Tuesday, January 31, 2012

Braking News

नागपुर में चिखली औद्योगिक इलाके में एक चार मंजिला औद्योगिक इमारत के ढहने से दो श्रमिकों की मौत हो गई और कम से कम नौ घायल हो गए.


आर्मी चीफ के उम्र विवाद पर रक्षामंत्री ए के एंटनी ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय का फैसला आखरी नहीं है और हमें अदालत के फैसले का इंतजार है.

2जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला मामले में एक महत्‍वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी की याचिका मंजूर करते हुए किसी भी मंत्री के खिलाफ केस चलान के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मुकदमा चलाए जाने की मंजूरी देने के लिए समयसीमा तय कर दी.



कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि पूर्व की भांति इस बार भी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के सर्वे झूठे साबित होंगे और यदि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बहुमत से सरकार बना ले तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए.




Thursday, January 26, 2012

-घटिया लेखक हैं रुश्दी : काटजू


नई दिल्ली, प्रेट्र : 
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कडेय काटजू ने विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी को घटिया और दोयम दर्जे का लेखक करार दिया है। उनका कहना है कि विवादास्पद पुस्तक सैटेनिक वर्सेज से पहले रुश्दी को लोग नहीं जानते थे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश काटजू ने रुश्दी के प्रशंसकों की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा, मैं इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहता कि रुश्दी को जयपुर साहित्य महोत्सव में आने से रोकना सही था या गलत। मैं और भी मूल मुद्दे उठा रहा हूं। मैंने उनके कुछ उपन्यास पढ़े हैं और मेरा विचार है कि वह निम्न स्तर के लेखक हैं। उन्होंने रुश्दी के उपन्यास मिडनाइट चिल्ड्रेन को महान साहित्यक कृतियों में से एक मानने से इंकार कर दिया। रुश्दी की वकालत करने वालों के खिलाफ काटजू ने कहा कि ऐसे लोग औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त हैं, जिनका मानना है कि विदेश में रहने वाला लेखक महान होता है। काटजू के मुताबिक, हमारा तथाकथित शिक्षित वर्ग मानता है कि लंदन या न्यूयॉर्क में रहने वाला लेखक महान होता है, जबकि भारत में रहने वाले लेखक निम्न स्तर के होते हैं। रुश्दी के साहित्य महोत्सव में न आने को लेकर मचे बवाल पर काटजू ने कहा, मैं इस मुद्दे को धर्म से जोड़े जाने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन एक दोयम दर्जे के लेखक को हीरो नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने रुश्दी का उपहास उड़ाते हुए कहा, आजकल के लोग कबीरदास और तुलसीदास को नहीं पूछते क्योंकि वे बनारस के घाट पर रहे हैं। रुश्दी महान हैं क्योंकि वह टेम्स नदी के घाट पर रहे हैं। यह हमारे यहां साहित्य जगत के लोगों की सोच है। वहीं पुलित्जर पुरस्कार विजेता लेखक डेविड रेमनिक ने इस प्रकरण को शर्मनाक करार देते हुए कहा है कि यह समकालीन भारतीय राजनीति के घटिया चलन को प्रदर्शित करता है, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से ज्यादा महत्वपूर्ण सत्ता को बरकरार रखना है।

पूरे देश के किसान, गरीब, मजदूर व हर वर्ग के लोगों के हितैषी है बादल: शेरसिह बड़शामी

अम्बाला (अनिल लाम्बा) 
जनता जिसको चाहे आसमान में बिठा दें, जिसको चाहे धूल में मिला दे। प्रजातंत्र में दो सौ एकड़ जमीन वाले किसान की और खेत व फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर की वोट की कीमत भी उतनी ही होती है जितनी मजदूर के मालिक की होती है। उक्त शब्द लाडवा के विधायक शेरसिह बड़शामी ने पंजाब डेराबस्सी विधानसभा क्षेत्र के अकाली दल व भाजपा गठबंधन के सांझे उम्मीदवार नरेंद्र शर्मा के पक्ष में गांव सारंगपुर, अंटावा, खेलन, मालन व रजापुर में नुक्कड़ सभाओं में वोट की अपील करते समय लोगों को सम्बोधित करते हुए कहें। शेर सिंह बड़शामी ने कहा है कि प्रकाश सिंह बादल केवल पंजाब व सिखों के मात्र नेता नहीं प्रकाश सिह बादल तो पूरे देश के किसान, गरीब, मजदूर व हर वर्ग के लोगों के हितैषी है। जैसे रामारण में राम और लक्ष्मण ने अन्याय व अधर्म के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी थी उसी तर्ज पर पूर्व उपप्रधानमंत्री स्र्वीगय ताऊ देवी लाल व प्रकाश सिंह बादल भी जनता के हितों की लड़ाई लडकर उनका भला करने का काम किया है। देवीलाल व प्रकाश सिंह बादल पंजाब, हरियाणा के लोगों के हितों की लड़ाई लडते समय कई बार जेलों में भी गए। अनेक मुश्बितों झेलने के बावजूद भी प्रकाश सिंह बादल व ताऊ देवी लाल ने किसी भी प्रकार की कोई प्रवाह नहीं की। उनका जो मकसद गरीबों की हक्कों की लडा़ई लड़कर उनकी सेवा करना था। देवी लाल ने हमेशा प्रकाश सिंह बादल की मदद की है इसी कारण पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश ने हरियाणा के सभी इनैलो विधायकों को पंजाब में अकाली व भाजपा गठबंधन के  प्रत्याशियों के पक्ष में  प्रचार के लिए भेजा है। उन्होंने कहा है कि आज पूरे पंजाब में अकाली दल व भाजपा गठबंधन की लहर चल रही है। प्रकाश सिंह बादल लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनकर एक इतिहास रचेगें। जो कार्य पंजाब की जनता के लिए प्रकाश सिंह बादल ने किया है, वह कार्य कोई भी मुख्यमंत्री नहीं कर पाया। प्रकाश सिंह बादल ने अपना राजनीति करियर सरपंची चुनाव लड़कर किया था, प्रकाश सिंह बादल हर व्यक्ति के दुख: दर्द को बारिकी से समझकते है। अब जनता ने निर्णय लेना है कि एक तरफ तो चांदी के  पालने में पैदा होने वाला व चांदी के चम्मच में दूध पीने वाला राजा परिवार में पैदा हुआ कैप्टन अमरेंद्र सिंह है, जिसको गरीब जनता व गरीबी से दूर तक कोई वासता नहीं है। दूसरी तरफ छत्तीस बिरादरी का मसीहा प्रकाश सिंह बादल। इस अवसर पर विधायक शेर सिंह बड़शामी के साथ हरियाणा के अनेक प्रमुख इनैलो नेता मौजूद थे।

गणतंत्र दिवस पर पंजाबकेसरी के जुझारू पत्रकार शैलेंदर चौधरी द्वारा प्रकाशित लाडवा विशेषांक


Saturday, January 21, 2012

....तो मेरे शव को बैंक के मुख्य द्वार पर रख देना.......धोखाधड़ी के शिकार जोगेंद्र लाल की वसीहत में नसीहत



शाहाबाद मारकंडा/सुरेंदर पाल सिंह वधावन

.........तो मेरे शव को बेंक के मुख्य द्वार पर रख देना,यह किसी कविता की मामिैक पंक्ति नहीं और न ही किसी फिल्म का संवाद है। यह  एक यथार्थ है,एक ऐसा कड़वा सत्य है जो एक वसीहत में लिखा गया हे। वास्तव में यह वसीहत में लिखी गई ऐसी नसीहत है जो अन्याय के खिलाफ जूझने का एक संकल्प प्रदान भी करती हे। काबिले जिक्र है कि स्वास्थ्य  विभाग के सेवानिवृत कर्मी जोगेंद्र लाल को पता चला था कि उसके स्टेट बेंक आफॅ इंडिया शाहाबाद के खाते में से 11 जनवरी 2012 को किसी ने 11लाख रुपए धोखाघड़ी से निकाल लिए थे। यह उसके जीवन भर की संचित पूंजी थी। हांलाकि पुलिस व संबंधित बेंक द्वारा जांच कार्य चल रहा हे लेकिन जोगेंद्र व उसके परिवारजन इस आघात को सह नहीं पा रहे हें। जोगेंद्र अपने दो विवाहित पुत्रों ,वरुण व विकास के साथ संयुक्त परिवार में रहता है। वह अपनी डायरी में महत्वपूर्ण बातें लिखता है ताकि परिवार में कोई आपसी विवाद न पैदा हो। 11 लाख रुपए की राशि उसने इस आशय से स्टेट बेंक में जमा की थी कि उसकी नजर में स्टेट बेंक ही एक एकमात्र ऐसा बेंक था जो सबसे सुरक्षित बेंक है। अब पूंजी लुटने के बाद उसने अपनी डायरी में जो वसीहत लिखी है वो कुछ इस प्रकार है-मेरे प्यारे बच्चो,जैसा कि आपको पता है मेरे साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। बेंक की लापरवाही के कारण मेरे सारे जीवन की कमाई लुट गई है। जिसके कारण मैं मानसिक तौर पर बहुत परेशान हूं।मेरे सपने अधूरे रह गए हैं।यदि मुझे कुछ हो जाता है तो उसके लिए एसबीआई जवाबदेह होगा।मेरे मृतक शरीर को संस्कार से पूर्व बेंक के मुख्यद्वार पर रख देना और तब तक न उठाना जब तक बेंक आपको सारी पूंजी वापिस नहीं कर देता। मेरी शुभकामनाएं मरने के बाद भी आपके साथ हैं।मेरी आत्मा बेंक वालों को कोसती रहेगी। सदा सुखी रहो मेरे प्यारे बच्चो। ---आपका पिता जोगेंद्र लाल 12-1-2012
फोटो 20एस बी डी


एसबीआई से 11 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज
शाहाबाद मारकंडा/सुरेंदर पाल सिंह वधावन
स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी जोगिंद्र लाल के भारतीय स्टेट बैंक के खाते से हुई 11 लाख रूपए की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच कर रहे सिटी चौकी प्रभारी भूपिन्द्र सिंह ने बताया कि एसबीआई व ओबीसी की फुटेज के मिलान से एक आरोपी की पहचान हो गई है जिसका स्कैच जल्द जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जो भी बैंक कर्मचारी इसमें दोषी पाया गया उसके खिलाफ पुलिस कार्यवाही करेगी।
            उल्लेखनीय है कि मौहल्ला माजरी निवासी जोगिंद्र लाल के एसबीआई शाहाबाद के बचत खाता नं. 10760946796 से 10 लाख 87 हजार रूपए धोखाधड़ी से निकाले गए जिसमें 9 दिसंबर को उनके खाते से 9 लाख 52 हजार रूपए का बैंकर चैक बनवाया गया और 10 दिसंबर को 1 लाख 35 हजार रूपए नकद निकलवाए गए । जारी बैंकर चैक ओबीसी की शाहाबाद शाखा में शिव प्रकाश शर्मा निवासी गोलपुरा के खाते में जमा हुआ। जबकि शिव प्रकाश ने किसी भी एंट्री को गलत ठहराया। वहीं पीडित जोगिंद्र लाल ने कहा है कि जब बैंक अधिकारियों व पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है तो उसकी सारी ऊम्र की जमापूजी राशि एसबी आई को तत्काल उनके खाते में जमा करनी चाहिए।

जाट धर्मशाला के वार्षिकोत्सव 28 को



समारोह में मुख्य अतिथि होंगे सांसद दिपेंद्र हुड्डा
कुरुक्षेत्र/ पवन सोंटी

स्थानीय जाट धर्मशाला का वार्षिकोत्सव एवं दीनबन्धू सर छोटू राम जयन्ती 28 जनवरी को धर्मशाला प्रांगण में धूम-धाम से मनाई जाऐगी जिसमें रोहतक के सांसद दिपेंद्र हुड्डा मुख्य अतिथि के रूप में सिरकत करेंगे। इस संबंध में जानकारी देते हुए जाट सभा (जाट धर्मशाला) कुरुक्षेत्र के प्रधान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता कर्मठ समाज सेवी देवेंद्र सिंह (बब्ली) टोहाना करेंगे। इस अवसर पर जाट समाज के अनेकों जाने माने व्यक्ति मौजूद होंगे। उन्होंने बताया कि पूर्व वर्षों की भांति समारोह को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। पूरे हरियाणा में जाट समाज को समारोह के लिये न्यौता देने के लिये महासचिव प्यारे लाल, सचिव राजकुमार, उपाध्यक्ष जिले सिंह, खजांची राय सिंह, भण्डारा प्रधान केहर सिंह, जय सिंह, जिता बारना, पूर्व महासचिव दलबीर सिंह डाण्डा, पूर्व प्रधान रणजीत सिंह, दिवान सिंह, पूर्ण सिंह, रणधीर हथीरामा. मि_न लाल, बाजे राम, अजमेर सिंह, मेहर सिंह, जरनैल सिंह, सतबीर फौजी आदि सहित वर्तमान व पूर्व की कमेटियों के अनेकों समाज सेवी जी जान से जुटे हैं। इनके साथ ही चंदा व अनाज उगाही कार्यकर्ता भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये प्रदेश भर में गांव गांव जाकर समाज को न्यौता दे रहे हैं।
            जाट धर्मशाला के प्रबंधक भल्ले सिंह ने बताया कि इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिये जाने माने कलाकार राकेश श्योराण, अमीत मलिक व जयदीप दुजानिया सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देंगे। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया कि सुबह 8 बजे हवन का अयोजन होगा। उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा जो सांय तक चलेगा। दोपहर साढे 12 बजे मुख्यअतिथि व अन्य का भाषण होगा जिसमे दीनबन्धु सर छोटू राम के बारे में विस्तार से व्याख्यान होंगे। 

Friday, January 20, 2012

कुरुक्षेत्र में बनेगा विश्व प्रसिद्ध तिरूपती बालाजी का मंदिर



बालाजी मंदिर के लिए 30 करोड़ का अनुमानित बजट, के.डी.बी. और टी.टी.डी. के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर, तीन साल में तैयार होगा भव्य मंदिर, 8 सदस्यीय दल ने किया मौके का दौरा
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में आंध्रप्रदेश के बाद देश में पहला भगवान तिरूपती बालाजी का मंदिर बनने जा रहा है। इस मंदिर का भव्य निर्माण करने के लिए करीब 30 करोड़ रुपए का अनुमानित बजट तय किया गया है। ब्रह्मसरोवर के निकट और मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर के सामने 5.52 एकड़ जमीन पर बनने वाले इस मंदिर के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और त्रिमूला तिरूपती देवा स्थानन: (टीटीडी) के बीच हुए अनुबंध पर हस्ताक्षर हो गए हैं। जिला उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ की अध्यक्षता में लघु सचिवालय सभागार में केडीबी कार्यकारी अधिकारी अशोक बांसल और टीटीडी के स्टेट आफिसर रामाचंद्र रेड्डी ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं। टीटीडी के आठ सदस्यीय दल ने मंदिर की जगह का मुआयना भी किया। रोचक पहलू यह है कि 25 फरवरी 2010 को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने टीटीडी के अधिकारियों को कुरुक्षेत्र में मंदिर बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा की थी। राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को जिला उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने अमलीजामा पहनाने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। शुक्रवार को सभागार पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपायुक्त मंदीप ङ्क्षसह बराड़ ने कहा कि त्रिमूला तिरूपती देवा स्थानन और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के बीच बालाजी का भव्य मंदिर बनाने के लिए अनुबंध को अंतिम रूप दे दिया है। मंदिर बनाने के लिए जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि टीटीडी के सदस्यों को केडीबी द्वारा मुहैया करवाए गए 5.52 एकड़ जमीन का मुआयना भी करवाया गया है। इस भव्य मंदिर का मॉडल और प्लान भी तैयार कर लिया गया है। मंदिर के लिए लीज़ डीड पर टीटीडी की तरफ से स्टेट आफिसर रामाचंद्र रेड्डी और केडीबी कार्यकारी अधिकारी अशोक बांसल ने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने बताया कि टीटीडी के सदस्यों ने कुरुक्षेत्र शहर में मार्केट का मुआयना कर रवेन्यू विभाग के अधिकारियों से विस्तार से चर्चा भी की है। तिरूपती के बाद देश में टीटीडी की तरफ से पहला बालाजी मंदिर कुरुक्षेत्र में बनाया जा रहा है। यह मंदिर बिल्कुल तिरूपती बालाजी के मंदिर जैसा ही बनेगा। इससे इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर मिलने के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से काफी फायदा होगा। इस मंदिर के बनने से धर्मनगरी कुरुक्षेत्र की विश्व में भी एक अलग पहचान बनेगी। टीटीडी के ज्वाइंट एक्जीक्यूटिव आफिसर वी. रेड्डी ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रयास रहेगा कि इस मंदिर का निर्माण कार्य तीन साल में पूरा कर लिया जाए। इस निर्माण कार्य पर अनुमानित 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साऊथ इंडिया से विशेष पत्थर मंगवाकर ही इस मंदिर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2 माह में इस मंदिर की आधारशिला रख दी जाएगी। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया, टीटीडी के स्टेट आफिसर रामाचंद्र रेड्डी, एसई आर. रेड्डी, ईई के.एस. कृष्णा, के.बालु, पी. चिंरजीवी, मोहन वासु, डीआईपीआरओ देवराज सिरोहीवाल, केडीबी सचिव उपेश कुमार आदि अधिकारी मौजुद थे।


मौजूदा सरकार कर रही है निरंतर सौतेला व्यवहार : बड़शामी
सरकार से खफा दर्र्जनों लोगों ने थामा इनैलो का दामन
लाडवा/विनय चौधरी

लाडवा खंड के गांव धनौरा जाटान में पूर्व सरपंच गोपी चंद द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हलके के विधायक शेर सिंह बड़शामी ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर पूर्व सरपंच गोपी चंद सहित गांव के साहब सिंह नंबरदार, अजमेर सिंह पंच, अजय सिंह, अंग्रेज सिंह आदि ने अपने साथियों सहित अन्य दलों को छोडक़र इनैलो पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। पार्टी में सभी शामिल लोगों का विधायक शेर सिंह बड़शामी ने फूल मालाओं व लड्डू खिलाकर स्वागत किया व पार्टी में पूरा मान-सम्मान देने की बात कहीं। इस अवसर पर विधायक ने गांववासियों की समस्याओं को सुनते हुए कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार निरंतर उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रदेश का मुख्यमंत्री न होकर केवल रोहतक व झझर का मुख्यमंत्री बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का 85 प्रतिशत विकास का पैसा रोहतक में लगाया जा रहा है और यदि नौकरियों की बात की जाए तो सभी नौकरियां रोहतक व झझर तक सीमित रह गई है। उन्होंने ताजा उदाहरण देते हुए बताया कि गत दिवस प्रदेश में 950 कनेक्टरों की लिस्ट जारी हुई है, जिसमें 650 कनेक्टर रोहतक व झझर जिले के लगाए गए है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा सौतेला व्यवहार और क्या हो सकता है। उन्होंने उन कांग्रेसियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह अपने स्वार्थ के चलते झूठी राजनीति कर जनता को बहकाने छोड़ दे। जनता उनके बहकावे में आने वाली नहीं है और इनकी असलियत जान चुकी है। उन्होंने कहा कि विकास व रोजगार सुनने से नहीं दिलाने से मिलता है। इस अवसर पर गांव के सरपंच प्रीत पाल, रामपाल शर्मा पूर्व चेयरमैन बलवान सिंह, देवेंद्र धनौरा, सरपंच श्याम सिंह घिसरपड़ी, गुरनाम सिंह बूढ़ा, युवा विंग के शहरी अध्यक्ष राजू खुराना, महिंद्र ङ्क्षसह कंबोज, रिंकू जोगीमाजरा, जसविंद्र पंजेटा, अशोक कुमार सहित भारी संख्या में गांववासी उपस्थित थे।   

Monday, January 16, 2012

मुख्यमंत्री बताएं पिछले सात वर्षों में कौन सी नई परियोजना की गई शुरू : अशोक अरोड़ा



डी-प्लान की राशि में बंदरबांट का आरोप लगाया इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी 

इनैलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर क्षेत्रवाद का आरोप लगाते हुए चुनौती दी कि मुख्यमंत्री बताएं कि पिछले सात वर्षों में कुरुक्षेत्र में सरकार ने विकास की कौन सी नई परियोजना शुरू की है? उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में कांग्रेस के तीन-तीन सांसद हैं, एक मंत्री है, लेकिन ऐसा लगता है कि इस जिले के लिए कांग्रेस की सरकार नहीं है क्योंकि कुरुक्षेत्र में विकास के नाम पर एक भी ईंट नहीं लगाई जा रही। अरोड़ा जिला इनेलो कार्यालय में पार्टी के हल्का कार्यकत्र्ताओं की बैठक के पश्चात पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। अरोड़ा तथा इनेलो के अनेक नेताओं ने नवनियुक्त जिला प्रधान रामकुमार कश्यप का फूल-माला डालकर स्वागत किया तथा उनकी नियुक्ति पर इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का आभार व्यक्त किया। नवनियुक्त जिला प्रधान रामकुमार कश्यप ने अपनी नियुक्ति पर इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, प्रधान महासचिव अजय चौटाला तथा इनेलो विधायक दल के उपनेता शेर ङ्क्षसह बड़शामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे जैसे गरीब व पिछड़े वर्ग के कार्यकत्र्ता को यह जिम्मेवारी सौंपकर चौटाला साहब ने जो विश्वास व्यक्त किया है, वे उस पर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी में नए लोगों को जोड़ा जाएगा और जो कार्यकत्र्ता अच्छा काम करेंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर ब्राह्मण नेता राजकुमार शर्मा उर्फ काला ने अपने साथियों सहित इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। अशोक अरोड़ा तथा अन्य इनेलो नेताओं ने राजकुमार शर्मा का पार्टी में शामिल होने पर स्वागत करते हुए कहा कि इन्हें पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा।  कार्यकत्र्ताओं की बैठक में प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने नव वर्ष का पार्टी का कैलेंडर भी जारी किया। अरोड़ा ने कहा कि कार्यकत्र्ताओं की बैठक में प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि लाडवा में जिस प्रकार से दिन-दिहाड़े व्यापारी के घर पर लूटपाट की गई, यह घटना अपने आप में बड़ी ही चिंताजनक है। इसके अतिरिक्त बैठक में खाद की कृत्रिम कमी पर भी चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि पहले किसान को फसल का भाव नहीं मिला और अब खाद कालाबाजारी में खरीदनी पड़ रही है। किसानों को खाद के साथ जबरदस्ती कीटनाशक दवाई का डिब्बा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश पूरी तरह बर्बादी की कगार पर है। कार्यकत्र्ता बैठक में पंजाब में कांग्रेस को हराने के लिए पार्टी कार्यकत्र्ताओं की अकाली दल उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए ड्यूटियां भी लगाई गईं। इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मायाराम, जेएस चीमा, अशोक भारद्वाज, ईश्वर पूजम, ओम प्रकाश हथीरा, जिप सदस्य चंद्रभान वाल्मीकि, जिला प्रवक्ता रामपाल शर्मा, जीत सिंह शेर, जीताराम पाल, ईश्वर फतुहपुरिया, सुनील राणा, मोहन लाल अरोड़ा सहित अनेक इनेलो नेता उपस्थित थे।
डी-प्लान की राशि में की गई बंदरबांट
इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने आरोप लगाया कि जिला के लिए आबंटित डी-प्लान की धनराशि में बंदरबांट की गई है। शाहाबाद तथा पिहोवा क्षेत्र को पांच-पांच करोड़ रुपए की राशि दी गई जबकि अधिक राशि थानेसर व लाडवा हल्के के लिए दी जानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि डी-प्लान कमेटी की बैठक 4 तथा 9 जनवरी को स्थगित करने के पश्चात 10 जनवरी को निर्धारित की गई क्योंकि उस दिन वे बाहर थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने डी-प्लान राशि से विकास कार्य करवाने के लिए कहा तो जिला अधिकारियों ने उन्हें सॉरी कहते हुए कहा कि उनके ऊपर भारी दबाव है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर परिषद को बाढ़ प्रभावित एरिया में विकास के लिए मिली साढ़े चार करोड़ रुपए की अनुदान राशि कांग्रेसियों की वजह से वापस चली गई थी, लेकिन वह अपने प्रयासों से इस राशि को वापिस लाए और अब इस राशि से नगर में विकास कार्य हो रहे हैं।
मेला क्षेत्र में किए जा रहे हैं अवैध नक्शे पास
अरोड़ा ने आरोप लगाया कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा निर्धारित मेला क्षेत्र में निर्माण पर रोक है लेकिन मिलीभगत से इस मेला क्षेत्र में कालोनी काट दी गई हैं। इतना ही नहीं अवैध रूप से भवन निर्माण के नक्शे भी पास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की बैठक में उन्होंने थीम पार्क बनाने व पानी की निकासी के लिए बने एक गंदे नाले को ढकने की आवाज उठाई थी, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
कुरुक्षेत्र एकमात्र जिला जहां नहीं है राजकीय कालेज
इनेलो प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कुरुक्षेत्र हरियाणा का एकमात्र जिला है जहां कोई भी राजकीय कालेज नहीं है। उन्होंने यह मांग कई बार उठाई लेकिन उनकी इस मांग को यह कहकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया कि कुरुक्षेत्र में पहले ही विश्वविद्यालय है।

Saturday, January 14, 2012

आश्वासनों पर खरी नहीं उतरी सरकार : बडशामी


आश्वासनों पर खरी नहीं उतरी सरकार : बडशामी
किसानों को मिलें आलू की फसल पर उचित मुआवजा 

बाबैन/सुरेश कुमार
भारतीय संविधान एवं संसदीय नियमों के अनुसार एक विधायक को जो आवाज उठानी चाहिए मैंने सदैव अपने अधिकारों के अनुसार अपने क्षेत्र से जुडी हर समस्या को विधानसभा में उठाने का काम किया है। शाहाबाद लाडवा सडक के बारे में हर अधिवेशन में आवाज उठाई व जल्द निर्माण के लिए सरकार से पूरा वाद-विवाद किया। उपरोक्त शब्द लाडवा हल्का के विधायक शेर सिंह बडशामी ने बाबैन में कार्यकत्र्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व संबधित विभाग के मंत्री ने इस सडक को पूरा करने के कई आश्वासन दिए और अंत में लिखित रूप से 31 दिसम्बर को पूरा करने का आश्वासन दिया लेकिन सरकार दिए गए आश्वासन पर खरी नहीं उतरी जिससे लेकर कार्यकत्र्ताओं की बुलाई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि क्षेत्र के प्रत्येक गांव से लिखित रूप में इस सडक को बनवाने की मांग एकत्रित की जाएगी व आलू पैदा करने के क्षेत्र में अग्रणी लाडवा हल्का के किसानों का आलू की फसल का लागत मूल्य भी पूरा नहीं हुआ, जिससे किसान बर्बादी के कगार पर है। कपास व बाजरा पैदा करने वाले किसानों की तरह आलू पैदा करने वाले किसानों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

धर्मनगरी समाचार- विकलांग विद्यार्थियों को मिलेगी कुवि के हॉस्टल में मुफ्त रहने की सुविधा


विकलांग विद्यार्थियों को मिलेगी कुवि के हॉस्टल में मुफ्त रहने की सुविधा
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी 

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में इससे सम्बंद्धित कॉलेजों में पढऩे वाले 80 प्रतिशत एवं इससे अधिक शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को मुफ्त होस्टल में रहने की सुविधा प्रदान की जाएगी। कुवि में पढऩे वाले विकलांग बच्चों के लिए यह सुविधा प्रदान करना एक अच्छा निर्णय है। विश्वविद्यालय के कुलपति लै. जनरल डा. डीडीएस संधू ने बताया कि विश्वविद्यालय में पढऩे वाले 80 प्रतिशत या इससे अधिक शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को, जिनके परिवार की वार्षिक आय एक लाख रूपए से कम है, को एक हजार रूपए प्रतिमाह के हिसाब से स्कालरशिप भी प्रदान किया जाता है।  इस प्रकार की छात्रवृति प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय में राधा कृष्णन फाउंनडेशन फंड स्थापित किया गया है। इससे पहले मुफ्त होस्टल में रहने की सुविधा केवल नेत्रहीन विद्यार्थियों को प्रदान की जाती थी लेकिन  कुलपति ने अब इस सुविधा को विश्वविद्यालय में पढऩे वाले सभी 80 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांग बच्चों के लिए भी देने का निर्णय लिया है।

दिल्ली में आयोजित 15वें विश्व संस्कृत सम्मेलन में प्रो. श्रीकृष्ण व प्रो. अरूणा ने किए शोध पत्र प्रस्तुत
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
दिल्ली के विज्ञान भवन में 5  से 10 जनवरी तक राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान,दिल्ली और इंटरनेशनल एसोएिशन ऑफ संस्कृत स्टडीज द्वारा सयुंक्त रूप से आयोजित 15वें विश्व संस्कृत सम्मेलन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत एवं प्राच्य विद्या संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. श्रीकृष्ण शर्मा व संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रो. अरूणा शर्मा ने अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री डा.मनमोहन ङ्क्षसह ने यिा था। प्रो. श्रीकृष्ण शर्मा ने सम्मेलन के एक विशिष्ट पैनल में संस्थान द्वारा स्वीकृत महाभारतपदानुक्रमकोष के निर्माण की प्रविधि पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने पन्द्रह खंडों और लगभग 7000 पृष्ठों में प्रकाशित होने वाले इस कोष के निर्माण की प्रक्रिया को दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से विद्वानों के सामने प्रस्तुत किया। इस पैनल में भाग लेने वाले अधिकाशं प्रतिभागी स्काटलैण्ड,जर्मनी और अमेरिका आदि देशों से आए हुए थे। भारतीय विद्वानों में प्रो. रामकरण शर्मा दिल्ली, प्रो. सरोजा भाटे, पूना, प्रो.एस.पी.नारंग पांडिचेरी, प्रो. विजय रानी कुरुक्षेत्र आदि प्रमुख थे जबकि 30 विद्वान विदेशी थे। इन सभी विद्वानों ने इस प्रोजेक्ट की प्रशंसा करते हुए इस महान उपक्रम के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को बधाई दी। प्रो. अरूणा शर्मा ने प्रख्यात नाट्यशास्त्री आचार्य मातृगुप्त के अनुपलब्ध नाट्यशास्त्र के प्रकीर्ण उद्धरण खंडों का अनुशीलन करके मातृगुप्त के नाटयशास्त्रीय योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह सिद्ध किया कि आज से लगभग 1500 वर्ष पूर्व मातृगुप्त ने एक सर्वागपूर्ण नाट्यशास्त्र की रचना की थी जिसमें रंगमंच से सम्बंद्धित सूक्ष्म विवेचन किया गया था। श्रोता विद्वानों ने शोध पत्र की प्रशंसा करते हुए इन उद्घरण खंडों के आधार पर मातृगुप्त के अनुपलब्ध नाटयशास्त्र की रूपरेखा को प्रकािशत करने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि इस विश्व संस्कृत सम्मेलन में भारत के 1200 विद्वानों के अतिरिक्त अन्य 32 देशों के 300 विद्वानों ने संस्कृत की 18 अलग अलग विधाओं पर शोधपत्र प्रस्तुत करके चर्चा परिचर्चा में भाग लिया। भारत में विश्व संस्कृत सम्मेलन 15  वर्षो के बाद आयोजित हुआ है। प्रोफेसर शर्मा दम्पती ने सम्मेलन में सहभागिता के निमित आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति लै. जनरल डा. डीडीएस संधू तथा कुलसचिव डा. सुरेन्द्र देसवाल के प्रति आभार प्रकट किया।

चोर गिरोह से क्वाइलें खरीदने वाला काबू, रिमांड पर भेजा
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
पुलिस ने ट्रांसफार्मर चोर गिरोह से तांम्बे की क्वाइलें खरीद करने वाला दुकानदार  ओमप्रकाश झांसा बस अड्डा से गिरफ्तार तथा दोषी के कब्जा से लगभग 188 किलोग्राम तांबे की क्वाइल बरामद की। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल कुश ने बताया कि 28 दिसम्बर, 2011 को ट्रासर्फामर चोर गिरोह के मुखिया राजविन्द्र ङ्क्षसह को उसके तीन साथियों बलबीर, बलिहार व सिकंदर सहित गिरफ्तार किया गया था तथा दोषियों से पुलिस रिमाण्ड के दौरान पूछताछ जारी है। पूछताछ पर राजविन्द्र ङ्क्षसह ने बताया कि वह ट्रासर्फामरों से चोरी का माल तांबा तार क्वाइलें शिव बर्तन भण्डार के मालिक ओम प्रकाश  निवासी गांव झांसा को बेचते थे। तफ्तीश के दौरान अपराध शाखा से उप निरीक्षक जगबीर की पुलिस टीम ने झांसा बस अड्डा से ओम प्रकाश निवासी गांव झांसा को धर दबोचा। पूछताछ पर ओम प्रकाश ने माना कि उसने राजविन्द्र व उसके साथियों से ट्रांसफार्मरों से चोरी तांबा तार खरीद की है और अरोपी ओम प्रकाश के कब्जा से लगभग 188 किलोग्राम तांबा तार  बरामद की। दोषी ओम प्रकाश को बाद गिरफ्तारी माननीय न्यायालय में पेश किया। माननीय न्यायालय ने अरोपी ओम प्रकाश को एक दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेज दिया है।

Friday, January 13, 2012

समूचे भारत का धार्मिक पर्व है मकर सक्रांति ......

कुरुक्षेत्र/ पवन सोंटी
मकर सक्रांति पर्व सूर्य का धनु राशि छोड़ कर मकर में प्रवेश करना पर मनाया जाता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार मकर संक्रांति एक भौगोलिक घटना है। इस दिन सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में आते हैं तो इन दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति को जहां एक किसानी का त्यौहार के रूप में मनाया जाता है वहीं भारतीय संस्कृति में एक शुभ चरण की शुरुआत के रूप में माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार मध्य दिसंबर के आसपास अशुभ चरण की समाप्ति पर शुभ् चरण की शुरू होती है। दूसरी ओर संक्रांति सर्दियों के मौसम की समाप्ति और एक नई फसल या बसंत के मौसम की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। यह त्यौहार पूरे भारत देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। देश के विभिन्न भागों में इसे अलग-अलग नामों और अनुष्ठान के साथ मनाया जाता है। 

वैज्ञानिकों के अनुसार सर्दियों संक्रांति के दिन की अवधि के क्रमिक वृद्धि की शुरुआत होती है। वैज्ञानिक वर्ष के कम से कम दिन 21-22 दिसंबर के आसपास है जिसके बाद दिन बढऩे शुरू होते हैं। इसलिए वास्तविक शीतकालीन संक्रांति 21 दिसंबर या 22 दिसंबर जब उष्णकटिबंधीय रवि मकर राशि में प्रवेश करती है पर शुरू होती है। इसलिए वास्तविक उत्तरायण 21 दिसंबर को होता है। यही मकर सक्रांति की वास्तविक तारीख भी थी। एक हजार साल पहले मकर संक्रांति 31 दिसंबर को मनाया गया था और अब 14 जनवरी को है। वैज्ञानिक गणनाओं के अनुसार पांच हजार साल बाद, यह फरवरी के अंत तक हो सकता है, जबकि 9000 के वर्षों में यह जून में आ जाएगा।
खैर इन सबके साथ हमें धार्मिक पहलु पर भी चिंतन करना चाहिये क्योंकि विज्ञान की बजाय आज भी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मनुष्य ज्यादा चलते हैं। धार्मिक ग्रंथों में सूर्य को हिंदू धर्म में देवता का दर्जा दिया गया हैं, क्योंकि इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। चारों पुरुषार्थ- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्राप्त करने के लिए सूर्य की उपासना करना हर मनुष्य के लिए नितांत जरूरी बताया गया है। सूर्य की सभी संक्रांतियों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मकर संक्रांति का गुणगान इसीलिए हमारे धर्मग्रंथों में किया गया है, जिससे आम जनमानस भगवान सूर्य की आराधना करके अपने जीवन का लक्ष्य हासिल कर सके।
इस वर्ष 14 जनवरी की अर्धरात्रि में सूर्य भगवान देवताओं के गुरु बृहस्पति की राशि धनु छोड़ कर शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे। इसलिए संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को ही माना गया है। धर्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के आते ही देवताओं की रात समाप्त हो जाती है, दक्षिणायन समाप्त होता है और देवताओं के दिन शुरू हो जाते हैं, उत्तरायण  शुरू हो जाता हैं। उत्तरायण में सूर्य का गोचर मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि में होता है अर्थात दिन बड़े होते जाते हैं। दक्षिणायन में सूर्य का गोचर कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में होता है और रात बड़ी होती जाती है।  इस दिन से ही लोग मलमास के कारण रुके हुए अपने शुभ कार्य-गृहनिर्माण, गृहप्रवेश, विवाह आदि भी शुरू कर देते हैं। मलमास, बृहस्पति की राशियों - धनु और मीन में सूर्य भगवान के प्रवेश करने पर शुरू होता है। मान्यता है कि तब सूर्य भगवान देवगुरु बृहस्पति के साथ आध्यात्मिक ज्ञान की चर्चा में मग्न रहते हैं।  इसीलिए भोग-विलास आदि सांसारिक कार्यों से दूर होते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में कहा है कि उत्तरायण के 6 माह में मरे हुए योगीजन ब्रह्म को ही प्राप्त होते हैं और दक्षिणायन में मृत्यु मिलने वाले स्वर्ग में अपने शुभ कर्मों का फल भोग कर वापस लौट आते हैं। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश जहां उनके अपने पुत्र शनि के साथ रहने का प्रतीक है, वहीं प्राणों को हरने वाली शीत ऋतु के प्रकोप को कम करने का संकेत है। जाहिर है, इस मौसम में पिता की सेवा पुत्र या संतान के हाथों होना ईश्वर कृपा प्राप्त होने का संकेत भी है। इसीलिए इसे सौभाग्य काल की संज्ञा भी दी जाती है।
माना जाता है कि उत्तरायण में देवता मनुष्य द्वारा किए गए हवन, यज्ञ आदि को शीघ्रता से ग्रहण करते हैं। मकर संक्रांति माघ माह में आती हैै। संस्कृत में मघ शब्द से माघ निकला है। मघ शब्द का अर्थ होता है-धन, सोना-चांदी, कपड़ा, आभूषण आदि। स्पष्ट है कि इन वस्तुओं के दान आदि के लिए ही माघ माह उपयुक्त है। इसीलिए इसे माघी संक्रांति भी कहा जाता है।
दक्षिण भारत में दूध और चावल की खीर तैयार कर पोंगल मनाया जाता है तो संक्रांति के एक दिन पूर्व पंजाब में लोहड़ी मनाई जाती है। लोग घर-घर जाकर लकडिय़ां इक_ा करते हैं और फिर लकडिय़ों के समूह को आग के हवाले कर मकई की खील, तिल व रवेडिय़ों को अग्न देव को अर्पित कर सबको प्रसाद के रूप में अर्पित करते हैं। इसे खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है, क्योंकि इन दिनों में खिचड़ी खाई भी जाती है और दान में भी दी जाती है। देसी घी, खिचड़ी में डाल कर खाने का प्रचलन उत्तर प्रदेश व बिहार में इसी संक्रांति से शुरू होता है। महाराष्ट्र और गुजरात में मकर संक्रांति के दिन लोग अपने घर के सामने रंगोली अवश्य रचते हैं। फिर एक-दूसरे को तिल-गुड़ खिलाते हैं। साथ ही कहते हैं- तिल और गुड़ खाओ और फिर मीठा-मीठा बोलो। इस दिन असम में माघ बिहु या भोगाली बिहु के रूप में मनाया जाता है। यहां चावल से बने व्यंजन प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं। मकर संक्रांति को पतंग पर्व के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों-प्रयाग,हरिद्वार, वाराणसी, कुरुक्षेत्र, गंगासागर आदि में पवित्र नदियों गंगा, यमुना आदि में करोडों लोग डुबकी लगा कर स्नान करते हैं। अथर्ववेद में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि दीर्घायु और स्वस्थ रहने के लिए सूर्योदय से पूर्व ही स्नान शुभ होता है। ऋग्वेद में ऐसा लिखा है कि-हे देवाधिदेव भास्कर, वात, पित्त और कफ  जैसे विकारों से पैदा होने वाले रोगों को समाप्त करो और व्याधि प्रतिरोधक रश्मियों से इन त्रिदोशों का नाश करो।
पश्चिम बंगाल के गंगासागर तीर्थ में मेले का आयोजन होता है। ऐसा माना जाता है कि वरुण देवता इन दिनों में यहां आते हैं। शास्त्रों में यह भी उल्लेख है कि किसी को किसी कारणवश नदी या समुद्र में स्नान करने का अवसर ना मिले तो इस दिन कुएं के जल या सामान्य जल में गंगा जल मिला कर सूर्य भगवान को स्मरण करते हुए स्नान कर सूर्य को तांबे के लोटे में शुद्ध पानी भर कर रोली, अक्षत, फूल, तिल तथा गुड़ मिला कर पूर्व दिशा में गायत्री या सूर्य मंत्र के साथ अष्र्य देना चाहिए।


Thursday, January 12, 2012

पंजाब की लोक संस्कृति का अक्स है लोहड़ी का त्यौहार



शाहाबाद मारकंडा/सुरेंदरपाल सिंह वधावन
हड़तालों घोटालों तनावों और कुंठाओं के चक्रव्यूह में फंसे इस देश के आम इंसान को आज भी हमारे पर्व और त्यौहार भले ही  दो पल के लिए हो, कुछ  सुकून और राहत तो प्रदान करते हीं हैं। -कितने प्यारे लोग थे जिनको अपने गमों से फुरसत थी- फैज़ साहिब के इस अशआर की पंक्ति आज महज़ एक याद महसूस होती है कल की- जब न तो गम-ए-रोज़गार होता था और न ही होता था $गम-ए-इश्क, उस समय इंसानी रिश्तों में जीता आदमी मनोरंजन के जो तरीके अपनाता था उनमें पर्व और त्यौहारों का अपना विशेष महत्व था। त्यौहार आज की भांति मात्र औपचारिकता निभाने के लिए नहीं होते थे अपितु लोग त्यौहारों में जीते थे। आज टी.वी के रंगों से चुंधिआए और  जीवन की भागमभाम में मसरूफ लोगों के पास इतना समय कहां है कि वह इन त्यौहारों को जी भर के जी पाएं। हमारी संस्कृति वास्तव में त्यौहारों की ही संस्कृति रही है। जाड़े के मौसम में आने वाला लोहड़ी त्यौहार विशेषकर पंजाब की लोकसंस्कृति से जुड़ा एक ऐसा पर्व है जो सामान्य संबंधों को घनिष्ठता तो प्रदान करता ही है और साथ ही बेरस और ठंडे पड़ रहे रिश्तों को ताज़गी का अहसास भी देता है। लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता था जिसका मतलब है कि सर्दी के इस मौसम में तिल और गुड़ का सेवन किया जाना चाहिए क्योंकि यह दोनों चीज़ें गर्माहट की तासीर लिए हैं।
लोहड़ी पर्व से जुड़ी कथा के अनुसार लद्धी नामक महिला के  पुत्र का नाम दूल्ला था जो बादशाह अकबर का बागी था। यह बात काबिल-ए-जि़क्र है कि लद्धी अकबर के शहजादे की फ्रॅासटर मदर यानि के दूध पिलाने वाली माता थी। लद्धी का पुत्र दुल्ला अमीरों को लूटता था और ग्ररीबों और बेबसों की मदद करता था इस कारण वह आम लोगों में उसकी छवि एक नायक की भांति थी। एक बार दुल्ले ने बाप बन कर एक ब्राहमण की दो कन्यायों का विवाह करा दिया। इससे लोगों के मन में उसके प्रति अथाह श्रद्धा उमड़ पड़ी। इस से एक लोकगीत का चलन शुरु हुआ और यह गीत लोकपरंपरा के रुप में विकसित हो गया। यह गीत आज भी लोहड़ी के अवसर पर गाया जाता है-सुंदर मुंदरिए -हो, तेरा कौन विचारा -हो, दुल्ला भट्टी वाला-हो, दुल्ले दी धी विआही-हो, सेर शक्कर पाई-हो, कुड़ी दे ज़ेबे पाई-हो ----आदि। इसी तरह बालिकाओं के लोहड़ी मांगने का गीत-हुल्ले नी माए,हुल्ले,दो बेरी पत्र झुल्ओ - दो झुल पइयां खजूरां ,खजूरां सुटिया मेवा, उस लाल दे घर जनेवा, उस लाल दी वहुटी निक्की जो खावे चूरी कुट्टी -कुट-कुट भरिया थाल -बुआ एक ननाना चार   -देंदी एं ते दे काले कुत्ते नूं वी दे- काला कुत्ता दे दुआवां तेरियां जीवण मझियां गाइयां, हमारी विस्मृत हो रही लोक संस्कृति का अमूल्य हिस्सा है।

Tuesday, January 10, 2012

हिमाचल की महिलाओं ने धर्मनगरी में सीखे खुम्ब उत्पादन के गुर



कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी
हिमाचल से आई 20 महिलाओं ने एक सप्ताह तक धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में आकर खुम्ब उत्पादन के गुर सीखे। शिमला जिला के रामपुर से बागवानी विकास अधिकारी डा. मनमोहन चौहान व बागवानी प्रसार अधिकारी सुनीता नेगी के नेतृत्व में इन महिला किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र के तत्वावधान में बागवानी व खुम्ब उत्पादन पर एक सप्ताह तक प्रशिक्षण प्राप्त किया। मंगलवार को प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र के वरिष्ठ समन्वयक एवं खुम्ब विशेषज्ञ डा. एसपी गोयल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके केंद्र से प्रशिक्षण पाकर यह महिलाऐं हिमाचल की वादियों में खुम्ब उत्पादन करेंगी। उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि अपने घर जाकर खुम्ब उत्पादन को जरूर अपनाऐं ताकि उनके इस प्रशिक्षण का समुचित लाभ उनको मिल सके। कार्यक्रम के समापन पर सभी महिलाओं को प्रमाणपत्र वितरित किये गए। 
प्रशिक्षण अवधि के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एमएस जून ने बागवानी से संबंधी लाभदायक जानकारी दी व डा. आरएस पन्नू ने कृषि के साथ सहायक धंधों की आर्थिक समृद्धि में योगदान का विस्तार से वर्णन किया। प्रशिक्षण के दौरान भौर सैयदां स्थित खुम्ब उत्पादन फार्म पर जिला के प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा ने खुम्ब उत्पादन के व्यवहारिक गुर इन महिला प्रशिक्षुओं को सिखाऐ। वहां पर व्यवहारिक रूप से कम्पोस्ट बनाना, बीज मिलाना व केसिंग आदि से लेकर खुम्ब चुनने व धोने और पैकिंग तक की सभी क्रियाओं को अपने हाथों से कर के देखा गया। प्रशिक्षण के दौरान खुम्ब का आचार, पकौड़े व खीर बनाने की जानकारी भी उपलब्ध करवाई गई। इस कार्यक्रम का समन्वयन केवीके के जिला विस्तार अधिकारी डा. जोगेंद्र तोमर ने किया। उनके साथ केंद्र के डा. ओपी लठवाल, दिलबाग सिंह, कर्ण सिंह व डा. शुलक्षणा डोगरा ने भी लाभदायक जानकारी इन महिला प्रशिक्षणार्थियों को उपलब्ध करवाई।

मंगलवार को गांव बन व छलौंदी के दर्जनों लोग इनैलो में शामिल




लाडवा/शैलेंदर चौधरी
हलके की जनता किस प्रकार कांग्रेस सरकार से तंग आ चुकी है, इसका उदाहरण इसी बात से चलता है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद भी लोग कांग्रेस पार्टी को छोडक़र अन्य दलों में शामिल हो रहे है। लाडवा हलके में ऐसा कोई दिन होगा, जिस दिन कांग्रेस पार्टी से खफा होकर हलके की जनता इनैलो में शामिल न हो रहे हो। मंगलवार को लाडवा हलके के इनैलो विधायक शेर ङ्क्षसह बड़शामी के नेतृत्व में गांव बन के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग नेता नेकी राम सहित मदन लाल, अशोक कुमार, सन्नी, विक्की, रोहित व गांव छलौंदी के वाल्मीकि समुदाय के राम चंद्र, ईशम ङ्क्षसह, ओम प्रकाश, हरि ङ्क्षसह, बनारसी, धर्मपाल, गुलाब ङ्क्षसह, महिंद्र पाल, जरनैल ङ्क्षसह, फूला राम, अंत राम, भूला राम, रोशन लाल सहित दर्जनों लोगों ने अन्य दलों को छोडक़र इनैलो में शामिल होने की घोषणा की। सभी पार्टी में शामिल लोगों का पार्टी में शामिल करने के बाद गांव बन में गांववासियों को संबोधित करते हुए हलके के विधायक शेर ङ्क्षसह बड़शामी ने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार से हर वर्ग तंग आ चुका है। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फैल हो चुकी है। बिजली किल्लत, गैस किल्लत, खाद किल्लत, कालाबाजारी, भ्रष्टाचार, लूट-पाट में प्रदेश नंबर वन बन गया है। उन्होंने कहा कि इनैलो पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो सभी समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलती है और सभी को बराबर का सम्मान देती है। उन्होंने गांव वासियों से कहा कि जो कर्ज आप लोगों ने मुझे विधानसभा में भेजकर चढ़ाया है वह उसे ब्याज सहित उतारने का काम करूंगा।उन्होंन कहा कि वह विधायक आपके सहयोग व समर्थन से है। उन्होंने गांववासियों से भविष्य में भी अपना सहयोग व समर्थन देने की बात कहीं। इस अवसर पर सरपंच एसोसिएशन रादौर के अध्यक्ष सरपंच कर्मवीर खुर्दबन, जसवंत मेहरा, गुरनाम बूढ़ा, जितेंद्र बन, रिंकू जोगीमाजरा, पूर्व सरपंच गुरदयाल खेड़ी दाबदलान, बलदेव बन, वीरेंद्र छलौंंदी, राकेश खुराना, राजू खुराना, विक्रम मढ़ान, अनिल बूढऩपुर, महिंद्र बपदी, सरपंच सुभाष बनी सहित भारी संख्या में गांव वासी उपस्थित थे। हलके में दिन-प्रतिदिन इनैलो में शामिल होने वालों की लाइन टूटने का नाम नहीं ले रही है। मात्र लाडवा हलके में हर रोज अन्य दलों को छोडक़र इनैलो का दामन थाम रहे है। मंगलवार का दिन इनैलो पार्टी के लिए लाभकारी हुआ है और कस्बे के कई कांग्रेसी पार्टी के कई मेहनती कार्यकत्र्ताओं ने कांग्रेस को अलविदा कहकर इनैलो का दामन थाम लिया, जिससे न केवल इनैलो को मजबूती मिली, बल्कि कांग्रेस को करारा झटका लगा। लाडवा हलके में इनैलो विधायक शेर ङ्क्षसह बड़शामी के नेतृत्व में हर रोज कांग्रेस को छोडक़र इनैलो में शामिल हो रहे है। इनैलो का दामन थामने वालों की लंबी लाइन लगी हुई है। कांग्रेस पार्टी द्वारा हर रोज पार्टी छोडक़र जा रहे पार्टी कार्यकत्र्ताओं से न केवल पार्टी कमजोर हो रही है, बल्कि चुनावों में पार्टी को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। हर रोज इनैलो में शामिल होने से विपक्षी पार्टियों के होश उड़ गए है।

बी.पी.एल. कार्ड को काटने पर भडक़े डूडा वासी
दोबारा सर्वे करवाने की मांग, 127 बी.पी.एल. कार्ड में 110 कार्ड काटे
लाडवा/शैलेंदर चौधरी
लाडवा खंड के गांव डूडा में जमकर विभाग द्वारा बी.पी.एल. कार्ड धारकों पर कुल्हाड़ा चलाया गया। गांव डूडा में सर्वे में 127 बी.पी.एल.कार्डों में से 110 बी.पी.एल.कार्ड को काट दिया गया, जिससे गांववासियों में भारी रोष पनप गया। गांववासियों ने न केवल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, बल्कि जिला उपायुक्त से मिलकर दोबारा से गांव में सर्वे करवाने की भी मांग की। गांववासी रामदयाल, जय राम, रामचंद्र, महिंद्र ङ्क्षसह, कर्णपाल, रामपाल, सुनील, बलकार, दलबीर, रामकिशन, टोनी,हरि राम, सुनेहरा राम, श्री चंद, बनारसी दास, देबो देवी, जय भगवान, राजेंद्र, बलबीर, फूलो देवी, बलजेश, राजपाल, मांगा राम, जयपाल, मेहरदीन, करतारा, मेला राम, रणदीप ङ्क्षसह सहित अनेक बी.पी.एल.कार्ड धारकों ने कहा कि एक तरफ तो सरकार पहले उनके पी.बी.एल.कार्ड बना रहे है और बाद में कटवा रहे है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि क्या पहले सर्र्व करने वाले प्राइवेट थे या फिर अब प्राइवेट है। उन्होंने कहा कि सरकार कभी बी.पी.एल.कार्ड काटकर तो कभी लिखकर उनका अपमान कर रही है, जिसका सरकार को चुनाव में भारी परिणाम भुगतने पड़ेंगे। गांववासियों ने कहा कि क्या मात्र गांव में 127 में से 17 ही परिवार बी.पी.एल. के पात्र ही लोग रह गए है। उन्होंने जिला उपायुक्त से मांग करके गांव में दोबारा से सर्र्वे करवाने की मांग की है और जिस भी अधिकारी व कर्मचारी ने पहले गलत सर्वे करके गलत कार्ड बनाए थे या फिर अब गलत कार्ड काटे है उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की अपील भी की। उन्होंने सरकार से भी मांग करके गलत कार्य करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की।

सर्वे में गलत लोगों के काटे बी.पी.एल. कार्ड
जब इस बारे में गांव की महिला सरपंच सुनीता देवी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि गांव में काफी गलत बी.पी.एल.कार्ड काटे गए है। उन्होंने कहा कि कई परिवार तो ऐसे है जो अपना पालन-पौषण स्वयं नहीं कर सकते है और उनके भी सर्वे में कार्ड काट दिए गए है। उन्होंने बताया कि गांव की अंगुरी देवी जोकि नेत्रहीन है, शकुंतला देवी बेसहारा है, ईश्वर सिंह 70 प्रतिशत विकलांग है, करतारा राम के हाथ नहीं है और गांव में एक तीन छोटे-छोटे बच्चों के माता-पिता न होने के कारण अनाथ है व गांव का ही चुहड़ ङ्क्षसह अपाहिज होने के कारण कुछ भी करने में असमर्थ है। उन्होंने जिला उपायुक्त से भी लिखत में शिकायत कर गांव में दोबारा सर्वे करवाने की मांग की व जो लोग बी.पी.एल.कार्ड के पात्र है उनके दोबारा से कार्ड बनाने की मांग की। 


Wednesday, January 4, 2012

ट्रेक्टर ही बन गया किसान की जान का दुश्मन


लाडवा/ शैलेंद्र चौधरी
जिस ट्रैक्टर के लिए गोबिंदगढ़ का किसान बलबीर सिंह करीब दो साल से लड़ाई लड़ रहा था। वहीं ट्रैक्टर शायद किसान बलबीर सिंह की मौत का कारण बन गया है। किसान बलबीर ङ्क्षसह को अगर यह पता होता की, जिस ट्रैक्टर के लिए वह लड़ाई लड़ रहा है वहीं उसकी मौत का कारण बनेगा तो शायद वह ट्रैक्टर के लिए लड़ाई ही नहीं लड़ता। जी हां गांव गोबिंदगढ़ के मृतक किसान बलबीर सिंह ने लाडवा में एक टै्रक्टर एजैंसी के मालिक से 27 सितम्बर 2010 को 5,85,000 रुपए का महिंद्र 605 टै्रक्टर खरीदा था। एजैंसी मालिक ने उस समय उसको टै्रक्टर का बिल नहीं दिया था और करीब पिछले दो वर्ष से वह ट्रैक्टर का बिल लेने के लिए लड़ाई लड़ रहा था। भाकियू के सहयोग व बीच-बचाव से मृतक किसान बलबीर को गत सप्ताह ट्रैक्टर का बिल तो जरूर मिल गया, लेकिन ट्रैक्टर का बिल मिलने के मात्र एक सप्ताह बाद ही न केवल बलबीर सिंह ट्रैक्टर, बल्कि अपनी जान से भी हाथ धो बैठा।
गौरतलब है कि लाडवा खंड के गांव गोबिंदगढ़ के किसान बलबीर सिंह की गत मंगलवार को हत्यारों ने न केवल गोली मारकर हत्या कर दी थी, बल्कि मृतक के ट्रैक्टर को भी साथ ले उड़े। मृतक किसान बलबीर सिंह अपने खेत से गन्ने से लदी ट्राली अपने महिंद्र टै्रक्टर 605 से पिकाड़ली शुगर मील भादसों ले जा रहा था कि रास्ते में मील के पास ही गांव बीड़ माजरा के मोड़ के पास सुबह करीब चार बजे अज्ञात हत्यारों द्वारा न केवल किसान बलबीर ङ्क्षसह को गोली मार दी, बल्कि उसका ट्रैक्टर भी लेकर फरार हो गए। इस घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। मृतक बलबीर ङ्क्षसह का देर सायं को ही गांव के शमशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। समाचार लिखे जाने तक न तो ट्रैक्टर का पता चल पाया था और न ही हत्यारों का। पूरे गांव में मातम का मौहल बना हुआ है।
जब इस बारे में इंद्री थाना के थानाध्यक्ष संजीव मलिक से फोन पर बातचीत करनी चाही तो थाने के ए.एस.आई. जगबीर सिंह से ने बताया कि अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि हत्यारों का सुराग लगाने के लिए टीम गठित की गई है जोकि जांच में जूटी है। अभी तक हत्यारों व ट्रैक्टर का कोई सुराग नहीं लग पाया।

हादसे के बाद भी नहीं चेते स्कूल संचालक


छुट्टी होने के बाद भी खोले जा रहे हैं स्कूल
लाडवा/ शैलेंद्र चौधरी
अभी 2 दिन पहले ही अम्बाला जिला मैं धुंध के कारण एक सड़क हादसे में स्कूल की वैन में दर्जनों बचे काल का ग्रास बने थे, उसके बाद भी निजी स्कूल संचालक णदून पब्लिक स्कूल सरकाही चेते| सरकार व उपायुक्त के आदेशों के बाद भी खुलने की चर्चा पूरे कस्बे में जोरों पर है। स्कूल कमेटी के आगे शायद जिला उपायुक्त व सरकार के कोई आदेश मायने नहीं रखते है। यहीं कारण है कि पूरे प्रदेश के स्कूलों की छुट्टी होने के बाद भी दून पब्लिक स्कूल बंद नहीं किया गया है। स्कूल में नर्सरी से लेकर 12 वीं कक्षा तक करीब 390 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है। ऐसा भी नहीं है कि बच्चों के अभिभावक स्कूल बंद करने से परहेज न करते हो। बच्चों के अभिभावकों द्वारा भी बार-बार मांग करके बाद भी स्कूल को बंद नहीं किया गया, जिससे बच्चों के अभिभावकों में भी भारी रोष पनप रहा है। कुछ बच्चों के अभिभावकों ने तो ऐसे स्कूलों से तौबा करना शुरू कर दिया है जो बच्चों को जिंदगियों से खिलवाड़ करते है। लाडवा में मात्र एक दून पब्लिक स्कूल ही एक ऐसा स्कूल है जो छुट्टी होने के बाद भी खुल रहे है और छोटे-छोटे बच्चे सर्दी के मौसम में स्कूल आने को विवश हो रहे है। कुछ अभिभावकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब उन्होंने स्कूल के चेयरमैन से बच्चों की छुट्टियां करने की बात कहीं तो उन्होंने कहा कि यदि आपकों अपने बच्चे इतने ही प्यारे है तो इनको स्कूल क्यों भेजते है घर क्यों नहीं रखते। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल तो लगता ही रहेगा चाहे आप अपने बच्चों को भेजों या ना भेजों। बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि यदि वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते है तो उनका सिलेबश छुट जाता है, जिससे बच्चे की पढ़ाई प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि उनको स्कूल की हठधर्मी के चलते इतनी ठंड व धूंध में भी अपने बच्चों को स्कूल भेजना पड़ रहा है। कस्बावासियों ने जिला उपायुक्त से मांग करके ऐसे स्कूलों को बंद करवाने की मांग की है जोकि सरकार व प्रशासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते है। जब इस बारे में लाडवा दून पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल टी.आर. गर्ग से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि 18 जनवरी को स्कूल का स्थापना दिवस है और इस अवसर पर स्कूल में कार्यक्रम रखा गया है, जिसकी तैयारी के लिए बच्चे स्कूल आ रहे हे। उन्होंने यह भी कहां की बृहस्पतिवार से स्कूल की छुट्टी कर दी जाएगी।


देवी-देवताओं के डरावने व लुभावने एसएमएस से उपभोक्ता परेशान
लाडवा/ शैलेंद्र चौधरी
लोगों के मनों में देवी-देवताओ के प्रति किस प्रकार भय बनाया जा रहा है। यह आजकल लोगों के मोबाइल फोन पर देखने को मिल सकता है। मोबाइल उपभोक्ता न तो इस बारे में किसी को शिकायत कर सकते है और न ही रोष प्रकट। क्योंकि यह एसएमएस उनके नजदीकी व खास व्यक्ति द्वारा ही भेजा जाता है। जी हां लाडवा कस्बे में आजकल मोबाइल उपभोक्ताओं पर मोबाइल द्वारा देवी-देवताओं के डरावने व लुभावने एसएमएस भेजे जा रहे है। इन एसएमएस में किसी देवी या देवता का नाम लिखा होता है। जो भी इन एसएमएस को अपने अन्य दोस्तों को भेजेगा तो एक सप्ताह या अगले दिन उसकी मनोकामना पूर्ण होगी, यदि इस एस.एम.एस. को पढऩे के बाद भी नहीं भेजेगा तो एक सप्ताह में उसको इसके बुरे नतीजे सामने आ जाएगा। कस्बे में मोबाइल उपभोक्ताओं पर आ रहे ऐसे एस.एम.एस. से उपभोक्ता परेशान भी है और डर भी रहे है। अधिकतर उपभोक्ता तो इन डरावने एस.एम.एस. को पढक़र अगले अपने दोस्तों व रिश्तेदारों तक को भेज रहे है। ऐसे ही एक एसएमएस आजकल लाडवा में मोबाइल उपभोक्ता पर आ रहे है। इस  एसएमएस में भगवान हनुमान जी के सात नाम से पुकारा गया है। एसएमएस में लिखा है कि जो इस एसएमएस को अपने पढऩे के बाद 20 लोगों को नहीं भेजेंगे तो उनको अगले मंगलवार तक इसका प्रभाव नजर आएगा और यदि भेजे देंगे तो शनिवार तक उसको इसके अच्छे परिणाम आने की बात कहीं है। लोगों के मोबाइलों पर आ रहे डरावने व लुभावने एसएमएस से लोगों में देवी-देवताओं के प्रति भय बन रहा है।