Sunday, June 3, 2012

रामदेव के आसन पर पहुंचे कुत्ते?



पवन सौन्टी/कुरुक्षेत्र
एक वर्ष बाद बाबा रामदेव फिर उसी स्थान पर पहुंचे जहां से गत वर्ष इसी 3 जून को बड़े बे आबरू होकर निकले थे। इस बार जनता में उतना जनून नजर नहीं  आ रहा और न ही सरकार में कोई डर या खौफ नजर आ रहा है। खासकार उस वक्त जब रामदेव के साथ अन्ना हजारे भी एक मंच पर आ रहे हैं। हां सरकार बाबा रामदेव की सुरक्षा को लेकर इतनी चिंतित जरूर है कि धरना स्थाल व मंच की अति विशिष्ट मेहमानों के आगमन की तरह जांच की जा रही है। मजेदार बात तो यह है कि धरना स्थल पर बने मंच पर रामदेव के लिये लगे आसन पर उनके शिष्य अथवा कोई विशिष्ठ व्यक्ति चाहे पांव रख पाए या नहीं, लेकिन काला कुत्ता जरूर उस आसन पर घूमता देखा गया। सुरक्षा दस्ते द्वारा जब वहां मैटल डिटैक्टर आदि से छानबीन की जा रही थी तो वह कुत्ता भी अपनी सेवा में व्यस्त था। गौरतलब है कि इसी प्रकार कई वर्ष पहले जब एक विदेशी अतिविशिष्ट मेहमान को दिल्ली में महात्मागांधी की समाधी पर जाना था तो वहां पर भी उस मेहमान के कुत्तों ने छानबीन की थी। उस समय देश में एक बहस छिड़ी थी व कुत्तों की इस हिमाकत पर रोष व्यक्त किया गया था। यही नहीं एक समाचार पत्र के सम्पादक ने तो अपने सम्पादकीय बुश दे कुत्ते खाण मलाईयां में साफ लिखा था कि किस कुत्ते मानव से ज्यादा महत्व रखते हैं। आज की घटना से मुझे वही बाद ताजा हो गई जब रामदेव के आसन को कुत्ते ने खंगाला। सुबह टीवी में यह दृश्य देखने के बाद मुझे उक्त घटना याद आने के बाद यह लगा कि बाबा रामदेव इस मंच पर आखिर किस प्रकार बैठेंगे जिस पर उनसे पहले कुत्ते कला कर चुके हों?    

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