Sunday, February 23, 2014

29 वें अंखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय युवा समारोह का आगाज


सरस्वती महोत्सव....


मुख्यमंत्री ने दीप जलाकर किया उद्घाटन, हरियाणा के सांस्कृतिक रंगो से हुआ प्रतिभागियों का स्वागत

पवन  सोंटी,
कुरुक्षेत्र/ 18 फरवरी।
29 वें अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय युवा समारोह सरस्वती महोत्सव का रंगारंग आगाज मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में हो गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटी, युवा एवं सांस्कृतिक मंत्रालय व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। 
कार्यक्रम का शुभारंभ हरियाणा के मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दीप जलाकर किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि युवा देश का भविष्य हैं और युवा ही समाज को आगे ले जाते हैं। श्री हुड्डा ने कहा कि  इस प्रकार के आयोजनों से अपसी भाईचारा बढ़ता है और देश के कोने कोने की संस्कृति को जानने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि युवा महोत्सव कला, संस्कृति के साथ साथ खुद का आत्मनिरीक्षण करने का मौका होता है। इसलिए युवाओं को चाहिए कि वे इस महोत्सव के माध्यम से एक दूसरे को समझते हुए प्रेम एवं आपसी भाईचारे का संदेश दें। इसके साथ ही उन्होंने रोहतक में अपनी शिक्षार्जन के दौरान के अपने अनुभवों को भी युवाओं के साथ सांझा किया। उन्होंने देश भर से आए युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय कला एवं संस्कृति के कारण दुनिया भर में भारत की अपनी एक अलग पहचान है। आने वाले पांच दिनो में इस महोत्सव के माध्यम से आप सभी देश की सांस्कृतिक विरासत को एक ही मंच पर देख पाएंगे। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल युवा हैं जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय तक जाकर लोगों को तिरंगा फहराने का अधिकार दिलाया। इसके पश्चात कुवि कुलपति ने मुख्यमंत्री को एक स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। 

    उनसे पूर्व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति लैं जरनल डा. डीडीएस संधु ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व का विषय है कि इस महोत्सव की मेजबानी का तीसरी बार मौका कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को मिला है। उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा के लोग अपनी मेजबानी के लिए देश भर में जाने जाते हैं। इस महोत्सव में देश भर के 76 विश्वविद्यालयों के करीब एक हजार से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जो विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से भारतीय कला संस्कृति एवं जीवन दर्शन को इस मंच पर जीवंत करेंगे। उन्होंने प्रतिभागियों से अपील कि वे पूरी ईमानदारी के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी कला का प्रदर्शन करें। ऐसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी के सचिव डेविड सैमसन ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इस महोत्सव का आयोजन हमेशा ही शानदार तरीके से किया है। यहां के युवा व संस्कृति में एक गजब की महक है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इस मंच ने ऐसी ऐसी प्रतिभाएं देश को दी हैं जो कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में दुनिया भर में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने इस युवा महोत्सव के भव्य आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति व अनूप लाठर को बधाई दी। इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में कुवि युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक अनूप लाठर ने कहा कि वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग पिछले 30 वर्षों से अपने पद पर कार्यरत्त हैं। इस दौरान विभाग को तीसरी बार इस महोत्सव के आयोजन का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में कई ऐसी प्रतियोगिताएं है जो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इस मंच से ही शुरु हुई हैं। इसके लिए उन्होंने ऐसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी के सचिव डेविड सैमसन का धन्यवाद किया। उधर इस महोत्सव में बतौर आबजर्वर पहुंचे अरुण पाटिल ने भी इस आयोजन के लिये कुवि व इसके कुलपति और युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक अनूप लाठर को बधाई दी। इस अवसर पर सांसद नवीन जिंदल, विधायक अनिल धंतौड़ी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयभगवान डीडी, पूर्व विधायक रमेश गुप्ता, डीन एकेडमिक अफेयर प्रोफेसर गिरीश चोपड़ा, प्रॉक्टर प्रोफेसर सी.आर.ड्रोलिया, डीन स्टूडेन्ट वैलफेयर प्रोफेसर अनिल वशिष्ठ, निदेशक लोक सम्पर्क प्रोफेसर बृजेश साहनी, चीफ वार्डन महिला प्रोफेसर आशू शौकीन व डा. महासिंह पूनिया सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के चेयरमैन एवं प्राध्यापक तथा हजारों छात्र मौजूद थे।

विविधता में एकता के संदेश का किया संप्रेषण

कुवि की फिजां में बिखरी भारत की बहुरंगी संस्कृति

अनुराधा तुरण/ कुरुक्षेत्र।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित 29 वें अखिल भरतीय अंतर विश्वविद्यालय युवा समारोह में  देश के  कोने कोने से पहुंचे हजारों युवाओं के कारण आज कुवि की फिजां में बहुरंगी संस्कृति बिखरी नजर आई। विविधता में एकता का संदेश देती युवाओं की टोलियां जब आडिटोरियम से निकल कर अपने अपने विश्वविद्यालयों व प्रदेशों की पताकाओं के साथ कुवि परिसर में होते हुए सामुदयिक केंद्र की ओर चली तो सडक़ों पर चल रहे लोग रुक कर उन्हें देखने के लिये मजबूर हो गए। अपने प्रदेशों के लोक परिधान व रंग बिरंगी पोशाकों में सजे ये युवा अपनी मस्ती में जब सडक़ों से गुजर रहे थे तो ऐसा लगत था मानो समूचा देश कुवि में सिमट आया है। तामिलनाडू, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, मुम्बई, कनार्टक, मणीपुर, आसाम व उत्तर प्रदेश आदि  से आए युवा कलाकार अपनी सांस्कृतिक पोशाकों में बहुत ही सुंदर लग रहे थे। यही नहीं वह युवा कलाकर नंगे पांवों से अपनी संास्कृतिक विधाओं की छटा बिखेरते हुए सामुदायिक केंद्र पर जाकर आपस में सम्माहित हो गए। ऐसा लग रहा था मानों समूचा भारत एक हो गया हो।

हरियाणवी संस्कृति ने लुभाया देश के युवाओं का दिल

फागण के गीत पर थिरक उठे गैर हयिाणवी युवाओं के पांव

अदिति /कुरुक्षेत्र
कुवि आडिटोरियम में 29वें अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय युवा समारोह के उद्घाटन के पश्चात गैस्ट आईटम के तौर पर तीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। इन हरियाणवी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को देश के कोने कोने से आए युवा कलाकारों ने खूब सराहा। सबसे पहले डीएवी कालेज यमुनानगर की छात्राओं ने विवाह गीत गाया। उनके मिश्रित गीत ..हे मेरी लाडो तनै पिया घर जाणा....थारी हेल्ली की 64 पैड़ी पिया जी मैं तो चढ़दी उतरदी हारी..... ने मंच पर खूब रंग जमाया तो हजारों दर्शकों से भरा हाल भी झूमता नजर आया। उधर उनके बाद कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के सुपरवाईजर हरविंद्र राणा व दिलावर सिंह के संयुक्त बोलों से बमलहरी में शिव विवाह का गुणगान हुआ। भांग रगड़ कै पिया करूं मैं कुंडी सोटे आल़ा सूं....तूृ राजा की राज दुलारी मैं मस्त लंगोटे आल़ा सूं..... के साथ जंगम जोगियों के ढेरू व तुम्बे की मस्त तान और उनका परम्परागत वेश भूषा में झूम झूम कर मंच पर थिरकना सबको भाया। अंत में हरविंद्र राणा व प्रवीण कादियान ने फागण गीत पेश किया। जब मंच पर सह कलाकरों ने कोरड़े का प्रयोग भी आजमाया तो हास्य का पुट भी नजर आया। इस गीत की रोचकता का आलम यह रहा कि आडिटोरियम हाल में बैठे गैर हरियाणवी कलाकार भी उठकर थिरकते नजर आए। 

युवा स्वयंसेवाकों की भूमिका रही सराहनीय
पल्लवी धीमान/ कुरुक्षेत्र
युवा समारोह के दौरान युवा स्वंय सेवकों की भूमिका भी सराहनीय चल रही है। युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के दिशानिर्देशन में जहां युवा स्वंय सेवक मंच के पीछे व मंच पर मुस्तैदी से कमान संभाले रहे वहीं कल से एनएसएस के युवा स्वंयसेवक प्रतिभागियों को रेलवे स्टेशन से लेकर उनके ठहरने के स्थानों पर पहुंचाते रहे। एनएसएस अधिकारी डा. सीडीएस कौशल व डा. तजेंद्र शर्मा के दिशानिर्देशन में एनएसएस के विद्यार्थियों ने अपने स्लोगन नोट वी बट यू पर पूरी तरह से अमल करते हुए मेहमान कलाकारों की सेवा की। बैगलूर विश्वविद्यालय करर्नाटक की समिथेश व भागीरथी आदि मेहमान कलाकारों का कहना है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय उन्हें बहुत पसंद आया। इसका कैम्पस व यहां की व्यवस्था से प्रतिभागी बहुत संतुष्ट नजर आए।






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