Monday, January 16, 2012

मुख्यमंत्री बताएं पिछले सात वर्षों में कौन सी नई परियोजना की गई शुरू : अशोक अरोड़ा



डी-प्लान की राशि में बंदरबांट का आरोप लगाया इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने
कुरुक्षेत्र/पवन सोंटी 

इनैलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर क्षेत्रवाद का आरोप लगाते हुए चुनौती दी कि मुख्यमंत्री बताएं कि पिछले सात वर्षों में कुरुक्षेत्र में सरकार ने विकास की कौन सी नई परियोजना शुरू की है? उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में कांग्रेस के तीन-तीन सांसद हैं, एक मंत्री है, लेकिन ऐसा लगता है कि इस जिले के लिए कांग्रेस की सरकार नहीं है क्योंकि कुरुक्षेत्र में विकास के नाम पर एक भी ईंट नहीं लगाई जा रही। अरोड़ा जिला इनेलो कार्यालय में पार्टी के हल्का कार्यकत्र्ताओं की बैठक के पश्चात पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। अरोड़ा तथा इनेलो के अनेक नेताओं ने नवनियुक्त जिला प्रधान रामकुमार कश्यप का फूल-माला डालकर स्वागत किया तथा उनकी नियुक्ति पर इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का आभार व्यक्त किया। नवनियुक्त जिला प्रधान रामकुमार कश्यप ने अपनी नियुक्ति पर इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, प्रधान महासचिव अजय चौटाला तथा इनेलो विधायक दल के उपनेता शेर ङ्क्षसह बड़शामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे जैसे गरीब व पिछड़े वर्ग के कार्यकत्र्ता को यह जिम्मेवारी सौंपकर चौटाला साहब ने जो विश्वास व्यक्त किया है, वे उस पर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी में नए लोगों को जोड़ा जाएगा और जो कार्यकत्र्ता अच्छा काम करेंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर ब्राह्मण नेता राजकुमार शर्मा उर्फ काला ने अपने साथियों सहित इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। अशोक अरोड़ा तथा अन्य इनेलो नेताओं ने राजकुमार शर्मा का पार्टी में शामिल होने पर स्वागत करते हुए कहा कि इन्हें पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा।  कार्यकत्र्ताओं की बैठक में प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने नव वर्ष का पार्टी का कैलेंडर भी जारी किया। अरोड़ा ने कहा कि कार्यकत्र्ताओं की बैठक में प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि लाडवा में जिस प्रकार से दिन-दिहाड़े व्यापारी के घर पर लूटपाट की गई, यह घटना अपने आप में बड़ी ही चिंताजनक है। इसके अतिरिक्त बैठक में खाद की कृत्रिम कमी पर भी चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि पहले किसान को फसल का भाव नहीं मिला और अब खाद कालाबाजारी में खरीदनी पड़ रही है। किसानों को खाद के साथ जबरदस्ती कीटनाशक दवाई का डिब्बा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश पूरी तरह बर्बादी की कगार पर है। कार्यकत्र्ता बैठक में पंजाब में कांग्रेस को हराने के लिए पार्टी कार्यकत्र्ताओं की अकाली दल उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए ड्यूटियां भी लगाई गईं। इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मायाराम, जेएस चीमा, अशोक भारद्वाज, ईश्वर पूजम, ओम प्रकाश हथीरा, जिप सदस्य चंद्रभान वाल्मीकि, जिला प्रवक्ता रामपाल शर्मा, जीत सिंह शेर, जीताराम पाल, ईश्वर फतुहपुरिया, सुनील राणा, मोहन लाल अरोड़ा सहित अनेक इनेलो नेता उपस्थित थे।
डी-प्लान की राशि में की गई बंदरबांट
इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने आरोप लगाया कि जिला के लिए आबंटित डी-प्लान की धनराशि में बंदरबांट की गई है। शाहाबाद तथा पिहोवा क्षेत्र को पांच-पांच करोड़ रुपए की राशि दी गई जबकि अधिक राशि थानेसर व लाडवा हल्के के लिए दी जानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि डी-प्लान कमेटी की बैठक 4 तथा 9 जनवरी को स्थगित करने के पश्चात 10 जनवरी को निर्धारित की गई क्योंकि उस दिन वे बाहर थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने डी-प्लान राशि से विकास कार्य करवाने के लिए कहा तो जिला अधिकारियों ने उन्हें सॉरी कहते हुए कहा कि उनके ऊपर भारी दबाव है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर परिषद को बाढ़ प्रभावित एरिया में विकास के लिए मिली साढ़े चार करोड़ रुपए की अनुदान राशि कांग्रेसियों की वजह से वापस चली गई थी, लेकिन वह अपने प्रयासों से इस राशि को वापिस लाए और अब इस राशि से नगर में विकास कार्य हो रहे हैं।
मेला क्षेत्र में किए जा रहे हैं अवैध नक्शे पास
अरोड़ा ने आरोप लगाया कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा निर्धारित मेला क्षेत्र में निर्माण पर रोक है लेकिन मिलीभगत से इस मेला क्षेत्र में कालोनी काट दी गई हैं। इतना ही नहीं अवैध रूप से भवन निर्माण के नक्शे भी पास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की बैठक में उन्होंने थीम पार्क बनाने व पानी की निकासी के लिए बने एक गंदे नाले को ढकने की आवाज उठाई थी, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
कुरुक्षेत्र एकमात्र जिला जहां नहीं है राजकीय कालेज
इनेलो प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कुरुक्षेत्र हरियाणा का एकमात्र जिला है जहां कोई भी राजकीय कालेज नहीं है। उन्होंने यह मांग कई बार उठाई लेकिन उनकी इस मांग को यह कहकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया कि कुरुक्षेत्र में पहले ही विश्वविद्यालय है।

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