Sunday, November 26, 2017

क्या सच में ही विवादित स्थान पर पहुँच गए राष्ट्रपति?

कुरुक्षेत्र, 26 नवंबर: शनिवार को देश के राष्ट्रपति जी कुरुक्षेत्र में आए और एक ऐसी जगह पर भी गए जो विवादों के घेरे मे है, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के महासचिव पवन गर्ग ने 2 दिन पहले ही अपने विचार रखे थे, जिसमे इसे विवादित बताया था। 
उन्होने 24 नवंबर को जारी अपने प्रेस नोट में कहा था कि महामहिम राष्ट्रपति जी गीता जयंती कार्यक्रम में एक विवादित जगह पर एक शुभारंभ करने जा रहे है। बताना चाहूंगा कि इस भूमि का आज की तारीख में सरकार द्वारा नगर परिषद कुरुक्षेत्र द्वारा नक्शा भी पास नहीं कराया गया हैै। यही नहीं इस जगह पर विवाद भी है। जो कि आज के समाचारपत्रों में छाया हुआ है। 
जब किसी शुभारंभ पर महामहिम राष्ट्रपति , महामहिम राज्यपाल या मुख्यमंत्री आते है तो यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे उक्त जगह की रजिस्ट्री या उसका नक्शा संबंधित विभाग से पास जरूर करवा ले नहीं तो महामहिम का बिना पास किए गए प्रोजेक्ट पर बुलाना व उनका आना शोभनीय नहीं दे रहा है। इस प्रकार की आधारशिला के लिए नक्शे का पास होना अतिआवश्यक है। इस प्रकार की त्रुटि व जल्दबाजी महामहिम के समक्ष जानबुझकर किया गया कृत्य है जो कि नहीं होना चाहिए। 
पानीपत निवासी एक व्यक्ति द्वारा जारी आरटीआई सूचना से पता चला है कि यह जमीन उच्च दाम में सरकार द्वारा किसानो से खरीदी गई थी और औने-पौने दामों में गीता संस्थानम को दी गई है। महामहिम से निवेदन है कि वे किसी भी शिलान्यास में शामिल न हो। इससे पहले विवादित मामले पर पूरा फैसला न आ जाएं। 
सरकार को चाहिए कि जब तक विवाद पूर्ण रूप से दूर न हो जाएं तो महामहिम को न बुलाएं। देश के शासनकर्ता को भी इस प्रकरण में बिना बात के जोड़कर आधारशिला रखवाना छोटी सोच साबित करता है। हम महामहिम राष्ट्रपति जी का सम्मान करते है और भविष्य के कायक्रमों के लिए उनका सहर्ष दिल से स्वागत करते है।
पवन गर्ग द्वारा उठाए गए उपरोक्त मुद्दे अपने आप में सोचनीय हैं, इन पर सरकार के साथ आम आदमी को भी ध्यान देना होगा

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