बेमिसाल था सरबंस बलिदानी गुरु गोबिंद सिंह जी का नीला घोड़ा
श्रीगुरुद्वारा भट्ठा साहिब में आज भी सुरक्षित हैं नीले पंजो के निशान
श्री हुज़ूर साहिब नादेड़ में परवरिश पाते हैं घोड़े के वंशज
शाहाबाद मारकंडा -सुरेंद्र पाल वधावन-
सरबंस बलिदानी,उच्च के पीर,साहिब-ए-कमाल और खालसा पंथ के प्रवत्र्तक दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह को
नीले घोड़े वालिया के नाम से भी याद किया जाता है।
यह इसलिए कि गुरुजी जिस घोड़े पर
सवारी करते थे वह एक दुर्लभ प्रजाति का नीले रंग का घोड़ा था। मुगल हुक्मरानों के अत्याचारों
से हिंदूओं क ी रक्षा के लिए गुरुजी ने खालसा पंथ की स्थापना की और अपने उपासकों को
आदेश दिए कि चढ़ावे के रुप में शस्त्र व बढिय़ा किस्म के घोड़े लाया करें। गुरुजी को
संभवत:किसी राजा या श्रद्वालु ने यह दुर्लभ घोड़ा उपहार स्वरूप दिया था। गुरुजी शस्त्र-शास्त्रों
से पारंगत एक महान सूरमा ही नहीं थे बल्कि एक उच्चकोटि के कुशल घुड़सवार भी थे। गुरुजी
ने धुड़सवारी का कौशल बचपन में ही अपने मामा कृपाल चंद से सीखा था। आकर्षक व्यक्तित्व
के बेमिसाल योद्धा गुरुगोबिंद सिंह जब नीले घोड़े पर सवार हो कर निकलते लाखों में अलग
ही दिखाई देते। गुरुजी सरीखे महान युगपुरुष की सवारी होने के कारण इस नीले घोड़े में
भी दिव्यगुण आने लगे।
पंजाब में श्रीआनंदपुर साहिब के निकट श्री भट्ठा साहिब नाम का
एक गुरुद्वारा है जहां पर इस घोड़े के पदचिन्ह आज भी संभाल कर रखे हैं। इतिहास के मुताबिक
यहां के ईंटो का भट्ठा था और गुरुजी ने यात्रा के दौरान यहां रुकने का मन बनाया। भट्ठे
के मालिक ने मजाक में गुरुजी से कहा कि अगर वह रुकना चाहते हैं तो गर्म व तपे हुए भट्ठे
के अंदर रात्रि विश्राम करलें। कहा जाता है कि तभी इस दिव्य नीले घोड़े ने अपने अगले पंजे तपती मिट्टी पर उठा कर
रख दिए और ऐसा करते ही भट्ठा एकदम ठंडा हो गया। कालांतर में यहां श्रीगुरुद्वारा भट्ठा
साहिब का निर्माण किया गया। गुरु गोबिंद सिंह जी अपने जीवन के अंतिम दिनो में श्री
नादेड़ साहिब में थे। यहां पर श्रीहजूर साहिब गुरुद्वारा निर्मित है। गुरुजी के इस
नीले घोड़े के वंशज आज भी यहां ऐतिहासिक धरोहर के रुप में परवरिश पा रहे हैं और इन्हें
खूब सजा कर गुरुपर्व और होला महल्ला के अवसर पर संगतों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता
है। दिव्य घोड़े के इन वंशज घोड़े पर भी सवारी नहीं की जाती। होला महल्ला के अवसर पर
यह घोड़ा अत्यंत उत्तेजित और क्रोधित रहता है और इसका शरीर पसीने से लथपथ रहता है।
गुरुजी के दिव्य नीले घोड़े के वंशजों का रंग
कई पुश्तें बदलजाने के कारण अब फीका व मद्धम पड़ कर आसमानी रग का हो चुका है।
----सुरेंद्र पाल वधावन ,153 हूडा सेक्टर 1 शाहाबाद मारकंडा जि़ला कुरुक्षेत्र 94168-72577
Local Weather Report and Forecast For: Kurukshetra
Dated :Jan 16, 2013
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Today's Forecast:Partly cloudy sky. Possibility of rain/ thundershowers. Today’s maximum temperature will be around 20 ºC.
Date
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17-Jan
8.0
20.0
Light rain
18-Jan
8.0
20.0
Partly cloudy sky with possibility of rain or Thunderstorm
Past 24 Hours Weather Data | |
Maximum Temp(oC) | 20.4 |
Departure from Normal(oC) | - |
Minimum Temp (oC) | 8.9 |
Departure from Normal(oC) | - |
24 Hours Rainfall (mm) | NIL |
Todays Sunset (IST) | 17:46 |
Tommorows Sunrise (IST) | 07:19 |
Moonset (IST) | 22:41 |
Moonrise (IST) | 10:06 |
Date | Temperature ( o C ) | Weather Forecast | ||
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17-Jan | 8.0 | 20.0 | Light rain | |
18-Jan | 8.0 | 20.0 | Partly cloudy sky with possibility of rain or Thunderstorm |
हरियाणा में शिक्षक भर्ती घोटाले का जिन्न बाहर
62 लोगों को आरोपीयों में से 6 की हो चुकी है मौत
नई दिल्ली।हरियाणा में शिक्षक भर्ती घोटाला मे दिल्ली की रोहिणी की सीबीआई कोर्ट ने इंडियन नेशनल लोकदल के नेता ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला समेत सभी 55 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद चौटाला और उनके अजय चौटाला को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने सभी 55 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है यानि सभी 55 आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। सभी 55 लोगों को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया है। सजा का ऐलान 22 जनवरी को किया जाएगा।
17 जनवरी, 18 जनवरी और 19 जनवरी को सजा पर बहस होगी और इसके बाद फिर 22 जनवरी को सजा का ऐलान किया जाएगा। मालूम हो कि साल 1999-2000 के दौरान हरियाणा में शिक्षक घोटाला हुआ था। उस वक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला था। शिक्षा मंत्रालय का प्रभार भी उन्हीं के पास था और उनके कार्यकाल में करीब तीन हजार 32 शिक्षकों की भर्ती हुई थी। भर्ती के लिए हर शिक्षक से 3-4 लाख रुपये लिए गए थे। 2004 में मामले की चार्जशीट दाखिल की गई थी। हरियाणा के बहुचर्चित जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला बुधवार को सुनाया। इस मामले में कुल 62 लोगों को आरोपी बनाया गया था। 6 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि एक को आरोपमुक्त किया जा चुका है।
क्या था मामला?
1999- 2000 में राज्य के 18 जिलों में हुई 3206
जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के मामले में मानदंडों को ताक पर रखकर मनचाहे
लगों की बहाली की गई। इसके लिए शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेदारी कर्मचारी
चयन आयोग से लेकर जिला स्तर पर बनाई गई चयन कमिटी को सौंपी गई थी, जिसने
फर्जी इंटरव्यू के आधार पर चयनित कैंडिडेट की सूची तैयार की थी। इसके लिए
जिलास्तरीय चयन कमिटी में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनचाहे
कैंडिडेट्स के चयन के लिए बैठकों में दबाव भी बनाए गए थे।
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