राहुल/गोपी/शरत [Edited By: पंकज विजय]
| नई दिल्ली/जोधपुर, 11 सितम्बर 2013 | अपडेटेड: 08:51 IST
पिछले करीब 12 दिन से आसाराम बापू पुलिस के साथ आंख-मिचौली खेल रहे थे.
और गिरफ्तारी से बचने के लिए जगह-जगह भागे फिर रहे थे. लेकिन शायद वो ये
भूल गए थे कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और यही हाथ आसाराम के गिरेबान तक
पहुंच ही गए. पुलिस का शिकंजा कसा तो बापू की बोलती बंद हो गई. लेकिन ये तो
है कि आसाराम ने भी पुलिस से काफी मशक्तत करवाई. गिरफ्तारी से पहले और
उसके बाद आसाराम ने कई ड्रामे किए. पढ़िए इनके बारे में...
कोई प्रपंच काम ना आया
पहले तो आसाराम बापू ने गिरफ्तारी के बचने के लिए कई दिनों तक तक ड्रामा किया. फिर उनके समर्थकों ने मीडिया के लोगों के साथ मारपीट की हंगामा किया. लेकिन सारे प्रपंच करने के बाद कानून के डंडे के ना तो आसाराम बापू की चली और ना ही उनके सर्मथकों की. और आखिरकार नाबालिग के यौन उत्पीड़न करने के आरोप में पुलिस ने आसाराम बापू को गिरफ्तार कर ही लिया. लेकिन बापू को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी.
31 अगस्त
रात 8.30 -जोधपुर पुलिस आसाराम के आश्रम में पहुंची. जोधपुर पुलिस के इंदौर पहुंचते ही आसाराम की गिरफ्तारी की सरगर्मी तेज हो गई. लेकिन तबतक उनके आश्रम या आसाराम की तरफ से पुलिस को कोई सहयोग नहीं किया गया.
रात 8.45-आश्रम में आसाराम का सत्संग शुरू हो गया. आश्रम के बाहर पुलिस आसाराम को गिरफतार की तैयारी कर रही थी. लेकिन अंदर आसाराम अपने सत्संग में लीन थे.
रात 9.00
31 अगस्त- नारायण साईं ने कहा- बापू सहयोग करेंगे. आश्रम में पुलिस की घेराबंदी होते देख आसाराम के बेटे नारायण साईं एक बार फिर मीडिया के सामने प्रकट हुए और कहा कि - बापू पुलिस से पूरा सहयोग करेंगे.
रात 11.00-पुलिस ने आश्रम की घेराबंदी की
पुलिस ने पूरे आश्रम की घेराबंदी कर आसाराम की कुटिया में पहुंची और आसाराम से पूछताछ शुरू की. लेकिन आसाराम ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया.
01 सितंबर, रात 12.25
पुलिस ने आसाराम को गिरफ्तार किया. इंदौर के आश्रम से जोधपुर पुलिस ने आसाराम को गिरफ्तार किया. आसाराम ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया था. जोधपुर पुलिस के मुताबिक बापू उनके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे थे. और जब पुलिस टीम को उनके सवालों के जवाब नहीं मिले तो उसके बाद ही आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया.
सुबह 6 बजे
आसाराम का मेडिकल चेकअप
पुलिस ने इंदौर एयरपोर्ट पर ही आसाराम का मेडिकल चेकअप किया गया.
सुबह 7.55 बजे
दिल्ली के लिए रवाना आसाराम
आसाराम को रात भर इंदौर एयरपोर्ट पर रखा गया. यहां रात भर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात था सुबह यहां से आसाराम को लेकर फ्लाइट दिल्ली के लिए रवाना हुई.
सुबह 9 बजे
दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे आसाराम. दो घंटे की फ्लाइट के बाद आसाराम को लेकर पुलिस दिल्ली पहुंची. फ्लाइट में आसाराम ने कहा कि मैं बेकसूर हूं मुझे फंसाया जा रहा है.
सुबह 10 बजे
एयपोर्ट पर आसाराम समर्थकों का जमवाडा
दिल्ली एयरपोर्ट पर अंदर आसाराम थे और एयरपोर्ट के बाहर आसाराम के समर्थकों का हुजूम लगा था. और वो बापू की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे.
सुबह 11 बजे
दिल्ली से जोधपुर रवाना
आसाराम को लेकर दिल्ली से जोधपुर की फ्लाइट रवाना हो गई ..
दोपहर 12 बजे
जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे
जोधपुर एयरपोर्ट जब आसाराम पहुंचे तो उस समय यहां भारी मात्रा में सुरक्षा बंदोबस्त थे आरपीएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई थी.
दोपहर 12.30 बजे
जोधपुर एयरपोर्ट से ले गई पुलिस
जोधपुर पुलिस एयरपोर्ट से जब आसाराम को लेकर गई तो एक बार फिर आसाराम ने कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है. लेकिन आसाराम ने थाने जाने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर वो थाने में गए तो वो अपवित्र हो जाएंगे..
दोपहर 1 बजे
40 मिनट तक घूमाती रही पुलिस
जोधपुर पुलिस आसाराम को करीब 40 मिनट तक इधर से उधर घूमाती रही. कभी उन्हें डांगियावास तो कभी मडई कुटी ले जाया गया.
दोपहर 2 बजे
आरएसी गेस्ट हाउस में आसाराम
आखिरकार थकहार कर और आसाराम को शहर भर में घुमाने के बाद पुलिस बापू को लेकर आरएसी की फर्स्ट बटालियन के गेस्ट हाउस में पहुंची. फिलहाल पुलिस ने आसाराम बापू को इसी गेस्टहाउस में रखा हुआ है और वो उनसे पूछताछ कर रही है.
शाम 4 बजे तक पुलिस आसाराम से पूछताछ करती रही और जब उन्होंने पुलिस के सवालों के ठीक जवाब नहीं दिए तो करीब 5 बजे पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश कर उनका दो दिन का रिमांड मांगा. लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के बाद आसाराम को एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया.
आसाराम ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिखाई कई लीलाएं. पुलिस को गुमराह करने के लिए कई बयान दिए. लेकिन फिर भी गिरफ्तारी से नहीं बच पाए. इंदौर से गिरफ्तार करने और जोधपुर पहुंचने के बाद पुलिस भले ही आसाराम को करीब 40 मिनट तक शहर भर में इधर से उधर घुमाती रही लेकिन आखिर में आसाराम को आरएसी यानी आरएसी की फर्स्ट बटालियन के गेस्ट
हाउस ले जाकर वहां उनसे पूछताछ शुरू की और शाम पांच बजते-बजते पुलिस ने आसाराम को अदालत में पेश किया और कोर्ट से आसाराम का दो दिन का रिमांड मांगा. और सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को आसाराम की एक दिन की कस्टडी दे दी. कोर्ट से एक दिन की पुलिस रिमांड में भेजे जाने के बाद खाकी वर्दी वालों से घिरे आसाराम बेहद शांत और निराश अंदाज में पुलिस की गाड़ी में बैठ गए.
'रात आश्रम में बिताना चाहता हूं'
12 दिन तक पुलिस से लुकाछिपी खेलने के बाद कोर्ट में भी आसाराम ने पुलिस की गिरफ्त से बचने की भरपूर कोशिश की. कोर्ट में उन्होंने कहा कि वो रात अपने आश्रम में ही बिताना चाहते हैं. लेकिन, कोर्ट में उनकी मांग खारिज हो गई. कोर्ट में आसाराम ने कहा कि पुलिस कस्टडी के दौरान मुझे आश्रम में ही रहने दिया जाए. पूछताछ में सहयोग किया है और आगे भी करूंगा. मैं जेल या हवालात में नहीं रहना चाहता. मुझे योग आसन या साधना करनी पड़ी है जो हवालात में नहीं हो सकती. इस पर कोर्ट ने कहा कि अभी तो पुलिस आपसे पूछताछ करेगी. सोमवार को फिर पेशी है... तब देखेंगे...
घटनाक्रम को रीक्रिएट करेगी पुलिस
रिमांड पर लेने के बाद पुलिस आसाराम को मड़ई आश्रम ले गई. नाबालिग के मुताबिक आसाराम ने वहीं उसके साथ यौन शोषण किया था. बताया जाता है कि पुलिस आसाराम से पूछताछ के साथ पूरे घटनाक्रम को रीक्रिएट करेगी और आरोपों की सच्चाई जानने की कोशिश करेगी.
दरअसल आसाराम पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए ही इतने दिनों से इधर से उधर भागे-भागे फिर रहे थे. लेकिन अब बापू कहीं भी नहीं भाग पाएंगे और ना ही अपनी कोई नई लीला दिखा पाएंगे. अब जो भी लीला दिखानी होगी वो पुलिस दिखाएगी. अब ये देखने वाली बात है कि पुलिस बापू को अपनी कौन सा रूप दिखाती है. अब बापू चाहे जो मर्जी रूप धरे और जो चाहे लीला दिखाएं लेकिन फिलहाल तो उन्हें पुलिस के सवालों की बौछार झेलनी पड़ेगी. और शायद इसीलिए आसाराम की बोलती बंद है.
आसाराम से पूछे ये सवाल
आरएसी के गेस्ट हाउस में पुलिस ने 4 घंटे तक आसाराम से पूछताछ की. इस दौरान पुलिस ने बापू से उन लगे यौन शोषण के आरोपों के बारे में कई सवाल पूछे. यहां पढ़िए आखिर क्या थे ये सवाल और साराम ने इन सवालों के पुलिस को क्या जवाब दिए.
पुलिस- आपके पास ये लड़की कैसे पहुंची?
आसाराम- इसका परिवार हमारा सेवक है. इलाज के लिए लड़की आई थी.
पुलिस- जोधपुर आश्रम के बजाय मड़ई कुटिया में क्यो बुलाया था?
आसाराम- परिवार ने हमसे कुटिया देखने की इच्छा जताई थी.
पुलिस- लड़की को कमरे में अकेले क्यों ले गए?
आसाराम- बच्ची ने अंदर से कुटिया देखने की जिद की थी. मेरे अलावा वहां कोई नहीं जाता. उसने धर्म कर्म की बातें सुनने की इच्छा जताई थी। इलसी वजह से वले गया.
पुलिस- लड़की डेढ़ घंटे तक कमरे में क्या कर रही थी?
आसाराम- बच्ची धार्मिक प्रवृत्ति की थी। धर्म कर्म की बातें कर रही थी. इसके अलावा कोई बात नहीं.
पुलिस- लड़की ने आप पर इल्जाम क्यों लगाया?
आसाराम- मैं आरोंपों का जवाब नहीं दूंगा. सारे आरोप गलत हैं. लड़की मेरी पोती समान हैं.
पुलिस के मुताबिक आसाराम अब जांच में सहयोग कर रहे हैं.
वैसे आने वाले दिन आसाराम के लिए और भी परेशानी भरे हो सकते हैं क्योंकि अगर पुलिस तफ्तीश में यौन शोषण की तस्दीक हो गई तो बापू को जेल जाने से कोई नहीं बचा पाएगा.
कभी शराब के तस्कर थे आसाराम
आसुराम सिरुमलानी से आसाराम. जिस शख्स को हम और आप आसाराम बापू के तौर पर जानते हैं वो कभी शराब के तस्कर थे. यकीन करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन आसाराम पर आरोप हैं कि गुजरात में शराबबंदी के दौरान उन्होंने शराब की तस्करी की और फिर वृंदावन के लीलाशाह जी महाराज की संगत में वो आध्यात्म की राह पर चलने लगे.
कुछ बरस पहले तक दुनिया आसाराम को सिर्फ इसी रूप में जानती थी. एक आध्यात्मिक गुरु, एक संत के रूप में. कुछ मेहनत, कुछ झांसा, कुछ पाखंड तो कुछ किस्मत के दम पर आसाराम इस मुकाम पर पहुंचे थे. पूरी कहानी के लिए हम चलते हैं थोड़ा फ्लैश बैक में.
तारीख- 17 अप्रैल 1941
जगह- अविभाजित भारत के सिंध प्रांत का बेरानी गांव
एक साधारण परिवार में जन्मे थे आसाराम, उनका असली नाम था- आसुराम सिरुमलानी
बंटवारे के बाद आसूराम सिरुमलानी का परिवार गुजरात के अहमदाबाबाद में आ गया था. ऐसा आरोप है कि आसाराम ने शराब तस्कर के तौर पर अपना करियर शुरू किया. गुजरात में शराब बंदी थी. और आसाराम अवैध तरीके से देशी शराब बेचकर अच्छी कमाई कर लेते थे.
22 साल की उम्र में आसाराम की मुलाकात उनके गुरु स्वामी लीलाशाह महाराज से हुई. उनकी संगति में आसाराम पर भक्ति मार्ग पर चलने का जुनून सवार हुआ. कमाई बढ़ी तो 1972 में आसाराम ने अहमदाबाद में पहला आश्रम स्थापित किया.
आसाराम एक तरफ खुद को संत कहलवाते थे, दूसरी तरफ उनकी अच्छी खासी गृहस्थी भी बस गई. उन्होंने लक्ष्मी देवी नाम की महिला से शादी की, जिनसे एक बेटी और एक बेटे नारायण स्वामी का जन्म हुआ.
भारत में धर्म का धंधा कुछ ज्यादा ही चोखा चलता था. आसाराम का भी धंधा चल निकला. आसाराम का जादू भक्तों पर चल गया. देखते देखते उनके भक्तों की तादात करोड़ों में पहुंच गई.
आज की तारीख में आसाराम के ट्रस्ट के कुल 425 आश्रम हैं. उन्होंने 17 सौ बाल संस्कार केंद्र और 50 रिहायशी स्कूल भी खुलवाए हैं. आसाराम ने धर्म के धंधे में आयुर्वेद को भी शामिल किया. आयुर्वेदिक दवाओं का उनका बिजनेस भी चल निकला. बाबागीरी अच्छी चल रही थी, लेकिन किसे पता था कि बाबागीरी के बीच में बवाल आ जाएगा.
आसाराम एक, इल्जाम हजार... आसाराम के सफेद चोले पर कलंक का कोई एक धब्बा होता, तो भी गनीमत थी. लेकिन अब तो इल्जामों के चलते पूरा का पूरा सफेद चोला ही काला दिखने लगा है. और इस कालिख में यौन शोषण, वशीकरण, सम्मोहन, अपहरण... सारे गुनाह शामिल हैं.
पहले तो आसाराम बापू ने गिरफ्तारी के बचने के लिए कई दिनों तक तक ड्रामा किया. फिर उनके समर्थकों ने मीडिया के लोगों के साथ मारपीट की हंगामा किया. लेकिन सारे प्रपंच करने के बाद कानून के डंडे के ना तो आसाराम बापू की चली और ना ही उनके सर्मथकों की. और आखिरकार नाबालिग के यौन उत्पीड़न करने के आरोप में पुलिस ने आसाराम बापू को गिरफ्तार कर ही लिया. लेकिन बापू को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी.
31 अगस्त
रात 8.30 -जोधपुर पुलिस आसाराम के आश्रम में पहुंची. जोधपुर पुलिस के इंदौर पहुंचते ही आसाराम की गिरफ्तारी की सरगर्मी तेज हो गई. लेकिन तबतक उनके आश्रम या आसाराम की तरफ से पुलिस को कोई सहयोग नहीं किया गया.
रात 8.45-आश्रम में आसाराम का सत्संग शुरू हो गया. आश्रम के बाहर पुलिस आसाराम को गिरफतार की तैयारी कर रही थी. लेकिन अंदर आसाराम अपने सत्संग में लीन थे.
रात 9.00
31 अगस्त- नारायण साईं ने कहा- बापू सहयोग करेंगे. आश्रम में पुलिस की घेराबंदी होते देख आसाराम के बेटे नारायण साईं एक बार फिर मीडिया के सामने प्रकट हुए और कहा कि - बापू पुलिस से पूरा सहयोग करेंगे.
रात 11.00-पुलिस ने आश्रम की घेराबंदी की
पुलिस ने पूरे आश्रम की घेराबंदी कर आसाराम की कुटिया में पहुंची और आसाराम से पूछताछ शुरू की. लेकिन आसाराम ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया.
01 सितंबर, रात 12.25
पुलिस ने आसाराम को गिरफ्तार किया. इंदौर के आश्रम से जोधपुर पुलिस ने आसाराम को गिरफ्तार किया. आसाराम ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया था. जोधपुर पुलिस के मुताबिक बापू उनके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे थे. और जब पुलिस टीम को उनके सवालों के जवाब नहीं मिले तो उसके बाद ही आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया.
सुबह 6 बजे
आसाराम का मेडिकल चेकअप
पुलिस ने इंदौर एयरपोर्ट पर ही आसाराम का मेडिकल चेकअप किया गया.
सुबह 7.55 बजे
दिल्ली के लिए रवाना आसाराम
आसाराम को रात भर इंदौर एयरपोर्ट पर रखा गया. यहां रात भर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात था सुबह यहां से आसाराम को लेकर फ्लाइट दिल्ली के लिए रवाना हुई.
सुबह 9 बजे
दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे आसाराम. दो घंटे की फ्लाइट के बाद आसाराम को लेकर पुलिस दिल्ली पहुंची. फ्लाइट में आसाराम ने कहा कि मैं बेकसूर हूं मुझे फंसाया जा रहा है.
सुबह 10 बजे
एयपोर्ट पर आसाराम समर्थकों का जमवाडा
दिल्ली एयरपोर्ट पर अंदर आसाराम थे और एयरपोर्ट के बाहर आसाराम के समर्थकों का हुजूम लगा था. और वो बापू की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे.
सुबह 11 बजे
दिल्ली से जोधपुर रवाना
आसाराम को लेकर दिल्ली से जोधपुर की फ्लाइट रवाना हो गई ..
दोपहर 12 बजे
जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे
जोधपुर एयरपोर्ट जब आसाराम पहुंचे तो उस समय यहां भारी मात्रा में सुरक्षा बंदोबस्त थे आरपीएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई थी.
दोपहर 12.30 बजे
जोधपुर एयरपोर्ट से ले गई पुलिस
जोधपुर पुलिस एयरपोर्ट से जब आसाराम को लेकर गई तो एक बार फिर आसाराम ने कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है. लेकिन आसाराम ने थाने जाने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर वो थाने में गए तो वो अपवित्र हो जाएंगे..
दोपहर 1 बजे
40 मिनट तक घूमाती रही पुलिस
जोधपुर पुलिस आसाराम को करीब 40 मिनट तक इधर से उधर घूमाती रही. कभी उन्हें डांगियावास तो कभी मडई कुटी ले जाया गया.
दोपहर 2 बजे
आरएसी गेस्ट हाउस में आसाराम
आखिरकार थकहार कर और आसाराम को शहर भर में घुमाने के बाद पुलिस बापू को लेकर आरएसी की फर्स्ट बटालियन के गेस्ट हाउस में पहुंची. फिलहाल पुलिस ने आसाराम बापू को इसी गेस्टहाउस में रखा हुआ है और वो उनसे पूछताछ कर रही है.
शाम 4 बजे तक पुलिस आसाराम से पूछताछ करती रही और जब उन्होंने पुलिस के सवालों के ठीक जवाब नहीं दिए तो करीब 5 बजे पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश कर उनका दो दिन का रिमांड मांगा. लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के बाद आसाराम को एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया.
आसाराम ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिखाई कई लीलाएं. पुलिस को गुमराह करने के लिए कई बयान दिए. लेकिन फिर भी गिरफ्तारी से नहीं बच पाए. इंदौर से गिरफ्तार करने और जोधपुर पहुंचने के बाद पुलिस भले ही आसाराम को करीब 40 मिनट तक शहर भर में इधर से उधर घुमाती रही लेकिन आखिर में आसाराम को आरएसी यानी आरएसी की फर्स्ट बटालियन के गेस्ट
हाउस ले जाकर वहां उनसे पूछताछ शुरू की और शाम पांच बजते-बजते पुलिस ने आसाराम को अदालत में पेश किया और कोर्ट से आसाराम का दो दिन का रिमांड मांगा. और सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को आसाराम की एक दिन की कस्टडी दे दी. कोर्ट से एक दिन की पुलिस रिमांड में भेजे जाने के बाद खाकी वर्दी वालों से घिरे आसाराम बेहद शांत और निराश अंदाज में पुलिस की गाड़ी में बैठ गए.
'रात आश्रम में बिताना चाहता हूं'
12 दिन तक पुलिस से लुकाछिपी खेलने के बाद कोर्ट में भी आसाराम ने पुलिस की गिरफ्त से बचने की भरपूर कोशिश की. कोर्ट में उन्होंने कहा कि वो रात अपने आश्रम में ही बिताना चाहते हैं. लेकिन, कोर्ट में उनकी मांग खारिज हो गई. कोर्ट में आसाराम ने कहा कि पुलिस कस्टडी के दौरान मुझे आश्रम में ही रहने दिया जाए. पूछताछ में सहयोग किया है और आगे भी करूंगा. मैं जेल या हवालात में नहीं रहना चाहता. मुझे योग आसन या साधना करनी पड़ी है जो हवालात में नहीं हो सकती. इस पर कोर्ट ने कहा कि अभी तो पुलिस आपसे पूछताछ करेगी. सोमवार को फिर पेशी है... तब देखेंगे...
घटनाक्रम को रीक्रिएट करेगी पुलिस
रिमांड पर लेने के बाद पुलिस आसाराम को मड़ई आश्रम ले गई. नाबालिग के मुताबिक आसाराम ने वहीं उसके साथ यौन शोषण किया था. बताया जाता है कि पुलिस आसाराम से पूछताछ के साथ पूरे घटनाक्रम को रीक्रिएट करेगी और आरोपों की सच्चाई जानने की कोशिश करेगी.
दरअसल आसाराम पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए ही इतने दिनों से इधर से उधर भागे-भागे फिर रहे थे. लेकिन अब बापू कहीं भी नहीं भाग पाएंगे और ना ही अपनी कोई नई लीला दिखा पाएंगे. अब जो भी लीला दिखानी होगी वो पुलिस दिखाएगी. अब ये देखने वाली बात है कि पुलिस बापू को अपनी कौन सा रूप दिखाती है. अब बापू चाहे जो मर्जी रूप धरे और जो चाहे लीला दिखाएं लेकिन फिलहाल तो उन्हें पुलिस के सवालों की बौछार झेलनी पड़ेगी. और शायद इसीलिए आसाराम की बोलती बंद है.
आसाराम से पूछे ये सवाल
आरएसी के गेस्ट हाउस में पुलिस ने 4 घंटे तक आसाराम से पूछताछ की. इस दौरान पुलिस ने बापू से उन लगे यौन शोषण के आरोपों के बारे में कई सवाल पूछे. यहां पढ़िए आखिर क्या थे ये सवाल और साराम ने इन सवालों के पुलिस को क्या जवाब दिए.
पुलिस- आपके पास ये लड़की कैसे पहुंची?
आसाराम- इसका परिवार हमारा सेवक है. इलाज के लिए लड़की आई थी.
पुलिस- जोधपुर आश्रम के बजाय मड़ई कुटिया में क्यो बुलाया था?
आसाराम- परिवार ने हमसे कुटिया देखने की इच्छा जताई थी.
पुलिस- लड़की को कमरे में अकेले क्यों ले गए?
आसाराम- बच्ची ने अंदर से कुटिया देखने की जिद की थी. मेरे अलावा वहां कोई नहीं जाता. उसने धर्म कर्म की बातें सुनने की इच्छा जताई थी। इलसी वजह से वले गया.
पुलिस- लड़की डेढ़ घंटे तक कमरे में क्या कर रही थी?
आसाराम- बच्ची धार्मिक प्रवृत्ति की थी। धर्म कर्म की बातें कर रही थी. इसके अलावा कोई बात नहीं.
पुलिस- लड़की ने आप पर इल्जाम क्यों लगाया?
आसाराम- मैं आरोंपों का जवाब नहीं दूंगा. सारे आरोप गलत हैं. लड़की मेरी पोती समान हैं.
पुलिस के मुताबिक आसाराम अब जांच में सहयोग कर रहे हैं.
वैसे आने वाले दिन आसाराम के लिए और भी परेशानी भरे हो सकते हैं क्योंकि अगर पुलिस तफ्तीश में यौन शोषण की तस्दीक हो गई तो बापू को जेल जाने से कोई नहीं बचा पाएगा.
कभी शराब के तस्कर थे आसाराम
आसुराम सिरुमलानी से आसाराम. जिस शख्स को हम और आप आसाराम बापू के तौर पर जानते हैं वो कभी शराब के तस्कर थे. यकीन करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन आसाराम पर आरोप हैं कि गुजरात में शराबबंदी के दौरान उन्होंने शराब की तस्करी की और फिर वृंदावन के लीलाशाह जी महाराज की संगत में वो आध्यात्म की राह पर चलने लगे.
कुछ बरस पहले तक दुनिया आसाराम को सिर्फ इसी रूप में जानती थी. एक आध्यात्मिक गुरु, एक संत के रूप में. कुछ मेहनत, कुछ झांसा, कुछ पाखंड तो कुछ किस्मत के दम पर आसाराम इस मुकाम पर पहुंचे थे. पूरी कहानी के लिए हम चलते हैं थोड़ा फ्लैश बैक में.
तारीख- 17 अप्रैल 1941
जगह- अविभाजित भारत के सिंध प्रांत का बेरानी गांव
एक साधारण परिवार में जन्मे थे आसाराम, उनका असली नाम था- आसुराम सिरुमलानी
बंटवारे के बाद आसूराम सिरुमलानी का परिवार गुजरात के अहमदाबाबाद में आ गया था. ऐसा आरोप है कि आसाराम ने शराब तस्कर के तौर पर अपना करियर शुरू किया. गुजरात में शराब बंदी थी. और आसाराम अवैध तरीके से देशी शराब बेचकर अच्छी कमाई कर लेते थे.
22 साल की उम्र में आसाराम की मुलाकात उनके गुरु स्वामी लीलाशाह महाराज से हुई. उनकी संगति में आसाराम पर भक्ति मार्ग पर चलने का जुनून सवार हुआ. कमाई बढ़ी तो 1972 में आसाराम ने अहमदाबाद में पहला आश्रम स्थापित किया.
आसाराम एक तरफ खुद को संत कहलवाते थे, दूसरी तरफ उनकी अच्छी खासी गृहस्थी भी बस गई. उन्होंने लक्ष्मी देवी नाम की महिला से शादी की, जिनसे एक बेटी और एक बेटे नारायण स्वामी का जन्म हुआ.
भारत में धर्म का धंधा कुछ ज्यादा ही चोखा चलता था. आसाराम का भी धंधा चल निकला. आसाराम का जादू भक्तों पर चल गया. देखते देखते उनके भक्तों की तादात करोड़ों में पहुंच गई.
आज की तारीख में आसाराम के ट्रस्ट के कुल 425 आश्रम हैं. उन्होंने 17 सौ बाल संस्कार केंद्र और 50 रिहायशी स्कूल भी खुलवाए हैं. आसाराम ने धर्म के धंधे में आयुर्वेद को भी शामिल किया. आयुर्वेदिक दवाओं का उनका बिजनेस भी चल निकला. बाबागीरी अच्छी चल रही थी, लेकिन किसे पता था कि बाबागीरी के बीच में बवाल आ जाएगा.
आसाराम एक, इल्जाम हजार... आसाराम के सफेद चोले पर कलंक का कोई एक धब्बा होता, तो भी गनीमत थी. लेकिन अब तो इल्जामों के चलते पूरा का पूरा सफेद चोला ही काला दिखने लगा है. और इस कालिख में यौन शोषण, वशीकरण, सम्मोहन, अपहरण... सारे गुनाह शामिल हैं.
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