Tuesday, November 21, 2017

अन्तराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर उठने लगे सवाल, लूट की छूट के भी आरोप......

पवन गर्ग ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र, उपायुक्त ने दी सफाई........


कुरुक्षेत्र, 21 नवंबर (पवन सोंटी): कुरूक्षेत्र में आयोजित हो रहे अन्तराष्ट्रीय गीता महोत्सव में अनियमितताओं को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पवन गर्ग ने इस महोत्सव में ठेकेदारी को लेकर हुई अनियमितताओं से अवगत करवाते हुए राष्ट्रपति को भी एक पत्र लिखा है। हालांकि कुरुक्षेत्र की जिला उपायुक्त ने सफाई भी दी है।
पवन गर्ग बड़े ही सुलझे हुए व्यक्ति हैं, उनके आरोपों को सरकार को हल्के में नहीं लेना चाहिए, बल्कि देश व प्रदेश हित में इनपर कार्यवाही करनी चाहिए। गर्ग अकेले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि दबी जुबान में कई प्रबुद्ध लोग इस बार के समारोह को लेकर चर्चा कर रहे हैं, वहीं स्टाल लगाने वालों ने भी कई बार अपना रोष प्रकट किया है।

अगर पवन गर्ग के आरोपों पर जाएं तों उनके आरोपों का मज़बून कुछ इस तरह से है:

गीता जयन्ती के अवसर पर भाजपा सरकार गीता के नाम पर राजनिति कर रही है। गीता अपने आप में महत्वपूर्ण ग्रंथ है।  इस ग्रंथ में आम जनता की पूर्ण आस्था है। धार्मिक ग्रंथ गीता को किन्ही धार्मिक गुरूओं एवं राजनैतिक नेताओं द्वारा मान-सम्मान दिलवाने की कोई आवश्यकता नहीं, इसलिए इसके साथ किसी तरह का खिलवाड़ न करें।
पवन गर्ग के अनुसार कुरूक्षेत्र में अन्तराष्ट्रीय गीता जयन्ती समारोह का आयोजन हरियाणा सरकार, कुरूक्षेंत्र विकास बोर्ड द्वारा करवाया जा रहा है, जिसमे भारी अनियमतताऐं देखी गई है। जो महामहिम जी के ध्यानार्थ निम्नलिखित है।

ज्ञानानंद को लेकर क्या हैं सवाल?

1.         पूजनीय स्वामी ज्ञानानंद जी ने केडीबी की भुमि को अलाट कराने के लिए सबसे पहले अपने सगे भान्जे और अन्य चहेतों को केडीबी का सदस्य बनवाया ताकि केडीबी से जमीन अलाट कराने में कोई अड़चन पैदा न हो। पूजनीय स्वामी ज्ञानानंद जी को कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से पहले छः एकड़ और इसके बाद तीन एकड भूमि नियमों को ताक पर रखकर दी गई है जबकि अक्षर धाम मंदिर द्वारा मांगी गई कुल जमीन उनको नहीं दिए जाने के कारण अब तक उस मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया। इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए।
2.         कुरूक्षेत्र में गीता जयंती में पूजनीय स्वामी ज्ञानानंद जी का पिछले तीस वर्षों  से कोई योगदान नहीं रहा। अतः माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए नारे सबका साथ सबका विकास को मानते हुए कुरूक्षेंत्र के विकास व गीता महोत्सव को सफल बनाने हेतु एक ही संत को प्रमुखता न देकर सभी संतो व धर्मगुरूओ एंव मठाधीषों को शामिल किया जाना चाहिए। गीता जयंती पर पूजनीय स्वामी ज्ञानानंद जी की गीता प्रेरणा पुस्तक की लगभग हजारों प्रतियां 600 रू0 प्र पुस्तक के हिसाब से खरीदी गई है। जबकि बाजार में 50 से 100 रू0  में गीता प्रैस गोरखपुर की विश्व विख्यात गीता उपलब्ध है।

टैंडर देने में भी घोटाले के आरोप:

3.         टैंडर प्रक्रिया और टैंडर कमेटियों द्वारा किए गए घोटाले की जांच कराई जाए।
4.         गीता जयंती मेले में सभी खाने पीने और जल पान की स्टालों का ठेका कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के सम्मानित पदाधिकारी के पुत्र को दिए जाने की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
5.         अन्तराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर सरकार द्वारा पहली बार सबसे अधिक बजट दिए जाने के बावजूद अब तक सभी तैयारियां पूरी नहीं हो पाई है। सडको के निर्माण व पत्थर लगाने का कार्य अभी तक जारी है। इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए।
राष्ट्रपति से की ना आने की अपील:
पवन गर्ग ने अपने पत्र में लिखा है, “गीता महोत्त्सव के कार्यक्रम में अनियमितताऐं होने के कारण महामहिम जी से निवेदन है कि वो इस कार्यक्रम में सम्मिलत न हों।"

उपायुक्त ने कुछ यूं दी सफाई:

कुरुक्षेत्र की उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने प्रैस नोट जारी करके कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 के आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी कार्यों के लिए पारदर्शिता और निर्धारित नियमों के अनुसार ही टैंडर प्रक्रिया पूरी की गई। जिस पार्टी ने आन लाईन टैंडर भरने के बाद सबसे कम रेट दिया उस पार्टी को ही ठेका दिया गया है। 
उन्होंने आज यहां केडीबी कार्यालय में बातचीत करते हुए तमाम चर्चाओं का खंडन करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से जितने भी कार्यो के लिए टैंडर दिए गए है। उसके लिए पूरी प्रक्रिया को माप दंडों के अनुसार अपनाया गया है।
सबसे पहले देश भर की पार्टियों से आन लाईन टैंडर आंमत्रित किए गए है। इसके लिए बकायदा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से अलग-अलग कमेटियों का कार्य अनुसार गठन किया गया। प्रत्येक कमेटी में कुछ अधिकारियों के साथ-साथ कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के गैर-सरकारी सदस्यों को भी कमेटी के मैम्बर के रूप में शामिल किया गया। 
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा चांवरिया ने कहा कि कमेटी के सदस्यों और टैंडर भरने वाली सभी पार्टियों के लोगों के समक्ष टैंडर की सील खोली गई और बकायदा वीडियोग्राफी भी करवाई गई। टैंडर खुलने के बाद जिस पार्टी का रेट सबसे कम था, उस पार्टी को कार्य आबंटित किया गया। इतना ही नहीं इन सभी टैंडरों की प्रक्रिया की अंतिम अनुमति कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के उच्च अधिकारियों से भी पारित करवाई गई। उन्होंने कहा कि सभी टैंडर प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न करवाई गई है। इसकी जानकारी कोई भी व्यक्ति आरटीआई के तहत भी हासिल कर सकता है।  





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