डीसी ने बैटरी चालित वाहन को मेले
के लिए किया रवाना
कुरुक्षेत्र (02 दिसम्बर)/पवन
सोंटी
यदि आपको कुरुक्षेत्र उत्सव-गीता जयंती के राष्ट्रीय सरस मेले व क्राफ्ट मेले में
बिना किसी शोर शराबे और प्रदूषण के कोई बैटरी चालित वाहन ब्रह्मसरोवर के किनारे सवारी
लेकर जाता दिखाई दे तो चौकिए नहीं। यह जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली के प्रगति मैदान
की तर्ज पर राष्ट्रीय सरस मेले व क्राफ्ट मेले में पर्यटकों के लिए चलाया गया है। इस
वाहन को अगर मेले की मैट्रो का नाम दिया जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस वाहन
से बुजुर्ग व विकलांग व्यक्ति भी दस रुपए देकर इस मेले का आनन्द उठा सकता है।
उपायुक्त
मंदीप बराड़ ने शुक्रवार को इस बैटरी चालित वाहन को मेले के लिए फीता काटकर
रवाना किया। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया, केडीबी के कार्यालय सचिव उपेश कुमार
व प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। यह वाहन विशेष तौर पर मेले के लिए लोगों की
सेवा में चलाया गया है। एक बार चार्ज करने के बाद यह वाहन 60 किलो मीटर तक चल सकता है। इस वाहन
को पहली बार जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के अधिकारियों की टीम ने दिल्ली के प्रगति मैदान
में देखा था। इन अधिकारियों में अक्षय ऊर्जा के परियोजना अधिकारी बलवान ङ्क्षसह गोलन,
जिला परियोजना अधिकारी
मेहन्द्र चौहान तथा परियोजना अधिकारी मनजीत ङ्क्षसह शामिल थे। इस वाहन के बारे में
जब अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया को बताया गया तो उन्होंने इसकी उपयोगिता को राष्ट्रीय
सरस मेले व क्राफ्ट मेले में परखने की सोची और इसी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए
गीता जयन्ती के मेले में इस वाहन को उतारा गया। इस वाहन में एक समय में चार व्यक्ति
बैठ कर पूरे मेले का लुत्फ उठा सकते हैं। सरस मेले में 1 से 280 बूथ तक इस वाहन से ले जाने का प्रति
सवारी 10 रुपये
किराया होगा तथा दूसरी तरफ सूचना प्रसारण केन्द्र से क्राफ्ट मेले में घुमने का दस
रुपए किया होगा। दोनों तरफ जाने का 20 रुपये किराया होगा। बच्चों व महिलाओं में इस कुरुक्षेत्र
की मैट्रो के प्रति विशेष उत्साह देखा जा रहा है। पर्यटक इस वाहन से मेले का अवलोकन
तो कर सकते है, लेकिन खरीददारी के लिए ठहराव इज्जात नहीं होगी।
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