Wednesday, March 19, 2014

राजनीती में घंटो के हिसाब से बदल रहे हैं घटनाकर्म: हरियाणा चुनाव: गठबंधन पर फिर रार, देर रात टल गया टूटने का खतरा


दिल्ली में चली भाजपा नेताओं की बैठक में फैसला, जारी रहेगा गठबंधन

भीख की तरह बची गठबंधन की दिवार, आखिर क्या होगा परिणाम?

कुरुक्षेत्र/ पवन सौन्टी
हरियाणा में लोकसभा चुनाव रोचक दौर से गुजर रहे हैं। जनता को उम्मीद्वारों के मामले में जनमत बनाने की बजाए अभी उम्मीद्वारों के ठिकानों की चटपटी खबरें ज्यादां लुभा रही हैं। ताजाघटनाक्रम के तहत हरियाणा में चंद्रमोहन बिश्रोई ने करनाल से अपनी ही पार्टी की टिकट लौटा दी। गौरतलब है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन कुलदीप बिश्रोई के नेतृत्व में हरियाण जनहित कांग्रेस (बीएल) से गठबंधन है। यहां पर केवल 2 सीटें हजकां के खाते में आई थी हिसार और करनाल। इनमें हिसार से कुलदीप बिश्रोई स्वंय व करनाल से उन्होंने कल अपने भाई चंद्रमोहन बिश्रोई उर्फ चांद मोहम्मद को करनाल से उम्मीद्वारा बनाया गया था। एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत चंद्रमोहन ने दूसरे ही दिन बुधवार को उन्होंने अपनी टिकट यह कहते हुए वापिस करने की घोषणा की कि उनके पिता भजन लाल कहते थे कि करनाल से ब्रामण ही सांसद बनें। उधर ऐसा ही नाटकीय घटनाक्रम कल हिसार में हुआ जहां चौ. देवीलाल की चौथी पीढ़ी के सत्ता की सीढिय़ां चढऩे का गवाह बनने एनडीए के घटक शिरोमणी अकालीदल बादल से पंजाब के उपमुख्यमंत्री स. सुखबीर सिंह बादल खुद पहुंचे व नामांकन दाखिल करते वक्त  भी दुष्यंत चौटाला के साथ रहे। इसे लेकर जहां हजकां सुप्रिमो कुलदीप बिश्रोई ने गहरी नाराजगी दिखाई थी। उधर मजेदार बात यह है कि हरियाणा में एक दो सीटों को छोड़ कर भाजपा की सभी टिकटों पर घमासान मचा है। कार्यकर्ता अपने ही नेतओं के पुतले फूंकने पर लगे हैं। इन हालातों में भाजपा भी सकते में है और बुधवार देर सांय राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के आवास पर बैठक हुई। 


इस बैठक में हरियाणा के नताओं के ने देर तक केंद्रीय नेताओं से लम्बी बातचीत की। सूत्र तो यहां तक बता रहे थे कि इस बैठक में हरियाणा के मुख्य विपक्षी दल व एनडीए के पूर्व घटक इनैलो नेता भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन देर रात तक यह निर्णय आया कि हरियाणा में गठबंधन जारी रहेगा। अनेकों नेताओं का मानना था कि हरियाणा में हजकां से गठबंधन को तोड़ दिया जाए, लेकिन कुलदीप समर्थक नेताओं के इन तर्कों से मामला टिक गया कि इस मौके पर गठबंधन तोडऩे से देशभर में गलत संदेश जाऐगा। और आखिर भीख की तरह मांग के साथ गठबंधन बरकरार रह गया।
क्या बदल सकता है गठबंधन?
हरियाणा में गठबंधन को लेकर आखिरी समय तक चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। अंतिम दौर में कांग्रेस को हराने के इच्छुक लोगों को भरे मन से इनैलो भाजपा के अलग अलग उम्मीद्वारों की सूचि को आते देखा। अभी इनैलो की सूचि को लेकर कोई चर्चा नहीं थी, लेकिन भाजपा की सूचि आते ही घमासान हो गया। कई ने तो आरोप लगाए कि कांग्रेस से मिलकर भाजपा ने टिकटों को बेचा है। उधर दो दिन के अंंतराल में हिसार से लेकर करनाल तक बदलते घटनाक्रम ने गठबंधन पर स्वाल उठा दिये हैं। अभी इनैलो ने भी कुछ सीटों पर ही नामांकर दाखिल किया है। ऐसे में यह संभावनाऐं अंतिम समय तक बनी रह सकती हैं कि क्या भाजपा का गठबंधन इनैलो से चुनाव पूर्व हो सकता है? हालांकि आज की बैठक में गठबंधन बच गया है, लेकिन भविष्य क्या होगा, इसे आने वाला समय ही बताऐगा?
भाजपा के उम्मीद्वारों पर क्यों रार?
हरियाणा में भाजपा द्वारा घोषित उम्मीद्वारों की सूचि संसय में डालने वाली है। अम्बाला से रत्न लाल कटरिया पर कोई विवाद नहीं है। ध्यान रहे कि वहां से इनैलो ने भी अपेक्षकृत कमजोर उम्मीद्वार उतारा है। कुरुक्षेत्र की बात की जाए तो यहां से इनैलो के बलबीर सैनी पूरी तरह से मजबूत माने जाते हैं, लेकिन भाजपा ने यहां से राजकुमार सैनी को उतारा जिन पर बाहरी होने का ठप्पा होने के साथ साथ भाजपा में ही रार पनप रही है। उधर रोहतक में इनैलो का मजबूत उम्मीद्वार शमशेर खरकड़ा है तो भाजपा ने अपने धुरंधर राष्ट्रीय नेता कै प्टन अभिमन्यू को उनके खिलाफ उतारने में आखिर क्यों गुरेज किया? यही नहीं भाजपा में जो नेता हरियाणा में इनैलो से गठबंधन का विरोध कर रहे थे उनको भी कहीं न कहीं हसिये पर रखने की बू आ रही है। 

चंडीगढ़ में तीन हसीन महिलाओं के चुनाव लडऩे की वजह है खास

40 प्रतिशत मतदाता युवा वर्ग से और 45 प्रतिशत महिलाएंआकर्षक व्यक्तित्व की हैं -गुल पनाग,किरण खेर और जन्नत जहां 

चुनाव प्रबंधन में सबसे मंजे खिलाड़ी हैं पवन बंसल

सुरेंद्र पाल वधावन/ चण्डीगढ़
लगभग 6 लाख मतदाताओं की चंडीगढ़ संसदीय सीट पर चुनावी रणभेरी बज उठी है। टिकट की घुड़दौड़ जीतने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी चुनाव समर में कूद चुके हैं। इस बार सिटी ब्यूटीफुल से तीन पार्टियों से तीन सुंदर महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं जिसकी वजह से लोग चुनाव में अच्छी खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां पहले हास्य कलाकार दिवंगत जसपाल भट्टी की पत्नी सविता भट्टी को टिकट दी लेकिन भट्टी के इंकार करने के बाद पूर्व मिस इंडिया व मॉडल अदाकारा गुल पनाग को मैदान में उतार दिया है। गुल पनाग अपना चुनाव अभियान शुरु कर चुकी हैं हांलांकि उन्हें पूरा चुनावी सिस्टम बनाने में थोड़ा समय लगेगा। चंडीगढ़ के सेक्टर-21 में आम आदमी पार्टी का एक कार्यालय बनाया गया है। चंडीगढ़ में बसपा ने पार्षद जन्नत जहां को मैदान में उतारा है जिनके नाम की घोषणा एक साल पूर्व ही कर दी गई थी। जन्नत जहां लोगों के दु:ख सुख में शरीक होने के अलावा कर्मचाारियों द्वारा किए गए धरनों व आंदोलनों में बढ़चढ़ कर सहयोग करती रहीें जिसके कारण संसदीय क्षेत्र में एक दमदार पहचान रखती हैं। पार्षद होने के नाते राजनीति का तथा चुनाव लडऩे का अच्छा अनुभव रखती हैं। भारतीय जनता पार्टी ने प्रसिद्ध अदाकारा किरण खेर को मैदान में उतार कर सरप्राईज फेक्टर देने का दाव खेला जो फिल्हाल उसे खुद अचंभा दे गया। किरण खेर ने कभी सपने में भी सोचा नहीं होगा कि टिक ट मिलने पर उनकी पार्टी के लोग उनके पुतले तक फूंक डालेंगे। बहरहाल भाजपा की अच्छी खासी जगहंसाई के बाद अब पार्टी डेमेज कंट्रोल करने में लगेगी। रुठों को मनाया जाएगा। लेकिन आगे आगे देखिए गालिब होता है क्या। 
कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर पवन बंसल को प्रत्याशी बना कर उनकी अग्रिपरीक्षा ली है।बंसल अत्यंत अनुभवी नेता है और चुनाव लडऩे का हुनर बखूबी जानते है। बंसल का चुनावी प्रबंधन भी दूसरे उम्मीदवारों से बेहतर लगता है। विपक्षियों द्वारा लगाए आरोपों को कैसे कांऊटर करेंगे यह देखने वाली बात होगी। बंसल ने पिछले 2009 के चुनाव में 161042 वोट हासिल किए जबकि भाजपा के उम्मीदवार सत्यपाल जैन को 102075,बसपा के हरमोहन धवन को 61634,आर.जे.डी के हाफिज अनवर हक को 11549,वोट पड़े थे। इनके अलावा 10 अन्य आजाद उम्मीदवार भी चुनाव में उतरे थे जिन्हें अत्यंत कम वोट मिले थे। इसी तरह 2004 के चुनाव पर नजरसानी करें तो उस दौरान पवन कुमार बंसल को 139880,भाजपा के सत्यपाल जैन को 94632 और हरमोहन धवन को 17762 वोट मिले। चंडीगढ़ से पवन बंसल ने 1991,1999,2004,2009 में कांग्रेस की टिक ट पर चुनाव जीता।पवन बंसल को 1996 1998 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। इस बार महिला प्रत्याशियों को उतारने के गणित पर दृष्टिपात करें तो महिला उम्मीदवार चंडीगढ़ की 45 प्रतिशत महिला वोटरों पर फोक्स करने का प्रयास करेंगी। चंडीगढ़ में सेलिब्रेटी महिला उम्मीदवारों के हक में यह बात जा रही है कि यहां 40 फीसदी ऐसे मतदाता है जो 25 से 40 आयुवर्ग के हैं। सिटी ब्यूटीफुल में 18000 नए मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। चंडीगढ़ में भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्कस्वादी की और से कामरेड कंवलजीत मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के पवन बंसल और बसपा की जन्नतजहां अपने नामांकन दाखिल कर चुके हैं।

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2 comments:

  1. लगे रहो , बढिया खबर है

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