Saturday, May 5, 2018

उत्तर भारत में आंधी के कारण मरने वालों के परिजनों को अनुग्रह राशि


उत्तर भारत में आंधी के कारण मरने वालों के परिजनों को पीएमएनआरएफ से अनुग्रह राशि देने की घोषणा
धरतीपुत्र, नई दिल्ली (5 मई): प्रधानमंत्री नरेन्द्री मोदी ने 2 मई, 2018 को उत्तर भारत के विभिन्नं राज्यों में आई धूल भरी तेज आंधी अथवा चक्रवात के कारण मरने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री ने इस भयावह आंधी-तूफान के कारण गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए भी 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि को मंजूरी दी है।

जल संसाधनों पर अद्यतन डेटा के एकल खिड़की स्रोत के रूप में एनडब्यूध आईसी की स्थापना
धरतीपुत्र, नई दिल्ली (5 मई): कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (एनडब्ल्यूआईसी) को हाल ही में जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में सृजित किया गया है। एनडब्ल्यूआईसी राष्ट्रि व्यापी जल संसाधन डेटा का एक संग्राहक होगा और यह जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के एक अधीनस्थ् कार्यालय के रूप में काम करेगा। इस केन्द्रा का प्रमुख संयुक्त सचिव स्तंर का एक अधिकारी होगा।
जल संसाधनों का प्रबंधन एक अत्यंत जटिल एवं कठिन कार्य है जिसमें बहु-विषयक ज्ञान क्षेत्रों की विशेषज्ञता की जरूरत पड़ती है और यह ऐतिहासिक एवं वास्त विक समय वाले विश्वहसनीय डेटा एवं सूचनाओं पर निर्भर रहता है। इसके लिए पहली आवश्यकता यह है कि एक व्यावपक जल संसाधन सूचना प्रणाली (डब्यूआरआईएस)को विकसित कर उसका समुचित रख-रखाव एवं नियमित अद्यतन सार्वजनिक तौर पर किया जाए, ताकि जल संसाधनों के कारगर एकीकृत प्रबंधन के लिए जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ सभी संबंकधित हितधारकों को इसमें शामिल किया जा सके।
यह वैज्ञानिक आकलन, निगरानी, प्रतिरूपण एवं निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) और एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के लिए भी पहली आवश्यनकता है। इसे ध्यारन में रखते हुए एनडब्यूप्रणआईसी द्वारा जल संसाधनों एवं संबंधित विषयों (थीम) पर अद्यतन डेटा का एकल खिड़कीस्रोत मुहैया कराए जाने की आशा है।
उपर्युक्ता केन्द्री जल एवं जल विज्ञान संबंधी चरम या भीषण स्थिति से निपटने हेतु आपातकालीन उपाय करने वाले अन्यय केन्द्रीदय एवं राज्यज संगठनों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्री य एवं अंतर्राष्ट्रीमय स्तयर के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करेगा।

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