Friday, December 30, 2011

प्रतिबंध के बावजूद धार्मिक नगरों में खुलेआम बिकती है शराब



अवैध शराब की बिक्री से लोगों में गहरा रोष
पुलिस प्रशासन से लगाई शराब पर अंकुश लगाने की गुहार
कुरुक्षेत्र/मेघराज मित्तल
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र व इससे जुड़ी ऐतिहासिक तीर्थ नगरी पिहोवा में कहने को तो शराब व मांस की बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध है, लेकिन जिस कदर इन नगरों में शराब माफिया शराब परोस रहा है, उस से लोगों की भावनाएं बुरी तरह आहत हो रही हैं। जगह-जगह बिक रही अवैध शराब से लोगों में गहरा रोष है। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में तो पवित्र ब्रह्मसरोवर के निकट भी कई बार खुलेआम बिकती शराब को लेकर शिकायतें चलती रहती हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर अगर कुछ होता है तो शिकायतकर्ताओ पर हमला।
            उधर पिहोवा में गली-कूचों में खुलेआम शराब उपलब्ध रहती है। इसके लेकर कई सामाजिक लोग पुलिस व प्रशासन से शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन उनका कहना है कि बार-बार पुलिस से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। पुलिस की चुप्पी के कारण शराब माफिया उन पर हावी होते जा रहे हैं। शराब माफिया द्वारा शहर के हर कोने तथा शहर की सभी मार्किटों में अपने खुर्दे खोल दिए हैं। हालांकि पिहोवा नगरी धर्मनगरी होने के कारण ड्राई एरिया घोषित किया हुआ है, उसके बावजूद भी शराब माफिया पुलिस के संरक्षण में तथा राजनीति में ऊंची पहुंच होने के कारण प्रतिदिन नई-नई जगहों पर  खुर्दे खोल रहे हैं। उनके द्वारा खुर्दे खोलने से युवाओं में नसे की लत इस तरह बढ़ती जा रही है कि वे अपने नसे की लत को पूरा करने के लिए चोरी, लूटपाट तथा डकैती जैसी घटनाओं को भी अंजाम देने से नहीं कतराते। शहर में पिछले दिनों भी काफी संख्या में चोरी की घटी घटनाओं को इस प्रकार के युवाओं ने ही अंजाम देने की बात कुछ समाजसेवी लोगों द्वारा कही जा रही है। वहीं इन समाजसेवियों में शराब माफिया लोगों के खिलाफ गहरा रोष पनपता जा रहा है। कुछ माह पहले पिहोवा के वार्ड नं.1 के लोगों ने पुलिस लिखित शिकायत भी दी है कि उनके वार्ड में शराब के अवैध खुरदे खुले हुए हैं। इन पर पूरा दिन शराबियों का जमावड़ा रहता है। यदि कोई खुर्दा चलाने वालों को रोकने का प्रयास करता है तो शराब माफिया व ठेकेदारों की प्राइवेट फौज डंडे लेकर वहां आ धमकती है। वार्ड नं.1 के अलावा वार्ड 2, 6,11 अनाजमंडी के आस पास व मेन चौक पर भी अवैध शराब के अड्डे होने की शिकायतें मिल रही हैं। वार्ड वासियों का आरोप है कि सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ लोगों  के इशारे पर ये खुर्दे चलाए जा रहे हैं। जिसके चलते पुलिस भी कार्रवाई करने से हिचकिचाती है। लोगों ने जिला पुलिस अधीक्षक पारुल कुश जैन से मांग की थी कि वे स्वयं आकर इस मामले की जांच करें और शराब माफियाओं से जाल से उनके वार्डों को मुक्त कराएं।  

डीएसपी ने कहा चौकी प्रभारी को देंगे निर्देश
मामले को लेकर जब डीएसपी टेकन राज शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शराब माफिया पर शिकंजा कसने के लिए वह स्थानीय चौकी प्रभारी को निर्देश देंगे। यदि फिर भी शराब माफिया द्वारा खुर्दे खोलने की शिकायत उनकी जानकारी में आती है तो वे तुरंत कार्रवाई करेंगे।

क्या कहती है पुलिस अधीक्षक?
ऐतिहासिक धर्मनगरी पिहोवा में शराब माफिया द्वारा जगह-जगह चलाए जा रहे अवैध खुर्दों को लेकर जब जिला पुलिस अधीक्षक पारुल कुश जैन से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनकी जानकारी में है और वे इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर धर्मनगरी में शराब माफिया को पनपने नहीं देंगी। यदि फिर भी शराब माफिया अवैध खुर्दों का कारोबार जारी रखता है तो वे उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगी।


सरकार के संरक्षण में पल रहा है शराब माफिया : सौंटी
युवा मजदूर किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष एवं राष्ट्रवादी कांगे्रस पार्टी के मीडिया प्रभारी पवन सौंटी के अनुसार प्रदेश में शराब माफिया सरकारी संरक्षण पाकर पनप रहा है। यही कारण है कि बार-बार ध्यान दिलवाने के बावजूद पुलिस प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता। अगर सरकार की इच्छा शक्ति मजबूत हो तो शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश लग सकता है। उन्होंने कहा कि गांवों व शहरों की बस्तियों में आलम यह है कि किरयाने की दुकानों तक पर शराब उपलब्ध हो जाती है। इस प्रकार शराब की अवैध बिक्री से जहां सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, वहीं घरद्वार पर शराब की शुलभता के कारण सामाजिक ढांचा गड़बड़ा रहा है। गांव में महिलाएं व बच्चे इससे बुरी तरह दुखी हैं। पुलिस को चाहिए कि हर शाम गांव में गश्त की जाए व ऐसे संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी कर खुलेआम शराब परोसने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाए ताकि लोगों का जीवन सुखमय रह सके।


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