Friday, November 3, 2017

कुरुक्षेत्र में नकली डी एम सी बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड। दो आरोपी गिरफ्तार

नकली डी एम सी बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड। दो आरोपी गिरफ्तार 

लैपटाप , प्रिंटर , खाली डी एम सी ,अन्य कागजात बरामद


कुरुक्षेत्र 3 नवम्बर।  जिला पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने शहर मे नकली डी एम सी बनाने वाले एक गिरौह का पर्दाफास करते हुऐ गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से नकली डी एम सी बनाने वाला सामान एक लैपटाप , एक प्रिंटर , 9 रबड स्टैम्प , खाली डी एम सी व अन्य कागजात बरामद किये हैं। प्रैस वार्ता मे अपराध शाखा एक प्रभारी निरीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि अपराध शाखा को गुप्त सूचना मिली थी  कि कुरुक्षेत्र विश्वविधालय के सामने आजाद नगर के एक मकान मे कुछ लोग नकली डी एम सी बनाने का काम करते है। सूचना के आधार पर अपराध शाखा के कर्मचारियों जिसमे निरीक्षक सुखबीर सिहँ , उप निरीक्षक राज कुमार , ए एस आई विरेन्द्र , ए एस आई पवन , हैड कांसटेबल विरेन्द्र , सिपाही हरप्रीत , सिपाही ललित की एक टीम तैयार की गई। टीम द्वारा आजाद नगर स्थित उक्त मकान रेड की गई जहाँ पर दो नौजवान लडके हाजिर मिलें। मकान की तलाशी लेने पर वहाँ से एक लैपटाप , एक प्रिंटर , 9 मोहरे जो यूनिवर्सिटी के अलग अलग विभाग व स्कूलों की हैं , 15 प्रोविजनल फार्म खाली , 5 रोल नम्बर स्लीप खाली , 4 असल डी एम सी के यू के कलर खाली , 27 डी एम सी असल जिनका प्रिंट साफ हुआ है , 3 डी एम सी खाली बी एड , 2 डी एम सी बी एस सी डुप्लीकेट , 20 डी एम सी तैयारशुदा व अन्य काफी कागजात बरामद हुऐ हैं। आरोपियों की पहचान सदींप कुमार वासी बडौला जिला अम्बाला व लाभ सिहँ वासी खानपुर रोडान जिला कुरुक्षेत्र के रुप मे हुई है। आरोपियो को अदालत मे पेश किया गया जहाँ से उनको 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। निरीक्षक ने बताया कि अभी जाँच चल रही है जल्द ही इनके और साथियों को भी गिरफ्तार किया जाऐगा। 
आरोपी कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी मे कर चुके हैं नौकरी
निरीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि आरोपी सदींप कुमार ठेका पर यूनिवर्सिटी की अकाऊंट ब्राँच मे नौकरी करता था वहीं लाभ सिहँ पहले सिक्योर्टी गार्ड था बाद मे पदोन्त होकर सर्टीविकेट सैक्शन मे नौकरी करता था जहाँ से आजकल सस्पैन्ड चल रहा था।
फेल होने वाले या कम्पार्टमैन्ट वाले विधार्थियों से करते थे सम्पर्क।
निरीक्षक ने बताया कि आरोपी अपने अन्य साथियों की मदद से फेल होने वाले या कम्पार्टमैन्ट वाले विधार्थियों सम्पर्क करते और उनको पास करवाने या नम्बर बढवाने का कहकर पैसे लेकर उनको नई नकली डी एम सी बनाकर दे देते थे। 

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