Monday, December 30, 2013

किस्मत से मिलते हैं अम्मा जी जैसे किरदार

किस्मत से मिलते हैं अम्मा जी जैसे किरदार
http://epaper.haribhoomi.com/Details.aspx?id=24995&boxid=29614064

28 अक्तूबर 1971 को सोनीपत में जन्मी फिल्म एवं टेलीविजन अभिनेत्री मेघना मलिक यूं तो कई चर्चित धारावाहिकों और फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभा चुकी हैं परन्तु ना आना इस देस लाडो में अम्मा जी के किरदार ने उन्हें जो पहचान दी, वह बेजोड़ है। उनकी अब तक की अभिनय यात्रा, टीवी इंडस्ट्री के अनुभवों, हरियाणवी सिनेमा और यहां की घटनाओं पर मेघना ने खुलकर विचार जाहिर किए। हरिभूमि के संपादक ओमकार चौधरी ने उनसे यह खास बातचीत की।

मेघना जी, कला के क्षेत्र में आने का फैसला कब और कैसे लिया। कब ये अहसास हुआ कि आपके भीतर एक अभिनेत्री जन्म ले चुकी है?
इसे प्रोफेशन के रूप में अपनाने के बारे में तो नहीं सोचा था पर जब भी स्टेज पर होती थी.. मुझे सबसे ज्यादा खुशी उसी समय होती थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय गई। पढ़ती थी तो मैं इंटरव्यू देखती और सुनती थी नसीरूद्दीन शाह के ओमपुरी जी के। मुझे उनकी फिल्मों में कुछ अलग दिखता था। उसी समय मुझे पता लगा कि ये दोनों राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के हैं। मैं अपने आपको खोजना चाह रही थी। वही खोज मुझे वहां तक लेकर गई।

ना आना इस देस लाडो तक का सफर भी कोई बहुत आसान नहीं रहा। कैसे याद करती हैं संघर्ष के उन दिनों को?
ग्यारह साल के संघर्ष के बाद मुझे वो भूमिका मिली..तब भी मैं कहूंगी कि मैं खुशकिस्मत थी कि मुझे ऐसा कुछ मिला जो खाली पॉपुलर ही नहीं हुआ, एक अलग किस्म की सराहना लोगों के बीच मिली। एक अलग तरह का सम्मान उसके जरिए मुझे प्राप्त हुआ।

संघर्ष के उन दिनों को कैसे याद करेंगी और जो इस वक्त स्थान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें क्या सलाह देंगी, क्योंकि कई बार लोग कुंठित हो जाते हैं।
इस क्षेत्र में बहुत मेहनत है। मैं सिर्फ ग्लैमर के कारण यहां नहीं आई। एक्टिंग में मुझे सबसे ज्यादा सकून मिलता था। बहुत सारे लोग ग्लैमर की वजह से आते हैं। उनके बड़े सपने होते हैं। नाकामियां भी होती हैं। मेरा कहना है कि यहां वो ही आएं जो इसे जुनून की तरह लेते हों। कई बार कामयाबी बहुत जल्दी मिल जाती है और कई बार बहुत देर भी लग जाती है। यही कहूंगी कि वो ही आएं, जो वाकई सिर्फ यही (अभिनय) करना चाहते हैं।

फिल्म इंडस्ट्री में पैर जमाने और पहचान बनाने के लिए क्या गॉड फादर जरूरी है? और जिसके नहीं होते क्या उसे बहुत ज्यादा मुश्किलें पेश आती हैं?
गॉड फादर का तो मुझे मालूम नहीं..मेरा तो कोई गॉड फादर नहीं है (खुलकर हंसती है) उनके लिए मैं बोल नहीं सकती, जिनके पास गॉड फादर हैं। मैं तो यही कहूंगी कि दो चीजें अहम हैं। एक आपकी मेहनत और दूसरे लगन। यही चीजें आपको मंजिल तक लेकर जाएंगी। पहचान और स्थान बनाने के लिए जो एकदम एंड रिजल्ट चाहते हैं तो वो सही रास्ते पर नहीं हैं। आप अपने काम में लगे रहें। सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने काम के प्रति ईमानदार रहें। कहीं न कहीं उसका प्रतिफल आपको जरूर मिलता है।

अम्मा के किरदार ने आपको घर-घर तक पहुंचाया। हर टीवी दर्शक के दिल पर छाप दिया। क्या अब वही किरदार आपके लिए एक चुनौती नहीं बन गया है?
जो भी किरदार मिलता है..वो हमारे हाथ में नहीं होता। एज एन एक्टर हम यहां आते हैं। मेरा यही रहता है कि जो किरदार मुझे दिया गया है, उसके प्रति ईमानदार रहूं। उसमें जो भी डाल सकती हूं..डालूं। मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि सुबह उठूं और पाऊं कि मेरे पास काम है। जो भी करती हूं..लोग उसकी कद्र करते हैं। कौन सी चीज हिट होती है वो पता चल जाए तो इंसान फिर वही करे..जो हिट होगा। अब मेरे पास वैसे ही (अम्मा) किरदार आएं और रहें, यदि इसी टेंशन में रहूं..कि ये उतना ही लोकप्रिय होगा या नहीं..तो ये सही नहीं है।

लाइफ ओके पर आजकल आपका गुस्ताख दिल सीरीयल आ रहा है। बरखा के केरेक्टर को आप एंजाय कर पा रही हैं पूरी तरह से?
ये अम्मा जी के किरदार से बहुत भिन्न है। ये अफसोसजनक पहलू है टेलीविजन इंडस्ट्री का कि कोई भी कहानी उठा लें..उसमें गिने चुने किरदार होते हैं। उनकी रूपरेखा भी वैसी ही रहती है। इस दृष्टि से देखें तो टेलीविजन इंंडस्ट्री में कहानी के मामले में बहुत गरीबी है। अपने काम को देखूं तो पहले मैंने एक अलग तरह का किरदार निभाया, जिसमें इस किस्म की महिला थी..गांव की..दबंग महिला। इसे देखूं तो ये बिल्कुल शहरी महिला है..कन्फ्यूज सी। मैं अपने को लकी मानती हूं कि लोग मुझे अम्मा जैसे किरदार में भी देखना पसंद करते हैं और इस तरह के किरदार भी लेकर लोग आते हैं कि ये मेघना को दे दो। इसमें भी ये कुछ न कुछ तो (कमाल) कर ही देगी।

दोनों किरदारों की तुलना करें तो अम्मा का किरदार कहीं अधिक प्रभावशाली था?
अम्मा जी जैसा किरदार टेलीविजन हिस्ट्री में किसी महिला एक्टर के लिए कभी-कभी ही आएगा और जिसे ऐसा किरदार करने को मिल जाए तो मानना चाहिए कि वो बड़ी किस्मत लेकर आई है। तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो अम्मा जी का फलक बहुत बड़ा था। ये कहानी तो ड्राइंग रूम ड्रामा है। यहां तो मुझे कभी-कभी ऐसा लगता है कि मेरे पंख कट गए हैं। कलाकार के खेलने के हिसाब से कहूं तो वो फुटबॉल के मैदान की तरह था और ये बहुत ही सीमित टेबल टेनिस की तरह है।

झलक दिखला जा के पिछले संस्करण में आप दिखाई दी। लोगों को पता चला कि मेघना डांसर भी है। उसका अनुभव कैसा रहा?
उसमें मैंने पूरे मजे लिये। गिनती वाला डांस ना मैंने कभी किया और ना सीखा। बस मेरा ये होता है कि कोई चैलेंज ले लिया तो उसमें कुछ ना कुछ तो करना ही है। ना मैं नंबरों की टेंशन में थी और ना वोटों की टेंशन में। मैं सिर्फ उसका आनंद ले रही थी। मेरे लिए वो अलग एरिया था, जिसे मैं विकसित कर रही थी। उसमें मैंने पूरा रस लिया।

हरियाणा की चर्चा करें तो यहां आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव देखे जा रहे
हैं। आपका जन्म यहीं हुआ। पढ़ाई-लिखाई यहीं हुई। इन बदलावों को किस दृष्टि से देखती हैं?
बदलाव साफ तौर पर महसूस किया जा रहा है। राज्य औद्योगिक दृष्टि से आगे बढ़ा है। लोगों का लाइफ स्टाइल भी बदला है। उनकी परचेजिंग पावर बढ़ी है। गुड़गांव में मैंने देखा है। हरियाणा से जब गुजरती हूं तो हाइवे (सड़कों) का निर्माण भी हो रहा है। देखकर अच्छा लगता है। काफी इंस्टीट्यूट खुल गए हैं। स्कूल, कालेज और यूनिवर्सिटी बन गए हैं। मैं रोहतक गई तो देखा कि वहां फिल्म, आर्किटैक्चर और फाइन आर्ट का इंस्टीट्यूट एक ही छत के नीचे शुरू हुआ है। ये जानकर अच्छा लगता है कि इस तरह की ग्रोथ और डवलपमैंट हो रहा है।

लेकिन सोच में जिस तरह के बदलाव आने चाहिए। परिपक्वता आनी चाहिए, वो नजर नहीं आते हैं। क्या ये एक कमी महसूस होती है?
ये तो सही है कि नौजवान पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी की सोच में एक टकराव देखा जा रहा है। ये हो सकता है कि वे अपने आब्जेक्टिव को ज्यादा आक्रामक तरीके से फालो करना चाहते हैं। वो जो करना चाहते हैं..वो जानते हैं कि उसकी क्या दिशा है..तो ये टकराव भी इसी का सूचक है कि बदलाव आ रहा है और लोग जागरूक हो रहे हैं। दूसरे राज्यों में और देशों में यूथ जिस तरह से सोचता है वह अपने प्रदेश में भी आए तो कोई गलत बात नहीं है। अगर किन्हीं मामलों में हमारी सोच पिछड़ी हुई है तो उसे आगे लाना चाहिए। और हर समाज में एक टकराव तो रहता ही है। ये टकराव समाज के लिए हमेशा अच्छा ही रहा है।

महिलाओं की तरक्की और सशक्तिकरण के बारे में जब बात की जाती है तो कुछ नाम गिना दिए जाते हैं। क्या वाकई आधी आबादी को पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं?
हर क्षेत्र में अब महिलाएं तरक्की कर रही हैं। पर ये वो हैं जिन्होंने या तो हिम्मत दिखाई है या परिवारों से टकराव करते हुए आगे बढ़ी हैं या उनके परिवारों ने उन्हें बढ़ने में सहायता की है। हां, बड़ा तबका ऐसा है, जहां ये सोच अभी पहुंच नहीं पाई है। हम अक्सर पढ़ते हैं कि लड़कियों को मार डाला। ये अकेले हरियाणा की प्राब्लम नहीं है। मेरी मीडिया से भी गुजारिश है कि एक अभियान ऐसा छेड़ा जाए जिसमें प्रदेश के हर कोने की ऐसी महिलाओं के साप्ताहिक इंटरव्यू छापे जाएं, जिन्हें पढ़कर उन महिलाओं में भी हिम्मत आ जाए, जो अभी तक साहस नहीं जुटा पाई हैं।

दो और मसले हैं। कन्या भ्रूण हत्या और आनर किलिंग। इनकी वजह से हरियाणा की बदनामी होती है। इसके मूल में क्या सोच है और आपकी दृष्टि में समाधान क्या है?
देखिए, किलिंग में आनर तो हो ही नहीं सकता। हत्या के साथ सम्मान शब्द जुड़ ही नहीं सकता। जहां तक भ्रूण हत्या का प्रश्न है, जब तक हम दूरस्थ इलाकों तक ये संदेश नहीं पहुंचाएंगे कि वे पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं। मां-बाप की सेवा कर सकती हैं, तब तक इस सोच में बदलाव नहीं आएगा। लोगों को यह समझाने की जरूरत कि आज लड़की बोझ नहीं है। वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है। अपना ही नहीं, परिवार और मां-बाप का भी ध्यान रख सकती है। बेटे से ज्यादा रख सकती है। शिक्षा और आत्मनिर्भता हर तरह की समस्या की कुंजी है। दूसरे, मुझे बहुत अफसोस होता है, जब सुनती हूं कि मां ही आनर किलिंग की इंजीनियर हैं। मां का ये फर्ज है कि वो खुद फख्र से जियें और अपनी बेटियों को भी फख्र से जीने की सीख दें।

हरियाणवी सिनेमा उतना लोकप्रिय क्यों नहीं हो पाया? आप जैसे कलाकार हरियाणवी सिनेमा में काम करके इसे ऊंचाइयों पर पहुंचाने में योगदान दें तो शायद इसका कुछ भला हो?
एक तो हरियाणा के दर्शकों की सिनेमा की आधी भूख हिंदी फिल्में शांत कर देती हैं। बाकी पंजाबी सिनेमा से हो जाती है। देखिए, सिनेमा का व्यवसायिक तौर पर सफल होना बहुत जरूरी है। जो लोग हरियाणवी सिनेमा में लगे हैं, उन्हें देखना पड़ेगा कि आज के दर्शक का एक्सपोजर हो चुका है। हिंदी सिनेमा और क्षेत्रीय सिनेमा जहां पहुंच चुका है, उसे समझने की जरूरत है। एक परिपक्व सोच चाहिए। इतना कॉम्पीटीशन है। इसमें किस तरह की कहानियां चलेंगी, उसकी पहचान करना जरूरी है। और मेरे सामने यदि कोई ऐसी कहानी आती है, जिसमें कुछ करने को हो तो मैं हरियाणवी फिल्में फिल्में जरूर करूंगी।
www.omkarchaudhary.com

Sunday, December 8, 2013

दिली - छतीशगढ़ में अटकी सांसें ....राजस्थान व मध्यप्रदेश में भाजपा की धमाकेदार जीतResults till 4:23 Pm India Assembly election 2013--दिली में भाजपा सबसे बड़ा दल ---छतिसगढ़ में कांटे की टक्कर में उलझा कमल और पंजा ...

दिली - छतीशगढ़ में अटकी सांसें ....राजस्थान व मध्यप्रदेश में भाजपा की धमाकेदार जीत
पवन सोंटी/ कुरुक्षेत्र|
देश के 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों को लोकसभा के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा था| इस सेमीफाइनल ने भाजपा की बांछें तो जरूर खिला दी हैं, लेकिन अब तक की स्थिति ने दिली और
छतीशगढ़ में सांसे भी रोक रखी हैं| दिली में जहाँ अभी तक का आंकड़ा 33 के आसपास रुका है तो वहीँ अन्य का आंकड़ा भी एक की जीत व एक की लीड पर रुका है| आआपा  अभी सरकार बनाने से तो दूर है, लेकिन सरकार बिगाड़ने के काफी करीब जरुर है| 70 में से जादुई आंकड़ा 36 भाजपा से एक कदम दूर नजर आ रहा है| उधर छतीशगढ़ में भाजपा जादुई आंकड़े के आस पास घूम रही है, लेकिन कांग्रेस को थोड़ी आक्सीजन मिल रही है...अभी रात बाकी है,,,,देखिये क्या होता है...लेकिनइतना जरुर है कि मोदी कार्ड सफल हो गया है...लोकसभा इससे दूर नजर नही आती....

Results on : 08-Dec-2013
Assembly Election 2013 Results Live Update
Delhi   
Total Seats: - 70/70
Party Leads Won
BJPBJP 3 30
CongressCONG 1 7
CongressAAP 6 21
Others 1 1

Chhattisgarh   
Total Seat: - 90/90
Party Leads Won
BJPBJP 21 24
CongressCONG 18 25
Others 1 1

Rajasthan   
Total Seats: - 199/199
Party Leads Won
BJPBJP 12 147
CongressCONG 2 23
Others 5 10

Madhya Pradesh   
Total Seats: - 230/230
Party Leads Won
BJPBJP 54 106
CongressCONG 31 31
Others 8 -



Results on : 08-Dec-2013
Assembly Election 2013 Results Live Update
Delhi   
Total Seats: - 70/70
Party Leads Won
BJPBJP 5 28
CongressCONG 2 6
CongressAAP 7 20
Others 1 1

Chhattisgarh   
Total Seat: - 90/90
Party Leads Won
BJPBJP 25 19
CongressCONG 24 19
Others 3 -

Rajasthan   
Total Seats: - 199/200
Party Leads Won
BJPBJP 18 142
CongressCONG 4 20
Others 7 8

Madhya Pradesh   
Total Seats: - 230/230
Party Leads Won
BJPBJP 73 86
CongressCONG 41 22
Others 8 -

4 State Election Results.. 4 राज्यों की विधानसभा चुनावों के ताजा परिणाम....

Results on : 08-Dec-2013
Assembly Election 2013 Results Live Update
Delhi   
Total Seats: - 70/70
Party Leads Won
BJPBJP 9 25
CongressCONG 4 4
CongressAAP 7 19
Others 1 1

Chhattisgarh   
Total Seat: - 90/90
Party Leads Won
BJPBJP 26 19
CongressCONG 24 19
Others 2 -

Rajasthan   
Total Seats: - 199/200
Party Leads Won
BJPBJP 23 136
CongressCONG 5 20
Others 8 7

Madhya Pradesh   
Total Seats: - 230/230
Party Leads Won
BJPBJP 73 86
CongressCONG 41 22
Others 8 -

Mizoram   
Total Seats: - 0/40
Party Leads Won
BJPBJP - -
MNF - -
MPC - -
ZNP - -
MDF - -
Others - -

Wednesday, December 4, 2013

धर्मनगरी से धरा गया नारायण साईं




हाईवे पैट्रोल पम्प से दिखाई पुलिस ने गिरफ्तारी
पवन सौन्टी/कुरुक्षेत्र

लम्बे समय से देश की पुलिस को छकाने वाला नारायण साईं आखिर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से धरा गया। हालांकि पुलिस के अनुसार कुरुक्षेत्र में उसका कोई ठिकाना नहीं था और न ही वह यहां रूका था। मात्र संयोग ही है कि उसे पिपली नैशनल हाईवे नम्बर 1 पर स्थित एक पैट्रोल पम्प से गाड़ी में तेल डलवाते हुए दबोचा गया। दिल्ली व सूरत पुलिस द्वारा सांई की यहां से गिरफ्तारी के बाद अचानक कुरुक्षेत्र का नाम राष्ट्रीय मीडिया में चर्चित हो गया। गौतलब है कि आसाराम के बेटे नारायण सांई पर दो महिलाओं द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद से वह भगौड़ा था जिस पर 5 लाख का इनाम तक घोषित किया गया था।

 मजेदार बात तो यह है कि कुरुक्षेत्र पुलिस को इसकी सूचना मीडिया के माध्यम से ही लगी। जिला पुलिस अधीक्षक वाई पूर्ण कुमार ने स्थानीय मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे जाने पर बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही लगी है। वह पूर्ण विवरण जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। उधर पिपली हाईवे स्थित पैट्रोल पम्प के कर्मचारी शिव मोहन के अनुसार गत रात्रि 11 बजे के करीब 5-6 गाडिय़ां उनके पम्प पर तेल डलवाने के लिये रूकी थी। उनमें से 2 पर लाल बत्ती भी लगी थी। उसके अनुसार उन्होंने गाडिय़ों में नारायण सांई को नहीं पहचाना। जो लोग गाडिय़ों में स्वार थे वो सब सादे कपड़ों में थे। यही नहीं उन लोगों ने पैट्रोल पम्प का नाम पता भी पूछा। गाडिय़ों में से उतरे लोगों ने पैट्रोल पम्प कर्मचारियों से यह भी जानकारी ली की क्या सीसी टीवी कैमरे चालू हैं। कर्मचारियों के अनुसार उन्होंने बताया कि कैमरे काफी समय से खराब हैं। कर्मचारियों के अनुसार गाडिय़ों का काफिला अम्बाला की तरफ से आया था और दिल्ली की तरफ निकल गया। उधर नारायण सांई को गिरफ्तार करने वाली पुलिस का कहना है कि उसे पिपली स्थित पैट्रोल पम्प से पकड़ा गया जबकि लोगों को यह संदिग्ध नजर आता है। पैट्रोल पम्प कर्मचारी के अनुसार गाडिय़ों का काफिला आया और तेल डलवा कर चला गया। उन्होंने पैट्रोल पम्प के सीसी टीवी कैमरे के बारे में जानकारी ली व पैट्रोल पम्प का नाम पता जाना। इसके अतिरिक्त कोई ऐसी घटना उस पैट्रोल पम्प पर नहीं हुई जिससे लगे कि तेल डलवाते हुए किसी को दबोचने का प्रयास किया गया हो।

Saturday, November 9, 2013

कुवि के 36वें अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह का समापन भी रहा रंगारंग

यमुनानगर जोन के डीएवी कालेज ने जमाया ओवर आल ट्राफी पर कब्जा

पाश्चात्य प्रभाव से बचाकर अपनी संस्कृति को उभारने का करें प्रयास: कुलपति

कुरुक्षेत्र, 08 नवम्बर। (पवन सोंटी)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 36वें सांस्कृतिक युवा समारोह का जिस प्रकार भव्य आगाज हुआ था उसी प्रकार से समापन भी भव्य रहा।
3 दिन तक चले इस सांस्कृतिक महाकुम्भ में कुल 29 विधाओं में कुवि के 6 जोन के बीच प्रतिस्पर्धाऐं हुई। स्र्वाधिक अच्छा प्रदर्शन करने पर ओवर आल ट्राफी यमुनानगर जोन की ओर से डीएवी कालेज फार गल्र्ज, यमुनानगर के हिस्से में गई। इसके साथ ही रनरअप का खिताब करनाल जोन की ओर से आर्य पी जी कालेज पानीपत को मिला। समापन अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप में पहुंचे कुवि कुलपति लै. ज. डा. डी.डी.एस. संधू ने विजेता प्रतिभागियों को अपने हाथों से पुरस्कार व प्रमाण पत्र वितरित किये। इसके पश्चात उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज हमारी संस्कृति पाश्चचात्य संस्कृति से प्रभावित हो रही है। जरूरत है कि उसे पाश्चचात्य संस्कृति से बचाकर उभारने का प्रयत्न करें। इसके साथ ही उन्होंने समारोह के शांति पूर्ण एवं निर्विवाद सम्पन्न होने पर भी खुशी जताई। कुलपति ने निर्णायक मंडल व आयोजकों का आभार जताया व 18 फरवरी 2014 से कुवि में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय युवा समारोह के लिये भी अग्रिम शुभ कामनाऐं दी। उन्होंने टीम इंचार्जों व कालेेजों के प्राचार्यों से भी आह्वान किया कि प्रतिभागिया को बढ़ाया जाए। कुलपति ने कहा कि अच्छी बात है एक प्रतिभागी कई विधाओं में भाग लेता है, लेकिन बाकी विद्यार्थियों को भी आगे आने का मौका मिले।
उनसे पहले कुवि कुलसचिव डा. केसी रल्हण ने अपने स्वागत भाषण में मुख्यअतिथि सहित सभी आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने विजेतओं को बधाई दी और हारने वालों को ताकत देते हुए कहा कि हार से ही जीत का आनंद पता चलता है। जीता का अनंद वही अनुभव करता है जो हारता है। उनके पश्चात कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर ने 36वें अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करते हुए दर्शकों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इतनी शालीनता का परिचय दिया। इसके साथ ही उन्होंने 18 फरवरी से कुवि में होने जा रहे आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी यूथ फैस्टीवल के बारे में भी बताया। लाठर ने कहा कि स्वयं सेवकों की टीम ने जिस कुशलता से रत्नावली व इस आयोजन को संभाला है इससे उसने साबित कर दिया है कि यह एक श्रेष्ठ टीम है। आने वाले समय में आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी यूथ फैस्ट को भी यही टीम संभालेगी। लाठर ने कुवि कुलपति डा. डी.डी.एस. संधू का आभार जताते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई स्वच्छंद छूट के कारण ही इस प्रकार के सफल आयोजन संभव हो रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस आयोजन में नए कालेजों के आगे आने पर उनके प्राचार्यों का धन्यवाद किया व आशा जाताई कि आगे और भी नए कालेज सांस्कृतिक आयोजनों में अपनी भागीदारी बढ़ाऐंगे।

हरियाणवी समूह नृत्य में यमुनानगर व हिसार जोन रहे विजेता

क्लासिकल डांस में कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी कुरुक्षेत्र ने मारी बाजी

कुरुक्षेत्र, 08 नवम्बर।
कुवि मेें चल रहे 36 वें अंतर क्षेत्रीय युवा महोत्सव की सभी 29 विधाओं के परिणाम जारी कर दिये गए हैं। कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर के अनुसार अंतिम दिन आयोजित सबसे रोचक विधा हरियाणवी समूह नृत्य में यमुनानगर जोन से डीएवी कालेज फार गल्र्ज यमुनानगर व हिसार जोन से डीएन कालेज हिसार संयुक्त रूप से रिकोमैंडेड रहे तथा कुरुक्षेत्र जोन से सीआईएस कन्या महाविद्यालय पूंडरी व करनाल जोन से एसडी पीजी कालेज पानीपत संयुक्त रूप से कोमैंडेड रहे। इससे पहले आयोजित मिमिकरी प्रतियोगिता में यमुनानगर जोन से जीएन खालसा कालेज रिकोमैंडेड रहा व करनाल जोन से आर्य पीजी कालेज पानीपत और कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी कुरुक्षेत्र संयुक्त रूप से कोमैंडेड रहे।
    एकल प्रतियोगिताओं के क्लासिकल डांस में कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी कुरुक्षेत्र विजेता रहा। क्लासिकल इंस्ट्रुमैंट सोलो (पी) में करनाल जोन से जीएन खालसा कालेज करनाल विजेता रहा। क्लासिकल इंस्ट्रुमैंटल सोलो (एनपी) में करनाल जोन से गर्वनमैंट कालेज इसराना पानीपत विजेता रहा। क्लासिकल वोकल सोलो में यमुनानगर जोन से जीएनजी कालेज संतपुरा विजेता रहा। हरियाणवी गजल में यमुनानगर जोन से डीएवी कालेज फार गल्र्ज विजेता रहा। वैस्ट्रन वोकल सोलो में यमुनानगर जोन से डीएवी कालेज फार गल्र्ज विजेता रहा। सोलो डांस (फीमेल) में भी डीएवी कालेज फार गल्र्ज विजेता रहा। सोलो डांस (मेल) में करनाल जोन से आर्य पीजी कालेेज पानीपत विजेता रहा। लाईट वोकल इंडियन में डीएवी कालेज फार गल्र्ज विजेता रहा। फोक इंस्ट्रुमैंटल सोलो में कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी कुरुक्षेत्र विजेता रहा। वैस्ट्रन इंस्ट्रूमैंटल सोलो में यमुनानगर जोन से जीएनजी कालेज यमुनानगर विजेता रहा। फोक सोंग हरियाणवी में कुरुक्षेत्र जोन से डीएन महिला महाविद्यालय विजेता रहा। फोक सोंग जनरल में कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी कुरुक्षेत्र विजेता रहा।
    समूहिक प्रतियोगिताओं के कोरियोग्राफी में अम्बाला जोन से एसडी कालेज अम्बाला कैंट विजेता रहा। वन एक्ट प्ले में कुरुक्षेत्र जोन से युनिवर्सिटी कालेज कुरुक्षेत्र विजेता रहा। माईम में यमुनानगर जोन से एमएलएन कालेज यमुनानगर विजेता रहा। हरियाणवी ग्रुप सोंग में यमुनानगर जोन से डीएवी कालेज फार गल्र्ज विजेता रहा। इंडियन आरकैस्ट्रा में हिसार जोन से गर्वनमैंट पीजी कालेज हिसार विजेता रहा। ग्रुप सोंग जनरल में कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी कुरुक्षेत्र विजेता रहा। हरियाणवी आरकैस्ट्रा में यमुनानगर जोन से डीएवी कालेज फार गल्र्ज विजेता रहा। पोप सोंग हरियाणवी और वैस्ट्रन ग्रुप सोंग में भी यमुनानगर जोन से डीएवी कालेज फार गल्र्ज विजेता रहा। ग्रुप डांस जनरल में अम्बाला जोन से जीएमएन कालेज अम्बाला कैंट विजेता रहा। हरियाणवी स्किट में अम्बाला जोन से एमएन कालेज शाहबाद मारकंडा विजेता रहा। संस्कृत ड्रामा में कुरुक्षेत्र जोन से डीएन कन्या महाविद्यालय कुरुक्षेत्र विजेता रहा। सांग में करनाल जोन से आर्य पीजी कालेज पानीपत विजेता रहा। रसिया समूह नृत्य में भी करनाल जोन से आर्य पीजी कालेज पानीपत प्रथम रहा।

थारी हेल्ली मैं चौंसठ पैड़ी..मैं तो चढदी उतरदी आई...

.........करां कमाई खेतां के मां हम माट्टी के लाल...........

हरियाणवी समूह नृत्य में दिखी हरियाणा के लोक जीवन की झांकी

कुरुक्षेत्र, 08 नवम्बर।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे 36 वें अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह के अंतिम दिन आयोजित हरियाणवी समूह नृत्य की प्रतियोगिता में हरियाणा के लोक जीवन की जिवंत झांकी नजर आई। 
मंडा बंधने व सालियों का जिजा से ठिठोल और उस अवसर पर किया जाने वाला नृत्य, किसानों का खेतों में काम करनाल, खेत में मचान पर बैठ कर फसलों की रखवाली व कुएं से पानी भरती पनिहारी के दृश्यों के साथ कलाकारों ने अपने नृत्य पेश किये। हालांकि सभी प्रस्तुतियां बहुत ही रोचक रही, लेकिन सबसे सराहनीय प्रस्तुति रही डीएवी कालेज फार गल्र्ज यमुनानगर की। इनके साथ ही हिसार जोन से डीएन कालेज हिसार की प्रस्तुति को भी रिकोमैंड किया गया। यमुनानगर जोन की ओर से डीएवी कालेज फार गल्र्ज की टीम ने अपने मिश्रित गीतों पर खूब तालियां बटोरी। गीतों की बानगी कुछ इस प्रकार रही...हे मेरी लाड्डो तनै पिया घर जाणा......सास ससुर की ऐ लाड्डो टहल बजाणा..। थारी हेल्ली मैं चांैसठ पैड़ी...जी मैं तो चढदी उतरदी आई...., एकली नै छोड़ ग्या ऐ मेरा बालम सूबेदार...मेरे मन मैं उठी झाल बेरा ना कद आवैगा....।
 उधर हिसार जोन की टीम ने किसान को लेकर अपनी समूह नृत्य प्रस्तुति कुछ इस प्रकार के गीतों पर दी......करां कमाई खेतां के मां...हम माट्टी के लाल...म्हारा हर्या भर्या हरियाणा सै जित दूध दहीं का खाणा सै......., धरती पूत्र अन्न दाता किसान म्हारे हरियाणे का...बीन बांसुली ढोल नगाड़े साज म्हारे हरियाणे का...श्री लखमी चंद, जाट मेहर सिंह गायक म्हारे हरियाणे के.....। कुरुक्षेत्र जोन की टीम ने पनिहार के रूप में कुछ यूं प्रस्तुति दी....बरसण लागी हे चौगरदै काल़ी घटा सामण की....., भर कै पाणी चाल पड़ी कुएं की पनिहार .....हाए सासरै ना जाऊं मेरी नणदी..प्रदेश भरतार री.......।
 उधर करनाल जोन की टीम ने जीजा से सालियों के ठिठोल के साथ नृत्य पेश किया। गीतों की माला कुछ यूं रही...जिजा ओ जीजा जी म्हारा नेग देता जाईये....., ले जा रे कागा संदेश पिया का हाल बुरा सै मेरे जिया का...। अम्बाला जोन की ओर से प्रतिभागियों ने खेतां मैं हरियााल़ी छाई..खुशी आज म्हारे दिल मैं समाई...., सतरंगी बरसै बादल़ी....., ओढ पैहर कै मैं तो पाणी नैं गई थी ..छौरयां नै मारी किलकार ..रूक्का पढग्या छौरयां मैं....। गीतों पर अपना नृत्या पेश किया।

मिमिकरी में नल से टपकता रहा पानी

आडिटोरियम हाल में आयोजित मिमिकरी प्रतियोगिता में कलाकारों ने विभिन्न प्रकार की आवाजें अपने मुंह से निकाल कर दर्शकों को लोटपोट कर दिया। विजेता रहे यमुनानगर जोन के जीएन खालसा कालेज के प्रतिभागी ने जहां नल से पानी टपकने की आवाज को मुुंह से निकाला तो वहीं डोनैल्ड डक कार्टून की आवाज, अलार्म की आवाज, चिडिय़ा का चहकना व कोयल का कूकना और मुर्गे का बांग लगाना जहां सबको लोट पोट करता रहा तो दो कुत्तों की लड़ाई ने तो और भी समा बांधां। करनाल जोन के प्रतिभागी ने मुख्यअतिथि के आने पर हैलीकॉपटर के उतने की आवाज निकाली। रेल का आना, ट्रैक्टर चलना, लड़कियों के पावों में बंधे घुंघरू के टूटने की आवाज, हरियाणवी आरकैस्ट्रा की आवाज भी मुंह से निकाल कर दिखाई गई। यही नहीं बैंड बाजे व जीप के सायन की आवाज ने भी वास्तिविकता का आभास करवाया। कुरुक्षेत्र जोन के प्रतिभागी ने भी कोयल व चिडिय़ा की आवाजें निकाली। यही नहीं चमगादड़ की आवाज व जेनरेटर की आवाजों ने भी अच्छा रंग जमाया। यही नहीं इन्होंने ताजा उभरे हास्य कलाकार कपिल शर्मा की कामेडी नाईट भी दिखाने का प्रयास किया। अम्बाला जोन की के प्रतिभागी ने बच्चे के रोने की आवाज के साथ बिल्ली की और कुत्ते की आवाजें निकाल कर दिखाई।

Thursday, November 7, 2013

AWAAJ SAMACHAR SEWA: मनै भोल़ी मत ना जाण, मैं छोरी नहीं पटाका सूं...., ...

AWAAJ SAMACHAR SEWA: मनै भोल़ी मत ना जाण, मैं छोरी नहीं पटाका सूं...., ...: कुवि में 36 वें अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह में हरियाणवी आरकैस्ट्रा ने मिले जुले सुरों के साथ बांधा समा   एकल नृत्य ने मचाई धूम कुरुक...

मनै भोल़ी मत ना जाण, मैं छोरी नहीं पटाका सूं...., छोर्यां नै मारी किलकार...


कुवि में 36 वें अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह में हरियाणवी आरकैस्ट्रा ने मिले जुले सुरों के साथ बांधा समा 

 एकल नृत्य ने मचाई धूम

कुरुक्षेत्र, 07 नवम्बर। 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे कुवि के 36वें 3 दिवसीय युवा महोत्सव में दूसरे दिन भी रंगारंग प्रस्तुतियों की धूम रही। आडिटोरियम में हरियाणवी आरकैस्ट्रा की प्रतियोगिता के साथ सोलो डांस फिमेल, पोप सांग हरियाणवी, वैस्ट्रन ग्रुप सोंग व ग्रुप डांस जनरल की प्रस्तुतियां हुई।
 हरियाणवी आरकैस्ट्रा में जहां घड़वा, बैंजो, ढोल, ताशा, चिमटा, डेरु, नगाड़ा आदि  की मिश्रित ध्वनियों ने रस घोला तो इन ध्वनियों के बीच उभरते गीतों के मधुर स्वर भी दर्शकों को झूमने पर मजबूर करते रहे। मनै भोल़ी मत ना जाण, मैं छोरी नहीं पटाका सूं...., मैं तो मरी होती आज मरी होती.., बाबुल देश जांदा प्रदेश जाईयो..जोड़ी का वर ढूंढियो..., हाथ ढलडिय़ा फूलां की ए लाडो....मैं किस बिध देखण जाऊं रंगीले आ उतरे.., आधी सी रात मेरी नींद उचट गी..हेली मैं बढग़े चोर उई मां मैं मरगी...। ये थी बानगी कुछ ऐसी गीत धुनों की जिन्होंने हरियाणवी आरकैस्ट्राक के माध्यम से कानों में मिश्री घोलने का काम किया। 

   
इसी मंच पर आयोजित सोलो डांस फिमेल में अम्बाला जोन की टीम ने जद पहलम झटकै आई मैं बणकै बहु मुकलाई....गीत पर अपना नृत्य पेश किया। इसके बाद करनाल जोन ने पिया मेरा लाम्बा लाम्बा गोरा सै..उका गजब ढिठोरा सै... गीत पर पांव थिरकाए तो कुरुक्षेत्र जोन की प्रतिभागी ने छोर्यां नै मारी किलकारी चाल़ा होग्या री....गीत पर नृत्या में समा बांधा। यमुनानगर जोन की टीम ने म्हारी भारोठी पै आईये हो पिया....गीत के साथ अपना नृत्या पेश किया तो हिसार जोन ने थोड़ा रहग्या टेम प्यार कर कै जाईयो हो....गीत पर नृत्य पेश किया। इसके पश्चात हरियाणवी पॉप सोंग व वैस्ट्रन ग्रुप सोंग की धूम रही। इसी मंच से ग्रुप डांस जनरल की प्रस्तुतियां देर शाम तक जारी रही। उधर खुले मंच पर दूसरे दिन भी सांग ने दर्शकों को बांधे रखा। 



यू आर माई ओनली होप.............हीर आखदी वे जोगिया झूठ बोले वे.वैस्ट्रन वोकल सोलो के साथ रही गीत संगीत की धूम

कुरुक्षेत्र, 07 नवम्बर।
यू आर माई ओनली होप.......जी हां, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित 36वें अंतर क्षेत्रीय युवा सामारोह में वैस्ट्रन वोकल सोलो में पाश्चचातय गीतों की धूम रही। दूसरे दिन संगीत विभाग के हाल में आयोजित इस प्रतियोगिता में सबसे पहले कुरुक्षेत्र जोन की टीम ने उपरोक्त गीत की प्रस्तुति दी।
 उसके पश्चात यमुनानगर जोन की टीम ने कैचअप सोंग आई सरैंडर की प्रस्तुति दी। इसके पश्चात अम्बाला जोन ने ऐडल रोलिंग इन दा डीप पर अपनी रोचक प्रस्तुुति दी। करनाल जोन की टीम ने जोर ऑफ हटर्स की प्रस्तुति दी। उधर इसी मंच से आयोजित वैस्ट्रन इंस्ट्रुमैंटल सोलों में हिसार जोन की टीम ने सबसे पहले अपनी प्रस्तुति दी। इसके पश्चात क्रमश: कुरुक्षेत्र जोन की टीम ने टाईटैनिक की लव स्टोरी की धुन पियानो पर बजाई, करनाल जोन, अम्बाला जोन व अंत में यमुनानगर जोन की टीम ने अपनी प्रस्तुति दी। इसी मंच से आयोजित फोक सोंग जनरल में अम्बाला की टीम ने राती तेरी वे ढोल. मेरेया लुगी वे....पंजाबी लोक गीत प्रस्तुत किया। उसके बाद हिसार जोन की टीम ने केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे...... देश के साथ राजस्थानी लोकगीत की प्रस्तुति दी। प्रोफैसनल जोन की प्रस्तुति भोजपुरी पर रही। इसके बाद करनाल जोन की टीम ने चीरे वालेया के साथ पंजाबी, कुरुक्षेत्र जोन ने पंजाबी गीत कदे रब सच्चा गवाबदा....की प्रस्तुति दी व अंत में यमुनानगर जोन की ओर से भी रांझणा के साथ साढे चम दियां जुतियां कदे जियुंदा .......हीर आखदी वे जोगिया झूठ बोले वे...कौण रूठड़े यार मनांवदा वे....पंजाबी फोक की प्रस्तुति की गई। इसी मंंच पर आयोजित प्रतियोगिता लाईट वोकल इंडियन में करनाल जोन ने कभी कहा ना किसी से तेरे फसाने को....न जाने कैसे खबर हो गई जमाने को.. गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद कुरुक्षेत्र जोन की ओर से अभी इस तरफ ना निगाह कर मैं नजर की पलकें संवार लूं...मेरा इरा तुझे आईने में उतार लूं गीत पेश किया गया। इसके बाद अम्बाला जोन की टीम ने अपने हक में उनका इक फैसला मंजूर था, जिंदगी चलती रही ये फलसफा मंजूर था पेश किया। इसके बाद हिसार जोन की टीम ने क्यूं मोहब्बत को आजमाते हो....तुम मेरी जान क्यों जलाते हो..पर अपनी प्रस्तुति दी। यमुनानगर जोन की टीम ने जन्म देंदे मापे हो...अपनी प्रस्तुति दी।अंत में अपने गीत सबको हैरत है मेरे जीने में...के साथ रोचक प्रस्तुति दी। 


सील़ी सील़ी बाल़ मैं एक छोरी म्हारी गाल़ मैं......

कुरुक्षेत्र, 07 नवम्बर। 
36
वें अंतरक्षेत्रीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन कुवि के आरके सदन में आयोजित पुरुष वर्ग की एकल नृत्य प्रतियोगिता में दर्शकों ने खूब लुत्फ उठाया। प्रतियोगिता में कुल 4 जोन से आई टीमों ने भागीदारी की।

 सबसे पहले अम्बाला जोन के प्रतिभागी ने सुपणे के मै चाल़ा होग्या, के समझाऊं अपणे दिल की बात..नई बहु के चक्कर मैं नींद ना आवै सारी रात....गीत पर अपना नृत्य पेश किया। उसके बाद हिसार जोन की ओर से घोड़ी अम्बाल़े तै आई...इसपै चढ़्या ना उतर्या जाए.... गीत पर नृत्य पेश किया। इसके पश्चात करनाल जोन के प्रतिभागी ने सील़ी सील़ी बाल़ मैं एक छोरी म्हारी गाल़ मैं......गीत पर नृत्य पेश किया। कुरुक्षेत्र जोन के प्रतिभागी ने भी सुपणे के मै चाल़ा होग्या गीत पर अपना नृत्य पेश किया। इसी मंच से स्किट प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। यमुनानगर जोन की टीम ने रेप एण्ड पेरैंटस इगनोरैंस शीर्षक से अपनी स्किट पेश की जिसमें युवाओं से आह्वान कुछ इस तरह किया गया..उठो जागो मेरे देश के जवान...हर गल़ी मैं मिलैंगे इसे शैतान....। इसके बाद हिसार जोन की टीम ने फूलां आल़ी कार शीर्षक से स्किट की प्रस्तुति दी। इसके पश्चात देर सांय तक संस्कृत ड्रामा की प्रस्तुतियां जारी रही।



कोरियोग्राफी के साथ हुआ 36वें अंतरक्षेत्रीय युवा महोत्सव का आगाज

 

फिर कुवि की फिजां में गूंजी ढोलक और मजीरों की थाप, 3 दिन तक चलेगा समारोह

कुरुक्षेत्र, 06 नवम्बर। (पवन सोंटी) 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एक बार फिर से रंगों की महफिल सज चुकी है। अभी 30 तारीख को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यायल में हरियाणवी संस्कृतिक के महाकुम्भ रत्नावली का समापन हुआ था और अब फिर से कुवि के 36 वें अंतरक्षेत्रीय युवा समारोह को लेकर विश्वविद्यालय की फिजां में ढोलक और मंजीरों की थाप गूंजने लगी है। जी हां, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यायल के 36वें अंतर क्षेत्रिय युवा महोत्सव का आगाज हो चुका है।  बुधवार को चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति डा. राधे श्याम शर्मा ने अपने हाथों दीप प्रज्वलन के साथ शुभारम्भ किया। इसके साथ ही कोरियोग्राफी की शानदार प्रस्तुतियों से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मुख्यअतिथि डा. राधेश्याम शर्मा नेे अपने ओजस्वी भाषण से प्रतिभागियों में नई ऊर्जा का संचार किया। डा. शर्मा ने शायराना लहजे में कुछ इस प्रकार से युवाओं को प्रेरित किया.....राहों में चमने को सितारे हैं, धरती से दूर किनारे हैं.....चांद की दुलहन को चूमने वालो............।  
डा. राधेश्याम शर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हताश वही होता है जो मेहनत नहीं करता, यहां से जो सफलता मिलेगी उससे आपको अपने आप में अपार आनंद का आभास होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं में उर्जा और शक्ति की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो उसे दिशा और दशा देने की। उन्होंने प्रतिभागियों के साथ शिक्षक वर्ग से भी आह्वान किया कि अपने अधिकारों और कर्तव्यों का संतुलन बनाकर चलें। प्रतिभागियों से कहा कि उनकी यात्रा यहीं सम्पन्न नहीं होती बल्कि यहां से तो शुरुआत है। अगर असफल होते हैं तो निराश होने की बजाय खुद को परखने का काम करें कि गलती कहां पर रह गई है। उसे सुधारकर आगे विजय के लिये प्रयास करें।  इसके साथ ही उन्होंने कुवि कुलपति डा. डीडीएस संधू, कुवि कुलसचिव एवं कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर का इस भव्य आयोजन हेतू उन्हें बुलाने के लिये आभार भी जताया। उन्होंने अनूप लाठर की आगामी मार्च में सेवानिवृति को लेकर कहा कि कलाकार कभी सेवा निवृत नहीं होते। कुलपति महोदय आपकी सेवाओं के लिये निरंतर सहयोग करेंगे। उन्होंने रत्नावली का जिक्र करते हुए कहा कि गत दिनों उन्होंनें सिरसा में अखबारों के माध्यम से रत्नावली के बारे में पढा और अखबारों की कटिंगें नोटिस बोर्ड में भी लगवाई ताकि विद्यार्थी इससे प्रेरणा लें। इसके पश्चात कुवि कुलपति ने उन्हें समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उनके पश्चात कुवि कुलपति डा. डीडीएस संधू ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि यह शौभाग्य की बात है कि आज कुवि सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष एवं चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति हमारे बीच इस समारोह के लिये मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि कुवि सांस्कृतिक उत्थान में सतत प्रयास कर रहा है। रत्नावली का 29वां भव्य आयोजन और उसके एक दम बाद अब 36वें इंटरजोन युवा महोत्सव का आयोजन संस्कृति को बढावा देने अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रतिभगियों को शुभकामानाऐं देते हुए रत्नावली के निर्विवाद समपन्न होने पर निर्णायक मंडल का भी आभार जताया। उन्होंनें युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेश अनूप लाठर व उनकी पूरी टीम को भी कार्यक्रम की अच्छी रचना के लिये बधाई दी। कुवि कुलसचिव डा. कृष्ण चंद रल्हन ने धन्यवाद भाषण में जहां आए हुए अतिथियों का आभार जताया वहीं युवाओं को भी अपने शब्दों से प्रेरणा देने का काम किया। उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों को याद करते हुए कहा कि जादू टोने से हवा नहीं बदली जाऐगी....निश्चय ही आंधी आऐगी.....। इसके साथ ही संस्कार से संस्कृति व संस्कृति से सांस्कृति का तालमेल बताते हुए उन्होंने कहा कि इन आयोजनों में भाग लेने से ज्ञान बढ़ता है और ज्ञान से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यही नहीं कर्म व मेहनत को सफलता का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि सकल पदार्थ हैं जग माहीं, कर्महीन नर पावत नाहीं। शुभारम्भ समारोह के आरम्भ में कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर ने 36वें अंतरक्षेत्रीय युवा समारोह के बारे में विस्तार से जानकारी दी।


मत आना इस देश मेरी लाडो......कोरियोग्राफी के माध्यम से हुए सामाजिक कुरितियों पर कटाक्ष

कुरुक्षेत्र, 06 नवम्बर।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित 36वें अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह के शुभारम्भ पर आडिटोरियम में सबसे पहली प्रस्तुतियां हुई कोरियोग्राफी की। कोरियोग्राफी के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या आदि सामाजिक कुरीतियों पर जमकर व्यंग्य किये गए। सबसे पहले कुरुक्षेत्र जोन की टीम ने अपनी प्रस्तुती दी। इसमें एक बेटी, एक बहन, एक मां, एक पत्नी के रूप में औरत पर होने वाले अत्याचारों को दिखाने का प्रयास किया गया।
 इसके साथ ही मत आना इस देश मेरी लाडो के माध्यम से कन्या जन्म पर मां की पुकार को भी मार्मीक ढंग से पेश किया गया। प्रोफैशनल जोन की टीम ने समाज के दबे कुचले तबकों के जीवन में आने वाले उतार चढावों को कोरियोग्राफी में बांध कर पेश किया। करनाल जोन की टीम ने किन्नर पर अपनी प्रस्तुति में दिखाया कि किन्नर की तो अर्थी भी अत्याचार सहते हुए जाती है। इस प्रस्तुति में किन्नर समाज की अनगिनत व्यथाओं का मंचन किया गया। यमुनानगर जोन की ओर से कालेजों में रैगिंग की कुरीति पर अपनी प्रस्तुति दी। एक बच्चे के रैगिंग का शिकार होकर उसकी बदहाल दशा पर उसका बाप कहता है कि मैने तो हंसती खेलती जिंदगी कॉलेज में भेजी थी, वापिस आया तो क्या मांस हड्डी का पुतला... । इसके बाद अंबाला जोन की टीम ने मनुष्य की मानव के रूप में विकास गाथा के साथ फिर से पशुता की ओर बढ़ रहे कदमों पर कटाक्ष किया। कभी मानव ने विकास कर के अच्छे इंसान का रूप धारण किया था, लेकिन अब फिर से वह अपने कुकरर्मों की बदौलत पशुता की ओर अग्रसर होता जा रहा है।


सामण आया सखी री मेरी झूम कै री..........समूह गान में जमाया मंच पर रंग

कुरुक्षेत्र, 06 नवम्बर।
आरके सदन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यायल के 36वें अंतर क्षेत्रिय युवा समारोह के दौरान सामान्य व हरियाणवी समूह गान प्रतियोगिताओं  का आयोजन किया गया। सामान्य समूहगान में मुख्य रूप से देश भक्ति के गीतों की प्रस्तुति हुई तो हरियाणवी समूह गान में हरियाणवी लोकगीतों की रसधार बही। अधिकतर गीतों में सावन की धूम रही। सबसे मंच पर आऐ अम्बाला जोन की टीम ने कुछ इस प्रकार से अपना गीत प्रस्तुत किया...झूलण आल़ी बोलण का टोटा...के जाणूं तनै बता दियो मैं खरा के खोटा....। उसके बाद हिसार जोन की टीम ने शादी का गीत कुछ यूं गाया...बना तेरे दादा की उंची रे दुकान ढोलक बाजैं, मजीरे बाजैं, सारंगी सारी रात....। इसके पश्चात करनाल जोन की टीम ने अपना गीत जी मेरा तरसै बादल़ बरसै, रूत सावण की आई रे....झूलण नै चाल्ली सारी ब्याही और कंवारी ........। इसके पश्चात कुरुक्षेत्र जोन की टीम ने अपना गीत मीठे लागैं बोल जब कोयल बोलै साथ मैं...दूर पपीहा बोल्या ऐ बोल्या बेबे बाग मैं....। अंत में यमुनानगर जोन की टीम ने सामण आया सखी री मेरी झूम कै री, ऐरी झूलण चालो री सखी री सामण आया..........गीत प्रस्तुत किया।
   
इसी मंच से ग्रुप सोंग जनरल में पहली प्रस्तुति हिसार जोन की रही जिन्होंने अपना गीत देश के वीरों की गाथा कहते हैं अपनी जुबानी...गाया। उसके पश्चात करनाल जोन की टीम ने अपने गीत कण कण में प्रकृति के जीवन संगीत समाया ... की अपनी प्रस्तुति दी। कुरुक्षेत्र जोन की टीम ने अपने गीत सात सुरों की मस्त पवन से दुनिया को महकाऐंगे गीत के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। यमुनानगर जोन की टीम ने भी देश भक्ति का गीत पेश किया। उधर संगीत विभाग के हाल में आयोजित क्लासिकल वोकल पी में व एनपी में विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई। करनाल जोन से आर्य पीजी कालेज की टीम ने यमन राग में पिया नहीं आए पर बंदिश पेश की। अम्बाला जोन से एसडी कालेज की टीम ने मधुवंती राग में बैरन भई रात बंदिश में बढ़े ख्याल और छोटे ख्याल पेश किये। 


कोरियोग्राफी में अम्बाला व रसिया में करनाल जोन ने मारी बाजी

कुरुक्षेत्र, 06 नवम्बर।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे 36 वें अंतरक्षेत्रीय युवा समारोह के पहले दिन आडिटोरियम में आयोजित कोरियोग्राफी प्रतियोगिता में अम्बाला जोन रिकोमैंडेड रहा और करनाल व यमुनानगर जोन कोमैंडेड रहे। इसी मंच से आयोजित रसिया समूह नृत्य में करनाल जोन रिकोमैंडेड रहा और कुरुक्षेत्र व हिसार जोन कोमैंडेड रहे। आरके सदन में आयोजित हरियाणवी समूह नृत्य यमुनानगर जोन रिकोमैंडेड रहा और करनाल व हिसार जोन कोमैंडेड रहे। इसी मंच पर आयोजित सामान्य समूह गान में कुरुक्षेत्र जोन रिकोमैंडेड रहा और यमुनानगर व अम्बाला जोन संयुक्त रूप से कोमैंडेड रहे। इंडियन आरकैस्ट्रा में हिसार जोन रिकोमैंडेड रहा और यमुनानगर व अम्बाला जोन संयुक्त रूप से कोमैंडेड रहे। हरियाणवी गजल व क्लासिकल डांस की प्रतियोगिता इसी मंच से देर सांय तक जारी रही। उधर आडीटोरियम में एकांकी प्रतियोगिता में हिसार जोन की प्रस्तुति थी देव दर्शन अग्री संघर्ष और यमुनानगर की प्रस्तुति श्रापित कर्ण के बाद  देर सांय तक अन्य प्रस्तुतियां जारी रही। खुले मंच पर सांग का प्रतियोगिता भी देर सांय तक जारी रही।