पवन सोंटी का जन्म हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला के खंड लाडवा के गांव सोंटी में 9 मई 1972 को हुआ। उस समय इनके पिता चौधरी हरिचंद गांव के सरपंच थे। वह अपने समय में क्षेत्र के सर्वाधिक पढ़े लिखे लोगों में से थे जिन्होंने 1934 में वर्नाकुलर स्कूल लाडवा से, लाहौर शिक्षा विभाग के माध्यम से, आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की हुई थी। माता फुलियां देवी व बड़ी मां भुल्लां देवी सामान्य गृहणियां थी।
पवन सोंटी की प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई और छटी से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई पड़ोस के गांव दबखेड़ा के सरकारी स्कूल में हुई। उसके पश्चात यमुनानगर से ड्राफ्ट्समैन मैकेनिकल में एनटीसी किया। कुछ समय तक एक कंपनी में नौकरी करने के साथ फिर से पढ़ाई का जुनून जागा और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। फिर तो यह सिलसिला ऐसा बड़ा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बीए किया, उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद से हिंदी में एमए किया और फिर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। अब आगे पत्रकारिता और जनसंचार में एमए फाइनल कर रहे हैं। पवन सोंटी बताते हैं कि उन्होंने लिखना तो 1990 के आसपास ही शुरू कर दिया था, लेकिन 1993 में उनकी पहली कविता जनसंदेश अखबार में प्रकाशित हुई। 1997 मैं कुरुक्षेत्र से प्रकाशित युवा समाचार के लिए पत्रकारिता शुरू की और 1999 में गोल्डन प्रहरी सप्ताहिक के लिए कार्य शुरू किया। उसके पश्चात 2004 से हरिभूमि अखबार में मथाना से और फिर कुरुक्षेत्र से स्टाफर के रूप में कार्य शुरू करने के साथ पूर्ण रूप से सक्रिय पत्रकारिता में पदार्पण कर लिया।
इसके पश्चात तो पहली खबर, नव आकाश, उत्तम हिंदू आदि में पत्रकारिता की सेवाएं प्रदान करने के साथ हरियाणा राइजिंग मासिक व दैनिक आवारा बादल आदि की संपादकीय टीम में भी सेवाएं दी। यही नहीं दैनिक भास्कर व आज समाज आदि में भी इनके लेख प्रकाशित होते रहे हैं। इसी दरमियान 2008 से 2018 तक दुनिया की जानी मानी न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के द्वारा शुरू किये गए मोबाइल मीडिया प्लेटफार्म आरएमएल में काम किया। आरएमएल इनफॉरमेशन सर्विसेज से कॉरस्पॉडेंट का पद छोड़ने के पश्चात लगभग एक वर्ष बायर क्रॉप साइंस के साथ मीडिया कंसलटेंट के रूप में कार्य करते रहे। 2019 से 2022 तक दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कंटेंट राइटर, स्टूडियो इंचार्ज और सोशल मीडिया हैंडलर के पदों पर कार्य किया। अब 2022 से दिल्ली विश्वविद्यालय में कंटेंट राइटिंग, ट्रांसलेशन और सोशल नेटवर्किंग की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। साहित्य साधना का कार्य समानांतर जारी है।