पंजाब के किसानों
का दर्द!
पवन सोंटी (11मई)
पंजाब में
गत दिनों एक क्षेत्र के ही 3 किसानों ने आर्थिक तंगी के चलते मौत को गले लगा लिया।
पंजाबी समाचार पत्र डेली प्रहरी की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल
के विधानसभा हल्का गीदड़बाहा के गाँव हूसनर के 6 लाख रुपए के कर्ज मे डूबे युवा किसान
खुशपाल सिंह ने 8 मई को नहर मे छ्लांग लगाकर आत्मह्त्या कर ली। रिपोर्ट के अनुसार उसके
बीमार पिता के साथ 3 बहनों की जिम्मेवारी इस युवा किसान के सिर पर थी। उसकी सेम की
समस्या से 3 एकड़ जमीन घाटे के अलावा कुछ नही
उगल रही थी।
उधर भटिंडा
जिला के गाँव कोरेमाना के 1 एकड़ के किसान अमर दास ने ढाई लाख के कर्ज के चलते अपने
खेत मे जा कर फांसी का फंदा लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। वह ठेके-बंटाई पर खेती करता
था, लेकिन पिछले दिनों उसकी कपास की फसल को सफ़ेद मक्खी ने नष्ट कर दिया था, जिसका मुआवजा तक उसे अभी नहीं मिला था।
एक अन्य दुखद
घटना में भटिंडा जिला के ही गाँव चनराथल के खेत मजदूर मंदर सिंह ने आर्थिक तंगी के
चलते अपने घर में ही कीटनाशक दवाई पी कर जान दे दी। उसकी गरीबी देखिये की उसके घर में
अंतिम संस्कार के लिए लक्कड़ भी नहीं थी, आस पड़ोस के लोगों ने ही उसके अंतिम संस्कार का जुगाड़
किया।
इन तीनों घटनाओं
में किसानों की आर्थिक तंगी उनकी मौत का कारण बनी है। इसके साथ ही ध्यान देने योग्य
बात यह भी है कि ये छोटी जोत के (सीमांत अथवा भूमिहीन किसान) थे।
समाचार पत्रों
की रिपोर्टों के अनुसार पंजाब में प्रतिदिन 4 किसानों की मौत का आंकड़ा है जो कि आर्थिक
तंगी में जीवन दे रहे हैं। अकेले कोट धरमु में 35 किसान आर्थिक तंगी में जान दे चुके
हैं।
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