Tuesday, November 21, 2017

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 में पहली बार पंहुचे श्रीलंका के शिल्पकार, इंदिका को शिल्पकला फांउडेशन श्रीलंका से मिला महोत्सव का संदेश...

श्रीलंका के सूक्ष्म और महीन कुदरती पत्थरों से बनी तस्वीरों के मुरीद बने पर्यटक

कुरुक्षेत्र, 21 नवम्बर (विनय चौधरी): श्रीलंका के सूक्ष्म और महीन कुदरती पत्थरों से बनी तस्वीरों के पर्यटक मुरीद हो गए हैं। इस महोत्सव में पहली बार सूक्ष्म और महीन कुदरती पत्थरों से बनी तस्वीरों को देखकर पर्यटक दंग रह गए। इस महोत्सव में पर्यटकों के लिए कलाकृतियों और तस्वीरों को पहली बार श्रीलंका शिल्पकार इंदिका लेकर आए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 में श्रीलंका के शिल्पकार इंदिका को शिल्पकला फांउडेशन श्रीलंका के निदेशक डा. बुद्धिकीर्ति ने निमंत्रण भेजा। इस शिल्पकार को पहली बार भगवान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि कुरुक्षेत्र में अपनी बेहतरीन कलाकृतियों और तस्वीरों को स्टाल नम्बर 47 48 पर लेकर शिल्पकार इंदिका पहुंचे हैं। उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि श्रीलंका के सूक्ष्म और महीन कुदरती पत्थरों से कलाकृतियां और तस्वीरे बनाने का काम सालों से कर रहे हैं। इस महोत्सव का निमंत्रण मिलने के बाद पर्यटकों के लिए विशेष कलाकृतियां और तस्वीरें बनाकर लाए हैं। 
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में भाषा के समझने और बोलने मे बेशक परेशानी पेश आ रही हैं लेकिन पर्यटकों के हावभाव और प्यार के आगे भाषा की समस्या भी छोटी सी दिखाई पड़ती हैं, लेकिन अंग्रेजी की भाषा से बातचीत और समझने में ज्यादा परेशानी नहीं आती। उन्होंने बताया कि उनकी कलाकृति और तस्वीरों की कीमत 500 रुपए, 5 हजार और 20 हजार रुपए तक रखी गई हैं। उनको कलाकृति और तस्वीर बनाने में 7 दिन से लेकर एक माह का समय लग जाता हैं। उनके साथ श्रीलंका से महिला शिल्पकार कांतिलता भी हाथ से बनी शिल्पकला के साथ महोत्सव में पहुंची हैं।


तेलंगाना हैदराबाद के शिल्पकार रापोलु रामालिंगम महोत्सव में महिलाओं के लिए लेकर आए हैं सिल्क की साडिय़ां, साडिय़ों की कीमत रखी 500 रुपए से 20 हजार तक, 5 सालों से पहुंच रहे हैं अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में

कुरुक्षेत्र, 21 नवम्बर (विनय चौधरी): तेलंगाना हैदराबाद के शिल्पकार को अपने हाथों से सिल्क की साडिय़ा बनाने का शौक उन्हें संत कबीर अवार्ड तक पहुंचाएगा यह उनके जहन में भी नहीं था, लेकिन अपने कर्म को करते हुए तेलंगाना के शिल्पकार रापोलु रामालिंगम को
वर्ष 2012 में हेंडलूम का राष्ट्रीय संत कबीर अवार्ड हासिल करने का गौरव प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं शिल्पकार रोपालु को 7 अगस्त 2015 को राष्ट्रीय हेंडलूम डे पर भी प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह अवार्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों चेन्नई में हासिल हुआ।
शिल्पकार रोपालु रामालिंगम ने ब्रहमसरोवर के पावन तट पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 में स्टाल नम्बर 7 महिला पर्यटकों के लिए सिल्क की साडिय़ा और अन्य उत्पाद विशेष तौर पर रखे हैं। उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि हैदराबाद में हाथ से सिल्क की साडिय़ां बनाने का उनका पुस्तैनी कार्य हैं। इस कार्य को जब पर्यटक सहराते हैं तो उनके मन को आत्मसंतुष्टी मिलती हैं। इस महोत्सव में पिछले 5 सालों से लगातार आ रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा के फरीदाबाद में लगने वाले सूरजकुंड मेले और चंड़ीगढ़ में लगने वाले मेलों में भी पहुंचते हैं।
उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में महिला पर्यटकों के लिए पोचुम-पल्ली टाई और डाई सिल्क की साडिय़ों को विशेष तौर पर तैयार करके लेकर आए हैं। इसके अलावा कॉटन की साडिय़ां और महिलाओं के पसंदीदा अन्य उत्पाद भी लेकर आए हैं। इस बार उन्होंने साड़ी का दाम 500 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक तय किया हैं और महिलाएं सिल्क की साडिय़ों को काफी पसंद कर रही हैं।


पर्यटकों को भाया पीतल में रंग बिरंगे कीमती पत्थरों से बना कृष्ण अर्जून का रथ 
कुरुक्षेत्र, 21 नवम्बर (विनय चौधरी): अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को पीतल की श्रीकृष्ण-राधा के दर्शन हुए। इतना ही नहीं भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न प्रकार की सुंदर-सुंदर मूर्तियां भी पर्यटकों को देखने और खरीदने को मिली। इन मूर्तियों को विशेष रुप से तैयार करने का काम शिल्पकार दलीप चौरसिया ने किया।
शिल्पकार दलीप चौरसिया ने बातचीत करते हुए बताया कि इस महोत्सव में पर्यटकों के लिए 
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष गीता महोत्सव में सभी पर्यटकों की मुख्य मांग भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां और श्रीकृष्ण-अर्जुन रथ थी। इसलिए वे इस बार पर्यटकों के मन की इच्छा को पूरा करने के लिए विशेष तौर पर भगवान श्रीकृष्ण-राधा की मूर्तियां लेकर आए है। शिल्पकार का कहना है कि अलीगढ़ में पीतल से तैयार की जा रही मूर्तियां, बर्तन और खिलौने पूरे देश में पसंद किए जा रहे हैं। वे गीता महोत्सव में शुरू से ही अपना स्टाल लगा रहे हैं। उनके परिवार के सदस्य अनिल चौरसिया, मंगल चौरसिया भी पीतल की शिल्पकला के माहिर हैं। अभी हाल ही में कलाग्राम मेला, प्रगति मैदान दिल्ली के मेले में भी पीतल की शिल्पकला को लोगों ने बेहद पसंद किया। 
उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को तैयार करने में 10 दिन और शंख को तैयार करने में 8 दिन का समय लग जाता है। इस उत्सव में स्टाल पर 200 रुपए से लेकर 95 हजार रुपए तक की मूर्तियां व खिलौने रखे गए हैं।  इसके अतिरिक्त पीतल के ताले, जो पूरे देश में मशहूर हैं, भी तैयार करके लाए हैं। इस पीतल के ताले की कीमत 450 रुपए रखी गई है और एक बार लॉक करने से डबल लॉक हो जाता है। उन्होंने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं के लिए आभार व्यक्त किया है।

 कागज के रंग-बिरंगे फूलों से महक उठा हैं महोत्सव का आंगन
कुरुक्षेत्र, 21 नवम्बर (विनय चौधरी): ब्रहमसरोवर के पावन तट पर कागज से बने रंग-बिरंगे गुलाब और अन्य किस्मों के फुल अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की बगियों को महकाने का काम कर रहे है। इस महोत्सव में वेस्ट बंगाल के शिल्पकार सोयलन मोदी विभिन्न प्रकार के कागज व सोला वुड के फुलों को बनाकर पर्यटकों के लिए लेकर आए है। इन फुलों को बनाकर शिल्पकार सोयलन मोदी कई आवार्ड हासिल कर चुके है। अहम पहलु यह है कि कागजों को फल का रुप देने का काम कई सालों से कर रहे है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 पर वेस्ट बंगाल से आए शिल्पकार सोयलन मोदी देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए बेहतरीन रंग-बिरंगे सुंदर फुलों को तैयार करके लाएं है। इन फुलों की कीमत भी आम पर्यटकों की पहुंच तक होगी और पिछले 10 सालों से पर्यटकों के लिए फुल बनाकर ला रहे हैं। शिल्पकार सोयलन मोदी ने विशेष बातचीत करते हुए बताया कि सरकार कागज से बने फुलों की शिल्पकला को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई है। शिल्पकारों को मंच मुहैया करवाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव, सुरजकुंड सहित कई अन्य प्रकार के मेलों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इस महोत्सव में गुलाब, सुरजमुखी, कमल, तुलिफ, कलियोंं सहित विभिन्न प्रकार के फुलों की वैरायटी बनाकर लाए हैं।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में इस वर्ष पर्यटकों के लिए सोला वुड के बने हुए विशेष फुल लेकर आए हैं जिनकी कीमत सिर्फ 10 रुपए से लेकर 40 रुपए तक तय की गई हैं। फुलों की शिल्पकला उनका पुश्तैनी कार्य है और सालों से इस शिल्पकला से जुड़े है। उनके दादा और पिता ने भी शिल्पकला को आगे बढ़ाने का काम किया। इस शिल्प कला से कई आवार्ड और इनाम हासिल किए हैं। इस प्रकार के प्रौत्साहनों से कलाकारों के हौंसले बुलंद होते है।


हरियाणा के विकास की तस्वीर नजर आएगी 29 विभागों की प्रदर्शनी में 
कुरुक्षेत्र, 21 नवम्बर (विनय चौधरी): हरियाणा के विकास की तस्वीर सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा लगाई जा रही 29 विभागों की प्रदर्शनी में नजर आऐगी। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 में राज्य के 29 विभागों द्वारा 25 नवम्बर से 30 नवम्बर तक राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का आयोजन ब्रहमसरोवर के तट पर किया जाएगा। 

उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने बताया कि इस राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में 29 विभागों की उपलब्धियों, स्कीमों की जानकारी से सम्बन्धित प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में महानिदेशक अभिलेखागार विभाग, महानिदेशक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, महानिदेशक कृषि विभाग, प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग, महानिदेशक पशुपालन एवं डेयरी विभाग, निदेशक मत्स्य पालन विभाग, महानिदेशक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, प्रधान मुख्य वन सरंक्षक वन विभााग, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं विभाग, महानिदेशक उद्यान विभाग, निदेशक उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, महानिदेशक औद्योगिक प्रशिक्षण एवं व्यवसायिक शिक्षा विभाग, महानिदेशक खेल एवं युवा कल्याण विभाग, महानिदेशक तकनीकी शिक्षा विभाग, महानिदेशक राज्य परिवहन विभाग, निदेशक महिला एवं बाल विभाग, मुख्य प्रशासक कृषि विपणन बोर्ड, प्रबंधक निदेशक कृषि उद्योग निगम, प्रबंधक निदेशक सहकारी चीनी मिल प्रसंघ, प्रबंधक निदेशक हैफेड, प्रबंधक निदेशक विद्युत प्रसारण निगम, प्रबंधक निदेशक इलेक्ट्रोनिक्स विकास निगम (हारट्रोन), प्रबंधक निदेशक औद्योगिक एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम, मुख्य कार्यकारी खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, सचिव राज्य सैनिक बोर्ड, प्रबंधक निदेशक बीज विकास निगम, चेयरमैन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, निदेशक अक्षय उर्जा विभाग आदि अपने-अपने कार्यालय से सम्बन्धित योजनाओं व उपलब्धियों को प्रदर्शित करेंगे।

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