दीप प्रज्वलन के साथ हुआ 34वें अंतर क्षेत्रिय युवा समारोह का आगाज
डीएवी कालेज पर पूरा प्रदेश कर सकता है गर्व: लाठर
यमुनानगर/ पवन सोंटी
(विशेष सहयोग डीएवी कालेज की युवा टीम कृष्णा, अश्विनी चौधरी, निशु, सोनिया, अंकिता, नेहा और वंदना एवं उनके शिक्षक श्री परमेश त्यागी)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यायल के 34वें अंतर क्षेत्रिय युवा समारोह का शुभारम्भ 13 नवम्बर को स्थानीय डीएवी गल्र्ज कालेज में रविवार को मुख्य अतिथि के हाथों दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। तीन दिवसीय इस समारोह में कुुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभी 6 क्षेत्रों से विजेता टीमें भाग ले रही हैं। समारोह में 27 प्रतियोगिताओं के लिये हरियाणा भर से कुवि से संबंधित कालेजों की क्षेत्रानुसार विजेता टीमें भाग ले रही हैं।
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के युवा एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के निदेशक अनूप लाठर ने कहा कि कुवि के युवा समारोह की यह 34वीं सिढ़ी है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस आयोजन के लिये डीएवी कालेज का आभार जताते हुए कहा कि यह ऐसा कालेज है जिस पर पूरा प्रदेश गर्व कर सकता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अभी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय रत्नावली का महाआयोजन करके निपटा था कि अंतर क्षेत्रिय युवा समारोह की तारीख आ गई। इसके आयोजन के लिये उन्होंने मात्र कुछ दिन पहले ही डीएवी कालेज की प्राचार्या सुषमा आर्या से बात की थी और उन्होंने इतने कम समय में इतने विशाल कार्यक्रम का सफल आयोजन कर दिया। इसके लिये उन्होंने सुषमा आर्या व उनके कालेज का आभार जताते हुए कहा कि यहां से उनको सदा सम्भव सहायता मिलती है। लाठर ने कहा कि यहां का स्टाफ एक परिवार की तरह है जो मिलजुल कर किसी भी आयोजन को पूरी निष्ठा से सफल बनाता है। उन्होंने अपनी और से इस आयोजन के लिये कालेज को बधाई देते हुए आशा जताई कि जिस प्रकार कार्यक्रम को धमाकेदार आगाज हुआ है तो इसका पूर्ण आयोजन भी सफल होगा।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष एवं डीएवी गल्र्ज कालेज यमुनानगर की प्राचार्या सुषमा आर्या ने इस अवसर पर आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया व मुख्यातिथि का आभार जताया। उन्होंने प्रदेश के कोने कोने से आए युवा कलाकारों को आर्शिवाद देते हुए कहा कि वह अपनी कला का भरपूर प्रदर्शन करें कालेज की और से उनको भरपूर सहयोग मिलेगा। उन्होंने मुख्यातिथि का परीचय देते हुए कहा कि वह हरियाणवी संस्कृति के ऐसे ध्वाज वाहक हैं जिन्होंने अपने प्रयासों से हरियाणा की लुप्त होती लोक नाट्य विधा सांग को पुन: जिंदा किया। ऐसे महानुभाव के हाथों शुभारम्भ से ही कार्यक्रम के सफल आयोजन की नींव पक्की हो गई है। अंत में उन्होंने बाहर से आए हुए अतिथि कलाकारों व शिक्षकों का स्वागत किया।
शास्त्रीय नृत्य ने पेश की सत्यम शिवम सुंदरम की त्रिवेणी
यमुनानगर/ कृष्णा, अश्विनी चौधरी, निशु, सोनिया, अंकिता, नेहा और वंदना
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यायल के 34वें अंतर क्षेत्रिय युवा समारोह का शुभारम्भ अवसर पर सबसे पहली प्रस्तुति रही शास्त्रीय नृत्य की। डीएवी कालेज के अभिव्यक्ति सदन के विशाल मंच पर शास्त्रीय नृत्य के माध्यम से सत्यम शिवम सुंदरम की त्रिवेणी को पेश किया। कलाकारों ने लय ताल व वेश भूषा के साथ तबले, हारमोनियम व बांसुरी आदि वाद्ययंत्रों की ताल पर थिरकते पावों ने भारत की समृद्ध शास्त्रीय नृत्य शैली के दर्शन करवाऐ। मंच के माध्यम से अम्बाला जोन, करनाल जोन, यमुनानगर जोन, हिसार जोन व कुरुक्षेत्र जोन के प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। हिसान जोन की और से जयपुर घराने को प्रस्तुत करते हुए कत्थक के माध्यम से तांडव नृत्य पेश किया जो कि भगवान शिव की नृत्य शैली मानी जाती है । गौरतलब है कि कत्थक एक ऐसा नृत्य है जिसे कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। कथा का यह नृत्य रूपांतरण होता है। करनाल जोन की टीम ने लखनऊ घराने के अनुसार अपनी प्रस्तुति में दो रागों का मिश्रण करते हुए श्रंगार रस की प्रस्तुति दी। यमुनानगर जोन ने जयपुर और लखनऊ घराने का मिलाजुला रूप दिखाते हुए भगवती लक्ष्मी की स्तुति प्रस्तुत की। इसमें तराना, ठुमरी, गतिकास, ठोर ठुमरे इत्यादि के भावों को प्रस्तुत किया।
चाक्की पै दलिया सै पीसणा...
समूह गान में जमाया मंच पर रंग
यमुनानगर/
(कृष्णा, अश्विनी चौधरी, निशु, सोनिया, अंकिता, नेहा और वंदना)
डीएवी कालेज के अभिव्यक्ति सदन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यायल के 34वें अंतर क्षेत्रिय युवा समारोह के दौरान सामन्य व हरियाणवी समूह गान प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सामान्य समूहगान में मुख्य रूप से देश भक्ति के गीतों की प्रस्तुति हुई। सबसे मंच पर आऐ हिसार जोन की टीम ने कुछ इस प्रकार अपनी राष्ट्रभक्ति पेश की- हमारा वतन जहां से प्यारा ...तुझको नमन तुझको नमन.......। इसके पश्चात अम्बाला जोन की टीम ने अपनी धरती अपना अम्बर अपना हिंदुस्तान के माध्यम से देश भक्ति से भरपूर प्रस्तुति दी। यमुनानगर जोन की ओर से उज्वल पावन देश हमार कोटी-कोटी जन इसके वासी...हम सब का है यह दुलारा ..........गीत की प्रस्तुति दी।
इसके पश्चात आयोजित हरियाणवी समूह गान में 4 जोनों ने भागीदारी की। अम्बाला जोन से आए कलाकरों ने कुछ इस प्रकार अपनी गायन शैली को प्रस्तुत किया...जी मेरा तरसै...बादल बरसै...रूत सामण के आयो रे......., करनाल जोन की टीम ने अपने गीत सुण ले सुण ले री सास मेरी बात...चाक्की पै दलिया सै पीसणा...के माध्यम से हरियाणा की ग्रम्य जीवन शैली में कामकाजी महिलाओं की व्यस्तताओं का वर्णन किया। यमुनानगर जोन की टीम ने झूलण चाल्लो री सखी बागां मैं सामण आयो रे............प्रस्तुत किया। कुरुक्षेत्र जोन ने कुछ इस प्रकार अपनी प्रतिभा दिखाई...फागण के दिन चार सखी री...फागण के दिन चार........।
उधर अनुभूति सदन में क्लासिकल वोकल की तीन विधाओं की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिनमें में अम्बाला, करनाल, हिसार, यमुनानगर व कुरुक्षेॠत्र की टीमों ने भाग लिया। क्लासिकल वोकल सोलो में अम्बाला जोन की टीम ने अहीर भारव राग में अलबेला सजन आयो रे ....की प्रस्तुति दी। करनाल जोन की ओर से भीम प्लासे राग में तुम संग लागे मनवा.......की प्रस्तुति दी। हिसार जोन की टीम ने रूपाली राग में मान ले हमरे मितवा........प्रस्तुत किया। यमुनानगर जोन ने मधुबंती राग में पिया मोरे घर आए............प्रस्तुत किया।
रेखाऐं तो अपने हाथों पर भी हैं बापू...पर साली किस्मत ही...............
कोरियोग्राफी के माध्यम से हुए सामाजिक कुरितियों पर कटाक्ष
(यमुनानगर/ कृष्णा, अश्विनी चौधरी, निशु, सोनिया, अंकिता, नेहा और वंदना)
रेखाऐं तो अपने हाथों पर भी हैं बापू...पर साली किस्मत ही खराब है...............। ये संवाद हैं डीएवी कालेज में चल रहे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की 34व अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह के दौरान मंचित कोरियोग्राफी में सामाजिक कुरीतियों पर व्यंग्य करते कलाकारों के। जी हां, कोरियोग्रफी जैसी विधा के माध्यम से अपने अभिनय की बदौलत युवा कलाकारों ने जम कर सामाजिक कुरितियों पर कटाक्ष किये। मर गई, खत्म हो गई है मानवात..दुष्ट चक्र है ये गरीबी का जिसे आप सब.........। कोरियोग्रफी में कलाकारों ने नारी उत्पीडऩ व गरीबी सहित अनेका मुद्दों को उठाया। देश की कल आज और कल की दशा को राजाओं, अंग्रेजों व आज के काले अंग्रजों के जन उत्पीडऩ को भी दिखाने का प्रयास किया। कचरा गरीबी, इच्छा शक्ति व कृष्ण अवतार आदि सभी प्रस्तुतियां सराहनीय रही। ओपन ऐयर पर बने श्रृजन मंच पर मंचित इन प्रस्तुतियों की रोचकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हजारों की संख्या में बैठे दर्शक बार बार तालियों की आवाज से खुले माहौल को गंजायमान करते रहे। दोपहर बाद तक चलती रही ये प्रस्तुतियां दर्शकों को बांधने में पूरी तरह कामयाब रही।
समूह नृत्य में भांगड़े ने जमाया रंग
बुल्ला नचिया सी जग याद करदा...वारस बुल्ले ......
(यमुनानगर/ कृष्णा, अश्विनी चौधरी, निशु, सोनिया, अंकिता, नेहा और वंदना)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यायल के 34वें अंतर क्षेत्रिय युवा समारोह के दौरान डीएवी कालेज के ओपन ऐयर मंच पर दोपहर बाद सामान्य समूह गान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यत: पंजाबी भांगड़ा ही छाया रहा। प्रतियोगिता में सभी 6 जोन की टीमों ने भागीदारी की व जमकर नृत्य किया। यमुनानगर जोने के प्रतिभागियों ने कुछ इस तरह से अपने गीत को नृत्य में रंगा...बुल्ला नचिया सी जग जाणदा...वारस बुल्ले तों असी अखवाण चल्ले....मुच्छां खुङ्क्षडयां....पुत पंजाब दे भंगड़ा पौण चल्ले......। अम्बाला जोन की टीम ने अपने गीत लड़ी पावण वालिये कुडिय़े तेरे सदके जांवां.... के साथ वीर जवानों की जंग जीत कर घर आने की खुशी व स्वागत में हार्षोल्लास के माहौल का वर्णन किया। करनाल जोन की टीम ने ......जी म्हारो रूण-झुण बाजै घूंघरा....के माध्यम से पीर बाबा की स्तुति के साथ रंगीले फागण को भी मंचित किया। टैक्रीकल जोन ने रब दी सौं लग्गे बड़ी जान तौं पियारी...तेरे उत्ते आ गया दिल नी कोके वालिये ...........गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया।
इस प्रकार रहा पहले दिन का परिणाम
यमुनानगर/ परमेश त्यागी
डी ऐ वी कालेज में आयोजित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यायल के 34वें अंतर क्षेत्रिय युवा समारोह के पहले दिन के परिणाम कुछ इस प्रकार रहे। क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल सोलो नॉन परकसन में कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी कुरुक्षेत्र की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि यमुनानगर जोन से गुरु नानक गल्र्स कालेज व करनाल जोन से राजकीय स्नातकोत्तर कालेज करनाल की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। कोरियाग्राफी में यमुनानगर जोन से हिंदू गल्र्स कालेज जगाधरी टीम रिकमेंडिड रही। जबकि अंबाला जोन से एसए जैन कालेज अंबाला तथा करनाल जोन से आर्य पीजी कालेज पानीपत की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। ग्रुप सांग जनरल में यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि हिसार जोन से सीआरएम जाट कालेज तथा अंबाला जोन से एसए जैन कालेज अंबाला की टीम संयुक्त रुप से कमेेंडिड रही। क्लासिकल वोकल सोलो में करनाल जोन से राजकीय महिला महाविद्यालय करनाल की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज तथा राजकीय कालेज हिसार की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। क्लासिकल डांस सोलो में यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज की टीम रिकमेंडिड तथा अंबाला जोन से एसडी कालेज अंबाला कैंट व हिसार जोन से एसडी महिला महाविद्यालय हांसी की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। ग्रुप सांग हरियाणवी में अंबाला जोन से एसडी कालेज अंबाला की टीम रिकमेंडिड तथा यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज व कुरुक्षेत्र जोन से यूनिवर्सिटी कालेज कुरुक्षेत्र की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल सोलो परकसन में यमुनानगर जोन से एमएलएन कालेज की टीम रिकमेंडिड तथा अंबाला जोन से एसडी कालेज व करनाल जोन से राजकीय कालेज पानीपत की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही।
No comments:
Post a Comment