Thursday, May 4, 2017

जारी है जजों की जंग: जस्टिस कर्णन ने SC के आदेश को बताया 'पागलपन'

मेडिकल टेस्ट से जस्टिस कर्णन का इनकार, SC के आदेश को बताया 'पागलपन'

उत्तम हिन्दू से साभार: 
कोलकाता (उत्तम हिन्दू न्यूज) : सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में आरोपी कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्णन ने गुरुवार को मेडिकल टेस्ट से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच के आदेश पर तीन सदस्यों की एक मेडिकल टीम सुबह न्यू टाउन एरिया स्थित जस्टिस कर्णन के घर पहुंची थी। इस दौरान कर्णन ने टीम को कहा कि वह पूरी तरह से ठीक हैं और उन्हें मेंटल टेस्ट की आवश्यकता नहीं है। 

मेडिकल टीम के पहुंचने से पहले जस्टिस कर्णन ने एक प्रेस ब्रिफिंग बुलाई। उन्होंने मेडिकल जांच को इलीगल बताते हुए कहा, कानून के अनुसार इस तरह की जांच में गार्जियन का सिग्नेचर जरूरी है. यह प्रक्रिया नहीं फॉलो की गई। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को 'पागल न्यायाधीशों का पागलपन भरा आदेश' करार देते हुए जांच कराने से इनकार किया है। मेरी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है और मैं इसे जारी रखूंगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने सोमवार को न्यायमूर्ति कर्णन के मानसिक स्वास्थ्य की जांच के लिए 4 मई को एक मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था और 8 मई को जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था। न्यायमूर्ति कर्णन ने अपने मानसिक स्वास्थ्य की जांच संबंधी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को 'हास्यास्पद' करार दिया था। न्यायमूर्ति कर्णन न्यायपालिका के अपमान और सर्वोच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अवमानना का सामना कर रहे हैं।

Wednesday, May 3, 2017

जजों के बीच जारी है जंग, एक दूसरे के खिलाफ जारी कर रहे हैं वारंट

जस्टिस कर्णन ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सहित सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों के खिलाफ जारी किया गैर-जमानती वारंट 

आखिर उस देश का क्या होगा, जहां के जज ही आपस में झगड़ने लगे हो! भारत में सर्वोच न्यायालय व कलकत्ता उच्च न्यायालय के जजों के कानूनी झगड़े ने तो न्यायपालिका को ही मज़ाक बना कर रख दिया है।
इस मामले में कोर्ट की कार्यवाही में अवमानना का सामना कर रहे कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस सी एस कर्णन ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस जे एस खेहर सहित सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है।

हाई कोर्ट में जाने से प्रतिबंधित चल रहे कर्णन ने कोलकाता के अपने घर से ही सुओ-मोटो न्यायिक आदेश जारी कर दिया। आदेश देते समय जस्टिस कर्णन ने कहा कि, 'यह आम जनता को भ्रष्टाचार और अस्थिरता से बचाने के लिए देश के हित में है।' उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को जस्टिस खेहर सहित 7 जजों के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने दिल्ली के डीजीपी या पुलिस कमिश्नर को इस आदेश का पालन करने का आदेश दिया।

उन्होंने CJI खेहर के अलावा जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष, जस्टिस कुरियन जोसेफ के खिलाफ यह गैर जमानती वॉरंट जारी किया। कर्णन ने इन सभी जजों को उनके समक्ष पेश होने को कहा था। मंगलवार को दिए आदेश में उन्होंने कहा कि ये सभी 'आरोपी' जज 'अनुपस्थित' रहे।

जस्टिस कर्णन का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों के द्वारा उनका मेडिकल परीक्षण कराए जाने के एक दिन बाद आया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया था कि जस्टिस कर्णन की दिमागी जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए। हालांकि इसके बाद कर्णन ने भी सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों को AIIMS के मानसिक रोग से जुड़े बोर्ड के सामने पेश करने का आदेश दे दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस कर्णन पर अवमानना मामले में सुनवाई चल रही थी। जस्टिस कर्णन ने 20 जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज किया था।

'आप' के अंदर फिलहाल थमा बवाल, लेकिन पिक्चर अभी बाकी है- NBT

'आप' के अंदर फिलहाल थमा बवाल, लेकिन पिक्चर अभी बाकी है

नवभारतटाइम्स.कॉम, नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी ( आप) में पिछले तीन-चार दिनों से उठा बवंडर भले थमता हुआ दिख रहा है, लेकिन यह पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है। पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में मौजूद सूत्र ने बताया कि दो दिनों से बागी तेवर दिखा रहे कुमार विश्वास की मांगों के आगे जिस तरह से पार्टी ने घुटने टेके हैं उससे साफ हो गया है कि अरविंद केजरीवाल अब पार्टी में पहले की तरह 'अजेय' नहीं रह गए हैं। सूत्र का कहना था कि यह पार्टी के अंदर केजरीवाल के समानांतर एक और सत्ता केंद्र की शुरुआत है।


गौरतलब है कि दिल्ली में हाल में संपन्न नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार के बाद से ही पार्टी में अंदरखाने नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने लगे थे। गुटों में बंटी आप के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आए। इसी क्रम में पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने कुमार विश्वास के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करते हुए उन पर बीजेपी के साथ मिलकर पार्टी को तोड़ने की कोशिश करने आरोप लगाया था। इसके बाद कुमार विश्वास अमानतुल्लाह को पार्टी से निकालने की मांग पर अड़ गए थे।

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 Dr Kumar Vishvas ✔ @DrKumarVishwas
"यदि अंधकार से लड़ने का संकल्प कोई कर लेता है
तो एक अकेला जुगनू भी सब अन्धकार हर लेता है"🇮🇳
लड़ेंगे! जीतेंगे!
आभार! भारत माता की जय!
2:33 PM - 3 May 2017
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जब इशारों-इशारों में पार्टी आलाकमान ने संकेत दे दिया कि अमानतुल्लाह पर पीएसी से निकालने से ज्यादा कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी तो कुमार विश्वास ने मंगलवार शाम पांच बजे अपना ब्रह्मास्त्र चल दिया और सार्वजनिक रूप से कह दिया कि वह पार्टी छोड़ने के बारे में रात तक घोषणा कर सकते हैं।

इसके बाद देर रात तक कुमार विश्वास को मनाने का दौर चलता रहा। रात 11 बजे खुद सीएम अरविंद केजरीवाल और डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया गाजियाबाद के वसुंधरा में कुमार विश्वास के घर उन्हें मनाने पहुंचे। इस दौरान वहां काफी कार्यकर्ता थे और उन्होंने जमकर विश्वास के समर्थन में नारेबाजी की। सुबह पीएसी की मीटिंग शुरू होने से पहले भी कुमार विश्वास ने अपने तेवर बरकरार रखते हुए कहा कि वह अपने 'राष्ट्रवादी विडियो' वी द नेशन के लिए माफी नहीं मांगेगे भले ही संगठन, पार्टी, सरकार व व्यवस्था नाराज रहे। साफ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया था कि वह पार्टी में मजबूत आंतरिक लोकतंत्र और जिन सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत है उनके खिलाफ कार्रवाई के पक्षधर हैं।


जिस तरह से पीएसी की बैठक में कुमार विश्वास की ज्यादातर बातें मान ली गई हैं उससे उनका पलड़ा भारी दिख भी रहा है। अमानतुल्लाह को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है और उन्हें मनीष सिसोदिया की जगह राजस्थान का प्रभारी बना दिया गया। सूत्र का कहना है कि अरविंद और उनके करीबियों के नेतृत्व में लगातार हार झेल रही आप मौजूदा स्थिति में विश्वास के सवालों की अनदेखी करने की स्थिति में नहीं है। सूत्र ने बताया कि पार्टी नेतृत्व को इसलिए भी झुकना पड़ा क्योंकि ज्यादातर विधायक और मंत्री भी विश्वास के सवालों के साथ खड़े दिख रहे हैं। अमानतुल्लाह के अलावा केवल मनीष सिसोदिया ही एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने विश्वास के खिलाफ खुलकर कुछ बोला है।

पार्टी के सूत्र का कहना है कि जिस तरह से सारे फैसले तीन-चार लोगों का गुट ले रहा है, उसको लेकर भारी असंतोष है और उसे कुमार विश्वास ने आवाज दी है। उनका यह भी कहना है कि पार्टी का झगड़ा खत्म नहीं है बल्कि आने वाले दिनों में आप के भीतर एक और सत्ता केंद्र देखने को मिल सकता है। या फिर यह भी हो सकता है कि आप में एक टूट दिखे।