संत रामपाल के आश्रम से कापरड़ा के युवक का क्षत-विक्षत शव मिला था
Bhaskar News Network|Nov 18, 2014, 02:20AM IST
कोर्ट ने कहा पुलिस मामला फिर जांच रिपोर्ट दे बलि देने गांव के तीन लोग अपहरण कर हरियाणा ले गए
कापरड़ानिवासी महेंद्र खारवाल वर्ष 2013 में अपने पिता के अपहरण का मामला दर्ज करवाने पुलिस के पास गया था। पुलिस द्वारा मामला दर्ज नहीं करने पर उसने कोर्ट की मदद ली। कोर्ट के आदेश पर 25 जून 2013 को मामला दर्ज हुआ। महेंद्र ने रिपोर्ट में अपने ही गांव के महेश मेवाड़ा, उसकी मां जशोदा सोनकी पर अपने पिता जगदीशराम का अपहरण कर बरवाला स्थित सतलोक आश्रम ले जाने का आरोप लगाया। साथ ही वहां के संत रामपाल के साथ मिलकर संतान प्राप्ति के लिए नरबलि के उद्देश्य से जगदीश की हत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में 27 मार्च 2014 को एफआर लगा दी थी। इस पर महेंद्र फिर कोर्ट पहुंचा और वकील दिलीपसिंह के माध्यम से पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए कई तथ्य रखे। इन तथ्यों पर सहमति जताते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. मनीषा चौधरी ने पुलिस को दुबारा जांच के आदेश दिए हैं।
भास्कर न्यूज | कापरड़ा (जोधपुर)
कोर्टके आदेश के बावजूद पुलिस से नहीं पकड़े जा रहे हरियाणा के संत रामपाल के खिलाफ कापरड़ा के जगदीशराम खारवाल का अपहरण कर नरबलि देने का मामला जून-2013 में पुलिस में दर्ज हुआ था। पुलिस ने मार्च-2014 में इस पर एफआर भी लगा दी। मृतक के बेटे की गुहार पर अब बिलाड़ा कोर्ट ने एफआर को नामंजूर करते हुए जोधपुर पुलिस (ग्रामीण) के डीएसपी को मामले की फिर से जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इसके लिए उन्हें दो माह का समय दिया है।
अंगुलीकाटी, सलाखों से दागा धारदार हथियारों से ली जान
रिपोर्टके अनुसार महेंद्र 10 जून 2013 को बरवाला पुलिस के साथ सतलोक आश्रम पहुंचा तो वहां एक कोठड़ी में जगदीशराम का क्षत-विक्षत शव मिला। उसके एक पैर की अंगुली कटी थी पैर को दागा हुआ था। हाथ-पैर बंधे शव के कनपटी, सीने, दोनों हाथ, कंधे गर्दन पर धारदार हथियारों से कई वार किए गए थे।
भास्कर न्यूज नेटवर्क. बरवाला | अवमाननाके दोषी संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए सोमवार को पांच घंटे तक ड्रामा चलता रहा। हरियाणा पुलिस फोर्स और संत समर्थक आमने-सामने रहे।