Wednesday, March 26, 2014

चंडीगढ़ के सेलिब्रिटी प्रत्याशियों के फिल्मी टशन और निराले अंदाज

 किरण,गुल और जन्नत के निशाने पर हैं पवन बंसल

आम आदमी पार्टी और भाजपा को अंदरुनी खींचतान से नुक्सान

मुस्लिम मतदाताओं को साथ जोडऩे की फिराक में जन्नतजहां

चंडीगढ़ 26 मार्च -सुरेंद्र पाल वधावन
चंडीगढ़ में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सेलिब्रिटी उम्मीदवारों के चुनाव में उतारे जाने के बावजूद अभी कोई खास चुनावी माहौल नहीं बन पाया है। भाजपा की किरण खेर और आम आदमी पार्टी की गुलपनाग सेलिब्रिटी शख्सीयतें होने के बावजूद भी चंडीगढ़ वासियों को फिल्हाल राजनीतिक तौर पर वार्म-अप नहीं कर पाई हैं। गुल पनाग की बात की जाए तो गुल पनाग नित नए अंदाज से मतदाताओं का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के प्रयास करती हैं। एक रोड शो के दौरान बुलेट मोटर साईकिल पर सवार हो कर निकली तो कभी साइकिल या बस पर सवार हो कर प्रचार करने निकलती हैं। बालीवुड की ग्लेमरस अदाकारा गुल पनाग कभी पंजाबी सूट और कभी चुस्त जीन्स में नजर आती हैं। गुलपनाग अपने वाहन को खुद ही ड्राईव करती हैं।  जाहिरा तौर पर चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी इस समय बिखराव के कगार पर है। आम आदमी पार्टी ने पहले यहां से सविता भट्टी को टिकट दिया जिन्होंने कार्यकत्र्ताओं के विरोध के चलते चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया । गुल पनाग को टिकट मिलने के बाद भी पार्टी में अंतकलह कम नहीं हुआ। सविता भट्टी की गुलपनाग से वैचारिक मतभेद इतने ज्यादा बढ़ गए कि सविता भट्टी ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया।

भाजपा की सेलिब्रिटी प्रत्याशी किरण खेर को भी चंडीगड़ की टिकट मिलने पर अंडो की बरसात झेलनी पड़ी। पार्टी वर्करों को मनाने में किरण खेर का एक सप्ताह बरबाद हो गया। सब कुछ ठीक होने लगा ही था कि पार्टी कार्यालय में बर्करों के दो गुट आपस में भिड़ गए और चाकू तक चल गए। चंडीगढ़ में भाजपा का संगठनात्मक ढांचा संतोषजनक सा है और नरेंद्र मोदी के अंडर करंट को कैश करने में पार्टी सफल हो जाती है तो कांग्रेस के लिए भाजपा कड़ी चुनौती प्रस्तुत कर सकती है। वैसे भाजपा पर यहां भीतरघात का खतरा भी मंडरा रहा है। किरण खेर के प्रचार करने का  भी अपना अंदाज है। चंडीगढ़ को अपना पेका यानी कि मायका बताती हैं,संबोधन करते वक्त चेहरे पर अनेक भाव -भंगिमाएं दशार्ती हैं,प्रचार के दौरान पंजाबी सूट में दिखाई देती हैं और मेकअप का सामान भी अपने साथ रखती हैं।

 कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पवन कुमार बंसल पूरे संसदीय क्षेत्र में दौरा कर चुके हैं और पदयात्राओं के माध्यम से लोगों से रुबरु हो रहे हैं। बंसल आजकल चंडीगढ़ के सेक्टरों में डोर-टू-डोर अभियान चलाए हैं। बंसल ने अपनी उपलब्धियों का एक रंगीन बुंलेटिन तैयार करवाया है जिसे घर-घर बांटा जा रहा है। तडक़ भडक़ से दूर सादा लिबास पसंद करने वाले पवन बंसल आजकल स्पोर्टस शूज में नजर आते हैं। बंसल का कहना है कि चंडीगढ़ के लोग अत्यंत जागरुक हैं और वह जानते हैं कि किरण खेर या गुलपनाग को मिलने वह मुबई या किसी चैनल के सैट पर नहीं जा सकते। और तो और किरण खेर या गुलपनाग तो खुद चंडीगढ़ की वोटर भी नहीं हैं। पवन बंसल के अनुसार भाजपा का टिकट अगर हरमोहन धवन को मिलता तो वह कांग्रेस को थोड़ी बहुत चुनौती प्रस्तुत कर सकते थे। चंडीगढ़ में बसपा की प्रत्याशी जन्नतजहां  भी पारंपरिक परिधानों में चुनाव प्रचार कर रही हैं और पैदल प्रचार के वक्त सपोर्टस शूज व पंजाबी सूट पहनना पसंद करती है। जन्नत इस वेशभूषा को अत्यंत आरामदायक मानती हैं। जन्नत के प्रभाव का सीघा नुकसान कांग्रेस और भाजपा को हो रहा है। आज कांग्रेस पार्टी के मुस्लिम समाज से संबधित अने लोग बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए हैं। उधर मतदाता खामोश हे जिसकी खास वजह है। नगरीय क्षेत्र के मतदाताओं के लिए फिल्हाल चुनाव से ज्यादा जरुरी 31 मार्च की कलोसिंग है। ग्रामीण मतदाताओं को मौसम की खराबी से फसल को होने वाले नुकसान का डर है। इसी के चलते यहां चुनाव में मतदाता दिलपसपी नहीं दिखा रहा। फोटो-बाईक सवार गुलपनाग,किरण खेर








Wednesday, March 19, 2014

राजनीती में घंटो के हिसाब से बदल रहे हैं घटनाकर्म: हरियाणा चुनाव: गठबंधन पर फिर रार, देर रात टल गया टूटने का खतरा


दिल्ली में चली भाजपा नेताओं की बैठक में फैसला, जारी रहेगा गठबंधन

भीख की तरह बची गठबंधन की दिवार, आखिर क्या होगा परिणाम?

कुरुक्षेत्र/ पवन सौन्टी
हरियाणा में लोकसभा चुनाव रोचक दौर से गुजर रहे हैं। जनता को उम्मीद्वारों के मामले में जनमत बनाने की बजाए अभी उम्मीद्वारों के ठिकानों की चटपटी खबरें ज्यादां लुभा रही हैं। ताजाघटनाक्रम के तहत हरियाणा में चंद्रमोहन बिश्रोई ने करनाल से अपनी ही पार्टी की टिकट लौटा दी। गौरतलब है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन कुलदीप बिश्रोई के नेतृत्व में हरियाण जनहित कांग्रेस (बीएल) से गठबंधन है। यहां पर केवल 2 सीटें हजकां के खाते में आई थी हिसार और करनाल। इनमें हिसार से कुलदीप बिश्रोई स्वंय व करनाल से उन्होंने कल अपने भाई चंद्रमोहन बिश्रोई उर्फ चांद मोहम्मद को करनाल से उम्मीद्वारा बनाया गया था। एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत चंद्रमोहन ने दूसरे ही दिन बुधवार को उन्होंने अपनी टिकट यह कहते हुए वापिस करने की घोषणा की कि उनके पिता भजन लाल कहते थे कि करनाल से ब्रामण ही सांसद बनें। उधर ऐसा ही नाटकीय घटनाक्रम कल हिसार में हुआ जहां चौ. देवीलाल की चौथी पीढ़ी के सत्ता की सीढिय़ां चढऩे का गवाह बनने एनडीए के घटक शिरोमणी अकालीदल बादल से पंजाब के उपमुख्यमंत्री स. सुखबीर सिंह बादल खुद पहुंचे व नामांकन दाखिल करते वक्त  भी दुष्यंत चौटाला के साथ रहे। इसे लेकर जहां हजकां सुप्रिमो कुलदीप बिश्रोई ने गहरी नाराजगी दिखाई थी। उधर मजेदार बात यह है कि हरियाणा में एक दो सीटों को छोड़ कर भाजपा की सभी टिकटों पर घमासान मचा है। कार्यकर्ता अपने ही नेतओं के पुतले फूंकने पर लगे हैं। इन हालातों में भाजपा भी सकते में है और बुधवार देर सांय राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के आवास पर बैठक हुई। 


इस बैठक में हरियाणा के नताओं के ने देर तक केंद्रीय नेताओं से लम्बी बातचीत की। सूत्र तो यहां तक बता रहे थे कि इस बैठक में हरियाणा के मुख्य विपक्षी दल व एनडीए के पूर्व घटक इनैलो नेता भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन देर रात तक यह निर्णय आया कि हरियाणा में गठबंधन जारी रहेगा। अनेकों नेताओं का मानना था कि हरियाणा में हजकां से गठबंधन को तोड़ दिया जाए, लेकिन कुलदीप समर्थक नेताओं के इन तर्कों से मामला टिक गया कि इस मौके पर गठबंधन तोडऩे से देशभर में गलत संदेश जाऐगा। और आखिर भीख की तरह मांग के साथ गठबंधन बरकरार रह गया।
क्या बदल सकता है गठबंधन?
हरियाणा में गठबंधन को लेकर आखिरी समय तक चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। अंतिम दौर में कांग्रेस को हराने के इच्छुक लोगों को भरे मन से इनैलो भाजपा के अलग अलग उम्मीद्वारों की सूचि को आते देखा। अभी इनैलो की सूचि को लेकर कोई चर्चा नहीं थी, लेकिन भाजपा की सूचि आते ही घमासान हो गया। कई ने तो आरोप लगाए कि कांग्रेस से मिलकर भाजपा ने टिकटों को बेचा है। उधर दो दिन के अंंतराल में हिसार से लेकर करनाल तक बदलते घटनाक्रम ने गठबंधन पर स्वाल उठा दिये हैं। अभी इनैलो ने भी कुछ सीटों पर ही नामांकर दाखिल किया है। ऐसे में यह संभावनाऐं अंतिम समय तक बनी रह सकती हैं कि क्या भाजपा का गठबंधन इनैलो से चुनाव पूर्व हो सकता है? हालांकि आज की बैठक में गठबंधन बच गया है, लेकिन भविष्य क्या होगा, इसे आने वाला समय ही बताऐगा?
भाजपा के उम्मीद्वारों पर क्यों रार?
हरियाणा में भाजपा द्वारा घोषित उम्मीद्वारों की सूचि संसय में डालने वाली है। अम्बाला से रत्न लाल कटरिया पर कोई विवाद नहीं है। ध्यान रहे कि वहां से इनैलो ने भी अपेक्षकृत कमजोर उम्मीद्वार उतारा है। कुरुक्षेत्र की बात की जाए तो यहां से इनैलो के बलबीर सैनी पूरी तरह से मजबूत माने जाते हैं, लेकिन भाजपा ने यहां से राजकुमार सैनी को उतारा जिन पर बाहरी होने का ठप्पा होने के साथ साथ भाजपा में ही रार पनप रही है। उधर रोहतक में इनैलो का मजबूत उम्मीद्वार शमशेर खरकड़ा है तो भाजपा ने अपने धुरंधर राष्ट्रीय नेता कै प्टन अभिमन्यू को उनके खिलाफ उतारने में आखिर क्यों गुरेज किया? यही नहीं भाजपा में जो नेता हरियाणा में इनैलो से गठबंधन का विरोध कर रहे थे उनको भी कहीं न कहीं हसिये पर रखने की बू आ रही है। 

चंडीगढ़ में तीन हसीन महिलाओं के चुनाव लडऩे की वजह है खास

40 प्रतिशत मतदाता युवा वर्ग से और 45 प्रतिशत महिलाएंआकर्षक व्यक्तित्व की हैं -गुल पनाग,किरण खेर और जन्नत जहां 

चुनाव प्रबंधन में सबसे मंजे खिलाड़ी हैं पवन बंसल

सुरेंद्र पाल वधावन/ चण्डीगढ़
लगभग 6 लाख मतदाताओं की चंडीगढ़ संसदीय सीट पर चुनावी रणभेरी बज उठी है। टिकट की घुड़दौड़ जीतने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी चुनाव समर में कूद चुके हैं। इस बार सिटी ब्यूटीफुल से तीन पार्टियों से तीन सुंदर महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं जिसकी वजह से लोग चुनाव में अच्छी खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां पहले हास्य कलाकार दिवंगत जसपाल भट्टी की पत्नी सविता भट्टी को टिकट दी लेकिन भट्टी के इंकार करने के बाद पूर्व मिस इंडिया व मॉडल अदाकारा गुल पनाग को मैदान में उतार दिया है। गुल पनाग अपना चुनाव अभियान शुरु कर चुकी हैं हांलांकि उन्हें पूरा चुनावी सिस्टम बनाने में थोड़ा समय लगेगा। चंडीगढ़ के सेक्टर-21 में आम आदमी पार्टी का एक कार्यालय बनाया गया है। चंडीगढ़ में बसपा ने पार्षद जन्नत जहां को मैदान में उतारा है जिनके नाम की घोषणा एक साल पूर्व ही कर दी गई थी। जन्नत जहां लोगों के दु:ख सुख में शरीक होने के अलावा कर्मचाारियों द्वारा किए गए धरनों व आंदोलनों में बढ़चढ़ कर सहयोग करती रहीें जिसके कारण संसदीय क्षेत्र में एक दमदार पहचान रखती हैं। पार्षद होने के नाते राजनीति का तथा चुनाव लडऩे का अच्छा अनुभव रखती हैं। भारतीय जनता पार्टी ने प्रसिद्ध अदाकारा किरण खेर को मैदान में उतार कर सरप्राईज फेक्टर देने का दाव खेला जो फिल्हाल उसे खुद अचंभा दे गया। किरण खेर ने कभी सपने में भी सोचा नहीं होगा कि टिक ट मिलने पर उनकी पार्टी के लोग उनके पुतले तक फूंक डालेंगे। बहरहाल भाजपा की अच्छी खासी जगहंसाई के बाद अब पार्टी डेमेज कंट्रोल करने में लगेगी। रुठों को मनाया जाएगा। लेकिन आगे आगे देखिए गालिब होता है क्या। 
कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर पवन बंसल को प्रत्याशी बना कर उनकी अग्रिपरीक्षा ली है।बंसल अत्यंत अनुभवी नेता है और चुनाव लडऩे का हुनर बखूबी जानते है। बंसल का चुनावी प्रबंधन भी दूसरे उम्मीदवारों से बेहतर लगता है। विपक्षियों द्वारा लगाए आरोपों को कैसे कांऊटर करेंगे यह देखने वाली बात होगी। बंसल ने पिछले 2009 के चुनाव में 161042 वोट हासिल किए जबकि भाजपा के उम्मीदवार सत्यपाल जैन को 102075,बसपा के हरमोहन धवन को 61634,आर.जे.डी के हाफिज अनवर हक को 11549,वोट पड़े थे। इनके अलावा 10 अन्य आजाद उम्मीदवार भी चुनाव में उतरे थे जिन्हें अत्यंत कम वोट मिले थे। इसी तरह 2004 के चुनाव पर नजरसानी करें तो उस दौरान पवन कुमार बंसल को 139880,भाजपा के सत्यपाल जैन को 94632 और हरमोहन धवन को 17762 वोट मिले। चंडीगढ़ से पवन बंसल ने 1991,1999,2004,2009 में कांग्रेस की टिक ट पर चुनाव जीता।पवन बंसल को 1996 1998 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। इस बार महिला प्रत्याशियों को उतारने के गणित पर दृष्टिपात करें तो महिला उम्मीदवार चंडीगढ़ की 45 प्रतिशत महिला वोटरों पर फोक्स करने का प्रयास करेंगी। चंडीगढ़ में सेलिब्रेटी महिला उम्मीदवारों के हक में यह बात जा रही है कि यहां 40 फीसदी ऐसे मतदाता है जो 25 से 40 आयुवर्ग के हैं। सिटी ब्यूटीफुल में 18000 नए मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। चंडीगढ़ में भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्कस्वादी की और से कामरेड कंवलजीत मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के पवन बंसल और बसपा की जन्नतजहां अपने नामांकन दाखिल कर चुके हैं।

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Sunday, March 16, 2014

आज राजनीती नही..."होली का आनंद मेरी इस पुराणी कविता के साथ"

होली के रंग..  ..

होली खेल रहे हैं वो सब
आज गले मिल कर लोगों से,
जिनको आ गया इस दुनिया में
लोगों संग हंस खेल कर जीना।
पुरुष और महिलाऐं सब तुम
होली अपने ढंग से खेलो,
पवन सौन्टी को होली के
रंगों से ही आता है पसीना।
*         * *
कृष्ण जी भी तो खेले थे कभी
बरसाने में जा कर होली,
साथ चले थे उनके तब
सब गोकुल के सखा ताने सीना।
उसी याद को नहीं भूले हैं
उन नगरों के लोग आज तक,
खेलते हैं वो वैसी ही होली
जब भी आता है फागुन का महीना।
 *              *             *
खेली होली सोनिया ने भी
आज मन-मोहन संग मिल कर,
ऐसे रंग फैंके हैं उसने
मुश्किल कर दिया मेरा जीना।
मेरे सभी सखा तुम आओ
खेलो इन संग ऐसी होली,
ऐसे रंग फैंको तुम इन पर
याद रहे फागुन का महीना।
*          *           *
बम्बई में तो हेमा जी के
भीग चुके हैं लहंगा चोली,
फिर भी फडक़ रहा है अब तक
धर्मेंद्र्र्र कर चौड़ सीना।
बुरी तरह से भीगेे हैं रंग में
अमिताभ और जया भादुड़ी,
अब भी लिये रंग की पिचकारी
भाग रहे हैं शत्रुघन सिन्हा।
*           *          *
मुझे तो देखो अपने ढंग से
मैं भी होली मना रहा हूँ,
स्याही की इन कुछ बूंदों से
आप सभी को भिगो रहा हूँ।
और चुटकी भर ले गुलाल
अपने मुंह पर आप लगा कर,
हंसता हूँ कमरे के अंदर
आह! मैं होली मना रहा हूँ।
*          *           *
और देखो नेता जी कुछ अब
असली होली मना रहे हैं,
लेकर लहू भारत के जन का
एक दूजे पर लगा रहे हैं।
टू-जी और कोमनवैल्थ जैसे
सभी घोटाले खुले पड़े हैं,
फिर भी ये बेशर्म खुशी से
अपना नाटक चला रहे हैं।



पवन सोंटी "पूनिया"
कुरुक्षेत्र.

Monday, March 10, 2014

भाजपा- इनेलो- गठबंधन अतीत के झरोखे से.......

Saturday, March 8, 2014

प्यार पर आज रात की लिखी हुई कुछ पंक्तियाँ..



"प्यार..."

प्रेयसी को दिया ..
उसने ना लिया,
माँ से मिला ...
ना एहसास किया,
पिता से चाहा...
छीन लिया,
खुलकर लुटाया यारों पर..
वो लूट गए और और दगा दिया|
...पत्नी और प्यारे भाईयों ने
खूब प्यार लुटाया है मुझ पर,
मैं मुर्ख हूँ, याँ हूँ नादाँ ..
एहसास ही ना कर पाया हूँ,
आज झूठे प्यार की आशा में
मैं प्यार लुटाता फिरता हूँ,
दू बूँद प्यार की आशा में
फ़िर बीच तुम्हारे आया हूँ||

Thursday, March 6, 2014

प्रचार-प्रसार के लिए 10 से ज्यादा वाहनों पर रहेगा प्रतिबंध : गजराज



एक वाहन में 5 व्यक्तियों की संख्या निर्धारित, जनसभाओं के लिए लेनी होगी अनुमति

शब्दावली का रखना होगा ध्यान, प्रशासन करवाएगा सभाओं की वीडियोग्राफी

कुरुक्षेत्र 6 मार्च
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त निखिल गजराज ने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन करते हुए एक राजनैतिक दल अपने प्रचार-प्रसार के लिए अधिकतम 10 वाहन ही किराए पर ले सकेंगे। इन वाहनों के लिए भी प्रत्येक वाहन के हिसाब से 5 व्यक्तियों की संख्या निर्धारित की गई है। इन नियमों का सभी राजनैतिक दलों को ईमानदारी के साथ पालन करना होगा। नियमों की उल्लंघना करने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वे वीरवार को लघु सचिवालय के सभागार में विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उपायुक्त निखिल गजराज ने कहा कि सभी राजनैतिक दलों को विभिन्न मदों के तहत खर्च करने के लिए एक रेट लिस्ट तैयार की गई है। इस रेट लिस्ट में पंडाल, झंडों, कपड़े के बैनर, रैली खर्च, पोस्टर, वीडियो, ओडियो, गेट आदि मदों को शामिल किया गया है। उपायुक्त ने चुनाव प्रचार के लिए प्रयोग में आने वाली सभी प्रकार की वस्तुओं के रेट बारे सुझाव मांगे और विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा शीघ्र ही एक रेट लिस्ट जारी कर दी जाएगी। इस लिस्ट में दिए गए रेट के अनुसार ही सभी प्रत्याशियों के चुनाव खर्च का आंकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशियों को अपने खर्चों का ब्यौरा एक ही बैंक खाते द्वारा तय करना होगा। इसके अलावा चुनाव कार्यालय में भी एक रजिस्टर रखना होगा, जिसमें प्रतिदिन खर्चे का रिकार्ड रखना होगा। इन खर्चों का मिलान जिलास्तर पर बनाई गई एक्सपेंडीचर कमेटी भी करेगी। अगर खर्चों के हिसाब-किताब में अंतर पाया गया तो प्रत्याशी के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद सभी राजनैतिक दलों को जनसभाओं के लिए सम्बंधित विधानसभा क्षेत्र के एआरओ से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के किसी को भी जनसभा नहीं करने दी जाएगी। सभाओं के दौरान सभी राजनैतिक दलों को भाषा और शब्दावली पर भी पूर्णयता: ध्यान देना होगा। कोई भी राजनैतिक दल किसी दूसरी पार्टी के खिलाफ न तो प्रदर्शन कर सकेगी और न ही धरना देगी। किसी भी राजनैतिक दल को किसी भी व्यक्ति की भावना को ठेस नहीं पंहुचानी है। प्रशासन द्वारा सभी जनसभाओं की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा सभी राजनैतिक दलों को अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची की एक-एक प्रति का सेट निशुल्क मुहैया करवा दिया गया है। सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से अनुरोध करते हुए उपायुक्त ने कहा कि सभी आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन करें। सार्वजनिक सम्पत्ति का विरूपण रोकने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनका पालन किया जाए। राजनैतिक दलों के लिए पोस्टर, होर्डिंग, बैनर आदि लगाने के लिए स्थान निश्चित किए गए हैं। इस मौके पर एसडीएम थानेसर राजेश कुमार, एसडीएम पिहोवा धर्मबीर सिंह, एसडीएम शाहाबाद हेमा शर्मा, सीटीएम सुभिता ढाका, डीएसपी नुपुर बिश्नोई, ईनेलो के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, हजका के जिलाध्यक्ष बाबा बलदेव सिंह, सीपीआई (एमके) भीम सिंह सैनी, बीएसपी से रोहताष रंगा, बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुमेर चौधरी, बीजेपी लीगल सैल से प्रितपाल सिंह व विनित बजाज, सीपीआई से वीर सिंह आदि राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

Tuesday, March 4, 2014

Haryana CM Huda and ND Tiwari is in same case?

क्या ये सच है कि हरियाणा के सी एम् भूपेंदर हुडा की शादी शशि सैनी से हो चुकी थी...? खुद शशि ने इस आशय के आरोप आदालत में लगाये हैं कि उनका एक बेटा भी है...देखते हैं कि यहाँ भी नारायण दत्त तिवारी जैसा कुछ होता है या नही.? आज लोगों को बरबस 2000 के हरियाणा विधानसभा चुनाव की याद जरूर आ रही होगी जब थानेसर से अचानक रमेश गुप्ता की टिकट कटी थी और शशि टिकट लेकर आई थी..तब भी ये चर्चा उठी थी कि आखिर कैसे एक अनजान सी महिला अचानक कांग्रेस की टिकट लेकर मैदान में उतर आई... तब कई लोगों का तर्क था कि बेलारी में सोनिया गाँधी के साथ चुनाव प्रचार करने के कारण उन्हें टिकट मिला था.

भगवंत मान ने बदली पार्टी ...आब आप हुए हाश्य कलाकार मान...

ਲਓ ਜੀ ਵਾਪਰ ਗਿਆ ਭਾਣਾ

ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ ਨੇ ਪੀ ਪੀ ਪੀ ਛੱਡ'ਤੀ ਤੇ ਫੜ ਲਿਆ ਝਾੜੂ!
ਹੋਰਾਂ ਨੂੰ ਸੁੰਭਰੂ ਜਾਂ ਫੇਰ ਆਪ ਹੂੰਝਿਆ ਜਾਊ..
 


- ਅਮਨਦੀਪ ਹਾਂਸ / ਬਲਜਿੰਦਰ ਕੋਟਭਾਰਾ

ਘੈਂਸ ਘੈਂਸ ਤਾਂ ਕਈ ਦਿਨਾਂ ਦੀ ਹੋ ਰਹੀ ਸੀ ਕਿ ਪੀ ਪੀ ਪੀ 'ਚ ਖਿਲਾਰਾ ਪੈਣ ਵਾਲਾ ਹੈ। ਪਾਰਟੀ ਦਾ  ਦੂਜੇ ਨੰਬਰ ਦਾ ਲੀਡਰ ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਬਾਦਲ ਦੇ ਕਈ ਫੈਸਲਿਆਂ ਨਾਲ ਬੇਹੱਦ ਖਫਾ ਹੈ, ਖਾਸ ਕਰਕੇ ਕਾਂਗਰਸ ਨਾਲ ਸਮਝੌਤੇ ਕਰਕੇ ਤਾਂ ਉਹ ਪੂਰਾ ਔਖਾ ਹੋ ਗਿਆ। ਕਾਮਰੇਡਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਉਹ ਚੱਲੇ ਕਾਰਤੂਸ ਆਂਹਦਾ ਰਿਹਾ, ਪਰ ਉਸ ਦੀ ਗੱਲ ਕਿਸੇ ਨੇ ਨਹੀਂ ਸੁਣੀ। ਉਸ ਨੇ ਆਖਰ ਪੀਪਲਜ਼ ਪਾਰਟੀ ਆਫ ਪੰਜਾਬ ਤੋਂ ਅਸਤੀਫਾ ਦੇਣ ਦਾ ਮਨ ਬਣਾਇਆ ਤੇ ਅੱਜ ਆਪਣਾ ਅਸਤੀਫਾ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਬਾਦਲ ਨੂੰ ਲਿਖਤੀ ਤੌਰ 'ਤੇ ਭੇਜ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਅਸਤੀਫਾ 'ਚ ਜੋ ਕਿਹਾ ਗਿਆ ਹੈ, ਉਹ ਪਾਠਕਾਂ ਨਾਲ ਹੂਬਹੂ ਸਾਂਝਾ ਕਰ ਰਹੇ ਹਾਂ : 



ਸ. ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ
ਪ੍ਰਧਾਨ ਪੀਪਲਜ਼ ਪਾਰਟੀ ਔਫ ਪੰਜਾਬ


ਵਿਸ਼ਾ-ਪਾਰਟੀ ਦੀ ਮੈਂਬਰਸ਼ਿਪ ਤੋਂ ਅਸਤੀਫਾ 


ਸ਼੍ਰੀਮਾਨ ਪ੍ਰਧਾਨ ਜੀ, ਆਪ ਦੁਆਰਾ 27 ਮਾਰਚ 2011 ਨੂੰ ਸ਼ਹੀਦਾਂ ਦੀ ਧਰਤੀ ਖਟਕੜ ਕਲਾਂ ਵਿਖੇ ਸਥਾਪਤ ਕੀਤੀ ਗਈ ਪੀਪਲਜ਼ ਪਾਰਟੀ ਔਫ ਪੰਜਾਬ ਵੱਲੋਂ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ, ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ, ਗ਼ਰੀਬੀ,ਨਸ਼ੇਖ਼ੋਰੀ ਅਤੇ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਨਿਜ਼ਾਮ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਲਈ ਵਿੱਢੀ ਲੜਾਈ ਵਿੱਚ ਮੈਂ ਸੱਚੇ ਦਿਲੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਸਾਥ ਦਿੱਤਾ।ਪਾਰਟੀ ਦੀ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਲਈ ਪਾਰਟੀ ਦੁਆਰਾ ਲਗਾਈ ਗਈ ਹਰ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਨੂੰ ਤਨਦੇਹੀ ਨਾਲ ਨਿਭਾਇਆ।ਪਿਛਲੇ ਦਿਨੀ ਪਾਰਟੀ ਦੁਆਰਾ ਆਉਂਦੀਆਂ ਲੋਕ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ ਸੰਬੰਧੀ ਲਏ ਗਏ ਫੈਸਲਿਆਂ ਨਾਲ ਮੇਰੀ ਅਸਹਿਮਤੀ ਹੈ।ਇਸ ਲਈ ਆਪਣੀ ਜ਼ਮੀਰ ਅਤੇ ਲੋਕ ਹਿੱਤਾਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਦੇ ਹੋਏ ਮੈਂ ਭਰੇ ਮਨ ਨਾਲ ਪਾਰਟੀ ਦੀ ਮੁਢਲੀ ਮੈਂਬਰਸ਼ਿਪ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਅਹੁਦਿਆਂ ਤੋਂ ਅਸਤੀਫ਼ਾ ਦਿੰਦਾ ਹਾਂ ਤਾਂ ਕਿ ਤੁਹਾਨੂੰ ਪਾਰਟੀ ਨੂੰ ਮਜ਼ਬੂਤ ਕਰਨ ਲਈ ਫੈਸਲੇ ਲੈਣ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਨਾ ਆਵੇ। ਮੈਂ ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਪਾਰਟੀ ਦੇ ਉੱਜਲ ਭਵਿੱਖ ਦੀ ਕਾਮਨਾ ਕਰਦਾ ਹਾਂ.... 


ਸਿਰਫ ਹੰਗਾਮਾ ਖੜ੍ਹਾ ਕਰਨਾ ਮੇਰਾ ਮਕਸਦ ਨਹੀਂ,
ਮੇਰੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਹੈ ਕੇ ਯੇਹ ਸੂਰਤ ਬਦਲਨੀ ਚਾਹੀਏ,
ਮੇਰੇ ਸੀਨੇ ਮੇ ਨਹੀਂ ਤੋ ਤੇਰੇ ਸੀਨੇ ਮੇ ਸਹੀ,
ਹੋ ਕਹੀਂ ਭੀ ਆਗ ਲੇਕਿਨ ਯੇ ਆਗ ਜਲਨੀ ਚਾਹੀਏ 



.. ਤੁਹਾਡਾ ਸ਼ੁਭਚਿੰਤਕ
ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ

ਚਰਚਾ ਹੋ ਰਹੀ ਸੀ ਕਿ ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ ਪੀ ਪੀ ਪੀ ਦਾ ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ ਨਾਲ ਰਲੇਵਾਂ ਕਰਨ ਦੇ ਹੱਕ ਵਿਚ ਸਨ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਕੇਜਰੀਵਾਲ ਹੁਰਾਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਸੀ, ਪਰ ਖੁਦ ਦੀ ਸਿਆਸੀ ਹੋਂਦ ਗਵਾਉਣ ਲਈ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਰਾਜ਼ੀ ਨਹੀਂ ਹੋਏ। ਕਾਂਗਰਸ ਨਾਲ ਸਮਝੌਤੇ ਕਾਰਨ ਭਗਵੰਤ ਆਪਣੀ ਨਰਾਜ਼ਗੀ ਜ਼ਾਹਰ ਕਰ ਰਹੇ ਸਨ, ਪਰ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਨੇ ਇਸ ਦੀ ਕੋਈ ਲੋੜ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਮਝੀ ਕਿ ਪਾਰਟੀ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਲੀਡਰ ਨੂੰ ਭਰੋਸੇ ਵਿਚ ਲੈ ਕੇ ਮਸਲੇ ਦਾ ਕੋਈ ਹੱਲ ਕੱਢਦੇ। ਕਿਹਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ਕਿ ਭਗਵੰਤ ਦਾ ਪਾਰਟੀ ਵਿਚੋਂ ਜਾਣਾ ਸਰੀਰ ਵਿਚੋਂ ਫੇਫੜਿਆਂ ਦਾ ਨਿਕਲ ਜਾਣਾ ਹੈ। ਪੀ ਪੀ ਪੀ ਨੂੰ ਅਲਵਿਦਾ ਆਖ ਕੇ ਭਲਕੇ ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ 'ਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਪੂਰੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਹੈ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ ਵਲੋਂ ਸੰਗਰੂਰ ਤੋਂ ਲੋਕ ਸਭਾ ਉਮੀਦਵਾਰ ਖੜ੍ਹਾ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ।