समीक्षा- सुरेंद्र पाल वधावन शाहाबाद मारकंडा
- प्रिसिंपल एस.एस.प्रिंस का अंग्रेज़ी भाषा में नवप्रकाशित काव्य संग्रह -रेनबो
कॅलरज़ -जीवन के इंद्रधनुषी रंगों से झिलमिलाती कविताओं का एक खूबसूरत गुलदस्ता है।
81 वर्षीय प्रिसिंपल
एस.एस.प्रिंस चंडीगढ़ के जानेमाने शिक्षाविद् और एक स्थापित रचनाकार हैं। -रेनबो कॅलरज़
-में कुल 45 कविताएं हैं जो लेखक के निजी अनुभवों पर आधारित होने के साथ-साथ जीवन के प्रति
उसके दृष्टिकोण की व्यापकता का बोध कराती हैं। लिब्रेशन ऑफ गॉड, शीर्षक कविता में कवि मानव
जाति से यह आग्रह करता है-आओ-परमात्मा को आजाद
कर दें और उसे उसके सही स्थान पर प्रतिष्ठित करें,वह स्थान है मानव का हृदय। कवि ने
सुंदर प्रतीकों के माध्यम तथा अंग्रेज़ी भाषा की एक विशिष्ठ शैली और अंदाज़ में हर
कविता में कोई न कोई संदेश देकर इस काव्यसंग्रह को सार्थकता के अंजाम तक पहुंचाया है।
-बर्डज़-नामक कविता की एक वानगी देखिए -मैं कुछ पक्षियों को नियागरा फॉल के उपर से
जादुई परवाज़ करते हुए देखता हूं,जो कनाडा से अमरीका जा रहे हैं। इन पक्षियों को न पासपोर्ट न
वीजा न इमीग्रेशन चैक और न ही कस्टम कलेयरैंस चाहिए,यह पक्षी उतने ही आजाद हैं जितनी हवा। इस हवा में वह पंख खोलकर सुंदर रुप में आकाश
में उड़ते हैं।
कवि प्रकृति का अद्भुत चितेरा है उसने अपनी रचनाओं में कुदरत के दृश्यों का खूबसूरत
$खाका खींचा
है। -हेवन ऑन अरथ-कविता में कश्मीर वादी के सौंदर्य को भाषा की जादूगरी से नयी रंगत
प्रदान की है।- द् रिवर गंगा,द्-मैजिक वैली,द्-रिवर ब्यास आदि में उसका प्रकृति से गहरा अनुराग प्रदर्शित
होता है। रेनबो कॅलरज़ के बहुरंगी आयाम में आध्यात्मिक और धार्मिक कविताओं का एक अलग
सा फलेवर है जिनमें -गुरनानक देवजी:द् ग्रेट रीडीमर,ट्रिब्यूट-टू-गुरगोबिंद सिंह,गुरु ग्रंथ- अवर सिपिरचुअल
गाईड -का उल्लेख किया जा सकता है। काव्यसंग्रह की कुछ कविताएं इतिहास से संबंधित हैं
जिन्में द्-ट्री आफ फ्रीडम,फ्रीडम,नोबल मारटायरज़,इन मैमोरी ऑफ गांधी आदि शुमार हैं। प्रिसिंपल एस.एस.प्रिंस
के इन इंद्रधनुषी रंगों में जीवन के फलसफा से भरी कविताओं का अलग मिजाज है। पुस्तक
का आवरण अत्यंत आकर्षक है। कुल मिलाकर एक पठनीय और संग्रहनीय काव्य संग्रह है।
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