गीता का ज्ञान समूचे जीवन दर्शन,जीवन शैली और व्यवस्था का सार:- पहाडिया
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर(पवन सोंटी)
गीता का ज्ञान समूचे जीवन दर्शन,जीवन शैली और व्यवस्था का
सार्थक और सारगभर्ात सार है। सामाजिक व्यवस्था
में ज्ञान के निर्वाह को आत्मसात करने के लिए अध्यात्मवाद के हर पहलू को अंगीकृत करने
की जरूरत है ताकि बदलते परिवेश में सभ्य समाज की सृजनात्मक और रचनात्मक सोच को अधिक
बल मिल सके। ये उदगार हरियाणा के महामहिम राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा ने कुरूक्षेत्र
विश्व विद्यालय के सीनेट हाल में गीता जयन्ती समारोह के अवसर पर संस्कृत एवं प्राच्
यविद्या संस्थान कुरूक्षेत्र की ओर से आधुनिक समाज में श्रीमद भागवत गीता की प्रासंगिकता
पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों
से आए विद्वानों और शोधार्थियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
महामहिम राज्यपाल ने अपने
सम्बोधन में कहा कि गीता बेशक छोटा ग्रंथ है, लेकिन ज्ञान,उच्च आदर्शों और संस्कारों
की परिभाषा में बहुत बड़ा समंदर है। गीता के ज्ञान से निकली किरणों के चलते समूची दुनिया
में इसकी चमक आए दिन बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि विदेशी संस्कृति के लोग गीता
के ज्ञान में छुपी शांति, सोच और सीख को अंगीकृत करने के लिए हमारे यहां आते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के हर क्षेत्र में गीता ज्ञान का निर्वाह सामाजिक बुराईयों
के उन्मूलन के लिए अति आवश्यक है।
उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति
में आगे कहा कि गीता भगवान श्री कृष्ण के श्रीमुख से निकली अमर वाणी है। यह केवल 700 श£ोकों का श्री कृष्ण व अर्जुन
के संवाद का संग्रह मात्र नहीं है, बल्कि मानव के लिए उपयोगी जीवन दर्शन है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी प्रतिदिन गीता का मननपूर्वक स्वाध्याय किया करते थे। उन्हें गीता के
दूसरे अध्याय के श£ोक 54 से
लेकर 72 तक
का अध्ययन विशेष प्रिय था। इन्हीं 19 श£ोकों में भगवान श्री कृष्ण ने श्रेष्ठ मनुष्य के वास्तविक स्वरूप
का आकलन किया है। जब व्यक्ति दुख और सुख में हानि और लाभ में समान दृष्टि रखने वाला
सामथर््य प्राप्त कर लेता है तभी वह सच्चा मानव कहलाने की श्रेणी में आ जाता है।
महामहिम ने अभिव्यक्ति के
अनवरत चरण में कहा कि गीता में भगवान श्री कृष्ण जीवन दर्शन को स्पष्ट करते हुए कहते
है कि सासांरिक विषयों में लगाव से काम की उत्पत्ति होती है, काम से क्रोध, क्रोध से मोह, मोह से स्मृति का बिगाड़
और स्मृति बिगडऩे से बुद्धि का नाश हो जाता है। यह श्री कृष्ण का अदभूत जीवन दर्शन
है,इस पर जितना
मनन करते हैं, उतनी ही इसकी स्वच्छता और गंभीरता स्पष्ट हो जाती है। अक्सर गलत विचारों के मनन
से या फिर विकृतियां जहन में आने से बुराईयां पनपने लगती है, इस प्रकार की बुराईयों के
उन्मूलन के लिए गीता ज्ञान से निकला संदेश मरहम की तरह काम करता है।
उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश
में मनुष्य ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, समय और स्थान की दूरी करीब हो गई
है। हमारे पूर्वज इस चकाचौंध भरी जिदंगी की कल्पना नहीं कर सकते थे, लेकिन तरक्की और विकास के
इस जमाने में विज्ञान का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचा है। इसी प्रकार गीता के ज्ञान की
जोत भी हर व्यक्ति के जहन तक पहुंचनी चाहिए और संस्कारों तथा आदर्शों की दहलीज का बुनियादी
पायदान मजबूत होना चाहिए तभी सफ लता को सोपान की कल्पना की जा सकती है। महामहिम ने
ज्योति प्रज्जवलित करके संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर अपनी अध्यक्षीय
अभिव्यक्ति में कुरूक्षेत्र युनिवर्सिटी के कुलपति डा.डी.डी.एस. संधु ने कहा कि कई
महान विभूतियों के जीवन चरित्र, सार और संदेश स्कूली पाठयक्रमों में पढ़ाए जाते है। गीता का
ज्ञान संबंधी विषय भी स्कूली पाठयक्रमों में शामिल करने की जरूरत है ताकि देश के भावी
निर्माता गीता की सार्थकता,सामाजिक और नैतिक मूल्यों के साथ-साथ संदेश को अपने जहन में
संजोकर स्वस्थ समाज और जागरूक राष्ट्र के निर्माण में उल्लेखनीय कार्य कर सके।
इससे पूर्व संस्कृति एवं
प्राच्चविद्या संस्थान कुरूक्षेत्र के निदेशक प्रो. रणवीर सिंह ने महामहिम राज्यपाल
जगन्नाथ पहाडिय़ा तथा आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस संगोष्ठी में जम्मू,
पटियाला, अमृतसर, चण्डीगढ, होशियारपुर, दिल्ली, हरिद्वार, रोहतक, रायबरेली, पटना, अहमदाबाद, अजमेर, भीलवाड़ा, हिसार, मेरठ सहित कई नगरों से शोधार्थी
और प्रोफेसर अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। इनके द्वारा प्रस्तुत किए गए शोधपत्रों
पर विद्ववानों द्वारा विस्तृत चर्चा की जाएगी। इस संगोष्ठी में मुख्य रूप से विद्वानों
में रोहतक के प्रो. सुरेन्द्र कुमार, पटना के बी.एस. कुमार, रायबरेली के प्रो. प्रशंस्य मित्र,
चण्डीगढ़ के प्रो.
विक्रम वेबकानी, होशियारपुर के प्रो. एन.सी. पांडा, जम्मू की डा. प्रतिभा, दिल्ली के प्रो. सी. उपेन्द्र राव,
दिल्ली के डा. ओमनाथ
विमली, हरिद्वार
के प्रो. दिनेश चन्द्र सहित कई विद्वान शामिल है।
संगोष्ठी में प्रोफेसर डा.
सुरेन्द्र कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रस्तुत किए, जबकि मंच का संचालन डा. विद्या
अलंकार ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव महेन्द्र कुमार, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय
के कुलसचिव डा. सुरेन्द्र देसवाल, उपायुक्त मनदीप सिंह बराड़, पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य,
राज्यपाल के पीआरओ
बी.एल. धीमान, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी देवराज सिरोहीवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित
थे।
पवित्र ग्रंथ गीता के संदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रांसगिक
हैं : मंदीप
डीसी ने किया मीडिया सेंटर का उदघाटन, पूरे विश्व में पहुंचाना है गीता के संदेश
को, डीसी ने की पत्रकारों
से बातचीत
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर(पवन सोंटी)
उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता में लिखे एक-एक संदेश आज
भी पूरे विश्व के लिए प्रांसगिक हैं। धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की भूमि से दुनिया के
कोने-कोने तक इन संदेशों को पंहुचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वे आज कुरुक्षेत्र
विकास बोर्ड के सभागार में जिला सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की तरफ से बनाए गए मीडिया
सेंटर का विधिवत उदघाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उपायुक्त मंदीप
सिंह बराड़ ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र ही नहीं बल्कि हरियाणा प्रदेश के लिए
यह एक सौभाग्य की बात है कि इस पावन धरा पर पवित्र ग्रंथ गीता को स्मरण करने और इस
ग्रंथ में लिखे गए संदेशों पर चलकर देश-प्रदेश के विकास और समाजसेवा के लिए एक अवसर
मिल रहा है। हर वर्ष ब्रहमसरोवर के तट पर कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह का आयोजन
किया जा रहा है। इस समारोह को मनाने के लिए प्रदेश के सभी नागरिकों की सहभागिता की
उम्मीद की जाती है। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के संदेशों को कुरुक्षेत्र जैसी
पावन धरा से दुनिया के कोने-कोने तक पंहुचाने के लिए कलम के सिपाही अपना काम करके अनोखी
छाप छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इस कार्य के लिए आधुनिक मीडिया सेंटर स्थापित
किया है। इस मीडिया सेंटर में पत्रकारों और छायाकारों के लिए हर प्रकार की सुविधा मुहैया
करवाई गई है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव को यादगार बनाने के लिए देश के कोने-कोने से
कलाकार और शिल्पकार भी पंहुचे हैं। ब्रहमसरोवर के तट पर 19 दिसम्बर से लेकर 28 दिसम्बर तक श्रद्धालू और
पर्यटक उत्सव के रंग में शामिल होंगे। प्रशासन ने शिल्पकारों के स्टालों में रखे गए
सामान का बीमा करवाना जरूरी किया है। इसके अलावा पुलिस प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के
पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। प्रशासन यह व्यवस्था क्राफ्ट मेला खतम होने तक बनाए रखेगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन के साथ-साथ कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से निजी
सुरक्षा कर्मचारी भी तैनात किए हैं जोकि पुलिस प्रशासन का सहयोग करेंगे। इस मौके पर
एसडीएम अशोक बांसल, केडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र पाल मलिक, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी
देव राज सिरोहीवाल सहित अन्य अधिकारी एवं पत्रकार मौजूद थे।
प्रशासन करेगा गोल्फ कार्ट की व्यवस्था
डीसी मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से ब्रहमसरोवर
की परिक्रमा करने के लिए बुजुर्ग व अन्य लोगों के लिए गोल्फ कार्ट की व्यवस्था करेगा।
केडीबी की तरफ से 2 गोल्फ कार्ट को लेने के लिए टैंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह व्यवस्था हमेशा
के लिए रहेगी ताकि लोग सहजता से ब्रहमसरोवर की परिक्रमा पूरी कर सके।
प्रकृति ने लडका व लडक़ी के मामले में किसी प्रकार का कोई भेदभाव
नही किया: राज्यपाल
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर(पवन सोंटी)
हरियाणा के राज्यपाल जगन्ननाथ पहाडिय़ा ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि वे
समाज से कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराई को मिटाने के लिए सामूहिक प्रयास करे । उन्होंने
कहा कि प्रकृति ने लडका व लडक़ी के मामले में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नही किया है
और समाज को भी प्रकृति के इस नियम के अनुसार लड़कियों को शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में
समान अवसर प्रदान करने चाहिए।
राज्यपाल आज कुरुक्षेत्र उत्सव
गीता जयंती समारोह के उपलक्ष्य में जयराम विद्यापीठ कुरूक्षेत्र की ओर से अजन्मिता
का सरंक्षण विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करे रहे थे। उन्होंने कहा कि आज मानव समाज रूढिवादी विचारों
की बेडिय़ों में जकड़ा हुआ है। विज्ञान के दुरूपयोग से नए-नए खतरे सामने आ रहे है जिनसे
मानव सहमा हुआ है। नारी जाति पर प्रतिदिन अत्याचार हो रहे हैं और इससे भी बढकर गर्भ
में ही कन्या भू्रण को मरवा कर उसके अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है। गीता में स्पष्ट
लिखा है कि जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर नए वस्त्र धारण करता है
उसी प्रकार जीव भी एक शरीर को छोडक़र दूसरे से जन्म लेता है। दुख की बात है कि मानव इस स्वाभाविक व प्राकृतिक प्रकिया में हस्तक्षेप
कर रहा है। उन्होंने धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं से भी अपील की कि वे कन्या भू्रण हत्या
ही नही बल्कि नशाखोरी,मिलावट खोरी,भ्रष्टाचार आदि बुराईयों के खिलाफ हर व्यक्ति को जागरूक करने का काम करें। उन्होंने
कहा कि सरकार और समाज के प्रयासों से इस बुराई को किसी हद तक कम करने में सफलता मिली
है, लेकिन अभी
भी इस क्षेत्र में बहुत प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों
के खिलाफ कानून में भी अनेक प्रावधान किए गए हैं लेकिन सरकार की योजनाओं व कार्यक्रम
जब तक पूरी तरह सफल नहीं हो सकते जब तक उनमें जनता की रूचि और उसका समर्थन और पूर्ण
भागीदारी न हो।
राज्यपाल ने प्रदेशवासियों
को गीता जयन्ती समारोह की मुबारकबाद देते हुए कहा कि कुरूक्षेत्र की पवित्र भूमि को
भारतीय सभ्यता व संस्कृति की जन्म स्थली होने के साथ -साथ गीता की जन्म स्थली होने
का भी गौरव हासिल है। उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र
अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण विश्व स्तर पर एक मुख्य पर्यटन स्थल के रूप
में भी विकसित हो रहा है। इसी पवित्र भूमि पर सदियों पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने मोहग्रस्त
अर्जुन को गीता का अमर सन्देश दिया था जो आज मानव मात्र को जीवन जीने की कला सिखा रहा
है। उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि भौतिकवाद
और उपभोक्तावाद से उपजी विषमताओं से पीडित मानवता के लिए गीता ही सबसे बडा सहारा है।
उन्होंने कहा कि समाज सेवा का कार्यक्षेत्र अत्यन्त विस्तृत है, पीडित मानवता के कल्याण के
लिए बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां सरकारी प्रयासों के अतिरिक्त समाजिक संस्थाएं महत्वपूर्ण
और कारगर भूमिका अदा कर सकती हैं। इस क्षेत्र में जयराम विद्यापीठ द्वारा किए जा रहे
प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने अन्य सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संस्थाओं
को इस तरह के प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यपाल ने इस अवसर पर डीएवी इन्टरनैशनल पब्लिक
स्कूल ऋषिकेश की छात्रा प्रियवन्दा को पुरस्कृत भी किया। इस छात्रा ने 16 दिसम्बर को नई दिल्ली में
राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण दिवस पर चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल कर
राष्ट्रपति पुरस्कार जीता था।
जयराम विद्यापीठ के संचालक
ब्रहमस्वरूप ब्रह्मचारी ने स्वागत भाषण में कहा कि उनकी संस्था द्वारा अध्यात्मिक शिक्षा
और गीता सन्देश के प्रचार प्रसार के साथ साथ लड़कियों की शिक्षा के लिए भी विशेष प्रयास
किए जा रहे हैं। इसके लिए कुरूक्षेत्र के गांव लोहार माजरा में पीठ द्वारा महिला डिग्री
कालेज,महिला
बहुतकनीकी संस्थान,महिला बीएड कालेज तथा पब्लिक स्कूल चलाया जा रहा है। इन संस्थाओं में बच्चों को
रोजगारोन्मुखी शिक्षा के साथ-साथ बेहतर संस्कार और नैतिक शिक्षा पर विशेष बल दिया जा
रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विद्या पीठ द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलकर गीता
जयन्ती समारोह से कन्या भू्रण हत्या के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाने की मुहिम आरम्भ
की गई है।
कार्यक्रम में कुरूक्षेत्र
जिला के 18 विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा गीता उपदेश,श्रीकृष्ण लीला और कन्या भू्रण हत्या
रोकने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । इन कार्यक्रमों में श्रीमती के.डी.एल.पी.
स्कूल की टीम ने प्रथम,गीता कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सेठ टेकचन्द्र पब्लिक स्कूल
और अग्रसैन पब्लिक स्कूल की टीमों ने द्वितीय तथा गीता निकेतन आवासिय विद्यालय ,श्री महावीर जैन पब्लिक स्कूल
और गीता विद्या मन्दिर की टीमों ने तृतीय स्थान हासिल किया। इसके अतिरिक्त गुरूनानक
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ,तुलसी पब्लिक स्कूल ,बीआर इन्टरनैशनल पब्लिक स्कूल और
सोम कान्वेन्ट गुरूकुल की टीमों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
इस मौके पर राज्यपाल की धर्मपत्नी
शान्ति पहाडिय़ा,राज्यपाल के सचिव महेन्द्र कुमार, राज्यपाल के परिसहाय जे.पी.दहिया,उपायुक्त मंदीप सिहं बराड,पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य,अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा
कटारिया, उपमण्डल
मैजिस्ट्रेट अशोक बंसल, केडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र पाल मलिक सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सूफी गायन की धुन पर पहली बार होगा कत्थक नृत्य
सूफी बलवीर, डा. ममता जोशी उत्सव में पहली बार करेंगे इस कार्यक्रम का आगाज, उत्सव में सूफी आवाज और नृत्य रहेगा आकर्षण का केन्द्र
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर
कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में पहली बार सूफी गायन पर कत्थक नृत्य करने का प्रयोग किया जाएगा। सूफी आवाज और नृत्य के इस संगम में सूफी बलवीर, डा. दिपानविता सिंगा रॉय व डा. ममता जोशी अपने हुनर को दिखाएंगे। कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मुख्यमंच पुरूषोत्तमपुरा बाग में 22 दिसम्बर को सांय 6 बजे इस सूफी आवाज और नृत्य को प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के अधिकारी कमलेश ने बातचीत करते हुए कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से बुलाए गए सूफी कलाकार बलवीर, डा. ममता जोशी व उनके साथी कलाकार इस उत्सव में पहली बार साज, आवाज और नाच की प्रस्तुति देंगे। सूफी गायन पर कत्थक नृत्य की पहली बार प्रस्तुति दी जा रही है। महाभारत और भगवान श्री कृष्ण के भक्तिरस से प्रभावित होकर सूफी गायन में इस रस का समावेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूफी गायन पर इस तरह का प्रयोग अपने आप में एक अनोखी कला को दिखाएगा। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम इस उत्सव में सभी कार्यक्रमों से भिन्न होगा और निश्चित ही उत्सव में पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालु व पर्यटक इस कार्यक्रम का लुत्फ उठाएंगे। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के विशेष अनुरोध करने पर यह प्रस्तुति दी जा रही है।
क्या होंगे आज के कार्यक्रम ? कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह मेें 20 दिसम्बर को राज्य सूचना आयुक्त उर्वशी गुलाटी पुरूषोत्तमपुरा बाग में भजन संध्या कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी। उजैन से आए पंडित गोपाल शर्मा, शुकदेव शर्मा, कौशलेन्द्र शर्मा एवं राघवेन्द्र शर्मा भजन संध्या में भक्तिरस भरेंगे। प्रात: 11 बजे पुरूषोत्तमपुरा बाग में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। इस समारोह में उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा दोपहर 2.30 बजे श्री कृष्ण संग्रहालय में डा. बी.आर. अम्बेडकर शोध संस्थान के निदेशक डा. राम भक्त लांग्यान राज्य स्तरीय गीता श£ोकोच्चारण प्रतियोगिता की अध्यक्षता करेंगे।
कन्या भू्रण हत्या रैली में शिरकत करेंगी सैकड़ों छात्राएं
के.डी.बी. के सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि इस वर्ष कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ के दिशा निर्देशानुसार कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए धर्मक्षेत्र कुरू क्षेत्र से अपनी आवाज को सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से बुलंद करना है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए 20 दिसम्बर को कच्चाघेर आर्य स्कूल से कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक विशाल रैली निकाली जाएगी। इस रैली में कन्या गुरूकुल खरल नरवाना से करीब 500 छात्राएं भाग लेंगी। इसके अलावा कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से 35 संस्थाओं को इस रैली में शामिल होने के लिए पत्र लिखे गए है। यह रैली ब्रह्मसरोवर पर सम्पन्न होगी।
सूफी बलवीर, डा. ममता जोशी उत्सव में पहली बार करेंगे इस कार्यक्रम का आगाज, उत्सव में सूफी आवाज और नृत्य रहेगा आकर्षण का केन्द्र
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर
कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में पहली बार सूफी गायन पर कत्थक नृत्य करने का प्रयोग किया जाएगा। सूफी आवाज और नृत्य के इस संगम में सूफी बलवीर, डा. दिपानविता सिंगा रॉय व डा. ममता जोशी अपने हुनर को दिखाएंगे। कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मुख्यमंच पुरूषोत्तमपुरा बाग में 22 दिसम्बर को सांय 6 बजे इस सूफी आवाज और नृत्य को प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के अधिकारी कमलेश ने बातचीत करते हुए कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से बुलाए गए सूफी कलाकार बलवीर, डा. ममता जोशी व उनके साथी कलाकार इस उत्सव में पहली बार साज, आवाज और नाच की प्रस्तुति देंगे। सूफी गायन पर कत्थक नृत्य की पहली बार प्रस्तुति दी जा रही है। महाभारत और भगवान श्री कृष्ण के भक्तिरस से प्रभावित होकर सूफी गायन में इस रस का समावेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूफी गायन पर इस तरह का प्रयोग अपने आप में एक अनोखी कला को दिखाएगा। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम इस उत्सव में सभी कार्यक्रमों से भिन्न होगा और निश्चित ही उत्सव में पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालु व पर्यटक इस कार्यक्रम का लुत्फ उठाएंगे। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के विशेष अनुरोध करने पर यह प्रस्तुति दी जा रही है।
क्या होंगे आज के कार्यक्रम ? कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह मेें 20 दिसम्बर को राज्य सूचना आयुक्त उर्वशी गुलाटी पुरूषोत्तमपुरा बाग में भजन संध्या कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी। उजैन से आए पंडित गोपाल शर्मा, शुकदेव शर्मा, कौशलेन्द्र शर्मा एवं राघवेन्द्र शर्मा भजन संध्या में भक्तिरस भरेंगे। प्रात: 11 बजे पुरूषोत्तमपुरा बाग में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। इस समारोह में उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा दोपहर 2.30 बजे श्री कृष्ण संग्रहालय में डा. बी.आर. अम्बेडकर शोध संस्थान के निदेशक डा. राम भक्त लांग्यान राज्य स्तरीय गीता श£ोकोच्चारण प्रतियोगिता की अध्यक्षता करेंगे।
कन्या भू्रण हत्या रैली में शिरकत करेंगी सैकड़ों छात्राएं
के.डी.बी. के सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि इस वर्ष कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयन्ती समारोह में उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ के दिशा निर्देशानुसार कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए धर्मक्षेत्र कुरू क्षेत्र से अपनी आवाज को सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से बुलंद करना है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए 20 दिसम्बर को कच्चाघेर आर्य स्कूल से कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक विशाल रैली निकाली जाएगी। इस रैली में कन्या गुरूकुल खरल नरवाना से करीब 500 छात्राएं भाग लेंगी। इसके अलावा कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से 35 संस्थाओं को इस रैली में शामिल होने के लिए पत्र लिखे गए है। यह रैली ब्रह्मसरोवर पर सम्पन्न होगी।
मार पीट करने व धमकी देने
के आरोप में 3 व्यक्तियों को दबोचा
कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर।
जिला पुलिस ने मार पीट करने व धमकी देने के आरोप में 3 व्यक्तियों को दबोचा। यह जानकारी
देते हुए प्रबंधक थाना शहर कुरुक्षेत्र निरीक्षक योगेश कुमार ने बताया कि विक्रांत
पुत्र नैब सिंह निवासी मेहरा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ व्यक्तियों ने मिलकर कोर्ट
कम्पलैक्स पार्किंग में शिकायत कर्ता के साथ मार पीट की। पुलिस चौकी सैक्टर 7 से साहयक उप निरीक्षक प्रेम
सिंह की पुलिस टीम ने आरोपी सतबीर पुत्र गुरनाम सिंह निवासी झालखेडी, सतनाम पुत्र बलविन्द्र सिंह
व संदीप पुत्र देवी लाल निवासी गांव फालसन्डा को गिरफतार किया।
मार्शल आर्ट और जूडो-कराटे
सीखें महिलायें: सरोहा
कुरुक्षेत्र, पवन सोंटी
हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव एवं पूर्व मंत्री चौ. रण सिंह की पुत्रवधू
बिमला सरोहा ने कहा है कि महिलाओं को अपने ऊपर लगातार हो रहे अत्याचारों से निपटने
के लिए मार्शल आर्ट और जूडो-कराटे इत्यादि सीखकर आत्मरक्षा के लिए सक्षम होना चाहिए।
इसके अलावा स्वयं को मानसिक रूप से सुदृढ करके असामाजिक तत्वों को भी करारा जवाब देना
होगा, ताकि
वे भविष्य में ऐसी गलती करने की हिम्मत न कर सके।
बुधवार को यहां कांग्रेस भवन में
आयोजित महिला कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने दिल्ली में गत दिवस एक
पैरामैडिकल छात्रा के साथ चलती बस में हुई गैंगरेप की घटना को अति शर्मनाक करार देते
हुए कहा कि गैंगरेप जैसी बढ़ती घटनाएं एक संवेदनशील विषय है, इसलिए इस पर राजनीति करने
की बजाए, हमें
समाज की मानसिकता बदलनी होगी और महिलाओं को शारीरिक रूप से सक्षम बनाना होगा। उन्होंने
कहा कि इन मामलों के शीघ्र निपटान के लिए जहां फास्ट ट्रेक अदालतों का गठन किया जाना
चाहिए, वहीं
संविधान में संशोधन करके आरोपियों के लिए ओर सख्त सजा निर्धारित होनी चाहिए। उन्होंने
साथी महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मौजूदा परिवेश में महिलाएं किसी भी रूप
में कमजोर नहीं है, केवल उन्हें अपनी शक्ति को पहचानने की जरूरत है। इससे पहले बैठक की आयोजक जिला
महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दर्शना नांदल ने प्रदेश महासचिव बिमला सरोहा का यहां पहुंचने
पर स्वागत किया और उन्हें जिला में महिला कांगे्रस की चल रही गतिविधियों से अवगत कराया।
नांदल ने कहा कि घटना के आरोपियों के अभिभावको को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों की गलती
पर पर्दा न डाले और सजा दिलाने के लिए आगे आए, ताकि समाज में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर
अंकुश लग सके। बैठक में प्रदेश महिला कांग्रेस
की वरिष्ठ नेत्री रामकुमारी शर्मा ने कहा कि महिला कांग्रेस का उद्देश्य महिलाओं को
समाज सुधार के कार्यों में भी सशक्त करना है। उन्होंने महिलाओं को आत्मरक्षा के महत्वपूर्ण
टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे में कन्या
भू्रण हत्या को रोक पाना संभव नहीं है। बैठक में जिला महासचिव सत्या शर्मा,
लाडवा ब्लॉक अध्यक्षा
सुनीता मल्ली और पिहोवा ब्लॉक अध्यक्षा प्रियंका कश्यप ने भी विचार व्यक्त करते हुए
दिल्ली में हुई गैंगरेप की घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जहां
महिलाओं का सर्वांगीण विकास जरूरी है, वहीं उनमें राजनैतिक जागृति लाना समय की मुख्य मांग है।
इस मौके पर मुन्नी सरोहा, बेदो देवी, हसीन फातिमा, उमा देवी सहित भारी गिनती में महिला कार्यकर्ता मौजूद
रही।
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