वाइरल आडियो पर की जांच की मांग, कहा मोदी ने दिया था आवाज उठाने का अधिकार....
कुरुक्षेत्र, 21 नवंबर: कुरुक्षेत्र मे आयोजित हो रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर
खामियाँ उजागर करने की पहल करने वाले हरियाणा कांग्रेस पार्टी के महामंत्री पवन
गर्ग ने अब केडीबी में ठेकों को लेकर वारियाल हो रही एक आडियो में आवाज के साथ ही उसमें
उठे संदेश की जांच की भी मांग उठाई है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक आडियो वाइरल हुई
थी जिसमें केडीबी के ठेकों को लेकर स्थानीय विधायक परिवार के बारे में कोई बातचीत हो
रही थी। पुलिस ने इस मामले में छन-बीन शुरू कर दी थी।
इसी
मामले में गर्ग ने मंगलवार को जारी एक प्रैसनोट में कहा कि सोशल मीडिया में छाई
ऑडियो क्लीप की पूरी जांच होनी चाहिए। इसमें आवाज ही नहीं बल्कि जारी सन्देश को भी
जांच प्रक्रिया से गुजारना चाहिए।
पढ़िये किन मुद्दों पर गर्ग ने फिर उठाई आवाज...
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जारी प्रेस नोट में पवन गर्ग ने कहा कि ऑडियो के जरिए अपनी आवाज उठाने का अधिकार
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिया था। इसलिए जिस किसी ने गीता
जयंती कार्यक्रम के लिए उठाई है उसे किसी भी प्रकार से दबाया नहीं जाना चाहिए।
बल्कि जारी सन्देश की सच्चाई सबके सामने होनी चाहिए।
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इस प्रक्रिया की जांच कर रहे प्रशासनिक अधिकारी को स्वछंद रूप से जांच में पूर्ण
सहयोग कर कमियां को सबके सामने लाना चाहिए ना कि उसे दबाना चाहिए।
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जिस कार्यक्रम के महामहिम राष्ट्रपति मुख्य अतिथि हो और जिसकी अध्यक्षता महामहिम
राज्यपाल कर रहे हो, में सरकारी खजाने का दुरूप्रयोग बिल्कुल नहीं
होना चाहिए जबकि इस प्रकार के कार्यक्रमों में तो स्वतः ही निष्पक्षता होनी चाहिए।
किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं होनी चाहिए। और अगर गड़बड़ी हुई है
तो वह प्रश्नचिह्न लगाती है।
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प्रशासनिक अधिकारी ने व्यक्तिगत तौर पर या फिर अधिकारी तौर पर गीता जयंती के जारी
टेंडर को बिना किसी जांच के ठीक बताया है जबकि टेंडरो में किसी भी प्रकार की जांच
नहीं हुई है। अगर हुई तो जांच अधिकारी को बताना चाहिए।
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अधिकारी जनता व युवाओं को ऐसा हथियार न दे कि वे एक संघर्ष के राह की ओर अग्रसर हो
जाएं और हम नहीं चाहते कि अंतरर्राष्ट्रीय गीता जंयती में आएं अतिथियों को काले
झंडे दिखाकर सन्देश दिया जाएं।
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गीता एक ऐसा ग्रन्थ है जिसने हजारों वर्षो से करोड़ो लोगो का मार्गदर्शन किया है।
यह आस्था का सवाल है इसे किसी भी प्रकार का खिलवाड़ ठीक नहीं है। इसे राजनीति व
बिजनेस से दूर रखा जाना चाहिए।
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प्रशासनिक अधिकारी द्वारा केवल टेंडर के विषय पर ही अपनी बात रखी है लेकिन गीता
ग्रन्थ पुस्तक की खरीद पर कुछ भी नहीं बताया गया है।
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प्रशासनिक अधिकारियो से अनुरोध है कि किसी संत या व्यक्ति विशेष को बचाने की बजाएं
इस सारी प्रक्रिया की गहराई से जांच करे।
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यहीं नहीं पुस्तक के साथ-साथ पिछले दो सालों में 9 एकड़ जमीन आवंटन मामले पर भी
जांच हो।
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इस सरकार में ऐसा लग रहा है कि कुरुक्षेत्र में पिछले 60 वर्षों में किसी भी
प्रकार का कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। कुरुक्षेत्र के इतिहास को बदला नहीं
जाना चाहिए।
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जिन नेताओं ने कुरुक्षेत्र के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया उन नेताओं व
समाजसेवियों को हम नतमस्तक करते है सभी को मान-सम्मान मिलना चाहिए।
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गीता की कर्मस्थली कुरुक्षेत्र/ज्योतिसर है जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने आपसी
भाईचारे व धर्म पर चलने का सन्देश दिया था और अधर्म के विरूद्ध आवाज उठाई थी। फिर
भी इस प्रकार की बातों का उठना दुर्भाग्यपूर्ण है।
- हमारी किसी के प्रति किसी भी प्रकार की कोई
दुर्भावना नहीं है। प्रयास है कि गीता ग्रन्थ में जिनकी आस्था है उनको आघात न हो।
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