Wednesday, May 22, 2013

आखिर 24 घंटे बाद हुआ युवक का संस्कार, राजेश ने जेल में की थी आत्महत्या ....




पुलिस व प्रशासन के आश्वासन के बाद शव लेने पर राजी हुए परिजन
दूसरे दिन भी लगा सांकेतिक जाम, ग्रामीणों में रोष बरकरा
लाडवा, 22 मई।
लाडवा खंड के गांव सौंटी के युवक राजेश कश्यप पुत्र पाला राम का अंतिम संस्कार मौत के 24 घंटे बाद पुलिस की मौजूदगी में हुआ। राजेश ने गत दिवस कुरुक्षेत्र जिला जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह गत 8 अप्रैल से उसकी पत्नी द्वारा आत्महत्या के मामले में अपने पिता पाला राम व माता सहित जेल में था और मामला अदालत में विचाराधीन था। गत दिवस उसने करीब 10 बजे जेल के भीतर ही आत्म हत्या कर ली थी। बताया जाता है कि उसने मौत से पहले सुसाईड नोट भी लिख छोड़ा था जिसमें उसने अपने ससुराल पक्ष पर उसको व उसके परिवार को नाजायज फंसाने के आरोप लगाए थे। 
जेल प्रशासन द्वारा सूचना मिलने व मीडिया पर न्यूज बे्रक होने के बाद ग्रामीणों को जब इसकी सुचना लगी तो पूरा गांव रोष में भर गया और सडक़ जाम कर दी थी। गत सांय करीब 5 बजे से लगा जाम रात्रि साढे 9 बजे के करीब पुलिस उपाधिक्षक शीतल सिंह व एसडीएम अशोक बांसल द्वारा जाम लगा रहे लोगों को जानकारी दी गई कि आरोपी पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और एक की गिरफ्तारी हो चुकी है।इस आश्वासन के बाद जाम खोला गया, लेकिन ग्रामीणों ने यह शर्त रख दी थी कि अगर सुबह तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए तो दुबारा जाम लगाया जाऐगा और शव का अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाएगा। इस दौरान पोस्टर्माटम के बाद पुलिस द्वारा गांव में लाए गए राजेश के शव को भी पुलिस ने परिजनों को नहीं सौंपा था और रात में पुलिस शव को अपने साथ ले गई थी। इस दौरान उसके मां बाप को भी जेल से लाया गया था, लेकिन पुलिस उनको भी वापिस ले गई।
            बुधवार को करीब 17 घंटे की जद्दोजहद के बाद सुबह करीब 10 बजे परिजनों ने शव को लिया व उसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया। इससे पूर्व सुबह 6 बजे से गांव में तनाव पूर्ण स्थितियां बनी रही व एक बार फिर से जाम तक लगाया गया। सुबह 6 बजे के करीब लाडवा थानाध्यक्ष सुभाष चंद अपनी टीम के साथ पाला राम के घर पहुंच गए और परिजनों को समझाकर अंतिम संस्कार करवाने का प्रयास किया। परन्तु गांव वासियों व राजेश के परिजनों और रिश्तेदारों ने इसका विरोध जताया और रात की शर्त को दोहराया। इसी दौरान गांव में सुचना फैल गई कि सडक़ को फिर से जाम किया जाऐगा। सुचना मिलते ही सारा गांव फिर से सडक़ तक पहुंच गया। मामले को गरमाता देख पुलिस उपाधिक्षक शीतल सिंह व नवीन कुमार, लाडवा के नायब तहसीलदार लवजीत ङ्क्षसह, कानूनगो राजेंद्र कुमार आदि सहित भारी संख्या में पुलिस बल सौंटी में पहुंच गया। भारी मश्क्कत के बाद पुलिस उपाधीक्षक शीतल सिंह ग्रामीणों को बात करने के लिये राजी कर पाए। महिला सरपंच के घर में गांव के मौजिज लोगों को साथ उन्होंने करीब साढ़े 9 बजे बैठक की और समझाया कि मामले में पुलिस द्वारा कोई ढील नहीं बरती जाऐगी। आरोपी बाबूराम को गिरफ्तार कर लिया गया है और शेष आरोपियों को भी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाऐगा। उनके आश्वासन के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिये जब गांव में लाया जाने लगा तो एक बार फिर से युवा व महिलाऐं भडक़ गए और पुलिस की गाड़ी को रोक लिया।
 महिलाऐं मुख्य सडक़ पर बैठ गई और जाम लगा दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद ग्रामीणों में सहमति बन गई और जाम हटा कर सभी लोग पाला राम के घर पर चले गए। पुलिस की मौजूदगी में करीब साढे 10 बजे शव का अंतिम संस्कार गांव के शमशान घाट में किया गया। चिता को मुखाग्रि राजेश के बड़ भाई राजेंद्र ने दी व इस दौरान उसके पिता पाला राम भी मौजूद रहे। उसकी मां को भी घर पर लाया गया था परन्तु उसकी हालत पागलों जैसी हो रही थी। अंत में मामला निपटता देख पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली, क्योंकि कुछ ही देर बाद निकटवर्ती गांव उमरी में मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा का भी एक कार्यक्रम होने वाला था जिसे लेकर गत दिवस से ही पुलिस व प्रशासन की सांसे अटकी हुई थी। दूसरी ओर अंतिम संस्कार के बाद पुलिस मृतक राजेश के पिता पाला राम को वापिस जेल ले गए। उधर ग्रामीणों में अभी रोष बाकी है, अगर समय रहते शेष आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो फिर से तनाव बढ़ सकता है। 

क्या है मामले के पीछे की कहानी?
मृतक राजेश की शादी इसी वर्ष 12 फरवरी को लाडवा खंड के ही गांव सुलतान पुर निवासी पूजा के साथ हुई थी। अभी उनके हाथों की मंहदी भी नहीं उतरी थी कि 7 अप्रैल को उसने कथित तौर पर पंखे से फंदा लगाकर आत्म हत्या कर ली थी। उसके परिजनों को आरोप था कि राजेश व उसके माता पिता ने पूजा की दहेज के लिये हत्या की है जिसे लेकर पुलिस ने मामला दर्ज करके तुरंत कार्यवाही करते हुए पाला राम, राजेश व राजेश की माता को गिरफ्तार कर लिया था। अदालत के आदेश पर ये तीनों न्यायिक हिरासत में थे। गत दिवस राजेश का भाई राजेंद्र व राजेंद्र की पत्नी सहित कुछ परिजन उनसे मिलने जेल भी गए थे। राजेंद्र तो राजेश से नहीं मिल पाया लेकिन उसकी पत्नी की मुलाकात राजेश से हुई। उसके बाद जब राजेंद्र अपने भाई से जेल में मिलने पहुंचा तो उससे पहले राजेश इस दुनिया को छोड़ चुका था।

No comments:

Post a Comment