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पानीपत। हरियाणा पंचायतीराज (संशोधन) कानून-2015 को को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगातार तीसरे दिन गुरुवार को सुनवाई जारी है। कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछते हुए आंकड़ा मांगा है कि संशोधन के बाद कितने उम्मीदवारों नामांकन भरा है? और कितने उम्मीदवार योग्य मिले हैं। बुधवार की सुनवाई को दौरान भी कोर्ट ने नई शर्तों पर कई सवाल उठाए थे। इनमें कई सवालों के जवाब सरकार नहीं दे पाई। उसे अदालत से समय मांगना पड़ा था। इसलिए अदालत से सुनवाई एक दिन के लिए आगे बढ़ा दी थी। आज की सुनवाई चल रही है।
बुधवार को ये पूछे थे सवाल
बिजली बिल पर पूछा- गांवों में बिल देर से पहुंचता है। कोई व्यक्ति बिल भरने से चूक जाता है, उसका एक रुपया बिल है तो क्या वह चुनाव नहीं लड़ सकता?
प्रदेश सरकार- अदालत के कई सवालों का मौके पर ही जवाब नहीं दे पाए अटॉर्नी जनरल। संभवत: गुरुवार को सरकार कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी।
सरकार- पंचायती संस्थाओं, खासकर सरपंच के पास कार्यकारी शक्तियां होती हैं, इसलिए प्रतिनिधियों का पढ़ा-लिखा होना जरूरी है।
अदालत- कार्यकारी शक्तियों के निर्वाहन के लिए क्या 5वीं, 8वीं और 10वीं पास होना ही पर्याप्त है?
अदालत- क्या नगर निकायों में ये शर्तें लागू है?
सरकार- नहीं।
अदालत- एक्ट में संशोधन का प्रावधान किया क्या?
सरकार- नहीं।
अदालत- तो क्या आप सिर्फ गांवों में ही सुधार करना चाहते हैं?
–--------सुनवाई अभी जारी है।
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