Monday, October 28, 2013

रत्नावली- 2013..... तेरे जैसी छौरियां तै बस रैहण दे...घणा मैं बतल़ाया ना करूँ.....



हरियाणवी गज़ल ने दिखाई हरियाणा की मिठास

कुरुक्षेत्र,28 अक्तूबर।( पवन सोंटी)
हरियाणवी को अक्सर अक्खड़ भाषा माना जाता है, लेकिन अगर कोई हरियाणवी में मिठी गज़ल सुनाए तो सचमुच आश्चर्य होता है।
हरियाणवी गज़ल की इसी मिठास ने कुवि आडिटोरियम में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। गज़ल ने कुछ इस अंदाज में रस बिखेरा...जिऊं किस आस पै... आस तेरी छोड़ कै......, भोली भोली शान तेरी बहुत याद आवै सै......, तनै प्यार करूँ यूं जितना मैं...। याद वा आवै रै....., तेरे जैसी छौरियां तै बस रैहण दे...घणा मैं बतल़ाया ना करूँ.....।  जी हां, कुरुक्षेत्र विश्वविद्याल में चल रहे हरियाणवी संस्कृति के माहकुम्भ रत्नावली, हरियाणा दिवस राज्य स्तरीय समारोह में दूसरे दिन भी जम कर सांस्कृति के रंग बिखरे। आडिटोरियम हाल में जहां हरियाणवी गजल में 17 प्रतिभागियों ने श्रोताओं को हरियाणवी की मिठास से मंत्रमुग्ध किया तो वहीं आर.के. सदन में हरियाणवी लोग गीतों की रसधार बही।
 आंगण बीच कुआं राजा डूब कै मरूंगी.....और पी पी पपीहा बोलै बाग मैं ....आदि गीतों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।  दूसरी ओर ओपन एयर थियेटर में हरियाणवी एकल नृत्य प्रतियोगिताओं में हरियाणा की लचक दिखाई दी। प्रतियोगिता में कुल 8 टीमों ने भाग लिया। मै नयी नवेली आई....., मैं ना मानूं पिया जी तेरी बात....., उड़ जाईये रे कबूतर तनै मारै बिजली उड़ जाईये रे..... आदि गीतों पर युवा कलाकारों ने जम कर थिरकनें दिखाई। उधर दिमाग को खंगालने के लिये सीनेट हाल में आयोजित हरियाणवी क्विज का आयोजन हुआ। इसमें प्रदेश भर से कुल 11 टीमों ने भाग लिया। उधर खुले मंच से सांग प्रतियोगिता का आयोजन देर शाम तक चलता रहा।


कैसे फरर फरर फहराई रे बिना ब्यार चूनरिया...

कुवि आडिटोरियम में बहा रसिया का रस

कुरुक्षेत्र, 28 अक्तूबर।
रत्नावली हरियाणा दिवसर राज्यस्तरीय समारोह के दौरान सोमवार को सबसे रोचक प्रस्तुतियां हरियाणवी समूह नृत्य रसिया की रही। तड़ भडक़ व तेजी भरे नृत्यों से एकदम अलग मधुर एवं थिरकन भरे रसिया को प्रस्तुत करते हुए मंच पर कलाकर थिरक रहे थे तो सामने कुर्सियों पर बैठे दर्शक अपने आप को झूमने से नहीं रोक पा रहे थे। 
बता दें कि रसिया हरियाणवी लोक नृत्य की वह विधा है जो अपनी पहचान लगभग खो चुकी थी। कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर ने तकरीबन दो दशक पहले इसकी डाक्यूमैंटेशन फरीदाबाद व पलवल के गांवों में जाकर स्वंय की थी। उन्होंने लम्बे समय तक लोक नृत्य की इस विधा पर मनन किया व गत वर्ष इस के पुन: स्थापन को लेकर कुवि में एक कार्यशाला का आयोजन किया था। आज इस विधा की रोचकता देखिये कि सबसे पहली प्रस्तुति रसिया के मूल क्षेत्र बल्लभगढ़ के अग्रवाल कालेज की रही। इस कालेज के नृत्य में बहुत की परिपक्कवता नजर आई क्योंकि यह उनके खून में रचा बसा जो है। कैसे फरर फरर फहराई रे बिना ब्यार चूनरिया...कैसे बरस बरस के आई रे ये सावण की बदरिया.... और भाभी तेरी अंगूठी ल्याईयों...मोहे पहर के दिखलाईदे.... जी हां, यह बोल हैं उस एक गीत के जिस पर थिरकते पांवों के साथ युवा कलाकारों के हजूम ने दर्शकों का मन मोह लिया। रसिया के रस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो दिन में पहली बार आडिटोरियम हाल इतना खचाखच भरा कि कुर्सियां थोड़ी पड़ गई। युवा गैलरियों में खड़े होकर रसिया का मजा लेते रहे। रसिया का पहला मंचन व रंगा रंग माहौल कुछ ऐसा रहा कि समूचा हरियाणा आडिटोरियम में जमा नजर आया। दूसरी ओर आर. के. सदन में आयोजित हरियाणवी इंस्ट्रूमैंटल सोलो में कुल 10 टीमों ने भाग लिया व हरियाणवी वाद्ययंत्रों का खूब जलवा दिखा। नगाड़ा, ताशा, बैंजो, ढोलक, घड़वा, डेरु व तुम्बा आदि की धुनों ने श्रोताओं को तरंगित किया।

खुले मंच पर सांग ने बांधे दर्शक

कुरुक्षेत्र, 28 अक्तूबर।
रत्नावली समारोह के दौरान विभिन्न कालेजों से आई टीमों ने हरियाणवी लोकनृत्य सांग की प्रस्तुति दी। डीएन कालेज हिसार की टीम ने राजा भोज-शरणदे  सांग की प्रस्तुति दी। कथा वस्तु के अनुसार राजा भोज बहुत ही प्रतापी राजा होता है। वह अपने राज्य में जगह जगह घूम कर लोगों के दुख दर्द जानने की कोशिश करता रहता है। एक बार वह शहर में जा रहा होता है। 
कुछ लड़कियां आपस में मखौल कर रही होती हैं। एक लडक़ी शरणदे नाई की बेटी को कहती है कि मेरे मेल का कोई नहीं मिल रहा। इस पर पहली लडक़ी कहती है कि ऐसी क्या तू राजा भोज से शादी करेगी। शरणदे नाई की कहती है कि राजा भोज जैसे तो मेरे पांव धोते हैं। राजा इस बात को सुन लेता है और उससे शादी करता है। वह उसे काग उडाने वाली बना देता है। वह दुखी होकर अपनी मां की मदद से वहां से निकल जाती है। फिर वह बीन बजाने का हुनर सीख लेती है और किसी तरह राजा के दरबार में बीन बजाने पहुंचती है। वह इतनी सुरीली बीन बजाती है कि राजा मोहित हो जाता है। इसी दौरान वह दर्द का बहाना करके बीन बजाना बंद कर देती है। दर्द का उपचार वह बताती है कि जब राजा उसके सिर से पानी डालेंगे तो उसका दर्द ठीक हो सकता है। राजा जब पानी डालते हुए उसके पांव धोने का प्रयास करता है तो वह रोकते हुए कहती है कि आप ने पहचाना नहीं मैं वही शरणदे नाई की हूँ। इस पर राजा उससे फिर से महल में रखता है और अपनी पटरानी बनाता है। इस सांग की प्रस्तुति के लिये 9 विद्यार्थियों सहित 15 लोगों ने भाग लिया और मनमोहन के नेतृत्व में बहुत ही रोचक प्रस्तुति दी। 

क्रश हाल में दिखी पुरातन हरियाणवी घरेलू चीजें

क्रश हाल में आयोजित ओल्ड ऐंटीक हरियाणवी कलैक्शन की प्रदर्शनी में हरियाणा की पुरातन घरेलू चीजों को देख दर्शक दांतों तले उंगली दबाते नजर आए। जो सामान आज ग्रामीण जीवन की घरेलू उपयोगिता से बाहर हो चुका है वो सब कमोबेश इस प्रदर्शनी में नजर आया। बागडिय़ों द्वारा बनाया गया लोहे का झरणा, मटका रखने का चाखड़ा, कापण, सपड़ा, कौंची, प्राचीन सिक्के, चारपाई बुनाई में काम आने वाला हिरण का सींग, बेलवी व पुरानी सुरमेदानी आदि चीजों को देख कर बुजुर्गों ने अपने जमाने को याद किया।

जर्मन से बच्चे समेत पहुंची महिला दर्शक

 

रत्नावली का विश्व व्यापन इस बात से भी नजर आता है कि एक युवा महिला अपने 11 माह के बच्चे को लेकर रत्नावली देखने पहुंची। उसने बातचीत के दौरान बताया कि वह कल शाम से रत्नावली देख रही है। उसे यहां बहुविध विधाऐं  व मित्रपूर्ण वातावरण बहुत ही भा रहा है। वह 2 दिन और यहां रूकेंगी और रत्नावली का आनंद उठाऐंगी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष उनका एक जानकार जोड़ा रत्नावली देखने आया था, उन्हींने उसे बताया कि हरियाणा में एक थीम बेस महोत्सव होता है जो बहुत ही रोचक व सांस्कृतिक रूप से समृद्ध आयोजन है।

जाने माने कलाकारों ने किया लाठर को सम्मानित

कुरुक्षेत्र,28 अक्तूबर।

जाने माने कलाकारों व प्रबुद्ध लोगों द्वारा कुवि के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उनके कार्यालय में आयोजित इस सम्मान समारोह हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय, सुमेर शर्मा व उनकी धर्मपत्नी, रोशन लाल श्योराण, हास्य कलाकार दरियाव सिंह मलिक, ईश्वर शर्मा, आरके वत्श, सोहन पाल रावत आदि अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित थे।

यूजीसी से आए प्रो. राजबीर सिंह को भी किया सम्मानित

 

रत्नावली के दौरान यूजीसी दिल्ली से आऐ सीवीसी डायरैक्टर प्रो. डा. रजाबीर सिंह को भी रत्नावली स्टेज से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वह 1983 से कुवि के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हिस्सा रहे हैं। रत्नावली उनकी आत्मा में बसती है, जिसकी कमी दिल्ली जाकर उन्हें भारी महसूस हो रही है। उन्होंने कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर को रत्नावली के इस 29वें भव्य आयोजन पर हार्दिक शुभकामनाऐं भी दी।  

एकांकी में यूसीके और हरियाणवी भजन व पॉप सोंग में छाया यूटीडी कुरुक्षेत्र

कुरुक्षेत्र,28 अक्तूबर।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे रत्नावली हरियाणा दिवस राज्यस्तरीय समारोह के पहले दिन आयोजित विधाओं के परिणामों के अनुसार एकांकी प्रतियोगिता में कुल 5 टीमों ने भाग लिया जिनमें से विश्वविद्यालय कालेज कुरुक्षेत्र पहले स्थान पर रहा। राजकीय महाविद्यालय जींद दूसरे स्थान पर व यूटीडी कुरुक्षेत्र तीसरे स्थान पर रहा। प्रतियोगिता में आरकेएसडी कालेज कैथल और पं. भगवत दयाल शर्मा राजकीय माहविद्यालय करनाल की टीमों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। प्रतियोगिता में बैस्ट एक्ट्र का प्रथम पुरस्कार गर्वनमैंट कालेज जींद के मदारी किरदार को व यूसीके के बुलवा पात्र को गया।  बैस्ट एक्ट्रस का प्रथम पुरस्कार यूसीके के पात्र बुलवा की पत्नी व द्वितीय यूटीडी कुरुक्षेत्र की पिंकी को गया। हरियाणवी पॉप सोंग में प्रथम पुरस्कार यूटीडी कुरुक्षेत्र व द्वितीय पुरस्कार डीएवी गल्र्ज कालेज यमुनानगर को गया। त्रितीय पुरस्कार चौ. ईश्वर सिंह कन्या महाविद्यालय पूंडरी को गया। हरियाणी भजन में प्रथम स्थान पर यूटीडी कुरुक्षेत्र, द्वितीय स्थान पर डीएवी गल्र्ज कालेज यमुनानगर व तीसरे स्थान पर गुरुनानक खालसा कालेज करनाल रहा। चौथे स्थान पर सीआर किसान कालेज जींद व पांचवें स्थान पर इंदिरा गांधी महिला कालेज कैथल रहा। हरियाणवी डैक्लामेशन कांटेस्ट में प्रथम स्थान पर गुरुजंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार की मीरा व दूसरे स्थान पर टैगोर पीजी कालेज भिवानी संजय रहा। तीसरे स्थान पर एन एम गर्वनमैंट कालेज हांसी की रजनी व चौथे स्थान पर राजीव गांधी कालेज उचाना का जगदीप रहा। पांचवें स्थान पर यूसीके की सुमित्रा रही। टिट बिट प्रतियोगिता में गर्वनमैंट कालेज घरौंडा प्रथम, एसएसएम कालेज कलायत व तीसरे स्थान पर चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यायल हिसार व गर्वनमैंट कालेज जींद रहा।
 उधर हरियाणवी स्किट में पहले स्थान पर सीआरएम जाट कालेज हिसार, दूसरे स्थान पर राजीव गांधी कालेज उचाना व तीसरे स्थान पर आरकेएसडी कालेज कैथल रहा। प्रतियोगिता में प्रथम बैस्ट एक्टर का पुरस्कार राजीव गांधी कालेज उचाना के शराबी चरित्र और द्वितीय पुरस्कार गर्वनमैंट पीजी कालेज जींद के जमूरा को मिला। प्रथम बैस्ट ऐक्ट्रैस का पुरस्कार एन एम कालेज हांसी व द्वितीय पुरस्कार सीआरएम कालेज हिसार की मां का रोल करने वाली छात्रा को मिला।

सुनील जाखड़ की पुस्तक का हुआ विमोचन

्ररत्नावली समारोह के दौरान परिपाटी के अनुसार पुस्तक विमोचन भी हुआ।
 ओपन एयर थियेटर में प्रतियोगिताओं के बीच में ही युवाओं के प्रेरणास्रोत नवीन गुलिया के हाथों पुस्तक का विमोचन भी किया गया। नवोदित लेखक सुनील जाखड़ द्वारा लिखित नावल अंजाम पीढिय़ों के टकराव का के विमोचन अवसर पर कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेश अनूप लाठर के अतिरिक्त नवीन गुलिया की पत्नी सहित अनेकों जाने माने लोग उपस्थित रहे।

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