Thursday, February 14, 2013

patrkar pawan ashri kee patni kee sadak hadse me dardnaak moot......



सडक़ हादसे में ब्यूरोचीफ पवन आश्री की पत्नी की मौत
कुरुक्षेत्र, पवन सोंटी  
सडक़ हादसे में बुधवार के दिन ब्यूरोचीफ हरिभूमि पवन आश्री की पत्नी ममता आश्री (39) की दर्दनाक मौत हो गई और हादसे में पवन आश्री गंभीर रूप से घायल हो गए। बुधवार दोपहर के करीब 1 बजे पवन आश्री व उनकी पत्नी अपनी स्कूटी पर सवार होकर पुलिस लाइन कुुरुक्षेत्र में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए जा रहे थे। पुलिस लाइन के सामने तेजगति से आ रहे एक ट्रक चालक ने पीछे से उनकी स्कूटी को टक्कर दे मारी। ट्रक चालक की लापरवाही के कारण स्कूटी में टक्कर लगने के बाद पवन आश्री दूसरी ओर जा गिरे और उनकी पत्नी सडक़ पर जा गिरी। ट्रक का पिछला पहिया पवन आश्री की पत्नी ममता आश्री के ऊपर से होकर गुजर गया, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई।
 पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है। ममता आश्री की मौत की खबर जैसे ही नगरवासियों को लगी तो लोगों की भीड़ सिविल अस्पताल पोस्टमार्टम रूम के बाहर लग गई। सूचना मिलते ही उपायुक्त मनदीप ङ्क्षसह बराड़, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.सुरेंद्र सिंह देशवाल, एसडीएम अशोक बांसल, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सुभाष सुधा, हरियाणा पत्रकार कल्याण मंच के संरक्षक आरडी गोयल व विनोद जिंदल, कुवि कार्मस विभाग के चयेरमैन डॉ.हवा सिंह, धरोहर क्यूरेटर डॉ.महासिंह पूनिया, एपीआरओ नरेंद्र सिंह, बाबूराम तुषार, राकेश शर्मा, राकेश नरूला, कुवि जनसंपर्क अधिकारी दविंदर सचदेवा, पुलिस प्रवक्ता सुरेश कुमार, डीआईपीआरओ रणधीर सिंह, पार्षद नरेंद्र निंदी, पार्षद गौरव शर्मा, पार्षद, सुरेंद्र छिंदा, जसबीर दुग्गल, पवन सौंटी, शैलेंद्र चौधरी, नरेश वधवा, जितेंद्र चुघ गोल्डी, विनोद शर्मा सहित सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर शोक व्यक्त किया और ढांढस बंधाया।
ममता आश्री की दर्दनाक मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है। उनकी मौत ने शहरवासियों की जड़ हो चुकी संवेदनाओं के भाव को सामने लाकर खड़ा कर दिया है। ममता आश्री सडक़ के बीचोंबीच खून से लथपथ पड़ी हुई थी और राहगीर उन्हें देखकर आगे निकल रहे थे। किसी भी सभ्य समाज के प्राणी ने रूककर उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई। इतना ही नहीं उनके पति पवन आश्री व उनके पुत्र टिंवक्ल बिलखते हुए राहगीरों से हाथ जोडक़र रूकने की फरियाद कर रहे थे परंतु सभ्य समाज के किसी भी व्यक्ति का इस मंजर को दिल नहीं पसीजा। ममता आश्री जिंदगी और मौत के बीच सडक़ पर पड़ी हुई तड़प रही थी, उसकी खुली आंखें लोगों के इस संवदेनहीन व्यवहार को देख रही थी। उनके पति पत्रकार पवन आश्री ने रोते हुए बताया कि यदि कोई व्यक्ति समय पर उनकी पत्नी को अस्पताल पहुंचा देता तो शायद आज की उनकी पत्नी उनके साथ होती।

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