Sunday, November 6, 2011

आज के सफीदों शहर की कथा है सर्पदमन: लाठर


हरियाणवी में पहली कार्टून चित्रकथा...
सर्पदमन के पात्रों का हुआ परिचय

कुरुक्षेत्र/ पवन सोंटी
रत्नावली समारोह के अंतिम दिन सुबह कालीन कार्यक्रम से पूर्व हरियाणवी में लिखी जा रही पहली कार्टून चित्रकथा के पात्रों व कवर पेज का भी विमोचन किया गया। कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेश अनूप लाठर ने सुकेत कलागृह व इसके निदेशक सुनील कौशिक द्वारा चित्रांकित और इशांत त्रिवेदी व हेमंत द्वारा रंग सज्जा से सुसज्जित इस चित्रकथा के पात्रों के होर्डिंगों का विमोचन किया। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि इसकी पटकथा उनके द्वारा स्वंय लिखी गई है। उन्होंने कथा वस्तु की जानकारी देते हुए बताया कि सर्पदमन एक नाग जाती की कथा है। आज का सफीदों शहर ही इस कथा का कथा स्थल है जहां पर यह सब घटित हुआ। नागराज बासक धर्त मण्डल का राजा था। वह जादुई शक्तियों का मालिक है। यह कथा नाग जाति की कन्या की अस्मिता की कथा है। बासक शिकार खेलने जंगल में जाता है। वह इस दौरान पारक के इलाके में आ जाता है। पारक महल की छत से उसको देखता है और दोनों में युद्ध हो जाता है। यहां पर बासक हार जाता है। जब वह जान की भीख मांगता है तो पारक उसे उसकी लडक़ी का ढोला देने की शर्त पर छोडऩे की बात करता है। पहले तो बासक अपने घर कन्या न होने की बात करता है लेकिन बाद में मान जाता है और शर्त स्वीकार लेता है। इसके बाद वापिस घर आकर वह अपनी बिरादरी से बात करता है और लडक़ी का ढोला देने में अपनी अनिच्छा जताता है। सलाह के अनुसार वह अपनी कन्या को एक तहखाने में बंद कर देता है। एक स्वर्ण गांय लाकर उसका दूध लेने के दौरान उस गाय का बछड़ा दूध न मिलने से मर जाता है और बासक को श्राप लग जाता है। उसे कोढ़ लग जाता है जिसका इलाज सफीदों के तालाब से अमृत लाकर बताया जाता है। उसकी नल नामक उक्त कन्या तहखाने से निकल कर अमृत लाने जाती है जहां पर पारक उसे रोक लेता है।  पारक  उसे इस शर्त पर जाने देता है कि अपने बाप को स्नान करवाने के बाद वह वापिस उसके पास आऐगी। नल वचन निभाती है और वापिस आती है। पारक उसे अपनी रानी बना लेता है। इससे खफा बासक फिर सफीदों पर चढ़ाई करता है जहां वह मारा जाता है। लाठर के अनुसार यह एक बहुत ही रोचक कथा है जिसे काटून चित्रों के द्वारा सुनील ने बहुत ही अच्छा रंग देने का प्रयास किया है। अगर यह प्रयास सफल रहा तो सीघ्र ही हरियाणवी में कार्टून फिल्म भी आऐगी।
            उन्होंने सुनील कौशिक के बारे में रहस्योद्घाटन करते हुए कहा कि वह पांचवी कक्षा से उनके विभाग का छात्र रहा व यहां पेंटिंग करता था। अपनी शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह काफी समय से कार्टून तकनीक पर काम कर रहा है।


1 comment:

  1. waah bhaisaab poore hoge jmaa e ..
    ib laage hai ak haryanvi jaroor bhasha banegi..
    bhai saab mai apne balkaan te aapke baare m jaroor btaoonga

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