जुटे हजारों कला प्रेमी, दर्शकों का लगा तांता
कुरुक्षेत्र, पवन सोंटी
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आडिटोरियम हाल में सांस्कृतिक महाकुम्भ रत्नावली का रंगारंग आगाज मुख्यातिथि द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हो गया। चार दिन तक चलने वाले इस हरियाणवी संस्कृति के महाकुम्भ में 3000 के करीब प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का शुभारमभ मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डा. डीडीएस संधू ने अपने हाथों से दीप जला कर किया। इससे पूर्व कुवि के पूर्व छात्र और महान गजल गायक जगजीत सिंह को दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई।
अपने उद्घाटन भाषण में कुलपति ने कहा कि हरियाणा दिवस समारोह रत्नावली गत वर्ष अपनी रजत जयंती पूर्ण करने के बाद 26 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है और अब स्वर्ण जयंति की ओर अग्रसर है। हरियाणा को बने अभी मात्र 45 वर्ष हुए हैं। जब हरियाणा का गठन हुआ तब इसकी कोइ सांस्कृतिक पहचान नहीं थी। उसके बाद रत्नावली केे माध्य से हरियाणा जो सांस्कृतिक पहचान कायम की है उसके लिये कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग बधाई का पात्र है। आज रत्नावली पूरे उत्तर भारत का एक महान सांस्कृतिक महोत्सव बन चुका है। पिछले वर्ष इसमें 2500 प्रतिभागियों ने भाग लिया था तो इस वर्ष 3000 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष उन्होंने देखा कि रत्नावली को लेकर युवाओं में कितना उत्साह था, इस वर्ष उससे भी ज्यादा उत्साह है उसकी उनको पूरी उ मीद है। सांधू ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश के गांवों व शहरों से लोग रत्नावली समारोह को देखने आते हैं उससे पता चलता है कि रत्नावली कितना चहेता समारोह है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तो एक आईना है जहां कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं और उन्हें दिखाया जाता है कि उनमें क्या है। इस अवसर पर उन्होंने कुवि युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक अनूप लाठर को भी मुबारकबाद दी जिनके प्रयासों से रत्नावली आज इतने विशाल रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि रत्नावली में लाठर के सभी सांस्कृतिक प्रयोग सफल रहे। डा. संधू ने प्रतिभागियों को आश्वस्त किया कि समारोह के दौरान पूर्ण पारदर्शिता होगी और सभी के हुनर का अच्छा प्रदर्शन होगा। उन्होंने उमीद जताई कि आने वाले समय में रत्नावली के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति देश से बाहर भी पहचान बनाऐगी।
उनसे पूर्व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर ने मुख्यातिथि का स्वागत किया रत्नावली की 26 वर्ष की सांस्कृतिक यात्रा का विवरण दिया। उनहोंने बताया कि प्रति वर्ष की भांति गत वर्ष चौपाल का प्रयोग इस मंच से किया गया था जिसको सफलता के बाद प्रतियोगिताओं का भाग बनाया गया है और इस साल सांगीत संध्या का नया प्रयोग किया जाएगा। इस अवसर पर जाने माने हरियाणवी गायक हरविंद्र राणा ने अपनी टीम के साथ बम लहरी की प्रस्तुति दी व उसके पश्चात हरियाणवी पॉप सांग से प्रतियोगिताओं का शुभारमभ हो गया।
हरियाणवी पॉप की रंगारंग प्रस्तुतियों ने किया रत्नावली का आगाज
कुरुक्षेत्र, शशि (कुवि के युवा पत्रकार)
कुरुक्षेत्र विश्ववविद्यालय द्वारा आयोजित रत्नवावली प्रतियोगिता का 26वां आयोजन पूर्व की भांति हरियाणवी पॉप की पहली प्रस्तुति के साथ आर भ हुआ और दोपहर बाद तक श्री मद्भगवत गीता सदन तालियों व संगीत की आवाजों से गूंजता रहा। प्रतियोगिता में कुल प्रदेश भर से 9 टीमों ने भाग लिया। सबसे पहले मंच पर पूर्व वर्ष की ओवर आल विजेता टीम डीएवी ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति कुछ इस प्रकार दी....भाभी चाल़ा होग्या री....। आरके एस डी कालेज कैथल की टीम ने जेठ मेरा दस पढरह्या सै है...मेरा देवर बीए पास..उतणी का अणपढ रहग्या हे जैऐ रोए नै रोप दिया चाल़ा.... की प्रस्तुतियों पर दर्शकों को हाल में झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के प्रति दर्शकों में इतना उत्साह रहा कि प्रतियोगिता के समापन तक हाल ठसा-ठस भरा रहा।
ओपन ऐयर थियेटर में स्किट के माध्य से चुनावों पर हुए व्यंग्य
कुरुक्षेत्र, सुमन-दीपिका (कुवि के युवा पत्रकार)
रत्नावली समारोह के पहले दिन ओपन ऐयर थियेटर में हरियाणवी हास्य नाटिकाओं की प्रतियोगिता आयोजित हुइ जिसमें प्रदेश भर से 15 टीमों ने भाग लिया। कमोबेश अधिकतर नाटिकाओं में व्यंग्य का विषय चुनाव और सामाजिक मुद्दे ही रहे। डीएवी कालेज यमुनानगर की टीम ने विक्रम बेताल स्किट का मंचन किया। पानीपत इंस्टीट्यूट आफ इंजिनियरिंग एण्ड टैक्रालाजी की टीम ने महिला उत्पीडन पर अपनी प्रस्तुति दी। इसी मंच से चुटकुला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कुल 10 टीमों ने भाग लिया। ठेठ हरियाणवी अंदाज के चुटकुलों और उनके प्रस्तुतिकरण ने श्रोताओं को हंसाकर लोटपोट कर दिया।
आरके सदन में हरियाणवी भजनों ने किया भक्ति रस का प्रवाह
कुरुक्षेत्र, बलवंत सिंह (कुवि के युवा पत्रकार)
रत्नावली समारोह के पहले दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आरके सदन में हरियाणवी भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कुल 15 टीमों ने भाग लिया। मंच पर पहले आइ कुवि की टीम ने कृष्ण मुरारी सुनो हारी अर्ज........भजन की प्रस्तुति दी। उसके पश्चात डीएवी कालेज यमुनानगर की टीम ने धर्म छौडकै बंदे तनै पछताणा होगा....... सांई के दरबार मैं जाणा होगा रै.............., गर्वनमैंट पीजी कालेज करनाल की टीम ने अपना भजन ऋषि मुनी और ज्ञानी प्रभू ध्यावैं सांझ सबेरे तनै.. की प्रस्तुतियां दी। सभी प्रतिभागियों ने अपने गायन में इतना मीठापन जताया कि श्रोता प्रतियोगिता के समापन तक बंधे बैठे रहे।
सीनेट हाल में हुआ हरियाणवी में चिंतन
कुरुक्षेत्र, मनीषा-परीक्षा (कुवि के युवा पत्रकार)
रत्नावली समारोह के पहले दिन सीनेट हाल में आयोजित हरियाणवी व्याखयान प्रतियोगिता में प्रदेश भर से 17 टीमों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने अपने विचारों में ज्वलंत समस्याओं पर चिंतन किया और श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। कौण कहवै सै हरियाणा सै कला क्षेत्र मैं बांझ...बिन रखवाली टूट जावै सै बड़े-बड़े रै बांध विषय पर कुवि यूटीडी के ऋषि ने अपना व्याखयान दिया। जीबीएम कलेज की छात्रा गीत ने मंहगाई पर अपने विचार रखे। अधिकतर प्रतिभागियों ने भ्रूण हत्या को विषय बनाया व अपने तरीके से इस समस्या का विश्लेश्ण किया। न बर 1 हरियाणा पर भी प्रतिभागियों ने अपने व्या यान प्रस्तुत किये। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां की प्रतिभागी मीनू ने हरियाणा की संस्कृति को अपने विचारों के माध्यम से न बर वन दिखाया।
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