जस्टिस प्रीतम पाल ने लाडवा के एक पोल्ट्री फार्म के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने पर लिया संज्ञान, पोल्ट्री फर्मा पर 20 लाख रुपए जुर्माना लगाने अनुशंसा भी की
कुरुक्षेत्र 17 दिसम्बर/ पवन सोंटी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रदेश कार्यकारी कमेटी के चेयरमैन एवं सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल ने कहा कि देश और प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को वातावरण को स्वच्छ रखने और प्रदूषण को रोकने के लिए पूरी गम्भीरता और संवेदनशीलता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करना होगा, क्योंकि अब सोचने का समय निकल चुका है, अगर किसी व्यक्ति, अधिकारी और कर्मचारी ने एनजीटी के आदेशों की अवहेलना की तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अहम पहलु यह है कि प्रशासन और सरकार देश और प्रदेश को अकेले प्रदूषण मुक्त नहीं कर सकती, इसके लिए आम नागरिक के सहयोग की निहायत जरुरत होगी।
सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में एनजीटी के अंतर्गत गठित की गई जिला टास्क फोर्स की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले अतिरिक्त उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने प्रशासन द्वारा एनजीटी के आदेशों की पालना करवाने के लिए की गई गतिविधियों और प्रगति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा नगर पालिका सचिव निशा ने सभी पालिकाओं और नगर परिषद की प्रगति रिपोर्ट को पॉवर प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। इसके उपरांत सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल ने ठोस कचरा प्रबंधन स्थलों व सेक्टर 5 व 7 में कचरे से खाद बनाने वाले स्थलों का निरीक्षण भी किया। सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल ने लाडवा में एक पोल्ट्री फार्म द्वारा एनजीटी के आदेशों की अवहेलना करने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि इस पोल्ट्री फार्म पर एनजीटी की कमेटी की तरफ से नियमों की अवहेलना करने पर 20 लाख रुपए का जुर्माना करने की अनुशंसा हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन को की गई थी और इस पोल्ट्री फार्म को खाली करवाने के लिए कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक इस सम्बन्ध में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई, इसलिए इस विषय को गम्भीरता से लिया गया है और इस पूरे मामले में देरी करने और आदेशों की पालना न करने की जांच करने के आदेश प्रशासन को दिए गए है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस जांच के दौरान जो भी अधिकारी दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इतना ही नहीं जिला टास्क फोर्स नियमित रुप से उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एनजीटी के आदेशों की पालना करवाने के लिए एक साईट का निरीक्षण जरुर करेंगे और इस सम्बन्ध में अपनी रिपोर्ट भी देंगे। इसके अलावा पिहोवा में घग्गर और सरस्वती नदी का पानी गंदा करने और एनजीटी के आदेशों की अवहेलना करने वाले फैक्टरी संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर जुर्माना लगाया जाए। उन्होंने कहा कि एनजीटी के नियमों की पालना करने के लिए सभी को आशावादी सोच के साथ काम करना होगा और किसी प्रकार का ढीलापन नहीं होना चाहिए। इस विषय के प्रति लोगाों में जागरुकता लाने के लिए वार्डो में नगर परिषदों के साथ मिलकर सैमिनार और मीटिंगों का आयोजन करना चाहिए और अधिकारियों को जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए फील्ड में जाना चाहिए और प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों, पोल्ट्री फार्मो को चिन्हित करना चाहिए और महीने में एक बार विजिट जरुर करनी चाहिए। पंचायतों को भी अब एनजीटी के आदेशों की अवहेलना करने के अधिकारी दिए गए है। उन्होंने कहा कि सभी को अब अपनी सोच बदलनी होगी, विकास के साथ-साथ अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प भी लेना होगा। इस मौके पर एनजीटी के प्रदेश कमेटी के सदस्य डा. बाबूराम, नगराधीश सतबीर कुंडू, एसडीएम अश्विनी मलिक, एसडीएम अनिल यादव, एसडीएम डा. संजय कुमार, डीएसपी ममता सौदा, डीडीपीओ रेणू जैन, सीएमओ डा. सुखबीर सिंह, नप ईओ बीएन भारती, सचिव केएल बठला सहित अन्य अधिकारी व जिला टास्क फोर्स के सदस्य मौजूद थे।
होटलों के कचरे का प्रबंधन जांचने के दिए आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रदेश कार्यकारी कमेटी के चेयरमैन एवं सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र में 9 बड़े होटल है, जहां पर रोजाना 100 किलोग्राम प्रति होटल के हिसाब से कचरा निकलता है। इस कचरे का प्रबंधन करने की जिम्मेवारी एक कम्पनी को सौंपी गई है। यह कम्पनी इस कचरे का कहां और किस प्रकार प्रबंधन कर रही है, इसको चैक किया जाना जरुरी है। उन्होंने प्रशासन को आदेश दिए कि एक कमेटी के माध्यम से होटलों के कचरा प्रबंधन की जांच रिपोर्ट 31 दिसम्बर तक सौंपी जाए। इसके अलावा मैटिरियल रिकवरी फेसलिटी की रिपोर्ट भी 31 दिसम्बर तक सौंपने के आदेश दिए है।
कचरा प्रबंधन स्थलों के आसपास से पानी के सैम्पल लेने के दिए आदेश
चेयरमैन एवं सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को आदेश दिए कि जिन-जिन जगहों पर ठोस कचरा प्रबंधन किया जा रहा है, उन कचरा प्रबंधन स्थलों के आसपास के क्षेत्र से पीने के पानी के सैम्पल लिए जाए ताकि यह तथ्य सामने आ सके कि उस क्षेत्र में पानी पीने के योग्य है या नहीं, क्योंकि पंचकूला में इसी तरह की रिपोर्ट सामने आई है कि 7 टयूबवैलों के पीने के पानी के सैम्पल ठीक नहीं पाए गए है। यह कार्य नियमित रुप से किया जाना चाहिए।
बार कोडिंग सिस्टम से चैक होगा अस्पतालों में कचरा प्रबंधन
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्सईन विरेन्द्र ने बताया कि कुरुक्षेत्र में 116 हेल्थ केयर सुविधा केन्द्र है जिसमें से 94 सुविधा केन्द्रों में बैड सुविधा है और इन स्वास्थ्य केन्द्रों से 225 किलो कचरा प्रतिदिन एकत्रित किया जाता है। इन स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों से कचरा एकत्रित करने की जिम्मेवारी एक कम्पनी को सौंपी गई है। इस कम्पनी के कचरा एकत्रित करने की प्रणाली को अब बार कोडिंग सिस्टम से चैक किया जा सकता है। इस सिस्टम से जब गाड़ी अस्पताल में पहुंचेंगी तो वहां पर गाड़ी के उपर लगा बार कोड स्कैन होगा और जहां पर कचरा डाला जाएगा वहां पर भी कोड स्कैन होगा। इसलिए इस प्रणाली को बार कोडिंग सिस्टम से चैक किया जा सकता है।
1 साल में दर्ज की 150 एफआईआर
एक्सईन विरेन्द्र ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनजीटी के आदेशों की सख्ती से पालना की जा रही है और पिछले 1 साल में एनजीटी के आदेशों की अवहेलना करने पर 150 एफआईआर दर्ज की गई है और इन सभी केसों को मजबूती से तैयार किया गया है ताकि आदेशों की अवहेलना करने वालों को सजा मिल सके।
कुरुक्षेत्र में 62 टन कचरा रोजाना होता है पैदा
अतिरिक्त उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने पिहोवा, इस्माईलाबाद, शाहबाद, लाडवा नगर पालिकाओं व थानेसर नगर परिषद में तकरीबन 2 लाख 70 हजार लोगों की आबादी है और इन पांचों एमसी के 100 वार्डो में प्रतिदिन 62 टन कचरा निकलता है। इस कचरे का उचित प्रबंध किया जा रहा है और घर-घर से कूड़ा एकत्रित करके डम्पिंग प्वाईंट पर उचित प्रबंध किया जा रहा है। लोगों को गीले कचरे से खाद बनाने के प्रति जागरुक किया जा रहा है और सैक्टर 5 और 7 के पार्को में खाद बनाने के उदाहरण भी प्रस्तुत किए है।
थानेसर नगर परिषद ने किए 492 चालान और लगाया 2 लाख 26 हजार का जुर्माना
अतिरिक्त उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कहा कि कुरुक्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त जिला बनाने के प्रयाय लगातार किए जा रहे है। इसके लिए लोगों में कार्यक्रमों और सैमिनारों के माध्यम से प्लास्टिक का प्रयोग ना करने, सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रबंधन करने के प्रति जागरुक किया जा रहा है। इसके अलावा कानून की पालना करवाने के लिए कार्रवाई भी की जा रही है। इस कार्रवाई के तहत थानेसर नगर परिषद ने 1 अप्रैल से 15 दिसम्बर 2019 तक 492 चालान किए और लोगों पर 2 लाख 26 हजार का जुर्माना किया। इसी तरह लाडवा में 39 चालान कर 8500 जुर्माना, पिहोवा में 38 चालान कर 8200 जुर्माना और इस्माईलाबाद में 6 चालान किए गए है।
जिले में 52 जगहों को किया चिन्हित जहां लगते थे गंदगी के ढेर
कुरुक्षेत्र जिले में चारों नगर पालिका व थानेसर नगर परिषद में 52 जगहों पर गंदगी के ढेर लगने वाली जगहों को चिन्हित किया गया था। इसमें से थानेसर नगर परिषद में 31 जगहों पर गंदगी के ढेर लगते थे, लेकिन अब इन जगहों को पूरी तरह साफ कर दिया गया है। इसी तरह लाडवा में 8 जगहों में से 4 जगहों की सफाई करवा दी गई है, पिहोवा में 7 जगहों में से 3, इस्माईलाबाद में 3 जगहों में से 1, शाहबाद में 3 जगहों की सफाई व्यवस्था करवा दी गई है। जिन नगर पालिकाओं में अभी भी चिन्हित जगहोंं पर गंदगी के ढेर लगे है उन सभी को 31 दिसम्बर तक साफ करने के आदेश जारी किए गए है।
कार्यकारी कमेटी के चेयरमैन एवं सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल ने मोबाईल पर चैक की टिप्पर की लोकेशन
एनजीटी की प्रदेश कार्यकारी कमेटी के चेयरमैन एवं सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल जब जिला टास्क फोर्स की बैठक में सभी नगर पालिकाओं में घर-घर से कूड़ा एकत्रित करने वाले टिप्परों की रिपोर्ट ले रहे थे और टिप्परों की लोकेशन चैक करने के लिए जीपीएस सिस्टम की फीडबैक ले रहे थे तभी उन्होंने नगर परिषद थानेसर के टिप्परों की जीपीएस सिस्टम को चैक करवाने के आदेश दिए तो नगर परिषद की तरफ से मोबाईल पर ही टिप्परों की लोकेशनों को चैक करवाया, इतना ही नहीं एनजीटी कमेटी के सदस्य डा. बाबू राम ने उसी मोबाईल से चालक बिशन से बातचीत की और लोकेशन के बारे में जानकारी हासिल की। इस जानकारी के अनुसार चालक सेक्टर 13 में था और रिपोर्ट सही पाई गई। इस पर सेवा निवृत जस्टिस प्रीतम पाल ने प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों को बधाई भी दी।