजन, सामाजिक बुराईयों के विरुद्ध कार्यक्रम, समाज कल्याण कार्यक्रम, ग्रामीण क्षेत्र में समाज कल्याण कार्य, सफाई अभियान, साहसिक कार्यक्रम, अन्य विविधगतिविधियों का आयोजन, राष्ट्रीय एकता सम्बंधी कार्यक्रम सम्बंधी विषयों पर अपनी उपलब्धियां आवेदन फार्म के साथ जमा करवाने के लिए कहा।
 







Monday, September 17, 2012

TAX THE EXPENDITURE and NOT THE INCOME....How to Improve Quality of Research for Ph.D. Programme...

For Economic Growth, Government should TAX THE EXPENDITURE and NOT THE INCOME. Generally, bad things are taxed and NOT the good things and I think income is a good thing and should not be taxed.
Even Historically, Income Tax is against national pride . In India , it was implemented for the first time by Sir James in 1861, in the form of legislation, and it is on RECORD that it was enforced to compensate the British Government for the loss caused by mutiny of 1857 and obviously it was to teach the Indians a lesson for 1857. It was initially for a period of five years but then it proved to be a good source of revenue so the government went on extending it. It is still there even after India is independent.
Even Socially Income Tax is not desirable as it generates black money which is mother of all crimes including act of terrorism.
Even Psychologically, Income Tax kills incentive of the people to work more as they no longer desire to earn more.
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How to Improve Quality of Research for Ph.D. Programme

Expert educators nationwide speak on key issues Author’s Profile:-
Prof. Ramesh Gupta is presently working as a professor in Kurukshetra University. He has over three decades of experience in teaching. Apart from Kurukshetra University, Ramesh has also taught at Jaihind College, Mumbai, MDU College, Rohtak, Vaish College, Bhiwani. A D.Litt. from H.P. University, Shimla, Ramesh has guided 52 Research Scholars for Ph.D./M.Phil. He has been awarded with International Intellectual Achievement Award– 2010, Rashtriya Vidya Saraswati Puraskar– 2010, Rajiv Gandhi Excellence Award – 2009, Rashtriya Vikas Ratan Award – 2009, Rashtriya Gaurav Award – 2009,Bharat Jyoti Award – 2006, Rising Personality of India Award-Gold Medal – 2003 to name a few. He has authored 14 books on Hindi Literature and has 18 Research Papers / Articles / Short Stories/Drama to his credit. His interest are Reforms in Educational System; Political System; Legal System; IncomeTaxAct; literature; Hindi Novels; Drama and Tourism. An ardent lover of classical music, Prof. Gupta loves to do blogging in his leisure time.

Article:-

Repetition of Topics

To improve the standard of Ph.D. programme, one of the most essential elements is that the Topic allotted to a Research Scholar should be original and there should not be duplication or any repetition of any research work being done presently at other Indian Universities. However, the problem arises when simultaneously same topic is registered at two or more Universities at the same time, whether knowingly or unknowingly. Unfortunately, there is no Central Registration Agency which can provide data before registration of a particular topic whether same topic or same topic in a modified form is being pursued at some other University or not.

In order to improve quality of research work for Ph.D. programme, UGC should be pursued to create a Cell where information from all the Indian Universities regarding registrations of topics in a particular subject for Ph.D. is available at the initial stage of research. As soon as P.G. Board of Studies of a University clears a topic, it should be sent to UGC and only after clearance from UGC, student should be finally registered for Ph.D.

Alternatively, universities can also take some initiative of their own in this direction by setting up a Cell in their Libraries where all the information regarding registration of topics in a particular subject of all the Universities is collected from internet and websites of different Universities and also by requesting them personally. Information so received should be then fed in the computers and supplied to the Chairperson of the Department concerned, much before the process of registration of Ph.D. candidates begins. I believe even this single step will prevent repetition of topics to a large extent.

Evaluation System of a Ph.D. thesis:-

The Evaluation System of a Ph.D. thesis is the root cause of our abysmally low standard of research. Unfortunately, many students who have no aptitude for research, are first admitted to a Ph.D. programme and worse still, acquire the degree dirt cheap because the thesis are sent to their supervisor's friend/colleague/contemporary for evaluation.

In most of the Universities, including Kurukshetra University, the supervisors themselves suggest the names of Ph.D. examiners. The supervisor always looks for safe examiners, and if he does not know any, he takes the help of his colleague(s) to procure the names of such safe examiners. Basically, the policy is, 'You scratch my back, I will scratch yours'. As a result of this (mal) practice, the supervisor has a casual approach and does not take much interest in scrutinizing the thesis of his student because he knows that irrespective of the quality of the Ph.D. thesis, the student will get the work approved as it is going to be evaluated by his friend. Some examiners even dare to evaluate the Ph.D. thesis, which is not at all related to their field of specialization. This disastrous approach is the main cause of our mediocre Ph.D. degrees as the supervisor is not bothered about the rejection of the thesis. One can find many such thesis adorned by cobwebs in our libraries, which do not deserve to be there at all.

Something serious has to be done with the evaluation system if we really want to improve our standard. Firstly, the supervisor should not be involved at any stage, in selecting the panel of the examiners. This will make the supervisor work harder and take the Ph.D. thesis of his student more seriously. Secondly, there should be a centralized system of evaluation. The UGC can play a major role in this direction. It should build a data bank of all specialized serious and good workers in the country who can act as examiners of a Ph.D. thesis. The Universities should send the Ph.D. thesis to the UGC, from where it will be mailed to at least two examiners by masking the names of student, supervisor and their affiliations. Alternatively, universities can have its own data bank and pool of examiners from where Vice-Chancellor can pick names of any two examiners in a particular subject without bringing it to the knowledge of Chairperson or Supervisor. The evaluation should be strictly on merit. At times rejection of a Ph.D. thesis would serve the purpose because either the supervisors will start taking things seriously or they will stop guiding any Ph.D. student. It is better to produce only a few good quality theses than to have a number of feeble thesis.

Hiding Identity of Supervisor and candidates:- Right from Matriculation Exam to M.A. Examination, Identity of Examinees is kept Secret from the Examiners. However, it is strange that in such an important examination like that of Ph.D. and M.Phil, Identity of candidates is not kept Secret from the Examiners of Ph.D. Thesis/M.Phil Dissertation. Not only are these, even the Names of Supervisors boldly printed on the Title of Thesis/Dissertations. As a result, most of the Examiners do not evaluate the Thesis/Dissertation but write Reports/Award Grades proportionately to the status of the Supervisor. Generally, if Supervisor happens to be a Dean/Chairperson, his candidates get Excellent Reports for Ph.D. Thesis and Awarded highest Grades for M.Phil Dissertations.

While sending Ph.D. Thesis/M.Phil Dissertations for Evaluation to External Examiners, Identity of both Supervisor as well as candidates should be kept a closely guarded secret.

Video Recording of Viva-Voce of Ph.D. Candidates
To improve quality of Higher Research, Video Recording of Viva-Voce of Ph.D. Candidates is a must. If Viva-Voce of Ph.D. candidate is excellent, then the video recording of such a Viva-Voce will help future candidates for Ph.D. to learn and to improve their own performance. In some cases where Ph.D. Candidates in connivance with their Supervisor and external examiner indulge in malpractices then Video Recording of Viva-Voce will act as a deterrent.

Dr. M. K. Pradhan 01 Sep 2011 
For the Improvement of Quality of Research Programme many of these suggestions are appreciable. Video recording will definitely help the pursuing candidates to improve the performance. Some of the other rules are followed by many universities. However, in the selection of the examiner definitely the supervisor should not involve.


Prof. Shatendra K Sharma 30 Aug 2011 
Yes I agree with Dr Gupta on most of the points. The quality of research work for PhD is not improving as it should have been. This more so in humanities subject and there is a replication/ similarities of topics from other universities. As a result the net addition to the knowledge base in not significant. I also agree with Dr Virk that the system should have Indian as well foreign examiners if subjects are of global nature or not related to local language, culture or politics etc. It is found that the system of 100% internal examination i.e. paper setting, evaluation and assessment is causing an inflation of marks / grades and teachers are encouraged for not completing the whole syllabus during the semester as they themselves set the papers out of the contents they complete in the class. The blind rush to increase the number of PhD's produced in a university or country should not be made a criteria of a good university system, it may have some contribution but it is the quality of work that causes a significant impact on the understanding of the subject that should be given the importance.
Kaushik Majumdar 12 Aug 2011 
Also maintain a national online repository of PhD theseses, from where any one, any where in the world would be able to access full text of any PhD thesis (make it mandatory to submit a soft copy alongside the hard copies). This will make the duplication detectable to a larger number of eyes. Besides a good PhD thesis will have wider circulation, which it actually deserves.
manoj kamra 11 Aug 2011 
Some examiners even dare to evaluate the Ph.D. thesis, which is not at all related to their field of specialization-------Video Recording of Viva-Voce of Ph.D. Candidates-------------------EXCELLENT SUGGESTIONS
Hardev Singh Virk 10 Aug 2011 
I appreciate suggestions put forward by Prof. Ramesh Gupta to improve evaluation of Ph.D. thesis. I remember 2 cases from KUK: In one case the Supervisor dared to write a letter to favor his candidate and in second case, the Supervisor manipulated in such a way that my name was removed from the Viva examination, considering myself as a tough evaluator! Almost all Supervisors in India, including myself, want to send thesis to their known examiners. In my university, candidates paid to the post office clerk to get the information about the Examiners, when the Thesis was despatched. How can U improve the System when there is so much corruption everywhere? I do not agree with Ramesh's suggestion that UGC should appoint examiners. That will delay the process too much. The system of both Indian and Foreign examiners must be introduced.
ramkumar 08 Aug 2011 
should we become so stringent as to restrict the no. of phd thesis to the high quality ones only. Quality is not just a function of effective monitoring, it also depends on the infrastructure and research atmosphere in a university. A large majority of our universities are constrained by poor resources. if we give some credence to the educative role of doing a thesis i would say a poorly done research is " some research" and is better than "no research".the scholar learns something from it!
Vikram Karve 08 Aug 2011 
A very thought provoking article with some good suggestions, especially the one about video recording of Viva Voce.
In addition to their research capability, Ph. D. candidates need to be assessed in their teaching ability and communication skills too. For this they must be made to teach for at least six months and must be assessed by the students and required to qualify minimum standards. I have seen Ph. D. qualified lecturers who are unable to teach properly as they have zero communication skills.
Like the author has suggested a Central Registration Agency to avoid duplication of research topics and curb plagiarism there must be a Central Examination Agency too. Viva Voce Examinations need to be stringent and centralized subject wise and conducted at a premier institution.
www.indiaeducationreview.com/.../how-improve-quality-research-phd-programme Expert educators nationwide speak on key issues
How to Improve Quality of Research for... 
Posted 1st September 2011 by 

Saturday, September 15, 2012

News AB TAK from 15th Sept. Kurukshetra read here......


पुलिस ने भानी सहाय की हत्या की गुत्थी सुलझाई
तीन आरोपी गिरफ्तार, संस्थाओं ने जताया पुलिस का आभार
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
जिला पुलिस ने भानी सहाय की हत्या के मामले में तीन युवकों को गिरफ्तार किया तथा उनके कब्जे से वारदात में प्रयोग की गई एक मोटरसाइकिल बरामद करने में सफलता हासिल की। यह जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार आर्य ने बताया कि 24 अगस्त 2012 को लक्ष्मी पत्नी भानी सहाय ने शिकायत दर्ज कराई थी कि तीन-चार नौजवान लडक़ों ने दो मोटरसाइकिलों  पर सवार होकर मेजर नितिन बाली मार्ग सैक्टर-7 नजदीक उद्यान विभाग कार्यालय कुरुक्षेत्र के नजदीक उसके पति भानी सहाय को पैट्रोल पम्प का कैश जमा करवाने के लिए जाते समय हमला करके सिर पर वार कर जान से मार कर पैसे छीन कर फरार हो गये थे। जिसके सम्बंध में पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र के दिशा निर्देशानुसार मामले को गम्भीरता से लेते हुए उप पुलिस अधीक्षक शहर  निर्मल सिंह की देख रेख में चार टीमों का गठन किया जिसमें अपराध शाखा प्रथम प्रभारी राजेश कुमार, अपराध शाखा द्वितीय प्रभारी उप निरीक्षक अमित कुमार, प्रबन्धक थाना शहर निरीक्षक योगेश कुमार व पुलिस चौकी सैक्टर-7 प्रभरी उप निरीक्षक केवल सिंह के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया। सभी टीमें मामले की जांच पड़ताल में लगी हुई थी। 14 सितम्बर 2012 को अपराध शाखा प्रथम प्रभारी निरीक्षक राजेश के सामने तफ्तीश के दौरान कुछ आवश्यक तथ्य सामने आये। जिस पर पुलिस चौकी सैक्टर-7 प्रभारी उप निरीक्षक केवल सिंह, उप निरीक्षक जगदीश चन्द, सहायक उप निरीक्षक विरेन्द्र कुमार, सहायक उप निरीक्षक गुलाब सिंह, सहायक उप निरीक्षक जगपाल, सहायक उप निरीक्षक रमेश कुमार, मख्यसिपाही प्रदीप कुमार व सिपाही राजेश कुमार की पुलिस टीम को साथ लेकर संदिगध राजकुमार पुत्र बलजीत वासी गांव खासपुर से गहनता से पूछताछ कर मुकदमा में दोषी पाए जाने पर धर दबोचा जोकि करीब दो महीने पहले सैक्टर-7 कुरुक्षेत्र मार्किट में यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया के साथ लगती सैनेटरी की दुकान पर प्लम्बर का काम करता था तथा दुकान से नौकरी छोडक़र चला गया था। जिसको गिरफ्तार करके पूछताछ की, उसने पूछताछ के दौरान बताया कि  करीब दो महीने पहले यूनियन बैंक ऑफ  इण्डिया के पास दुकान पर प्लम्बर का काम करता था। जिस दौरान उसने पैट्रोल पम्प मालिक मृतक भानी सहाय जोकि बैंक में पैसे जमा कराने आता था उसकी निगरानी करनी शुरु कर दी थी। उसने अपने अन्य दो साथियों दिनेश व कृष्ण वासी गांव खासपुर के साथ मिलकर योजना बनाई कि इस पैट्रोल पम्प मालिक से मारपीट करके पैसे छीन लेंगे। उसके बाद राजकुमार ने दुकान से नौकरी छोड़ दी और योजना के मुताबिक 24 अगस्त 2012 को अपने साथियों के साथ दो मोटरसाइकिलों  पर सवार होकर करीब 10 बजे दिन में नितिन बाली मार्ग पर पैट्रोल पम्प मालिक भानी सहाय के सिर पर लोहे की रॉडों से वार कर जान से मार दिया था ताकि वह उन्हें पहचान ना सके और तीनों स्कूटर की डिगी से 6 लाख 85 हजार रुपये लेकर फरार हो गये थे। पुलिस टीम ने आरोपी राज कुमार पुत्र बलजीत गांव खासपुर को गांव खासपुर से गिरफ्तार करने के बाद उसके साथियों दिनेश कुमार उर्फ रवि पुत्र जोगिन्द्र सिंह वासी गांव खासपुर व कृष्ण कुमार पुत्र सुनेहरा वासी खासपुर को गांव पलवल के नजदीक रेलवे फाटक के पास से वारदात में प्रयोग की गई एक मोटरसाइकिल सहित धर दबोचा। आरोपियों से मुकदमा उपरोक्त में पूछताछ जारी है। जिला पुलिस कुरुक्षेत्र ने मुकदमे की छानबीन में सहयोग देने पर भानी सहाय के परिवार वालों व पैट्रोल पम्प यूनियन के सदस्यों का धन्यावाद किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि साइबर सैल के सहयोग से उन्हें जो सफलता हाथ लगी है, इस सफलता के तहत वे साइबर सैल के स्टाफ को पांच हजार रुपए की नकद राशि देकर सम्मानित करेंगे। उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड को लेकर हत्यारों को पकडऩे के लिए पुलिस ने 50 हजार रुपए का नकद ईनाम भी घोषित किया था। पुलिस द्वारा पकड़े गए तीनों हत्यारों की उम्र 21 से 25 साल की है तथा हत्यारों के विरूद्ध पहले कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं है। उन्होंने पैसे के लालचवश आकर उक्त घटनाक्रम को अंजाम दिया।


तीन अवैध रिवाल्वर व दो कारतूस सहित एक गिरफ्तार
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
जिला पुलिस की अपराध शाखा ने सर्च अभियान के तहत एक व्यक्ति को तीन अवैध रिवाल्वर व दो कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने भानी सहाय हत्याकांड को लेकर सर्च अभियान शुरू किया हुआ था। इसी के तहत जिला के गांव गुमथलागढू के नजदीक से अवतार सिंह को तीन अवैध रिवाल्वर व दो कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। अवतार सिंह से पूछताछ के दौरान पता चला कि अवतार सिंह पहले अवैध रूप से नशीले पदार्थ बेचने का काम करता था। जिसको लेकर अक्सर वह यूपी सहारनपुर आता-जाता था। इस समय भी वह इन रिवाल्वरों को सर्विस करवाने के लिए यूपी सहारनपुर ले जा रहा था कि पुलिस की नाकेबंदी के दौरान गिरफ्त में आ गया। पुलिस ने इस मामले में उक्त व्यक्ति के विरूद्ध आर्म एक्ट के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।

जिला पुलिस कसेगी काली फिल्म लगे वाहनों पर शिकंजा
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
आजकल जिलाभर में काली फिल्म लगाकर अवैध रूप से चलने वाले वाहनों पर जिला पुलिस शिंकजा कसने जा रही है। जिला पुलिस अधीक्षक ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा वाहनों पर काली फिल्म लगाकर चलने पर रोक लगाई हुई है तथा सभी प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश दिए हुए हैं कि वे काली फिल्म लगे वाहनों पर शिकंजा कसें। उसके बावजूद भी अवैध रूप से कुछ वाहन चालक सरेआम काली फिल्म लगाकर शहर की मुख्य सडक़ों पर घुमते रहते हैं। यह नहीं कि पुलिस इस बारे कुछ नहीं जानती। पुलिस सब कुछ जानते हुए भी अंजान बनी हुई है। हालांकि पुलिस अधीक्षक के अनुसार उन्होंने कुछ दिन सर्च अभियान चलाकर काफी तादाद में काली फिल्म लगे वाहनों के चालान काटकर जुर्माना किया है। इसके बावजूद भी कुछ वाहन चालक धड़ल्ले से अपने वाहनों पर काली फिल्म चढ़ाकर बेरोकटोक घूमते रहते हैं। कुछ वाहनों में तो युवा-युवती मौज-मस्ती करते नजर आते हैं। इन वाहन चालकों से निपटने के लिए जिला पुलिस ने सर्च अभियान चलाया है। इसी सर्च अभियान के चलते इन वाहन चालकों पर पूरी तरह से शिकंजा कसा जाएगा।






जनता कांगे्रस सरकार से तंग आ चुकी है : बड़शामी
सैंकड़ों लोग अन्य पार्टियां छोडक़र इनेलो में शामिल
लाडवा/बलबीर
हलके की जनता कांग्रेस सरकार से तंग आ चुकी है। यहीं कारण है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद भी लोग अन्य दलों को छोडक़र इनैलो में शामिल होकर इनैलो के संगठन को मजबूत कर रहे है। ये शब्द हलके के इनैलो विधायक शेर ङ्क्षसह बड़शामी ने गांव जैनपुर, जोगी माजरा, कालीरोणों आदि गांवों का दौरा कर गांववासियों को संबोधित करते हुए कहे। गांव जैनपुर में गांव के ब्राह्मण समुदाय के जय पाल शर्मा, श्रीचंद, मेहर चंद, राम निवास, चंद्र भान, दीप चंद, केहर चंद, देवी चंद, अशोक कुमार, सोहन लाल, रविंद्र, मनीष, अनुज, सुनील, राजीव, रिंकू, नरेंद्र, अमर कुमार सहित गांव जोगीमाजरा में सतपाल कश्यप, राम ङ्क्षसह कश्यप, मोहन लाल वाल्मीकि, प्रवीण शर्मा सहित कालीरोणों गांव में भी दर्जनों गांववासियों ने विधायक शेर ङ्क्षसह बड़शामी के नेतृत्व में पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। विधायक ने सभी गांववासियों को फूल मालाओं से स्वागत किया और पार्टी में पूरा सम्मान देने की बात कहीं। विधायक ने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार से हर वर्ग तंग आ चुका है। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फैल हो चुकी है। बिजली किल्लत, गैस किल्लत, खाद किल्लत, कालाबाजारी, भ्रष्टाचार, लूट-पाट में प्रदेश नंबर वन बन गया है। उन्होंने कहा कि इनैलो पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो सभी समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलती है और सभी को बराबर का सम्मान देती है। इस अवसर पर जगदीप दुगारी, जसविंद्र पंजेटा, धर्मी कड़ामी, रिंकू जोगीमाजरा, बलदेव बन, जगीर ङ्क्षसह मेहरा, महिंद्र खुखनी सहित भारी संख्या में गांववासी उपस्थित थे।  



केंद्र सरकार द्वारा एफडीआई लागू करने का फैसला सराहनीय : गुप्ता
लाडवा/बलबीर
पूर्व विधायक रमेश गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एफडीआई को लागू करने का फैसला सराहनीय है। रमेश गुप्ता लाडवा में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खुदरा बाजार में विदेशी निवेश से किसी छोटे व्यापारी अथवा दुकानदार को कोई नुक्सान नहीं होने वाला। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उनको या तो इस की पूर्णतय: जानकारी नहीं या फिर वह हलका राजनैतिक लाभ प्राप्त करने के लिए ऐसा करते हैं। गुप्ता ने कहा कि सरकार ने विदेशी निवेश के मामले में विदेशी निवेशकों को कोई पूर्ण आजादी नहीं दी है, बल्कि कई मजबूत प्रतिबंध रखे हैं। नियमों के अनुसार सिंगल ब्रांड में कंपनी को देश में अपना प्लांट लगाना होगा, जिससे हमारे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इन कंपनियों को 30 फिसदी खरीददारी हमारे देश में ही करनी होगी, जिससे हमारे किसानों को सीधा लाभ होगा। यह फैसला देश को आर्थिक रूप से मजबूती देने में मील का पत्थर साबित होगा। गुप्ता ने कहा कि इस समय विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। यही कारण है कि जनता के हित के फैसलों पर विपक्ष जनता को गुमराह करने का प्रयास करता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि सरकार के जन हितैषी फैसलों को जनता के बीच सही रूप से प्रस्तुत करें, ताकि विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से जनता गुमराह न हो। इस अवसर पर उनके साथ शहरी प्रधान अश्वनी शर्मा, प्रमोद धवन, अमन गुप्ता, कपिल गर्ग, नसीब ङ्क्षसह लौहारा, हरप्रीत ङ्क्षसह चीमा, भगवंत ङ्क्षसह विर्क, पवन कंसल, राम करण जैनपुर, जरनैल डूडा, डा. कमल शर्मा, रविंद्र गुप्ता, किरण राजन सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।   






पुलिस की लापरवाही के चलते गुंडातत्वों के हौंसले बुलंद
लाडवा/बलबीर
 लाडवा में पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते गुंडातत्वों के हौसले बुलंद हो रहे है। लाडवा में हर रोज किसी न किसी चौक पर गुंडातत्वों द्वारा मारपीट आदि की घटनाओं को अंजाम देते रहते है। गत शुक्रवार भी देर सायं को लाडवा लाल सडक़ अनाज मंडी गेट पर कुछ अज्ञात गुंडातत्वों द्वारा एक युवक से मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल को लाडवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया जहां उसका उपचार चल रहा है। पुलिस को शिकायत में घायल विद्या सागर ने कहा कि जब वह सायं को अपने घर जा रहा था तो रास्ते में कुछ युवकों ने उन पर हमला बोल दिया है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

हनुमान मंदिर में हवन यज्ञ व भंडारा आयोजित
लाडवा/बलबीर
अखंड सिद्ध हनुमान मंदिर की महानता के कारण श्रद्धालुओं की महानता भी निरंतर बढ़ती ही जा रही है। शनिवार को भी श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में विश्वशांति हवन व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे के मुख्य यजमान गांव भूतमाजरा के बलवान ङ्क्षसह व उसका परिवार था। भंडारे से पूर्व मंदिर में संगीतमय सुंदर कांड का पाठ व हनुमान चालीसा का पाठ भी हुआ। मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर विश्वशांति हवन में आहुति डाली व अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए हनुमान जी की पूजा अर्चना की। भंडारे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर में आए श्रद्धालुओं को स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने प्रसाद देकर अपना आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।   





Thursday, September 13, 2012

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भारतीय संस्कृति की रक्षा करने में दें प्रचारक योगदान :आर्य
ड्रामा पार्टी से ही आई प्रदेश में जागृति, हर प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी प्रचारकों को, तय होगी जवाबदेही, जनसम्पर्क विभाग की तीन दिवसीय वर्कशॉप सम्पन्न
13 सितम्बर, पवन सोंटी
हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति के चेयरमैन हरिराम आर्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा करने में भजन मंडली व खंड प्रचार कार्यकत्र्ता अहम भूमिका निभा सकते हैं। इन लोगों को समाज को नई दिशा देने का काम करना है। धर्मशास्त्र और आजादी का इतिहास जन-जन तक पहुंचाने का हरसंभव प्रयास करना होगा। वे आज मल्टी आर्ट कल्चर सैंटर में सूचना, जनसम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की अम्बाला मंडल के भजन पार्टी व खंड प्रचार कार्यकत्र्ताओं की तीन दिवसीय वर्कशॉप के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। स्वतंत्रता सेनानी हरिराम आर्य ने कहा कि भजन मंडली व खंड प्रचार कार्यकत्र्ता सरकार की आंख, कान और जुबान के रूप में देखे जाते हैं। इसलिए इन लोगों को पूरी जिम्मेदारी और सकारात्मक सोच के साथ ही अपने विचारों को आमजन तक पहुंचाना चाहिए। वक्त के गीतों को अपने प्रचार में संजोने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे पहले जागृति लाने का काम ड्रामा पार्टी के सदस्यों ने किया। नए दौर के साथ इन प्रचारकों को अपने गीतों में रोचकता लाने के लिए हास्य रस और सामाजिक बुराइयों को जड़मूल से खत्म करने से सम्बंधित सामग्री का प्रयोग करना चाहिए। प्रचार में ऐसे गीतों का प्रयोग करें, जिससे आमजन जुड़ा रहे और लोग झूमने पर मजबूर हो जाएं। इसके लिए प्रचारकों को अध्ययन करने, शास्त्रों को पढऩे की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि प्रचारक जहां सरकार की नीतियों को आमजन के सामने रखेंगे, वहीं भारतीय संस्कृति की रक्षा करने का काम भी करना होगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा दुनिया की सभी भाषाओं की जननी है, इसलिए शब्दों के उच्चारण में इस भाषा के प्रयोग करने से समाज को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि  युवा पीढ़ी को सामाजिक बुराइयों से दूर रहकर देश की प्रगति में कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के प्रति जागृत करने की निहायत जरूरत है। इस काम को प्रचारक सहजता से कर सकते हैं।
            स्वतंत्रता सेनानी ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिजनों को जो सुविधाएं और पेंशन पॉलिसी का लाभ दिया है,वह देश के किसी भी राज्य में नहीं दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन में वृद्धि करके पूरा मान-सम्मान दे रहे हैं।
            सूचना, जनसम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के उपनिदेशक (क्षेत्र) डॉ. कुलदीप सैनी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी प्रदेश की धरोहर हैं। इसलिए इन महान लोगों से हमें सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भजन मंडली व खंड प्रचार कार्यकत्र्ताओं को केवल मात्र सरकार की नीतियों का प्रचार-प्रसार ही नहीं करना बल्कि देश की संस्कृति को बचाने, समाज को नई दिशा देने, सामाजिक शिक्षा, खान-पान, धर्म, दर्शन शास्त्र आदि पहलुओं को भी आमजन तक पहुंचाने का काम करना है। उन्होंने कहा कि महानिदेशक आनंद मोहन शरण ने इस वर्कशाप की तीनों दिन की विस्तृत रिपोर्ट का विवरण लिया है। उनके आदेशानुसार सभी भजन मंडली व खंड प्रचार कार्यकत्र्ताओं को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके साथ ही इन लोगों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। लापरवाही सहन नहीं की जाएगी, दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई भी होगी।
       
     वर्कशाप में डॉ. सीता राठौर ने भजन मंडली के सदस्यों को शास्त्रीय संगीत, लोकगीत को अपने गीतों और भजनों में समावेश कर  रोचक बनाने के तौर तरीकों को विस्तृत रूप से सबके सामने रखा। विभाग की तरफ से मुख्य अतिथि को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। डीआईपीआरओ देवराज सिरोहीवाल ने तीन दिन की वर्कशाप की गतिविधियों को संक्षप्ति रूप में सबके सामने रखा और आगुंतकों का आभार व्यक्त किया। इस वर्कशाप में अम्बाला मंडल से पहुंचे भजन मंडली व खंड प्रचार कार्यकत्र्ताओं से फीडबैक रिपोर्ट भी देने को कहा है। इस मौके पर मल्टी आर्ट कल्चर सैंटर के उपनिदेशक विश्वदीपक त्रिखा, मांगेराम खत्री, नफे सिंह आदि अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

प्रदेश की आर्थिक हालत दयनीय : संधू
पिहोवा
प्रदेश में बिजली-पानी संकट, बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति, सरकारी भ्रष्टाचार व घपले-घोटाले, प्रदेश की खराब आर्थिक हालत, नौकरियों की नीलामी और विकास व नौकरियों में भेदभाव के मुद्दों को लेकर इनेलो प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व कृषि मंत्री जसविन्द्र सिंह संधू ने कहा कि हर मोर्चे पर विफल हुड्डा सरकार मात्र झूठी घोषणाओं से लोगों को बहका रही है। कांग्रेसी सांसद, विधायक व मंत्री दोनों हाथों से प्रदेश को लूटने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज नौकरियां सरेआम नीलाम हो रही हैं आए दिन बिजली की दरों में बढ़ौतरी की जा रही है। कुरूक्षेत्र की जनता को कम रेट पर बिजली देने के दावे करने वाले सांसद नवीन जिंदल की कोयला घोटाले में पोल खुल चुकी है। अपने आप को कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से लोकप्रिय व जनसेवक कहने वाले सांसद का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है।  देश की प्राकृतिक संपदा की बड़े स्तर पर लूट में सबसे ज्यादा हिस्सा नवीन जिंदल का है जो कि जगजाहिर हो चुक ा है।  सांसद को नैतिकता के आधार पर  अपना पद त्याग कर जांच में सहयोग करना चाहिए।   पूर्व कृषि मंत्री जसविन्द्र सिंह संधू ने कहा कि 2009 से 2012 तक 39 महीनों में यूपीए की सरकार में 50 लाख करोड़ के 75 महाकांड हो चुके है जिनमें ज्यादातर यूपीए सरकार के मंत्री,विघायक व सांसद शामिल है।  देश व प्रदेश की छवि अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने का काम यूपीए सरकार ने किया है।  उन्होंने इनेलो कार्यकर्ताओं से अहवान किया कि वे घर-घर जाकर कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों का पर्दाफ ाश करें।


खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित
लाडवा
लाडवा खेड़ा के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में लाडवा ब्लाक के बपदी, बन, बूढ़ा, बड़ौदा, मंडी लाडवा व खेड़ा स्कूल सहित कुल 6 स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया। खेल-कूद प्रतियोगिता स्कूल की संचालिका अंजू बाला की देख रेख में शुरू हुए। प्रतियोगिता में खो-खो, कबड्डी, लोग जंप, हाई जंप, कुश्ती, 60 मी., 100 मी., 200 मी. व 400 मीटर दौड़ों का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों द्वारा बढ़-चढक़र भाग लिया। इस अवसर पर अशोक कुमार, श्याम ङ्क्षसह, संजय कुमार, महोब्बत ङ्क्षसह, नरेश कुमार, रणजीत ङ्क्षसह, विकास कुमार, शशि माटा सहित भारी संख्या में अध्यापक व बच्चे उपस्थित थे। 

मोटरसाइकिलों का जत्था रवाना
लाडवा
लाडवा से 150 मोटरसाइकिलों का एक जत्था पार्टी के युवा जिलाध्यक्ष गुरदीप ङ्क्षसह निवारसी के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र के लिए रवाना हुआ। यह जत्था कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में पहुंचा जहां से इंडियन बहुजन संदेश पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांता अलडिय़ा के नेतृत्व में प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार, कांग्रेस की गलत नीतियों के खिलाफ चंडीगढ़ में राज्य पाल को ज्ञापन सौपेंगें। जत्था रवाना करने से पूर्व युवाओं को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष गुुरदीप ङ्क्षसह ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही कांग्रेस पार्टी का पतन होने वाला है। प्रदेश की जनता कांग्रेस राज से तंग आ चुकी है और जनता इंडियन बहुजन संदेश पार्टी की नीतियों में आस्था व्यक्त करने लगी है। इस अवसर पर हलका अध्यक्ष हरकेश खैरी, जिला सचिव शीश पाल सैनी, नाथी राम, इकबाल सैनी, करनैल ङ्क्षसह, राजेश, ध्रमेंद्र, कुलदीप, रमेश कुमार, संजीव कुमार सहित भारी संख्या में युवा उपस्थित थे।      




100-100 गज के प्लाटों का विवाद समाप्त
लाडवा
लाडवा खंड के गांव छलौंदी में गौ चरान व 100-100 गज के प्लाटों पर उपजा विवाद बृहस्पतिवार को समाप्त हो गया। बृहस्पतिवार को प्रशासन द्वारा पंचायत की इस सवा आठ एकड़ जमीन पर गरीबों के 100-100 गज के प्लाट की निशान देही दे दी गई है। निशान देही कानूगों राजेंद्र कुमार के नेतृत्व में हुई, जहां पर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी पुलिस बल मौजूदा था। गांव के सरपंच सुरेंद्र ङ्क्षसह के अनुसार गांव में सरकार की योजना के तहत 246 गरीब परिवारों के 100-100 गज के प्लाट काटे गए थे, जिसमें गांव के कुछ लोगों ने इसे गौ चरान की भूमि बताकर निशानदेही करने को रोका गया था। जिला उपायुक्त के आदेशों के चलते इस जमीन पर निशानदेही हुई है और गरीब परिवारों के 100-100 गज के प्लाट काटे गए है।
 उन्होंने बताया कि एक एकड़ में सडक़े व गलियां आदि छोडक़र करीब 33 गरीबों के प्लाट काटे गए है और निशानदेही करवार प्लाटधारकों को प्रशासन के सहयोग से उनका कब्जा दिलवा दिया गया है। इस अवसर पर कानूगो राजेंद्र कुमार शर्मा, पटवारी दर्शन लाल, सरपंच सुरेंद्र ङ्क्षसह छलौंदी, थानाध्यक्ष छोटू राम, ए.एस.आई. अश्वनी शर्मा सहित भारी संख्या में पुलिस बल व गांववासी उपस्थित थे।