Sunday, December 30, 2012

मोहा पाकिस्तान से आये कलाकारों का मन


सांसद नवीन जिन्दल द्वारा बनवाये गये पार्क,संगीतमय फव्वारें और फहराये गये तिरंगे ने मोहा पाकिस्तान से आये कलाकारों का मन
नवीन जिन्दल जैसे सांसद हर जगह मिले तो दुनियां की बदल सकती है तस्वीर: आमिर नवाज
कुरूक्षेत्र/राज कुमार सैनी
 अपने हुनर का प्रदर्शन करने पाकिस्तान से 11 सदस्यीय कलाकारों का दल विभाजन के दंश पर एक नाटक की प्रस्तुति करने के लिये कुरूक्षेत्र आया था। कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में अपनी सफल प्रस्तुति देने के बाद यहां के विकास कार्यो से प्रभावित होकर उन्होंने कुरूक्षेत्र संसदीय क्षेत्र का भ्रमण किया और पाया कि सांसद नवीन जिन्दल यहां के सर्वांगीण विकास के लिये समर्पित होकर कार्य कर रहे है। इसीलिये कलाकारो के दल ने जब जिन्दल हाउस पहुंचकर उनकी कार्यशैली जानने का प्रयास किया तो जिन्दल हाउस पर सभी सदस्यों का भव्य स्वागत किया गया। मान सम्मान के साथ सभी कलाकारों को उनकी इच्छानुसार ब्रहमसरोवर पर लगाये गये सबसे उंचे तिरंगे को दिखाने के लिये ले जाया गया ,उसे देखकर कलाकारो ने सांसद जिन्दल के इस विशेष कार्य की खुले दिल से सराहना की। 
उन्होंने देर शाम तक उनके करवाये गये अन्य विकास कार्य जैसे महिला विकास केंद्र व जिम भी देखे जहां उन्होने पाया कि इस प्रकार के कार्य एक सच्चा नेता ही करवा सकता है। अंधेरा होने पर सभी कलाकार ओपी जिन्दल पार्क भी पहुंचे। वहां पर विशाल एवं भव्य पार्क को देख सांसद जिन्दल की तारीफ किये बिना ना रह सके। संगीतमय फव्वारें की शोभा देखते हुये सभी कलाकार गदगद हो गये । सांसद जिन्दल के इन कार्यो की सराहना करते हुये नाटक मंडली के निर्देशक जो पाकिस्तान में एक स्वतंत्र फिल्म लेखक,अभिनेता व निर्देशक व शिक्षक भी है ने कहा कि काश सांसद नवीन जिन्दल जैसी विचारधारा रखने वाला सांसद दुनियां के हर कोने में हो तो इस दुनियां की तस्वीर बदल सकती है।
 हम सचमुच उनके इन विकास कार्यो से प्रभावित हुये है। उनकी सदैव सेवा समर्पित की इस भावना व विचारधारा का हम अपने देश में भी जिक्र अवश्य करेगे और उम्मीद करेगे कि हमें ही नही बल्कि पूरी दुनियां को इस प्रकार का जननेता मिले ताकि लोगों का सर्वांगीण विकास किया जा सके। इस दल में आई पाकिस्तानी अदाकारा गुलनाज ने सांसद जिन्दल की उस विचारधारा को सर्वश्रेष्ठ बताया जिसमें उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये अनेक प्रकार की योजनाओं का शुभारम्भ किया है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की उनकी योजना अपने आप में बेजोड है। पाकिस्तान से आई इस पूरी टीम ने इस बात का भी अफसोस जाहिर किया कि इस प्रकार की महान हस्ती से हम मिल नही पाये लेकिन अगली बार जब हम हिन्दुस्तान आयेगें तो सबसे पहले उनसे मिलकर उनकी महान विचारधारा के लिये बधाई अवश्य देगे। इस टीम से जुडे छत्तीसगढ के रितेश कुमार सिंघल उर्फ अम्मार ठाकुर ने कहा कि तिरंगे के लिये जो महान कार्य नवीन जिन्दल कर रहे है उससे लोगों में अपने राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता आई है और लोगो में देशप्रेम की भावना के अंकुर फूटे है जो देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिये महत्वपूर्ण कार्य करेगी। इस 11 सदस्यीय टीम में अन्य कलाकारों में आबिद हुसैन,राणा राशिद गुल,इमरान नवाज, हसनैन जावेद,जुल्फकार,अहमद व फैसल  के अलावा कुरूक्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता धनविन्द्र सिंह हन्नी भी थे। 
  

Saturday, December 29, 2012

महिला कांग्रेस आज सौंपेगी मुख्यमंत्री को ज्ञापन


महिलाओं को मिले तुरंत न्याय: महरोत्रा
महिला कांग्रेस आज सौंपेगी मुख्यमंत्री को ज्ञापन
कुरुक्षेत्र, 29 दिसम्बर।
महिला सुरक्षा को लेकर महिला कांग्रेस की 500 महिलाऐं रविवार 30 दिसम्बर को हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ज्ञापन सौंपेगी। कुरुक्षेत्र कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी महिला कांग्रेस की हरियाणा प्रभारी एवं राष्ट्रीय सचिव ओनिका महरोत्रा ने दी। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासित व गैर कांग्रेस शासित सभी प्रदेशों में मुख्यमंत्रियों को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर महिला कांग्रेस द्वारा ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं।
 उन्होंने दिल्ली में एक पैरामैडिकल छात्रा के साथ गैंग रेप व उस छात्रा की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि आज देश में कठोर कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ज्ञापन में मांग की जाऐगी कि महिला सुरक्षा के प्रति सरकारें जिम्मेवारी निभाऐं, फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाऐ जाऐं व महिलाओं को तुरंत न्याय मिले। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह विरोध का रास्ता भी अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्म रक्षा में निपुण होने के साथ सरकार व प्रशासन और समाज का सहयोग भी जरूरी है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि किसी के बारे में अभद्र टिप्णी करना किसी के लिये भी उचित नहीं है चाहे वह नेता हो, महिला हो अथवा पुरुष हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा परिजनों की भी जिम्मेवारी बनती है कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। इस अवसर पर उनके साथ महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव बिमला सरोहा, जिलाध्यक्ष दर्शना नांदल, जींद जिप अध्यक्ष एवं महिला कांगे्रस की प्रदेश उपाध्यक्ष वीना रानी, जिला महासचिव शर्मा, मुन्नी शर्मा, प्रियंका पेहोवा, निशी गुप्ता आदि सहित अनेक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थी।

Friday, December 28, 2012

अब कोई ना रहे बिना रोशनी: नवीन जिन्दल

जिन्दल दे रहे है देश के अन्धता निवारण अभियान में बहुत बडा योगदान लाखों लोगों के जीवन में रोशनी लाने के लिये संस्थान ने बनाया रिकॉर्ड कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी 
ओपी जिन्दल ग्रामीण जन कल्याण संस्थान कुरूक्षेत्र संसदीय क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिये समर्पित होकर कार्य कर रहा है। संस्थान वैसे तो जीवन के प्रत्येक पहलू से जुडे विषयों को लेकर लोगों की सेवा में हाजिर है लेकिन लोगों को नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा देने के लिये वर्ष 2005 से लगातार आई कैंपों द्वारा जनता के बीच सेवायें प्रदान कर रहा है। संसदीय क्षेत्र का कोई गांव शायद ही बचा हो जहां आई कैंप ना लगा हों । अधिकतर गांवों व कस्बों में तो संस्थान द्वारा कई बार आई कैंप लगवाये जा चुके है।

संस्थान द्वारा इन आई कैंपों में लोगों की जांच कर उन्हे उचित दवाई मौके पर ही दी जाती है। जांच के बाद पाये जाने वाले मोतियांबिन्द के ऑप्रेशन भी संस्थान द्वारा ही करवाये जाते है। यदि किसी भी मरीज को मात्र चश्में से ही लाभ मिल सकता है तो वह चश्मा भी संस्थान द्वारा ही दिया जाता है। इसके लिये सबसे प्रशंसनीय बात यह है कि लोगों को इस पूरी प्रक्रिया के लिये बिल्कुल ही नि:शुल्क सेवायें दी जाती है। लोगों को तो मात्र आई कैंप लगने वाले स्थान पर पहुंचना होता है,बाकि कार्य ओपी जिन्दल ग्रामीण जन कल्याण संस्थान द्वारा ही किये जाते है। आज आलम यह है कि संस्थान ने कुरूक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में लगभग 1110 आई कैंप आयोजित कर 3,93,761 से अधिक लोगों को लाभांवित किया है। इनमें से 44,000 बच्चों,स्त्रियों व पुरूषों का मोतियांबिन्द का ऑप्रेशन किया जा चुका है। जबकि 1,66,643 लोगो को चश्में प्रदान कर उनके जीवन में रोशनी लाई जा चुकी है।
यहां पर एक बात उल्लेखनीय है कि इस प्रकार के कैंपों का आयोजन कर संस्थान राष्ट्रीय अन्धता निवारण अभियान में अपनी एक अहम् भूमिका अदा कर रहा है। आज लाखों लोगों की आंखों में संस्थान की यह आहुति नेत्रज्योति के रूप में नजर आ रही है। सांसद नवीन जिन्दल का मानना है कि बाऊजी की प्रेरणा से ही इस प्रकार के आई कैंप लगाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हमारा पूर्ण प्रयास है कि लोगों की आंखों में हमेशा उजाला बना रहे । कोई भी आंख बिना रोशनी नही रहनी चाहिये। हम लोगों को ये संदेश देना चाहते है कि आंखों के बिना इस दुनिया में सूनापन है ,इसलिये हमें आंखों में छोटी सी तकलीफ होते ही जांच करवाकर उचित ईलाज को प्राथमिकता देनी होगी। संस्थान के अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इन आई कैंपों में लोगों को नि:शुल्क इलाज के इलावा इस बात के लिये भी जागरूक किया जाता है कि हमें अपनी आंखों की उचित देखभाल किस प्रकार रखनी चाहिये। उन्होंने कहा कि सांसद जिन्दल का मानना है कि पूरे संसदीय क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति ऐसा नही रहना चाहिये जिसे आंखों के मामले में संस्थान द्वारा दी जा रही नि:शुल्क सुविधा का लाभ ना मिला हो। हम लोगों से केवल यही उम्मीद करते है कि यदि आपके आस पास इस प्रकार के आई कैंप को आयोजित करने की जरूरत है तो हमें केवल सूचना अवश्य दे ताकि आगे की कार्यावाही कर जल्द से जल्द लोगो तक यह सुविधा पहुंचाई जा सके ।

Sunday, December 23, 2012

KKR Youth Protest against Delhi Rape at KKR Birla Mandir near Maharana Partap Chowk on 23rd Dec ..see full news



दिल्ली रेप केस पर युवाओं ने किया मूक प्रदर्शन

कुरुक्षेत्र, 23 दिसम्बर
दिल्ली में चलती बस में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार को लेकर धर्मनगरी में युवाओं ने मूक प्रदर्शन किया। दर्जनों युवक स्थानीय महाराणा प्रताप चौक पर सुबह 9 बजे से देर सांय तक हाथों में पोस्टर लिए मौन खड़े रहे। चौक पर मूर्ति के चारों ओर खड़े ये युवा उक्त घटनाक्रम को लेकर रोष प्रकट करने वाले नारे लिखे हुए चार्ट लिए खड़े मूक रूप से लोगों को अपने साथ जुडऩे का आह्वान कर रहे थे।
इनमें से कुछ युवा स्लोगन लिखने में व्यस्त थे तो कुछ थके हुए युवाओं की अदला-बदली करने में। यही नहीं इन लोगों द्वारा आने जाने वाले वाहनों के पीछे भी पोस्टर लगाकर जनता को अपनी मुहिम से जुडऩे का आह्वान किया गया। मजेदार बात यह रही कि ये लोग न तो किसी एक कालेज अथवा स्कूल के थे और न ही किसी संगठन से जुड़े। बस कुछ लोगों द्वारा फेसबुक पर संदेश पे्रषित करने के बाद ये यहां इक्टठे हुए और सारा दिन डटे रहे। यहां मौजूद स्वाति गुप्ता के अनुसार इस प्रकार के जघन्य घटनाक्रम हरेक को झकझोर कर रख देते हैं। इनकी मांग है कि सरकार आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अति शीघ्र करे और भविष्य में ऐसी घटना न हो ये बंदोबस्त भी सरकार द्वारा किए जाएं। भावना चंद्रा के अनुसार अब युवाओं के सब्र का बांध टूट चुका है।
 महिलाओं के साथ ऐसी घिनौनी हरकतें और बर्दाश्त नहीं होगी। निशी गौड का कहना था कि जिस प्रकार पहले नई पीढ़ी की आवाज को दबाया जाता रहा है, अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। उधर कुवि के कुछ युवाओं ने फाईन आर्टस के एक शिक्षक के प्रति भी आवाज उठाई कि उसके खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। आरोप है कि पिछले चार माह से इस शिक्षक के खिलाफ यौन उत्पीडऩ की शिकायत कुवि प्रशासन को की गई है।
    इन युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस इसलिए मुस्तैद नजर आई कि शाम को मुख्यमंत्री का कार्यक्रम भी ब्रह्मसरोवर पर गीता जयंती के दौरान दीप दान का था। हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। न तो युवाओं ने रास्ता रोका और न ही कोई नारेबाजी की। सांय करीब सवा चार बजे सांसद नवीन जिंदल इन युवाओं के पास पहुंचे और उनके बीच जाकर उनकी मांगों को सुना। उन्होंने युवाओं से कहा कि वह अपना मांग पत्र लिखित में उनके आवास पर पहुंचा दें।
इसके पश्चात युवा मोमबत्तियों को जलाकर वहां  से विश्रजित हुए और सांसद आवास पर जाकर अपना मांग पत्र उनको सौंपा। मूक प्रदर्शन के दौरान स्वाति गुप्ता के साथ भावना चंद्रा, पवन सौन्टी, पंकज शर्मा, यज्ञदत्त, विकास कोहली, शुभांगी, शिवांशु, गुरधीरज आदि समेत दर्जनों युवा मौजूद रहे।






Thursday, December 20, 2012

गीता जयंती का दूसरा दिन:------विभिन्न लोक संस्कृतियों की मिलन..............




विभिन्न लोक संस्कृतियों की मिलन स्थली बना पुरुषोत्तमपुरा बाग का मुख्य मंच
कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह में लोक कलाकारों ने उदभुत छठा बिखेरी
कुरूक्षेत्र, 20 दिसम्बर (पवन सोंटी)
 कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह में पुरुषोत्तमपुरा बाग स्थित मुख्य मंच पर देश के विभिन्न सूबों की मनमोहक लोक संस्कृति से दर्शक रूबरू हुए। उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के सौजन्य से अलग-अलग राज्यों से आमंत्रित कलाकारों ने अपने गीत, संगीत और नृत्य की अदभुत प्रस्तुतियों से सभी को अपने मोहपाश में बांधे रखा।

                        उपायुक्त श्री मंदीप सिंह बराड़ द्वारा दीप प्रज्वलन करने के साथ इन अनूठी कला प्रस्तुतियों का सिलसिला प्रारंभ हुआ और देश के अलग-अलग  हिस्सों से आए कलाकारें ने अपने कार्यक्रमों के माध्यम से इसे मकाम तक पंहुचाया। यह सिलसिला हिमाचल की मनमोहक सिरमोर नाटी-नृत्य से शुरू हुआ तो मध्य प्रदेश के शिव पार्वती नृत्य घनघोर के बारस्ता जम्मु कश्मीर के रूफ, मध्य प्रदेश की प्रभू की अराधना का दृश्य प्रस्तुत करते बदई, बिहार का जिजिया नृत्य से अपनी छाप छोड़ता हुआ आगे बढ़ा। इस दौरान राजस्थान के चकरी नृत्य ने दर्शकदीर्घा में बैठे दर्शकों की उस वक्त खूब तालियां बटोरीं, जब राजस्थान के कलाकारों ने एक साथ सैंकड़ों चकर घूम-घूमकर अदभुत नृत्य की आभा प्रस्तुत की।
                        असम का शांत और मनमोहक बिहू नृत्य तथा उत्तर प्रदेश का मयूर नृत्य देखने लायक था, जिसमें यूपी के कलाकारों ने राधा के बरसाने में श्याम संग रास रचाने के आकर्षक दृश्यों से खूब बांधा। उनकी प्रस्तुति बरसाने की मोरकुटि में मोर बन आयो रसिया ने स्कूली बच्चों और आमंत्रित अतिथियों को झूमने पर मजबूर किया। यह कारवां यहीं नहीं रूका और गुजरात के मेवाशी नृत्य तथा मार्शल आर्ट की एक मिसाल प्रस्तुत करता हुआ मणीपुर के घांघटा नृत्य से यह साबित हुआ कि देश के सरहदी कोनों से आए कलाकार कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह के सभी कार्यक्रमों में अपनी धूम मचाकर जाएंगी। हर वर्ष की तरह पुरुषोत्तमपुरा बाग के इस भव्य मंच पर पश्चिम बंगाल का पुरलिया छाहू वास्तव में पूरी प्रस्तुति के दौरान छाया रहा और महाभारतकालीन अभिमन्यू वध के मार्मिक प्रसंग को मुखौटों से ढके कलाकारों ने वास्तव में जीवंत कर दिया।
                        अंतिम प्रस्तुति पंजाब की रही, जहां से यहां के लोक नृत्य भांगड़ा ने सभी को ढोल की थाप पर थिरकने पर मजबूर किया और भंगड़े के साथ नृत्य करते-करते न केवल कलाकार रूखसत हुए, बल्कि दर्शक ों ने भी चेहरों पर आई मुस्कान के साथ पुरुषोत्तमपुरा बाग का यह भव्य पंडाल छोड़ा। कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह अपने शुरूआती मुकाम में इस कार्यक्रम की बदौलत एक छाप छोडऩे में सफल रहा और कलाकारों की लोक नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से इन सभी दर्शकों को आने वाले कार्यक्रमों में इससे भी अधिक धमाल की उम्मीद बंधी। इधर सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मुतासिर सैलानियों ने क्राफ्ट मेले में भी खूब खरीददारी की और सूचना, जन सम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय प्रदर्शनी के माध्यम से हरियाणा प्रदेश में हो रही तरक्की के भी खुले दर्शन किए। इस अवसर पर एसडीएम अशोक बांसल, केडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र पाल मलिक आदि उपस्थित थे।


कन्याओं ने बेटी बचाओ-सृष्टि बचाओ की आवाज को किया बुलंद
स्कूलों,  शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर निकाली ऐतिहासिक कन्या बचाओ रैली, डीसी ने हरी झंडी देकर किया रैली को रवाना
कुरूक्षेत्र, 20 दिसम्बर (पवन सोंटी)
 बेटी बचाओ-सृष्टि बचाओ’, ‘बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगेशब्दों के जरिए कन्याओं ने शहर की गली-गली में जाकर खुद को बचाने की मार्मिक अपील की। इस अपील को करने के लिए प्रदेश भर से सैंकड़ों छात्राएं कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह में उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ के विशेष आहवान पर धर्मनगरी में पंहुची। जिला प्रशासन ने गीता जयंती उत्सव में कन्या भू्रण हत्या को रोकने का थीम चयन किया। इसी उद्द्ेश्य को लेकर बृहस्पतिवार को मेन बाजार में स्थित आर्य स्कूल के प्रांगण में कन्या गुरूकुल खरल नरवाना, शहर व आस-पास क्षेत्र के सभी स्कूलों की छात्राएं व छात्र तथा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी एकत्रित हुए।
 उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने छात्र-छात्राओं को अपना संदेश देते हुए कहा कि आज समाज के सामने बेटी को बचाना एक चुनौती बन गया है। लोग बिना सोचे-समझे कोख में ही बेटी की हत्या करके सबसे बड़ा पाप कर रहे हैं। समाज के लोगों को इस सामाजिक बुराई के प्रति एक संकल्प लेने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है। इसलिए इस उत्सव में बेटी को बचाने का जिला प्रशासन ने एक संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए ही शहर के हर व्यक्ति को शामिल करने के लिए कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई के प्रति जागरूक करने के लिए उत्सव के दौरान एक रैली निकालने का निर्णय लिया गया था। जयराम विद्यापीठ संस्थाओं के संचालक ब्रहमस्वरूप ब्रहमचारी ने भी बेटी को बचाने का आहवान करते हुए कहा कि जयराम विद्यापीठ संस्था ने भी बेटी को बचाने का संकल्प लिया है। शहर के चारों तरफ संस्था की तरफ से बेटी को बचाने की अपील करने वाले साईन बोर्ड भी लगवाए गए हैं। इसके पश्चात उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने बेटी बचाओ रैली को हरी झंडी देकर रवाना किया। यह रैली मेन बाजार से शुरू होकर शहर की गलियों और महाराणा प्रताप चौक से होती हुई ब्रहमसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में आकर सम्पन्न हुई। रैली में शामिल छात्राओं ने बेटी बचाओ की मार्मिक अपील कर शहर के आम जन को अपने साथ जोडऩे का प्रयास किया। इस मौके पर एसडीएम अशोक बांसल, केडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र पाल मलिक, डीआईपीआरओ देवराज सिरोहीवाल, सीएमओ डा. वंदना भाटिया, डीईओ सुषमा आर्य सहित तमाम अधिकारी, शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे।


मुस्लिम कलाकार भी दे रहे धार्मिक एकता का सन्देश
कुरूक्षेत्र, 20 दिसम्बर (पवन सोंटी)
गीता जयंती समारोह में ब्रहमसरोवर के उत्तरी तट पर मुस्लिम सम्प्रदाय से ताल्लूक रखने वाले और शिव भोले बाबा का वेश धारण किए हुए करीब 30 वर्षीय फरीद खान यही संदेश देते नजर आए कि धर्म सभी को समान नजरों से देखता है सभी लोगों की भावनाओं को समान अवसर प्रदान करता है। धर्म सही मायने में हर जाति, हर सम्प्रदाय से ऊपर उठकर समाज को जोडऩे का काम करता है और धर्म की परिभाषा भी यही है।
            उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला की तरफ से गीता जयंती समारोह कुरुक्षेत्र में भाग लेने आए राजस्थान निवासी फरीद खान ने बताया कि हमारे लिए काम ही हमारी पूजा और इबादत है। बहरूपिया की यह कला नाट्य कला का ही एक भाग है। इसमें एक ही चेहरे पर अनेक चेहरे बार-बार बनाकर लोगों का मंनोरजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि हमें उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला की तरफ से यहां आने का निमंत्रण मिला है, इससे पहले भी हम कई बार यहां आ चुके हैं।
            फरीद खान ने बताया कि हमारे परिवार की पिछली 6 पीढिय़ां बहरूपिया की कला करती आ रही है और यही हमारी रोजी-रोटी का साधन भी है। हमारी 7वीं पीढ़ी भी इस परम्परा को बरकरार रखते हुए इस कार्य को आगे बढ़ा रही है।
            फरीद खान के साथ मेले में आए उनके भाई नौशाद भी चन्द्रकांता नामक कहानी के पात्र क्रूर सिंह का किरदार निभा कर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। क्रूर सिंह का प्रचलित संवाद यक्कू-यक्कू लोगों को इस कदर भा रहा है कि लोग भी उनके सामने वही संवाद बोलने से गुरेज तक नहीं करते। नौशाद ने बताया कि उन्होंने 10 साल की उम्र में अपनी पहली प्रस्तुति जवाहर कला केन्द्र जयपुर में दी थी और इसके साथ-साथ वे उदयपुर जोन के शिल्प ग्राम मेले में भी अपनी प्रस्तुति कई बार दे चुके हैं।
            उन्होंने बताया कि बहरूपिया की यह कला बहुत ही पुरानी है और राजा मानसिंह के शासन काल में यह कला बहुत ही प्रचलित थी। इस कला का प्रयोग जासूसी के लिए भी किया जाता था। नौशाद ने बताया कि आज आधुनिकता के दौर में यह कला डूबती जा रही है लेकिन उनका सत्त प्रयास है कि यह कला आगे चलती रहे। उन्होंने सरकार से भी मांग की कि इस कला को आगे लाने के लिए प्रयास किए जाएं।
            उन्होंने कहा कि बड़ा कठिन है कि जब एक पुरूष, अपने विपरित-स्त्री का किरदार निभाकर लोगों को मंनोरजन करता है। इसके पीछे बहुत कठिन तपस्या करनी पड़ती है। फरीद और नौशाद खान ने गीता जंयती के अवसर पर सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से लोगों को विभिन्न संस्कृतियों के बारे में पता चलता है। ऐसे आयोजन बार-बार किए जाने चाहिए ताकि कलाकारों को हौसला बढ़ सके और उन्हें अपनी कला के प्रदर्शन के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का मंच मिल सके।
           

श्रीमदभगवद गीता की प्रासंगिकता विषय पर दिया व्याखान
कुरूक्षेत्र, 20 दिसम्बर (पवन सोंटी)
श्रीमदभागवद गीता के परिपेक्ष में जीवन में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जनून रूपी जोत को जहन में अंगीकृत करने की जरूरत है, इसे कार्यरूप में परिणित करने के लिए वाणी और व्यवहार में समरसता होनी चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्य की प्राप्ति आसान हो जाती है। जो व्यवहारिक जीवन में सही दिशा व दशा देने में कारगर साबित होती है। यह अभिव्यक्ति जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के एडवांस स्टडी सैंटर के चेयरमैन प्रो. सी.उपेन्द्र रॉव ने कुरूक्षेत्र विश्व विद्यालय के सीनेट हाल में कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह के अंतर्गत संस्कृत एवं प्राच्यविद्या संस्थान कुरूक्षेत्र की ओर से आधुनिक समाज में श्रीमदभगवद गीता की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आए शोधार्थियों और विद्वानों को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए व्यक्त की।
            गीता ज्ञान विषय को मद्देनजर रखते हुए अपनी अभिव्यंजना में उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में मानव का पूरी तरह से सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर परिष्कृत एवं परिशोधित होना बहुत जरूरी है। हम पे्रम पाने में पराधीन हो सकते है, लेकिन आदर और प्यार देने में कतई पराधीन नहीं है। इस संदर्भ में हम पूरी तरह स्वाधीन है। गीता ग्रंथ में समाहित श£ोकों को अमल में लाए जाने से सभ्य समाज की रचना की भावना को बल मिलता है और आज समाज को इसकी जरूरत भी है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज का हर व्यक्ति समाज सुधार की बात तो करता है, लेकिन अपना सुधार करने की सोच बहुत कम रखता है और यदि रखता है तो उसको अमलीजामा नहीं पहनाता है। यह व्यवस्था की बहुत कमजोर कड़ी है, इसको ठीक करने के लिए हमें स्वयं का सुधार करने की न केवल जरूरत है, बल्कि इसे पूरी तरह कार्यरूप देने की भी आवश्यकता है।
            समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे दरभंगा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बी.एस. कुमार ने कहा कि गीता कर्मकाण्डीय व्यवस्था से मुक्त आख्यान है। योगीराज भगवान कृष्ण वैदिक कर्मकाण्ड से विमुक्त रहने के लिए अर्जुन को निर्देश देते हैं। कर्मकाण्डीय व्यवस्था के प्रति अतिशय प्रतिबद्धता ही विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच संषर्घ की स्थिति ला देता है। विश्व इतिहास के पन्ने एतत संबंधी रक्तपात से रंगे है। कर्मकाण्ड किसी धर्म-समुदाय की अस्मिता के लिए अपेक्षित है, पर उसे ही सर्वात्मना महत्व देना मानव धर्म पर आघात करना है। उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान की गहराई में जाकर उसका मनन और अध्ययन करना समाज सुधार की कड़ी में महत्वपूर्ण कदम है।
            संगोष्ठी में लाल बहादुर विश्व विद्यालय दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. श्रीधर वशिष्ट ने मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए कहा कि गीता की सार्थकता का संदेश आम आदमी तक पहुंचाने के लिए साहित्य के प्रचार और प्रसार की जरूरत है और यह कार्य तभी संभव हो पाएगा, जब समाज का हर व्यक्ति इसका निर्वाह जिम्मेदारी के साथ करे। उन्होंने कहा कि विवेकहीन व्यक्ति बिना समझ के समाज का तानाबाना बिगाड़ देता है, जबकि विवेकशील व्यक्ति समाज की व्यवस्था में हुए अज्ञान के सुराखों को ज्ञान के माध्यम से भरने का काम करता है।
            इस संगोष्ठी में एमडीयू की डीन प्रो.आशा ने कर्मयोग सिद्धांत का सामाजिक पक्ष, गुरूकुल कांगड़ी वेद विभाग के प्रो. मनुदेव बंधु ने समस्याओं के समाधान में गीता की उपयोगिता, अजमेर के डा. जितेन्द्र ने समाज के उन्नयन में गीता की प्रासंगिकता, हरिद्वार के डा. दीनदयाल ने देवी संपदा, रोहतक की डा. सुनीता ने जागरूकता, होशियारपुर के प्रो. कृष्ण मुरारी ने आधुनिक परिवेश में ज्ञान व्यवस्था, डा. रणवीर सिंह तथा डा. भीम सिंह ने गीता में शोध व्यवस्था इत्यादि विषयों पर अपने-अपने विचार रखे। कार्यक्रम में डा. विभा अग्रवाल, डा. रामचन्द्र और प्रो. कृष्ण शर्मा ने मंच का संचालन किया।



क्राफ्ट मेले में टैरा कोटा डैकोरेशन पीस बनें लोगों के आकर्षण का केन्द्र

कुरूक्षेत्र, 20 दिसम्बर (पवन सोंटी)
कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह के अवसर पर ब्रहम सरोवर के तट पर लगे विशाल क्राफ्ट मेले में टैरा कोटा डैकोरेशन पीस लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनें हुए है। दूर दराज से आए दर्शक घरों की सजावट के लिए इन अद्भूत किस्म की कला कृ़तियों की खूब खरीदारी कर रहे हैं। इन कला कृतियों की विशेषता यह है कि ये लाल, पीली व काली मिट्टी के मिश्रण से तैयार किए गए हैं। इन पर ऑयल पेंट किया गया है तथा इनको आसानी से धोया जा सकता है। धोने के बाद इन का रंग फीका नहीं पड़ता बल्कि इनकी सजावट में कोई फर्क नहीं पड़ता। 

            हस्त शिल्प कला के क्षेत्र में वर्ष 2006 के दौरान राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित गीता जयंती समारोह में दिल्ली से आए लच्छीराम का कहना है कि हस्त शिल्प कला उनका पुस्तैनी व्यवसाय है और उन्होंने अपनी यह कला पैतृकों से सीखी है और इसी हस्त कला को वे अभी तक संजोय हुए हैं। आरम्भ में उनके पूर्वज व स्वयं भी मिट्टी के घड़े, दीये, सुरैर्य तथा गमले इत्यादि वस्तुएं तैयार किया करते थे लेकिन बदलते समय के अनुसार एवं मांग को ध्यान में रखते हुए सजावटी सामान को अधिमान दिया है ताकि लोगों की घरों की सजावट के साथ-साथ घरेलू जरूरतें भी पूरी हो सकें। उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से वे 10 से 15 हजार रूपये प्रतिमाह बचा लेते हैं जिससे उनके परिवार का निर्वाह हो रहा है।
            इन सजावटी कला कृतियों में पानी के फव्वारों के संग भगवान शिव, राधा कृष्ण, महिला के सिर पर मटका, कछवा, मेंढक आदि शामिल हैं। इसके अलावा लोगों की धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए अन्य कला कृतियों में भगवान बुद्ध, भगवान गणेश, राधा कृष्ण झूले आदि शामिल हैं। हस्त शिल्प कलाकार लछीराम ने बताया कि ये कला कृतियां जोकि बड़े मालों एवं शोरूम में मंहगे दामों पर उपलब्ध हैं, यही कला कृतियां हमारे यहां आधे दामों में उपलब्ध हैं।
            कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह में इन कला कृतियों को देखने व खरीदने वालों की भीड़ उमडी हुई है तथा दर्शक एवं श्रद्धालु इन धार्मिक कला कृतियों से सुकून प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे देश भर में जहां कहीं भी राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय ऐसे आयोजनों का प्रबन्ध किया जाता है तो वे वहां जाकर अपनी इन कला कृतियों की प्रदर्शनी आयोजित करते हैं। वे अब तक मुम्बई, गोवा, अहमदबाद, बैगलोर, दिल्ली हट, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, पटियाला, लुधियाना, चण्डीगढ़ तथा कुरूक्षेत्र जैसे प्रसिद्ध स्थानों पर लगे विशाल मेलों में भागीदारी कर चुके हैं। इसके अलावा उन्हें दुबई, जर्मन व ओमान विदेशों में भी जाने का मौका मिला है। कुरूक्षेत्र में आयोजित गीता जयंती समारोह में तीसरी बार आए हैं। उम्मीद है कि इस बार भी वे आशा अनुरूप ही हस्त शिल्प वस्तुओं की बिक्री से अच्छी आय अर्जित करके जाएंगे।
            लच्छीराम के अनुसार भारत सरकार की ओर से भी हस्त शिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए युवाओं के लिए प्रशिक्षण व्यवस्था की जाती है। इन प्रशिक्षण शिविरों में वे कई बार प्रशिक्षक के तौर पर प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षक दे चुके हैं। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सरकार की ओर से 2 हजार रूपये का मानदेय भी मिलता रहा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि आज के इस प्रतिस्पर्धा युग में कोई भी काम छोटा नहीं है तथा जीवन यापन करने के लिए अपनी रूचि अनुसार किसी भी काम पर ध्यान केन्द्रीत करके अपनी मंजिल को प्राप्त करें तभी एक सफल जीवन व्यवतीत कर सकते हैं।

सामूहिक विवाह समारोह जयराम विद्यापीठ ने पार किया एक हजार से अधिक शादियों का आंकड़ा
गीता जयंती पर विद्यापीठ में करवाई गई 53 गरीब कन्याओं की शादियां
कुरूक्षेत्र, 20 दिसम्बर (पवन सोंटी)
जयराम विद्यापीठ पर गीता जयंती के उपलक्ष्य में पिछले करीब दो दशकों से करवाए जाने वाले सामूहिक विवाह समारोह की श्रृंखला में आज 53 गरीब कन्याओं का कन्यादान देशभर में फैली जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी द्वारा जिला के पुलिस कप्तान राकेश आर्य तथा देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री आई.डी. स्वामी मौजूदगी में किया गया। श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में हर वर्ष पिछले दो दशकों से जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष तथा उत्तरांचल संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सांनिध्य में दिल्ली के सारादेवी चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा करवाया जाता है। इस वर्ष भी सारादेवी चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन राम लाल गोयल तथा उनके परिवार के सदस्यों ने विधि पूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ विद्वान ब्राह्मणों और कर्मकांडी पंडितों द्वारा 53 गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्पन्न करवाया गया।

इस अवसर पर विभिन्न जातियों से सम्बंध रखने वाले युवाओं का विवाह उनके धर्मानुसार करवाया गया। इस सामूहिक विवाह समारोह में एक मुस्लिम जोड़े गांव लुखी की शहनाज और गांव खरींडवा के इमरान का विवाह मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार बाकायदा मौलवी द्वारा निकाह पढक़र करवाया गया।
इस मौके पर जिला के पुलिस कप्तान राकेश आर्य ने बाकायदा गरीब कन्याओं के विवाह समारोह की सराहना करते हुए कहा कि समाज में जिस प्रकार हमें दहेज प्रथा को समाप्त करना और काफी हद तक बिना दहेज के युवाओं को शादियां करने के लिए प्रेरित किया है व सफलता प्राप्त की है, उसी प्रकार हमें आज कन्या भ्रूण हत्या रोकने का भी प्रयास करना चाहिए। उन्होंने श्री जयराम संस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था पिछले काफी समय से समाज सेवा के कार्यों में लगी हुई है और इस संस्था ने इन गरीब कन्याओं के विवाह की एक लंबी श्रृंखला स्थापित कर समाज के लिए उदाहरण ही नहीं स्थापित किया, बल्कि सभी धर्मों को एक ही स्थान पर जोडऩे का कार्य किया है।
जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने गरीब कन्याओं के विवाह के उपरांत नवदम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह गरीब कन्याएं आज से उनकी बेटियां हैं और वह उनके हर सुख दुख के साथी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने गुरु परमपूजनीय देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी जी की प्रेरणा से इस यज्ञ को हर वर्ष सम्पन्न करवा रहे हैं और उनका लक्ष्य प्रति वर्ष 100 गरीब कन्याओं के विवाह को सम्पन्न करवाने का है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह उनका लक्ष्य शीघ्र ही पूर्ण होगा। नवदम्पतियों को कहा कि वह सुख दुख में एक दूसरे के साथी ही न बनें, बल्कि समाज के लिए भी कार्य करें। इसी मौके पर कन्या भ्रूण हत्या रोकने में जुटी जींद की रितू सुशीला जागलान को उसके अभियान के लिए डा. शांति स्वरूप अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि रितू जागलान और उसके सरपंच भाई सुनील जागलान ने मिलकर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश की 112 खाप पंचायतों को बीबीपुर में इक्कठा कर कन्या भ्रूण हत्या रोकने की अलख जगाई थी और इसके लिए बाकायदा हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा की थी। समारोह के उपरांत जहां मुख्यातिथि पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य को स्मृति चिन्ह दिया गया, वहीं गरीब कन्याओं को दैनिक जीवन के लिए वस्तुएं भी दी गई, जिनमें रंगीन टीवी, टरंक, घड़ी, सिलाई मशीन, बर्तन, डबल बैड, गद्दे, सूट, साड़ी, शॉल, जेवर, नकदी, कुर्सियां, कम्बल इत्यादि भी दिए गए।

यज्ञ वही है, जो समाज कल्याण के लिए किया जाए : संजीव कृष्ण ठाकुर
कुरूक्षेत्र, 20 दिसम्बर (पवन सोंटी)
भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमुख से उत्पन्न हुई पावन श्री गीता के जन्मोत्सव के अवसर पर पवित्र ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में चल रही श्रीमद्भागवत पुराण की कथा के तीसरे दिन देश के विख्यात कथावाचक संजीव कृष्ण ठाकुर ने व्यास पीठ से कहा कि कोई व्यक्ति अच्छी जगह पर बैठने से कोई व्यक्ति अच्छा नहीं हो जाता मनुष्य की पहचान उसके चरित्र से होती है।
उन्होंने कहा कि भागवत स्मरण करने और उसमें प्रवेश करने से प्राप्त होती है। समाज में कोई व्यक्ति अपने शरीर से नहीं जीतता, बल्कि उसके आचरण, जीवन शैली, और कर्मों से पहचान होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के सामने की गई प्रशंसा, केवल प्रशंसा है और जीवन है, जबकि उसकी पीठ पीछे कहा गया व्यक्ति का चरित्र है। सत्य सुनने से केवल सत्य नहीं होता, बल्कि सत्य को जीवन में अपनाने से ही सत्य जीवन की प्राप्ति होती है।
संजीव कृष्ण ठाकुर ने कथा में कहा कि हमारे जीवन की संगति और सद्भाव  ही हमें मानव बनाता है। हमारे जीवन के दोष हमें समाज में आलोचना का पात्र बनाते हैं, लेकिन अगर यह दोष दूर हो जाए, तो मानव जीवन की प्राप्ति होती है और यह साधु संगति से प्राप्त हो सकती है। उन्होंने रावण प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर रावण का चरित्र अच्छा होता तो वह आलोचना का पात्र न बनता। जन्म से किसी का सम्मान नहीं होता, बल्कि मनुष्य के कर्म और चरित्र ही उसे सम्मान दिलवाते हैं। रावण को तिरस्कार भी उसके चरित्र और कर्मों के कारण प्राप्त हुआ।
संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा कि दूसरों के दुख को अपना समझने वाला सच्चा हितैषी है। वाणी से कोई सच्चा हितैषी नहीं होता। स्वार्थ की भावना से किया गया यज्ञ परमात्मा को स्वीकार नहीं है। समाज कल्याण के लिए तथा दूसरों के कल्याण के लिए किया गया यज्ञ ही सार्थक होता है और ऐसे यज्ञ में धर्म, कर्म, मोक्ष, काम, संस्कार, संगति सभी का महत्व होता है।


 धन्तौडी निवासी चुरा पोस्त तश्कर संजय कुमार उर्फ सन्जू गिरफतार
कुरुक्षेत्र 20 दिसम्बर।
जिला पुलिस ने चुरा पोस्त तश्कर संजय कुमार उर्फ सन्जू निवासी धन्तौडी को गिरफतार किया। माननीय न्यायालय ने आरोपी को एक दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेजा। यह जानकारी पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार आर्य ने दी।
           यह जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि दिनाक 02.10.12 को सी आई ए स्टाफ  कि पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर धन्तौडी के पास जी टी रोड पर शिव वैष्णो पंजाबी ढाबा  से रेड मार कर काऊंटर से 500 ग्राम अफीम व  बेसमेंट से 3 किंवटल 60 किलोग्राम चुरा पोस्त बरामद किया था तथा मालिक केहर सिंह को मौका से गिरफतार किया था तथा केहर सिंह का पुत्र संजय कुमार बेंसमेंट के पिछले दरवाजे से भागने में कामयाब हो गया था। मुकदमा की तपतीश करते हुए सी आई ए स्टाफ प्रभारी राजेश कुमार के नेतृत्व में उप निरीक्षक हुकम चन्द, सहायक उप निरीक्षक गुलाब सिंह, जगपाल, सिपाही नरेश कुमार, अरविन्द व राजेश कुमार की पुलिस टीम ने दबिश देकर शाहबाद से आरोपी संजय कुमार उर्फ सन्जू पुत्र केहर सिंह निवासी धन्तौडी को धर दबोचा तथा पूछताछ की। पूछताछ पर आरोपी ने माना कि वह कुलदीप निवासी सफीदो से नशीले पदार्थ लेकर तश्करी करता था। पुलिस टीम ने कुलदीप सिंह व केहर सिंह को गिरफतार करके न्याययिक  हिरासत में भेज दिया। आरोपी संजय को गिरफतार करके माननीय न्यायालय में पेश किया। माननीय न्यायलाय ने आरोपी संजय कुमार को एक दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेज दिया है। आरोपी से पूछताछ जारी है।  


ब्रहम सरोवर से 11 बोतल देशी शराब के साथ एक गिरफतार
कुरुक्षेत्र 20 दिसम्बर।
ब्रहम सरोवर से 11 बोतल देशी शराब के साथ एक व्यक्ति को गिरफतार किया गाया| इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि थाना के.यू.के. से हवलदार महेन्द्र सिंह की पुलिस टीम ने रोड धर्मशाला के सामने से शमशेर सिंह पुत्र रामजी लाल निवासी शमशीपुर को 11 बोतल ठेका शराब देशी मार्का जगाधरी नं0 1 के साथ धद दबोचा। बाद गिरफतारी आरोपी के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई।

धोखे से दुसरे के स्थान पर पेपर देने का आरोपी सहित दो गिरफतार
कुरुक्षेत्र 20 दिसम्बर।
 धोखे से दुसरे के स्थान पर पेपर देने का आरोपी सहित दो को गिरफतार किया गया| यह जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस चौंकी थर्डगेट को सुरजीत सिंह सहायक प्रोफेसर टूरिज्म होटल विभाग कुरुक्षेत्र ने शिकायत दर्ज कराई थी कि हिशम सिंह निवासी दबखेडी, रमेश कुमार निवास सुलखनी की जगह पेपर देता हुआ पाया गया। पुलिस चौकी थर्डगेट से उप निरीक्षक नसीब सिंह की पुलिस टीम ने दोनो आरोपियों हिशम व रमेश कुमार को गिरफतार किया।
  

Wednesday, December 19, 2012

गीता जयंती समारोह का सुभारम्भ



गीता का ज्ञान समूचे जीवन दर्शन,जीवन शैली और व्यवस्था का सार:- पहाडिया
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर(पवन सोंटी)
 गीता का ज्ञान समूचे जीवन दर्शन,जीवन शैली और व्यवस्था का सार्थक और सारगभर्ात सार  है। सामाजिक व्यवस्था में ज्ञान के निर्वाह को आत्मसात करने के लिए अध्यात्मवाद के हर पहलू को अंगीकृत करने की जरूरत है ताकि बदलते परिवेश में सभ्य समाज की सृजनात्मक और रचनात्मक सोच को अधिक बल मिल सके। ये उदगार हरियाणा के महामहिम राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा ने कुरूक्षेत्र विश्व विद्यालय के सीनेट हाल में गीता जयन्ती समारोह के अवसर पर संस्कृत एवं प्राच् यविद्या संस्थान कुरूक्षेत्र की ओर से आधुनिक समाज में श्रीमद भागवत गीता की प्रासंगिकता पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आए विद्वानों और शोधार्थियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। 

            महामहिम राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि गीता बेशक छोटा ग्रंथ है, लेकिन ज्ञान,उच्च आदर्शों और संस्कारों की परिभाषा में बहुत बड़ा समंदर है। गीता के ज्ञान से निकली किरणों के चलते समूची दुनिया में इसकी चमक आए दिन बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि विदेशी संस्कृति के लोग गीता के ज्ञान में छुपी शांति, सोच और सीख को अंगीकृत करने के लिए हमारे यहां आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के हर क्षेत्र में गीता ज्ञान का निर्वाह सामाजिक बुराईयों के उन्मूलन के लिए अति आवश्यक है।
            उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति में आगे कहा कि गीता भगवान श्री कृष्ण के श्रीमुख से निकली अमर वाणी है। यह केवल 700£ोकों का श्री कृष्ण व अर्जुन के संवाद का संग्रह मात्र नहीं है, बल्कि मानव के लिए उपयोगी जीवन दर्शन है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रतिदिन गीता का मननपूर्वक स्वाध्याय किया करते थे। उन्हें गीता के दूसरे अध्याय के श£ोक 54 से लेकर 72 तक का अध्ययन विशेष प्रिय था। इन्हीं 19£ोकों में भगवान श्री कृष्ण ने श्रेष्ठ मनुष्य के वास्तविक स्वरूप का आकलन किया है। जब व्यक्ति दुख और सुख में हानि और लाभ में समान दृष्टि रखने वाला सामथर््य प्राप्त कर लेता है तभी वह सच्चा मानव कहलाने की श्रेणी में आ जाता है। 

            महामहिम ने अभिव्यक्ति के अनवरत चरण में कहा कि गीता में भगवान श्री कृष्ण जीवन दर्शन को स्पष्ट करते हुए कहते है कि सासांरिक विषयों में लगाव से काम की उत्पत्ति होती है, काम से क्रोध, क्रोध से मोह, मोह से स्मृति का बिगाड़ और स्मृति बिगडऩे से बुद्धि का नाश हो जाता है। यह श्री कृष्ण का अदभूत जीवन दर्शन है,इस पर जितना मनन करते हैं, उतनी ही इसकी स्वच्छता और गंभीरता स्पष्ट हो जाती है। अक्सर गलत विचारों के मनन से या फिर विकृतियां जहन में आने से बुराईयां पनपने लगती है, इस प्रकार की बुराईयों के उन्मूलन के लिए गीता ज्ञान से निकला संदेश मरहम की तरह काम करता है।
            उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में मनुष्य ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, समय और स्थान की दूरी करीब हो गई है। हमारे पूर्वज इस चकाचौंध भरी जिदंगी की कल्पना नहीं कर सकते थे, लेकिन तरक्की और विकास के इस जमाने में विज्ञान का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचा है। इसी प्रकार गीता के ज्ञान की जोत भी हर व्यक्ति के जहन तक पहुंचनी चाहिए और संस्कारों तथा आदर्शों की दहलीज का बुनियादी पायदान मजबूत होना चाहिए तभी सफ लता को सोपान की कल्पना की जा सकती है। महामहिम ने ज्योति प्रज्जवलित करके संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
            इस अवसर पर अपनी अध्यक्षीय अभिव्यक्ति में कुरूक्षेत्र युनिवर्सिटी के कुलपति डा.डी.डी.एस. संधु ने कहा कि कई महान विभूतियों के जीवन चरित्र, सार और संदेश स्कूली पाठयक्रमों में पढ़ाए जाते है। गीता का ज्ञान संबंधी विषय भी स्कूली पाठयक्रमों में शामिल करने की जरूरत है ताकि देश के भावी निर्माता गीता की सार्थकता,सामाजिक और नैतिक मूल्यों के साथ-साथ संदेश को अपने जहन में संजोकर स्वस्थ समाज और जागरूक राष्ट्र के निर्माण में उल्लेखनीय कार्य कर सके।
            इससे पूर्व संस्कृति एवं प्राच्चविद्या संस्थान कुरूक्षेत्र के निदेशक प्रो. रणवीर सिंह ने महामहिम राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा तथा आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस संगोष्ठी में जम्मू, पटियाला, अमृतसर, चण्डीगढ, होशियारपुर, दिल्ली, हरिद्वार, रोहतक, रायबरेली, पटना, अहमदाबाद, अजमेर, भीलवाड़ा, हिसार, मेरठ सहित कई नगरों से शोधार्थी और प्रोफेसर अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। इनके द्वारा प्रस्तुत किए गए शोधपत्रों पर विद्ववानों द्वारा विस्तृत चर्चा की जाएगी। इस संगोष्ठी में मुख्य रूप से विद्वानों में रोहतक के प्रो. सुरेन्द्र कुमार, पटना के बी.एस. कुमार, रायबरेली के प्रो. प्रशंस्य मित्र, चण्डीगढ़ के प्रो. विक्रम वेबकानी, होशियारपुर के प्रो. एन.सी. पांडा, जम्मू की डा. प्रतिभा, दिल्ली के प्रो. सी. उपेन्द्र राव, दिल्ली के डा. ओमनाथ विमली, हरिद्वार के प्रो. दिनेश चन्द्र सहित कई विद्वान शामिल है।
            संगोष्ठी में प्रोफेसर डा. सुरेन्द्र कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रस्तुत किए, जबकि मंच का संचालन डा. विद्या अलंकार ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव महेन्द्र कुमार, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. सुरेन्द्र देसवाल, उपायुक्त मनदीप सिंह बराड़, पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य, राज्यपाल के पीआरओ बी.एल. धीमान, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी देवराज सिरोहीवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


पवित्र ग्रंथ गीता के संदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रांसगिक हैं : मंदीप
डीसी ने किया मीडिया सेंटर का उदघाटन, पूरे विश्व में पहुंचाना है गीता के संदेश को, डीसी ने की पत्रकारों से बातचीत
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर(पवन सोंटी)
उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता में लिखे एक-एक संदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रांसगिक हैं। धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की भूमि से दुनिया के कोने-कोने तक इन संदेशों को पंहुचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वे आज कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सभागार में जिला सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की तरफ से बनाए गए मीडिया सेंटर का विधिवत उदघाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
 उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र ही नहीं बल्कि हरियाणा प्रदेश के लिए यह एक सौभाग्य की बात है कि इस पावन धरा पर पवित्र ग्रंथ गीता को स्मरण करने और इस ग्रंथ में लिखे गए संदेशों पर चलकर देश-प्रदेश के विकास और समाजसेवा के लिए एक अवसर मिल रहा है। हर वर्ष ब्रहमसरोवर के तट पर कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह को मनाने के लिए प्रदेश के सभी नागरिकों की सहभागिता की उम्मीद की जाती है। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के संदेशों को कुरुक्षेत्र जैसी पावन धरा से दुनिया के कोने-कोने तक पंहुचाने के लिए कलम के सिपाही अपना काम करके अनोखी छाप छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इस कार्य के लिए आधुनिक मीडिया सेंटर स्थापित किया है। इस मीडिया सेंटर में पत्रकारों और छायाकारों के लिए हर प्रकार की सुविधा मुहैया करवाई गई है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव को यादगार बनाने के लिए देश के कोने-कोने से कलाकार और शिल्पकार भी पंहुचे हैं। ब्रहमसरोवर के तट पर 19 दिसम्बर से लेकर 28 दिसम्बर तक श्रद्धालू और पर्यटक उत्सव के रंग में शामिल होंगे। प्रशासन ने शिल्पकारों के स्टालों में रखे गए सामान का बीमा करवाना जरूरी किया है। इसके अलावा पुलिस प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। प्रशासन यह व्यवस्था क्राफ्ट मेला खतम होने तक बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन के साथ-साथ कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से निजी सुरक्षा कर्मचारी भी तैनात किए हैं जोकि पुलिस प्रशासन का सहयोग करेंगे। इस मौके पर एसडीएम अशोक बांसल, केडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र पाल मलिक, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी देव राज सिरोहीवाल सहित अन्य अधिकारी एवं पत्रकार मौजूद थे।
प्रशासन करेगा गोल्फ कार्ट की व्यवस्था
डीसी मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से ब्रहमसरोवर की परिक्रमा करने के लिए बुजुर्ग व अन्य लोगों के लिए गोल्फ कार्ट की व्यवस्था करेगा। केडीबी की तरफ से 2 गोल्फ कार्ट को लेने के लिए टैंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह व्यवस्था हमेशा के लिए रहेगी ताकि लोग सहजता से ब्रहमसरोवर की परिक्रमा पूरी कर सके।

प्रकृति ने लडका व लडक़ी के मामले में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नही किया: राज्यपाल
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर(पवन सोंटी)
हरियाणा के राज्यपाल जगन्ननाथ पहाडिय़ा ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि वे समाज से कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराई को मिटाने के लिए सामूहिक प्रयास करे । उन्होंने कहा कि प्रकृति ने लडका व लडक़ी के मामले में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नही किया है और समाज को भी प्रकृति के इस नियम के अनुसार लड़कियों को शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने चाहिए।

         राज्यपाल आज कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह के उपलक्ष्य में जयराम विद्यापीठ कुरूक्षेत्र की ओर से अजन्मिता का सरंक्षण विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करे रहे थे।  उन्होंने कहा कि आज मानव समाज रूढिवादी विचारों की बेडिय़ों में जकड़ा हुआ है। विज्ञान के दुरूपयोग से नए-नए खतरे सामने आ रहे है जिनसे मानव सहमा हुआ है। नारी जाति पर प्रतिदिन अत्याचार हो रहे हैं और इससे भी बढकर गर्भ में ही कन्या भू्रण को मरवा कर उसके अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है। गीता में स्पष्ट लिखा है कि जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर नए वस्त्र धारण करता है उसी प्रकार जीव भी एक शरीर को छोडक़र दूसरे से जन्म लेता है। दुख की बात है कि  मानव इस स्वाभाविक व प्राकृतिक प्रकिया में हस्तक्षेप कर रहा है। उन्होंने धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं से भी अपील की कि वे कन्या भू्रण हत्या ही नही बल्कि नशाखोरी,मिलावट खोरी,भ्रष्टाचार आदि बुराईयों के खिलाफ हर व्यक्ति को जागरूक करने का काम करें। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज के प्रयासों से इस बुराई को किसी हद तक कम करने में सफलता मिली है, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में बहुत प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कानून में भी अनेक प्रावधान किए गए हैं लेकिन सरकार की योजनाओं व कार्यक्रम जब तक पूरी तरह सफल नहीं हो सकते जब तक उनमें जनता की रूचि और उसका समर्थन और पूर्ण भागीदारी न हो।
            राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को गीता जयन्ती समारोह की मुबारकबाद देते हुए कहा कि कुरूक्षेत्र की पवित्र भूमि को भारतीय सभ्यता व संस्कृति की जन्म स्थली होने के साथ -साथ गीता की जन्म स्थली होने का भी गौरव हासिल है। उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण विश्व स्तर पर एक मुख्य पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो रहा है। इसी पवित्र भूमि पर सदियों पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का अमर सन्देश दिया था जो आज मानव मात्र को जीवन जीने की कला सिखा रहा है।  उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि भौतिकवाद और उपभोक्तावाद से उपजी विषमताओं से पीडित मानवता के लिए गीता ही सबसे बडा सहारा है। उन्होंने कहा कि समाज सेवा का कार्यक्षेत्र अत्यन्त विस्तृत है, पीडित मानवता के कल्याण के लिए बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां सरकारी प्रयासों के अतिरिक्त समाजिक संस्थाएं महत्वपूर्ण और कारगर भूमिका अदा कर सकती हैं। इस क्षेत्र में जयराम विद्यापीठ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने अन्य सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संस्थाओं को इस तरह के प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।  राज्यपाल ने इस अवसर पर डीएवी इन्टरनैशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश की छात्रा प्रियवन्दा को पुरस्कृत भी किया। इस छात्रा ने 16 दिसम्बर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण दिवस पर चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल कर राष्ट्रपति पुरस्कार जीता था।
            जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रहमस्वरूप ब्रह्मचारी ने स्वागत भाषण में कहा कि उनकी संस्था द्वारा अध्यात्मिक शिक्षा और गीता सन्देश के प्रचार प्रसार के साथ साथ लड़कियों की शिक्षा के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए कुरूक्षेत्र के गांव लोहार माजरा में पीठ द्वारा महिला डिग्री कालेज,महिला बहुतकनीकी संस्थान,महिला बीएड कालेज तथा पब्लिक स्कूल चलाया जा रहा है। इन संस्थाओं में बच्चों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा के साथ-साथ बेहतर संस्कार और नैतिक शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विद्या पीठ द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलकर गीता जयन्ती समारोह से कन्या भू्रण हत्या के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाने की मुहिम आरम्भ की गई है।
            कार्यक्रम में कुरूक्षेत्र जिला के 18 विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा गीता उपदेश,श्रीकृष्ण लीला और कन्या भू्रण हत्या रोकने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । इन कार्यक्रमों में श्रीमती के.डी.एल.पी. स्कूल की टीम ने प्रथम,गीता कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सेठ टेकचन्द्र पब्लिक स्कूल और अग्रसैन पब्लिक स्कूल की टीमों ने द्वितीय तथा गीता निकेतन आवासिय विद्यालय ,श्री महावीर जैन पब्लिक स्कूल और गीता विद्या मन्दिर की टीमों ने तृतीय स्थान हासिल किया। इसके अतिरिक्त गुरूनानक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ,तुलसी पब्लिक स्कूल ,बीआर इन्टरनैशनल पब्लिक स्कूल और सोम कान्वेन्ट गुरूकुल की टीमों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
            इस मौके पर राज्यपाल की धर्मपत्नी शान्ति पहाडिय़ा,राज्यपाल के सचिव महेन्द्र कुमार, राज्यपाल के परिसहाय जे.पी.दहिया,उपायुक्त मंदीप सिहं बराड,पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य,अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया, उपमण्डल मैजिस्ट्रेट अशोक बंसल, केडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र पाल मलिक  सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

सूफी गायन की धुन पर पहली बार होगा कत्थक नृत्य
सूफी बलवीर, डा. ममता जोशी उत्सव में पहली बार करेंगे इस कार्यक्रम का आगाज, उत्सव में सूफी आवाज और नृत्य रहेगा आकर्षण का केन्द्र

कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर
  कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में पहली बार सूफी गायन पर कत्थक नृत्य करने का प्रयोग किया जाएगा। सूफी आवाज और नृत्य के इस संगम में सूफी बलवीर, डा. दिपानविता सिंगा रॉय व डा. ममता जोशी अपने हुनर को दिखाएंगे। कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मुख्यमंच पुरूषोत्तमपुरा बाग में 22 दिसम्बर को सांय 6 बजे इस सूफी आवाज और नृत्य को प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के अधिकारी कमलेश ने बातचीत करते हुए कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से बुलाए गए सूफी कलाकार बलवीर, डा. ममता जोशी व उनके साथी कलाकार इस उत्सव में पहली बार साज, आवाज और नाच की प्रस्तुति देंगे। सूफी गायन पर कत्थक नृत्य की पहली बार प्रस्तुति दी जा रही है। महाभारत और भगवान श्री कृष्ण के भक्तिरस से प्रभावित होकर सूफी गायन में इस रस का समावेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूफी गायन पर इस तरह का प्रयोग अपने आप में एक अनोखी कला को दिखाएगा। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम इस उत्सव में सभी कार्यक्रमों से भिन्न होगा और निश्चित ही उत्सव में पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालु व पर्यटक इस कार्यक्रम का लुत्फ उठाएंगे। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के विशेष अनुरोध करने पर यह प्रस्तुति दी जा रही है।
क्या होंगे आज के कार्यक्रम ?    कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह मेें 20 दिसम्बर को राज्य सूचना आयुक्त उर्वशी गुलाटी पुरूषोत्तमपुरा बाग में भजन संध्या कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी। उजैन से आए पंडित गोपाल शर्मा, शुकदेव शर्मा, कौशलेन्द्र शर्मा एवं राघवेन्द्र शर्मा भजन संध्या में भक्तिरस भरेंगे। प्रात: 11 बजे पुरूषोत्तमपुरा बाग में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। इस समारोह में उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा दोपहर 2.30 बजे श्री कृष्ण संग्रहालय में डा. बी.आर. अम्बेडकर शोध संस्थान के निदेशक डा. राम भक्त लांग्यान राज्य स्तरीय गीता श£ोकोच्चारण प्रतियोगिता की अध्यक्षता करेंगे।
कन्या भू्रण हत्या रैली में शिरकत करेंगी सैकड़ों छात्राएं
    के.डी.बी. के सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि इस वर्ष कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ के दिशा निर्देशानुसार कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए धर्मक्षेत्र कुरू क्षेत्र से अपनी आवाज को सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से बुलंद करना है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए 20 दिसम्बर को कच्चाघेर आर्य स्कूल से कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक विशाल रैली निकाली जाएगी। इस रैली में कन्या गुरूकुल खरल नरवाना से करीब 500 छात्राएं भाग लेंगी। इसके अलावा कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से 35 संस्थाओं को इस रैली में शामिल होने के लिए पत्र लिखे गए है। यह रैली ब्रह्मसरोवर पर सम्पन्न होगी।

 मार पीट करने व धमकी देने के आरोप में 3 व्यक्तियों को दबोचा
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर।
जिला पुलिस ने मार पीट करने व धमकी देने के आरोप में 3 व्यक्तियों को दबोचा। यह जानकारी देते हुए प्रबंधक थाना शहर कुरुक्षेत्र निरीक्षक योगेश कुमार ने बताया कि विक्रांत पुत्र नैब सिंह निवासी मेहरा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ व्यक्तियों ने मिलकर कोर्ट कम्पलैक्स पार्किंग में शिकायत कर्ता के साथ मार पीट की। पुलिस चौकी सैक्टर 7 से साहयक उप निरीक्षक प्रेम सिंह की पुलिस टीम ने आरोपी सतबीर पुत्र गुरनाम सिंह निवासी झालखेडी, सतनाम पुत्र बलविन्द्र सिंह व संदीप पुत्र देवी लाल निवासी गांव फालसन्डा को गिरफतार किया। 
 

 मार्शल आर्ट और जूडो-कराटे सीखें महिलायें: सरोहा
कुरुक्षेत्र, पवन सोंटी
हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव एवं पूर्व मंत्री चौ. रण सिंह की पुत्रवधू बिमला सरोहा ने कहा है कि महिलाओं को अपने ऊपर लगातार हो रहे अत्याचारों से निपटने के लिए मार्शल आर्ट और जूडो-कराटे इत्यादि सीखकर आत्मरक्षा के लिए सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा स्वयं को मानसिक रूप से सुदृढ करके असामाजिक तत्वों को भी करारा जवाब देना होगा, ताकि वे भविष्य में ऐसी गलती करने की हिम्मत न कर सके।
 बुधवार को यहां कांग्रेस भवन में आयोजित महिला कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने दिल्ली में गत दिवस एक पैरामैडिकल छात्रा के साथ चलती बस में हुई गैंगरेप की घटना को अति शर्मनाक करार देते हुए कहा कि गैंगरेप जैसी बढ़ती घटनाएं एक संवेदनशील विषय है, इसलिए इस पर राजनीति करने की बजाए, हमें समाज की मानसिकता बदलनी होगी और महिलाओं को शारीरिक रूप से सक्षम बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इन मामलों के शीघ्र निपटान के लिए जहां फास्ट ट्रेक अदालतों का गठन किया जाना चाहिए, वहीं संविधान में संशोधन करके आरोपियों के लिए ओर सख्त सजा निर्धारित होनी चाहिए। उन्होंने साथी महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मौजूदा परिवेश में महिलाएं किसी भी रूप में कमजोर नहीं है, केवल उन्हें अपनी शक्ति को पहचानने की जरूरत है। इससे पहले बैठक की आयोजक जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दर्शना नांदल ने प्रदेश महासचिव बिमला सरोहा का यहां पहुंचने पर स्वागत किया और उन्हें जिला में महिला कांगे्रस की चल रही गतिविधियों से अवगत कराया। नांदल ने कहा कि घटना के आरोपियों के अभिभावको को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों की गलती पर पर्दा न डाले और सजा दिलाने के लिए आगे आए, ताकि समाज में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सके। बैठक में प्रदेश  महिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री रामकुमारी शर्मा ने कहा कि महिला कांग्रेस का उद्देश्य महिलाओं को समाज सुधार के कार्यों में भी सशक्त करना है। उन्होंने महिलाओं को आत्मरक्षा के महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए।  उन्होंने कहा कि ऐसे में कन्या भू्रण हत्या को रोक पाना संभव नहीं है। बैठक में जिला महासचिव सत्या शर्मा, लाडवा ब्लॉक अध्यक्षा सुनीता मल्ली और पिहोवा ब्लॉक अध्यक्षा प्रियंका कश्यप ने भी विचार व्यक्त करते हुए दिल्ली में हुई गैंगरेप की घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जहां महिलाओं का सर्वांगीण विकास जरूरी है, वहीं उनमें राजनैतिक जागृति लाना समय की मुख्य मांग है। इस मौके पर मुन्नी सरोहा, बेदो देवी, हसीन फातिमा, उमा देवी सहित भारी गिनती में महिला कार्यकर्ता मौजूद रही।