पूरा पता चल जाएगा की शेयर मार्केट में पैसा केसे डूबता है
एक बार एक आदमी ने गांववालों से कहा की वो 10 रु .में एक बन्दर खरीदेगा ,
ये सुनकर सभी गांववाले नजदीकी जंगल की और दौड़ पड़े और वहां से बन्दर पकड़
पकड़ कर 10 रु .में उस आदमी को बेचने लगे .......
कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम हो गयी .......
फिर उस आदमी ने कहा की वो एकएक बन्दर के लिए 20 रु .देगा, ये सुनकर लोग
फिर बन्दर पकड़ने में लग गये , लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर ठंडा हो गया
....
अब उस आदमी ने कहा की वो बंदरों के लिए 50 रु . देगा,लेकिन
क्यूंकि उसे शहर जाना था उसने इस काम के लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया
........
50 रु .सुनकर गांव वाले बदहवास हो गए ,लेकिन पहले ही लगभग सारे बन्दर पकडे जा चुके थे इसलिए उन्हें कोई हाथ नही लगा ......
तब उस आदमी का असिस्टेंट उनसे आकर कहता है .....
" आप लोग चाहें तो सर के पिंजरे में से 35 -35 रु . में बन्दर खरीद सकते हैं , जब सर आ जाएँ तो 50 -50 में बेच दीजियेगा "...
गांव वालों को ये प्रस्ताव भा गया और उन्होंने सारे बन्दर 35 -35रु .में खरीद लिए .....
"अगले दिन न वहां कोई असिस्टेंट था और न ही कोई सर .......बस बन्दर ही बन्दर "
पूरा पता चल जाएगा की शेयर मार्केट में पैसा केसे डूबता है
एक बार एक आदमी ने गांववालों से कहा की वो 10 रु .में एक बन्दर खरीदेगा , ये सुनकर सभी गांववाले नजदीकी जंगल की और दौड़ पड़े और वहां से बन्दर पकड़ पकड़ कर 10 रु .में उस आदमी को बेचने लगे .......
कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम हो गयी .......
फिर उस आदमी ने कहा की वो एकएक बन्दर के लिए 20 रु .देगा, ये सुनकर लोग फिर बन्दर पकड़ने में लग गये , लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर ठंडा हो गया ....
अब उस आदमी ने कहा की वो बंदरों के लिए 50 रु . देगा,लेकिन क्यूंकि उसे शहर जाना था उसने इस काम के लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया ........
50 रु .सुनकर गांव वाले बदहवास हो गए ,लेकिन पहले ही लगभग सारे बन्दर पकडे जा चुके थे इसलिए उन्हें कोई हाथ नही लगा ......
तब उस आदमी का असिस्टेंट उनसे आकर कहता है .....
" आप लोग चाहें तो सर के पिंजरे में से 35 -35 रु . में बन्दर खरीद सकते हैं , जब सर आ जाएँ तो 50 -50 में बेच दीजियेगा "...
गांव वालों को ये प्रस्ताव भा गया और उन्होंने सारे बन्दर 35 -35रु .में खरीद लिए .....
"अगले दिन न वहां कोई असिस्टेंट था और न ही कोई सर .......बस बन्दर ही बन्दर "
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