Friday, September 9, 2011

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा सरकार की पहल


सूचना के अधिकार के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिये बनाई नीति
चंडीगढ / पवन सोंटी
हरियाणा सरकार ने सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के दृष्टिगत भ्रष्टाचार के विरूद्घ आवाज उठाने वाले तथा सूचना के अधिकार के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिये एक नीति बनाई है।
             हरियाणा गृह विभाग द्वारा जारी इस आशय की अधिसूचना अनुसार भ्रष्टाचार के विरूद्घ आवाज उठाने वाले तथा सूचना के अधिकार के कार्यकत्र्ताओं को यदि उनको या उनके किसी अन्य निकट सबन्धी को किसी प्रकार का खतरा है तो वे  जहां हरियाणा में वह रह रहा है, सबन्धित पुलिस उपायुक्त या जिला पुलिस अधीक्षक को अपने आवेदन दे सकता है। आवेदन प्राप्त करने उपरान्त सबन्धित अधिकारी खतरे का पता लगाने के लिये त्वरित कार्यवाही करेगा तथा सबन्धित जिला पुलिस निरीक्षक तथा अपराध अन्वेषण विभाग तथा ऐसे अन्य अधिकारियों या आवश्यक समझा जाये तो किसी अन्य कार्यालय से धमकी की विश्लेषात्मक रिपोर्ट मांगेंगे। दी गई धमकी तथ्यों एवं परिस्थितियों पर प्रत्येक व्यक्ति विशेष के मामले पर निर्भर करेगी तथा धमकी की गंभीरता को देखते हुए भ्रष्टाचार के विरूद्घ आवाज उठाने वाले तथा सूचना के अधिकार के कार्यकत्र्ताओं को सुरक्षा उपलब्ध करवाई जा सकती है। यदि यह पाया जाता है कि आवेदक को विशेष या वास्तव में धमकी दी गई है तो उसे तुरन्त प्रभाव से सुरक्षा उपलब्ध करवाई जायेगी और यह प्रक्रिया जहां तक सभव हो यथीशीघ्र पूरी की जायेगी और इसमें एक सप्ताह से ज्यादा का समय नहीं लिया जाना चाहिये।
             सुरक्षा के आवेदनों की प्रक्रिया के लिये तथा भ्रष्टाचार के विरूद्घ आवाज उठाने वालों या सूचना के अधिकार के कार्यकत्र्ताओं के विरूद्घ दजऱ् मामलों की जांच की परिवीक्षण के लिये राज्य के मुय सूचना अधिकारी या महानिदेशक, पुलिस की सलाह से एक विशेष प्रकोष्ठ सृजित किया जायेगा तथा पता लगाया जायेगा कि मामले द्वेष, दबाव या ठोस कारण के दजऱ् किये गये हैं।
             भ्रष्टाचार के विरूद्घ आवाज उठाने वाले तथा सूचना के अधिकार के कार्यकत्र्ताओं को नीति के अन्तर्गत सुरक्षा उपलब्ध कराई जायेगी यदि उन्होंने सूचना या दस्तावेज भलाई के लिये मांगे हैं न कि अपने व्यक्तिगत लाभ या वैर भाव के उद्देश्य से। यदि दी गई धमकी की विश्लेषात्मक रिपोर्ट में यह पाया जाता है कि आवेदक को किसी विशेष प्रकार का खतरा नहीं है तो उस स्थिति में आवेदन फाईल कर दिया जायेगा। बहरहाल, धमकी आंकलन की रिपोर्टों के साथ तथा सबन्धित पुलिस उपायुक्त या जिला अधीक्षक द्वारा लिये गये निर्णय की प्रति आवेदन के साथ राज्य के मुय आसूचना अधिकारी या पुलिस महानिदेशक को अवलोकनार्थ भेजी जायेगी। वे सुरक्षा के प्रावधान करने के आदेश जारी करने के लिये सक्षम होंगे यदि वे संतुष्ट हो तो ऐसे आदेश जारी करने का कोई आधार नहीं बनता।
             भ्रष्टाचार के विरूद्घ आवाज उठाने वाले तथा सूचना के अधिकार के कार्यकत्र्ताओं को उपलब्ध करवाई गई सुरक्षा बढ़ाई या घटाई जा सकती है या वापिस ली जा सकती है और यह सबन्धित अधिकारियों द्वारा धमकी की समीक्षा या रिपोर्ट पर निर्भर करेगा जो हर छ: महीने उपरान्त या इससे पहले की जायेगी और यह परिस्थिति अनुसार की जायेगी।
             सबन्धित पुलिस उपायुक्त या जिला अधीक्षक भ्रष्टाचार के विरूद्घ आवाज उठाने वाले तथा सूचना के अधिकार के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने की स्वीकृति के लिये एक प्रस्ताव सुरक्षा उपलब्ध करवाने के तीन दिनों के अन्दर-अन्दर विस्तृत कारण बताते हुए तथा धमकी की विश्लेषात्मक रिपोर्ट के साथ महानिदेशक पुलिस या राज्य के प्रमुख आसूचना अधिकारी के पास भेजेगे। मुय आसूचना अधिकारी या इस पर यथाशीघ्र या एक सप्ताह के अन्दर-अन्दर निर्णय लेंगे।
             उपलब्ध करवाई गई सुरक्षा के दुरूपयोग को गंभीरता से लिया जायेगा और उसके विरूद्घ खर्च की गई वसूली सहित आवश्यक कार्यवाही की जायेगी तथा अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

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