Wednesday, August 24, 2011

लालबत्ती के चक्कर में झींडा ने बेचा सिख संगत को

एचएसजीपीसी को लगा करारा झटका
युवा प्रदेशाध्यक्ष अजराना ने दिया इस्तीफा, 
कहा- सी.एम. से मिलकर झींडा ने खड़े किए 11 प्रत्याशी
लालबत्ती के चक्कर में झींडा ने बेचा सिख संगत को
कुरुक्षेत्र/मेघराज मित्तल
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एडहॉक) को उस समय करारा झटका लगा। जब युवा प्रदेशाध्यक्ष कंवलजीत सिंह अजराना ने इस संगठन व अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। युवा प्रदेशाध्यक्ष ने यह इस्तीफा मंगलवार को एचएसजीपीसी के मुख्यालय दो सडक़ां में भेज दिया है। इसकी घोषणा मंगलवार को यहां रेलवे रोड पर स्थित एक निजी होटल में पत्रकारवार्ता में की है। सिखों के युवा नेता कंवलजीत सिंह अजराना ने पत्रकारों को कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में प्रदेशाध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कहने पर कमजोर 11 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने झींडा को दो टूक शब्दों में कहा कि हरियाणा में अलग कमेटी का मुद्दा खत्म कर दिया जाएगा। यह मुद्दा तभी खत्म होगा जब हरियाणा में एचएसजीपीसी से कोई भी प्रत्याशी जीत हासिल नहीं करेगा। सी.एम. के कहने पर झींडा ने चुन-चुन ऐसे प्रत्याशियों को खड़ा किया, जो किसी भी सूरत पर जीत हासिल नहीं कर सकेंगे। करनाल से जब कोई प्रत्याशी नहीं मिला तो मजबूरन स्वयं चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि झींडा कांग्रेस मुख्य एजैंट बनकर प्रदेश की सिख संगत को गुमराह कर रहा है। इसके साथ ही एचएसजीपीसी की जगह अब यह संगठन झींडा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल सितम्बर में जो संघर्ष शुरू किया था। उस आंदोलन को झींडा ने मुख्यमंत्री के इशारे पर बंद कर दिया। जेल में बंद होने के बावजूद झींडा ने सभी नेताओं को किसी न किसी बहाने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास ले गए और आगामी कार्रवाई करने के लिए झींडा ने मुख्यमंत्री से आदेश भी मांगे थे। उन्होंने कहा कि जगदीश सिंह झींडा के इस विश्वासघात को आने वाली पीढिय़ां हमेशा याद रखेंगी। उन्होंने कहा कि झींडा ने अनेकों बार कमेटी के नाम पर प्रदेश की सिख संगत को मुख्यमंत्री के हाथों से बेचा है। अब लालबत्ती लेने की चाह में हरियाणा की 11 की 11 सीटों पर झींडा अपने प्रत्याशियों को हरवाना चाहता है। झींडा ने हमेशा अपने चहेतों को 11 सदस्यीय कमेटी में 11 सदस्यीय कमेटी में रखा है। अजराना ने कहा कि अकाल तख्त साहिब के हुक्मनामे के अनुसार 25 अगस्त से पहले झींडा व उसके परिजनों को अमृत छकना है, लेकिन झींडा के परिवार के सभी सदस्य सिख धर्म के मर्यादाओं का पालन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में झींडा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की  पोल अपने-आप प्रदेश की सिख संगत के सामने आ जाएगी। कांग्रेस ने दो बार अपने चुनावी एजैंडों में अलग कमेटी के मुद्दे को रखा, लेकिन झींडा ने कांगेस के हाथों अपने-आप को बेचकर सरकार को अलग कमेटी बनाने के लिए कभी मजबूर नहीं किया। इस मौके पर हरपाल सिंह मोहनपुर, परमजीत सिंह अजराना, कंवरजीत सिंह गोगपुर, हरी सिंह मेहरा, नसीब सिंह नंबरदार, परमजीत सिंह, साहब सिंह, केवल सिंह, सुरजीत सिंह, हरविंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, सर्वजीत सिंह आदि मौजूद थे।

1 comment:

  1. ऐसे नेताओ को राजनितिक रोटिया सकने के सिवाए कुछ काम नहीं है.....

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